बीते दिनों रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के चीफ जनरल मैनेजर योगेश दयाल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया था कि पायलट आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर? प्रोजेक्ट का स्कोप जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा, आरबीआई E-Rupee से जुड़े फीचर्स और आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर? फायदे साझा करता रहेगा. रिजर्व बैंक की ओर से लोगों के बीच सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए एक कॉन्सेप्ट नोट जारी किया गया है.
इंतजार खत्म, आज से RBI आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर? शुरू करेगा अपना Digital Rupee, कैश रखने की जरूरत नहीं!
- नई दिल्ली,
- 31 अक्टूबर 2022,
- (अपडेटेड 31 अक्टूबर 2022, 11:58 PM IST)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इसी महीने की शुरुआत में घोषणा की थी कि वह जल्द ही खास उपयोग के लिए डिजिटल रुपया (E-Rupee) का पायलट लॉन्च शुरू करेगा. अब इसकी शुरुआत 1 नवंबर से होने जा रही है.
दरअसल, अब आरबीआई की अपनी डिजिटल करेंसी (RBI Digital Currency) हकीकत बनने वाली है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) 1 नवंबर से होलसेल ट्रांजैक्शन के लिए डिजिटल रूपी की शुरुआत करेगा. यह फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू होगा.
आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर? क्या तैयार है इंडिया
- News18Hindi
- Last Updated : October 27, 2022, 12:23 IST
हाइलाइट्स
बैंकनोट की परिभाषा और दायरे को बढ़ाने की आवश्यकता.
वीडीए (VDAs) से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी का टैक्स लगेगा.
कोई भी VDA भारतीय या विदेशी मुद्रा के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं हैं.
नई दिल्ली. अक्टूबर 2021 की बात है. तब भारतीय रिजर्व बैंक ने सरकार को एक खास प्रपोजल दिया था. इसके अनुसार, भारत सीबीडीसी (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) के इस्तेमाल से दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यस्थाओं में से एक बनने के पथ पर आगे बढ़ेगा. सेंट्रल बैंक ने आरबीआई एक्ट, 1934, के “बैंकनोट” की परिभाषा के दायरे को बढ़ाने और पैसे को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में उतारने की सिफारिश की थी.
अब राज्य वित्त मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में कहा है कि आरबीआई यूज केसेस को परख रहा है और चरणबद्ध तरीके से सीबीडीसी को लाने की योजना पर काम कर रहा है ताकि कोई दिक्कत न हो. देखा जाए तो CBDC (Central Bank Digital Currency) एक अच्छा ऑप्शन है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा. परंतु यहां सवाल यह है कि क्या भारत को सच में कैश की जगह किसी अन्य विकल्प की जरूरत है?
आज से देश में डिजिटल करेंसी की होगी शुरुआत, RBI करेगा लांच, जानिए क्या है Digital Rupee, इसके फायदे और कैसे करना होगा इस्तेमाल
Digital Currency : आज देश में डिजिटल करेंसी यानी वर्चुअल करेंसी (डिजिटल आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर? रुपया) की शुरुआत होने जा रही है। इसका होल्सेल ट्रांजैक्शन में इसका इस्तेमाल होगा। हालांकि, अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। आरबीआई ने सोमवार को बयान में कहा पायलट परीक्षण के तहत सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन का निपटान किया जाएगा। अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, भुगतान प्रणाली को अधिक सक्षम बनाने और धन शोधन को रोकने में मदद मिलेगी।
Digital Rupee का इस्तेमाल सरकारी सिक्टोरिटीज के सेटलमेंट के लिए होगा। ग्राहक इस डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल सरकारी सिक्योरिटी में लेनदेन के लिए कर सकते हैं। इस प्रोजेक्ट में हिस्सा लेने के लिए 9 बैंको की पहचान की गई है। इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), यूनियन बैंक, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC बैंक शामिल होंगे।
डिजिटल करेंसी में 9 बैंक शामिल
थोक खंड (Wholesale Transactions) के लिए होने वाले डिजिटल करेंसी के पायलट प्रोजेक्ट में नौ बैंक होंगे। इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर? बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक शामिल हैं। ये बैंक गवर्नमेंट आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर? सिक्योरिटीज में लेनदेन के लिए इस डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल करेंगे. इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC का नाम दिया गया है और भारत की ये पहली डिजिटल करेंसी आपके लिए बहुत कुछ बदलने वाली है।
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से उनकी मौद्रिक नीति के अनुरूप नोटों का डिजिटल स्वरूप है। इसमें केंद्रीय बैंक पैसे छापने के बजाय सरकार के पूर्ण विश्वास और क्रेडिट द्वारा समर्थित इलेक्ट्रॉनिक टोकन या खाते जारी करता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी डिजिटल एक करेंसी कानूनी टेंडर है। यह फिएट मुद्रा के समान है और फिएट करेंसी के साथ इसे वन-ऑन-वन एक्सचेंज किया जा सकता है। सीबीडीसी, दुनिया भर में, वैचारिक, विकास या प्रायोगिक चरणों में है।
दो तरह की आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर? होगी CBDC
– Retail (CBDC-R): Retail CBDC संभवतः सभी को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी
– Wholesale (CBDC-W) : इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर? किया गया है
पिछले दिनों RBI ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल मुद्रा को उनका पूरक बनाना और आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर? उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है। इसका मकसद किसी भी तरह से मौजूदा भुगतान प्रणालियों को बदलना नहीं है.। यानी आपके लेन-देन पर इसका कोई असर नहीं होने वाला है।
RBI को सीबीडीसी आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर? की शुरूआत से कई तरह के लाभ मिलने की उम्मीद है, जैसे कि नकदी पर निर्भरता कम होना, मुद्रा प्रबंधन की कम लागत और निपटान जोखिम में कमी। यह आम जनता और व्यवसायों को सुरक्षा और तरलता के साथ केंद्रीय बैंक के पैसे का एक सुविधाजनक, इलेक्ट्रॉनिक रूप प्रदान कर सकता है और उद्यमियों को नए उत्पाद और सेवाएं बनाने के आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर? लिए एक मंच प्रदान कर सकता है।
डिजिटल करेंसी के फायदे
देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर? की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी। ये फायदे भी होंगे
बिजनेस में पैसों के लेनदेन का काम हो जाएगा आसान।
CBDC द्वारा मोबाइल वॉलेट की तरह सेकंडों में बिना इंटरनेट के ट्रांजैक्शन होगा
चेक, बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का झंझट नहीं रहेगा।
नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
पेपर नोट की प्रिंटिंग का खर्च बचेगा
एक डिजिटल मुद्रा की जीवन रेखा भौतिक नोटों की तुलना में अनिश्चित होगी
CBDC मुद्रा को फिजिकल तौर पर नष्ट करना, जलाया या फाड़ा नहीं जा सकता है
अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में डिजिटल रुपये का एक अन्य प्रमुख लाभ यह है कि इसे एक इकाई द्वारा विनियमित किया जाएगा, जिससे बिटकॉइन जैसी अन्य आभासी मुद्राओं से जुड़े अस्थिरता जोखिम को कम किया जा सकेगा।
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर
क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से प्राइवेट है। इसे कोई मॉनिटर नहीं करता और इस पर किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का कंट्रोल नहीं होता। ऐसी करेंसी गैरकानूनी होती हैं। लेकिन, RBI की डिजिटल करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है, जिसके सरकार की मंजूरी होगी। डिजिटल रुपी में क्वांटिटी की भी कोई सीमा नहीं होगी। फिजिकल नोट वाले सारे फीचर डिजिटल रुपी में भी होंगे। लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी। क्रिप्टोकरेंसी का भाव घटता-बढ़ता रहता है, लेकिन डिजिटल रुपी में ऐसा कुछ नहीं होगा।
भारत में मुद्रा का डिजिटलीकरण मौद्रिक इतिहास में अगला मील का पत्थर है। ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा CBDC की सबसे खास बात है कि RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका नहीं होगी। इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले ट्रांजेक्शंस तक पहुंच हो जाएगी। सरकार का बेहतर नियंत्रण होगा कि पैसा कैसे देश में प्रवेश करता है और प्रवेश करता है, जो उन्हें भविष्य के लिए बेहतर बजट और आर्थिक योजनाओं के लिए जगह बनाने और कुल मिलाकर अधिक सुरक्षित वातावरण बनाने की अनुमति देगा।
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