ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करे
ट्रेडिंग क्या है? कैसे सीखें?पूरी जानकारी | Trading in Hindi
- Post author: ShareMarketIndia
- Post published: March 8, 2022
- Post category: शेयर मार्केट
- Post comments: 0 Comments
ट्रेडिंग क्या है? कैसे सीखें?पूरी जानकारी | Trading in Hindi
आजकल लोग इंटरनेट से पैसे कमाने के अलग अलग तरीके खोजते रहते है। ट्रेडिंग भी एक ऐसा तरीका है जिससे आप हजारों रुपए कमा सकते है। तो आइये जानते है ट्रेडिंग क्या है? कैसे सीखें?
शेयर मार्केट में कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के लिए लोग ट्रेडिंग करते है। ट्रेडिंग करके कुछ लोग दिन के हजारों रुपए कमाते ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करे है।लेकिन ज्यादातर लोग ट्रेडिंग में पैसे गवांते है या फिर थोडे ही पैसे कमा पाते है। क्युकी वह लोग ट्रेडिंग क्या है(Trading in Hindi),कैसे सीखें?, ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है, इन सबकी जानकारी लिए बिना ही ट्रेडिंग करना शुरू करते है।
इसलिए आपको सबसे पहले ट्रेडिंग क्या है? ये जानना जरूरी है।
Table of Contents
ट्रेडिंग क्या है? | Trading in Hindi
ट्रेडिंग का अर्थ होता है व्यापार। दो व्यक्ति या संस्था के बीच वस्तु और सेवाओं का आदान प्रदान इसी को ट्रेडिंग यानी व्यापार कहते है। बहुत पुराने समय से दुनिया में ट्रेडिंग यानी व्यापार होता आ रहा है। पुराने समय में लोग एक वस्तु के बदले दूसरी वस्तु देते थे। उसके बाद वस्तु के बदले पैसे देने लगे।
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का अर्थ होता है शेयर की खरीदी और बिक्री। जैसे कि हम किसी वस्तु की खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाते हैं वैसे ही शेयर मार्केट में कंपनियों के शेयर कि खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाया जाता है।
ट्रेडिंग करने में बहुत जोखिम होता है ऐसा कहा जाता है क्योंकि इसमें यह कोई नहीं जानता कि भविष्य में कुछ समय बाद शेयर के भाव में क्या मूवमेंट आयेगा। अक्सर ऐसा होता कि अगर शेयर से जुड़ी कोई अच्छी न्यूज़ आती है तो शेयर के भाव में तेजी दिखाई देती है। और अगर शेयर से जुड़ी कुछ बुरी न्यूज़ आती है तो शेयर के भाव में गिरावट देखने को मिल सकती है।
ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है? | Online Trading in Hindi
इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के मदत से शेयर को खरीदने और बेचने की सुविधा को ऑनलाइन ट्रेडिंग (Online Trading in Hindi) कहा जाता है। शेयर के अलावा आप मच्यूल फंड, करेंसी,कमोडिटी और अन्य वित्तीय सिक्योरिटीज को आप ऑनलाइन खरीद सकते है।
किसी भी ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर के साथ घर बैठे अकाउंट खुलवाकर आप ट्रेडिंग शुरू कर सकते है।
ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? | Types of Trading in Hindi
ट्रेडिंग के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते है।
इंट्राडे ट्रेडिंग, पोजिशनल,स्विंग ट्रेडिंग। आइए सबसे पहले जानते है इंत्राडे ट्रेडिंग क्या है?
इंट्राडे ट्रेडिंग | Intraday Trading in Hindi
बहुत से लोग शेयर मार्केट में कम समय में मुनाफा कमाना चाहते है। उनके लिए इंट्राडे ट्रेडिंग अच्छा ऑप्शन हो सकता है।
एक ही दिन के अंदर शेयर खरीदकर बेचना इसी को इंट्राडे ट्रेडिंग कहता है।शेयर मार्केट सुबह 9:15 को खुलता है और 3:30 को बंद होता है। उसी समय के बीच में अगर आप शेयर खरीद कर बीच देते है तो उसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए आपको शेयर मार्केट के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए। अगर आप अच्छे से इंट्राडे ट्रेडिंग सीख गए तो आप दिन के हजारों रुपए कमा सकत है। लेकिन इसमें नुकसान होने की भी पूरी संभावना होती है। इंट्राडे ट्रेडिंग में रहने वाली जोखिमों से अज्ञात होते हुए कई बार ट्रेडर इंट्राडे ट्रेडिंग में भारी नुक्सान कर बैठते है।
मेरी राय ये है कि अगर आप नए है तो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग में ज्यादा पैसे नहीं लगाने चाहिए।
पोजिशनल ट्रेडिंग | Positional Trading in Hindi
यदि आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करना चाहते हैं, लेकिन हर दिन के उतार-चढ़ाव पर नजर नहीं रख सकते हैं, और लंबे समय के लिए भी निवेश नहीं करना चाहते हैं, तो फिर पोजिशनल ट्रेडिंग आपके लिए अच्छा मार्ग हो सकता है।
पोजीशनल ट्रेडिंग में ट्रेडर अपने शेयर इंट्राडे से ज्यादा समय के लिए होल्ड कर सकते।यह समय एक दिन,एक हफ्ता या एक महीना भी हो सकता है।
जबकि पोजीशन ट्रेडिंग सुनने में आसान लग रही होगी लेकिन, इसके लिए अच्छे फंडामेंटल और टेक्निकल रिसर्च की आवश्यकता होती है। साथ ही शेयर मार्केट के बारे में अच्छी और ठोस जानकारी भी जरूरी होती है।
स्विंग ट्रेडिंग | Swing Trading in Hindi
स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग है पर जहां ट्रेडर शेयर थोड़े समय के लिए शेयर खरीदते हैताकि उससे मुनाफा कमा सकें। यह समय आमतौर पर कुछ दिनों और कई हफ्तों के बीच होता है।
स्विंग ट्रेडर शेयर की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव और गति के रुझानों को जानने के लिए और शेयर खरीदने या बेचने के लिए ट्रेडिंग गतिविधि में एक पैटर्न का विश्लेषण करता है। स्विंग ट्रेडिंग ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करे आम तौर पर लार्ज कैप शेयर पे कि जाती है।
स्विंग ट्रेडर्स आमतौर पर स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर चुनने के लिए तकनीकी विश्लेषण(टेक्निकल एनालिसिस) का उपयोग करते हैं। अगर आपको स्विंग ट्रेडिंग सीखनी है तो आपको टेक्निकल एनालिसिस आना ही चाहिए । स्विंग ट्रेडिंग में भी रिस्क होती है इसलिए बिना समझे पैसे नहीं लगाना चाहिए।
ट्रेडिंग कैसे सीखे | How to Learn Trading in Hindi
आपने ट्रेडिंग क्या है? ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है ये बाते तो जान ली आइए अब जानते जानते है कि ट्रेडिंग कैसे सीखे(How to Learn Trading in Hindi)
यूटयूब एक ऐसा जरिया है जहां से आप ट्रेडिंग सीख सकते है।आपको यूट्यूब के ऊपर बहुत सारे चैनल मिलेंगे जहां से आप फ्री में ट्रेडिंग सीख सकते है। गूगल पर भी ऐसी बहुत वेबसाइट उपलब्ध है जहां से आप ट्रेडिंग के बारे में जानकारी ले ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करे सकते है।
ट्रेडिंग सीखनी के लिए आप किसी अच्छी किताब को पढ़ सकते है।दोस्तों अगर आपको किताबे पढ़ना पसंद है तो आप किताब से भी ट्रेडिंग सीख सकते हो।आप ऐसे लोगों की किताब पढ़े जिन्होंने ट्रेडिंग में सफल होकर अच्छा पैसा कमाया है।आपको इंटरनेट पर ट्रेडिंग के ऊपर बहुत सारे ई-बुक भी मिल जाएंगे जिन्हें आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर पढ़ सकते है।
दोस्तों आपको शेयर मार्केट के बारे ऑनलाइन और ऑफलाइन बहुत सारे फ्री और पेड कोर्सेस मिल जाएंगे।इन कोर्सेस कि मदद से आप ट्रेडिंग सीख सकते हो।
Trading क्या है Trading कितने प्रकार कि होती है?
Trading क्या है? यह प्रश्न ज्यादातर स्टॉक मार्केट में नए लोगों को परेशान करता है। आज कई small retailers स्टॉक मार्केट में है जो trading और investment में अंतर नहीं समझ पाते है। अगर आपको भी ट्रेडिंग शब्द का मतलब नहीं पता है। तो आज कि लेख में हम आपको trading meaning in hindi के बारे में बारीकी से समझाएंगे। इसलिए आज का पोस्ट आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए इस अंत तक पढ़े। तो फिर आइए जानते हैं।
Trading क्या है?
Trading को आसान शब्दों में व्याख्या करें तो हिंदी में इसे " व्यापार " कहा जाता है। यानी कि किसी वस्तु या सेवा का आदान प्रदान करके मुनाफा कमाना।
Stock Market Trading भी इसी तरह होता है। जैसे कि हम किसी वस्तु को खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाते हैं। बिल्कुल वैसे ही स्टॉक मार्केट में वस्तु की जगह कंपनियों के शेयर कि खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाया जाता है। ट्रेडिंग कि समय अवधि 1 साल की होती है। मतलब यह हुआ कि 1 साल के अंदर शेयर को खरीदना और बेचना है। अगर एक साल के बाद शेयर को बेचते हैं तो यह निवेश कहलाता है। यह एक तरह का ऑनलाइन पर आधारित बिजनेस होता है।
उदाहरण के तौर पर अगर हम share market में शेयर खरीद रहे हैं तो हमारे जैसे कोई अन्य व्यक्ति होगा जो उन शेयर को बेच रहा होगा। चलिए इसे अब अपने डेली लाइफ से जोड़ते हैं। मान लीजिए आपने होलसेल स्टोर से कोई सामान ₹50 खरीदा और उसे बाद में ₹60 लगा कर कस्टमर्स को बेच दिया। अगर यह आप ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करे रोजाना करते हैं तो इसे ट्रेडिंग कहा जाता है।
बिल्कुल ऐसे ही शेयर बाजार में भी होता है। आप शेयर को खरीदते हैं और 1 साल के अंदर खरीदे हुए शेयर को प्राइस बढ़ने के बाद बेच देते है। तो यह Stock Market Trading कहलाता है।
Trading को काफी रिस्की कहा जाता है क्योंकि इसमें यह कोई नहीं जानता कि कुछ समय बाद शेयर के भाव में क्या मूवमेंट आयेगा। अगर शेयर से जुड़ी न्यूज़ अच्छी आती है तो शेयर के भाव में तेजी दिखाई देगी। वहीं इसका उल्टा करे तो शेयर से जुड़ी न्यूज़ खराब आती है तो शेयर के भाव में मंदी देखने को मिल सकती है।
Stock Market Trading कितने प्रकार के होते हैं?
- Scalping Trading
- Intraday Trading
- Swing Trading
- Positional Trading
Scalping Trading क्या है?
Scalping Trading वह trade जो कुछ सेकंड या मिनट के लिए trade किया जाए। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो केवल कुछ सेकंड या मिनट के लिए शेयर की खरीद और बिक्री करते हैं। ऐसे ट्रेडर्स को scalpers कहा जाता है। बता दू कि scalping trading को सबसे ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करे जायदा रिस्की होता है।
Intraday Trading क्या है?
Intraday Trading वह trade जो 1 दिन के लिए trade किया जाए। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो Market (9:15 am) के खुलने के बाद शेयर खरीद लेते हैं। और मार्केट बंद(3:30 pm) होने से पहले शेयर को बेच देते है। ऐसे ट्रेडर्स को Intraday ट्रेडर्स कहा जाता है। बता दू कि Intraday ट्रेडिंग scalping trading से थोड़ा कम रिस्की होता है। इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए पोस्ट को पढ़े।
Swing Trading क्या है?
Swing Trading वह trade जो कुछ दिनों के लिए शेयर को खरीदते और बेचते है। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो एक दो हफ़्ते के लिए शेयर को खरीदने के बाद बेच देते हैं। इसमें ट्रेडर को पूरे दिन चार्ट को देखना नहीं पड़ता है। यह उन लोगो ( जॉब, स्टूडेंट्स आदि) के लिए बेहतर होता है जो ट्रेडिंग में अपना पूरा दिन नहीं दे सकते हैं।
Positional Trading क्या है?
Positional Trading वह ट्रेड जो कुछ महीने के लिए होल्ड किए जाएं। यह मार्केट का long term movement को कैप्चर करने के लिए किया जाता है। ताकि एक अच्छा मुनाफा हो सके। शेयर बाजार की रोजाना के up-down से इन पर जायदा असर नहीं होता है। यह बाकी सभी trading से कम रिस्की होता है।
Trading और Investment में क्या अंतर है?
- Trading में शेयर को short term के लिए खरीदा जाता है। वहीं Investment में शेयर को लंबे समय के लिए खरीद लिया जाता है।
- Trading में टेक्निकल एनालिसिस की जानकारी होना जरूरी होता है। वहीं Investment में fundamental analysis की जानकारी प्राप्त होनी चाहिए।
- Trading कि अवधि 1 साल तक की होती है। वहीं निवेश कि अवधि 1 साल से ज्यादा कि होती है।
- Trading करने वाले लोगों को traders कहा जाता है। वहीं निवेश (Investment) करने वाले लोगों को निवेशक (Invester) कहां जाता है।
- Trading short term मुनाफे को कमाने के लिए किया जाता है वहीं निवेश लंबी अवधि के मुनाफे को कमाने के लिए किया जाता है।
आपने क्या जाना
जैसे कि आपने हमारी आज के लेख में trading kya hai के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की है। आज आपने ट्रेडिंग के साथ साथ ट्रेडिंग के प्रकार और निवेश से ट्रेडिंग किस तरह अलग होता है यह भी जाना है। अगर आपको भी share market में trade करना है तो सबसे पहले इसके बारे में विस्तार से जानकारी अवश्य ले। नहीं तो आपको अच्छा खासा नुकसान झेलना पड़ सकता है।
अमेरिकन स्टॉक मार्केट में इनवेस्ट कैसे करें ?
Developed Country अमेरिका के स्टॉक मार्केट में हर कोई इनवेस्ट करना चाहता है और हम इंडियन्स तो खासकर इनवेस्टमेंट के लिए काफी उत्साहित रहते हैं। दुनिया की लगभग सारी बड़ी कंपनियां यूएस की ही हैं, यहां तक 1 ट्रिलियन M arket Valuation क्लब की चारों कंपनियां A pple, Microsoft, Amazon & Google भी US based कंपनियां हैं। दरअसल ज्यादा V aluation वाली इन कंपनियों में थोड़े से बदलाव में ही हमको अच्छा खासा Profit मिल जाता है।
अभी हाल ही में Johy Ivy के एपल छोड़कर जाने की खबर पर एपल के शेयर्स की कीमत 1% गिर गई थी। सिर्फ 1 % शेयर्स के कम होने की वजह से एपल कंपनी की Market Value 9 बिलियन डॉलर यानि करीब 62, 000 करोड़ कम हो गई थी।
आपको बता दें कि यूएस की कंपनियों में बड़े पद पर ज्यादातर इंडियन्स ही हैं। जैसे- Google के CEO सुंदर पिचाई, Microsoft के CEO सत्या नडेला , Adobe के CEO शांतनु नारायण।
US Stock Market में Investment के दो तरीके हैं-
1. F oreign Brokerage Firm से tie-up वाले Indian Brokerage Firm में ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाकर।
2. D irect Foreign Brokerage Firm में ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाकर।
Indian Brokerage Firm से ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाकर-
कोई भी इंडियन जो कि यूएस स्टॉक मार्केट में इनवेस्टमेंट करना चाहता है, वह F oreign Brokerage Firm से tie-up वाले Indian Brokerage Firm में अपना ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करके इनवेस्टमेंट कर सकता है। इस तरह के ट्रेडिंग अकाउंट को O verseas अकाउंट कहते हैं। इंडिया में F oreign tie-up के Brokerage Firms कई सारे हैं,जैसे- ICICI direct, HDFC Securities, Kotak Securities, Reliance Money.
स्टेप्स कुछ ऐसे हैं-
1) सबसे पहले आपको FF oreign tie-up वाले ब्रोकर Firm में ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाना होगा।
2) KYC के लिए जरूरी सभी डाक्यूमेंट सबमिट करने होगें।
3) अकाउंट ओपन होने के बाद आपको फंड ट्रांसफर करना होगा और फिर A 2 Form भरना होगा। A2 Form के जरिए आप Foreign Exchange अपने अकाउंट में receive कर पाएंगे। ये F orm आपको Brokerage Firm खुद प्रोवाइड करता है।
4) फंड ट्रांसफर होने के बाद ही आप ऑनलाइन प्लेटफार्म पर ट्रेडिंग कर सकते हैं। इससे पहले आपको E xecutive Trade के लिए C ontract Notes मिलते है, जो आपके इनबॉक्स में भेजा जाता है।
इसके बाद आप F oreign C ompanies के शेयर्स खरीद पाएंगे। ध्यान देने वाली बात यह है कि आप Foreign E xchange पर M argin Trading और Short Selling नहीं कर सकते हैं, क्योंकि ये दोनों M ethod Indian Investors के लिए A llowed नहीं हैं।
Foreign Brokerage Firm में ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाकर-
आप डायरेक्ट Foreign Brokerage में ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करके इनवेस्टमेंट कर सकते हैं। फॉरेन के कई Brokerage Firm- Interactive Brokers, TD Ameritrade, Charles Schwab International Account etc इंडियन्स के लिए ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करने की Permission देते हैं।
इस समय एक फायनेशियल ईयर में कोई भी इंडियन यूएस स्टॉक मार्केट में 2,50,000 डॉलर यानि करीब 1.7 करोड़ रुपये की इनवेस्टमेंट कर सकता है और यही LRS (Liberalized Remittance Scheme) की M aximum Price है।
US Stock Market में इनवेस्ट करने के कुछ फायदे है और कुछ नुकसान भी हैं-
1 > ’ Foreign Broker ’ Foreign Exchange में ब्रोकरेज चार्ज डॉलर में लेते हैं, इसलिए हम इंडियन्स के लिए ब्रोकरेज चार्ज ज्यादा हो जाता है।
2> एक्सचेंज रेट का काफी ज्यादा I mpact पड़ता है, जब भी D ollar Fluctuate होता है तो हमारी Currency की V alue भी F luctuate हो जाती है।
3> अगर आप G lobal Business Factors और E conomics Conditions नहीं जानते हैं तो आपके लिए यूएस स्टॉक मार्केट D angerous साबित हो सकता है।
यूएस स्टॉक मार्केट में इनवेस्ट करके आप अपनी इनवेस्टमेंट स्किल को बढ़ा सकते हैं।
क्या आप जानते हैं कि US में लगभग 60% लोग स्टॉक मार्केट में इनवेस्टमेंट करते हैं पर इंडिया में सिर्फ 4% से 5% लोग ही Stock Market में Invest करते हैं।
Did you enjoy what you read? Subscribe to our newsletter and get content delivered to you at your fingertips!!
ANGEL BROKING मोबाइल ऐप में ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करें?
ANGEL BROKING ऐप को एक उच्च श्रेणी में रखा गया है! क्योंकि यह ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बहुत ही ज्यादा उच्च कोटि और ट्रेंड में है! तथा यह मोबाइल ऐप का सबसे अच्छा और उपयोग किए जाने वाला ऐप है! जो कि ट्रेडिंग के लिए यूज होता है ! angelब्रोकिंग मोबाइल ऐप की बहुत सारी विशेषताएं हैं जिससे यह अपने आप को दूसरी ऐप्प्स से अलग बनाता है !
ANGEL BROKING के साथ आप मुद्रा म्युचुअल फंड्स आईपीओ इत्यादि में ट्रेंड और निवेश कर सकते हैं!
image cr: ANGEL BROKING
एंजल ब्रोकिंग मोबाइल ऐप की विशेषताएं बहुत सारी है! जिनमें से कुछ नीचे दी गई है!
- आप मुफ्त ऑनलाइन ट्रेडिंग; डीमैट खाता खोल सकते है!
- रीयल-टाइम स्टॉक अपडेट और शेयर बाजार विश्लेषण रिपोर्ट तक आसान पहुंच।
- नेट बैंकिंग, जीपे, यूपीआई के साथ आसानी से फंड जोड़ सकते है!
- आईपीओ में आवेदन कर सकते है , शेयर बाजार में निवेश कर सकते है और वास्तविक समय में स्थिति को ट्रैक कर सकते है !
- पोर्टफोलियो ट्रैकिंग के साथ म्यूचुअल फंड निवेश का निवेश और प्रबंधन।
- एंजेल वन निवेश और ट्रेडिंग ऐप के साथ कहीं भी व्यापार करे !
- लेन-देन विवरण, खाता बही, डीपी और निधियों तक त्वरित पहुंच।
- हमारे ट्रेडिंग ऐप के माध्यम से बीएसई, एनएसई, एमसीएक्स, एमएसई और एनसीडीईएक्स के सभी मार्केट सेगमेंट तक पहुंच सकते है !
ANGEL BROKING मोबाइल ऐप्प सा आप बहुत फायदा ले सकते है! जैसे :
- आमतौर पर देखा गया है की ऐप्प की बीक्री की एक अलग़ हे मुख्य विशेषता है !
- ANGEL BROKING ट्रेडिंग ऐप्प अपनी सारी तकनिकी सुविधा सा सभी संगमेंट मे ट्रेडिंग करने की सुविधा उपलब्ध करवाता है!
- तकनीकी फैसला लेना और सही रिपोर्ट तक पहुंचना मे मदद करता है!
- ANGEL BROKING ऐप्प मे 3 से 4 हफ्तों मे अपडेट आते रहते है! तो आप इन बदलावों पर ध्यान देते रहे
ANGEL BROKING ऐप्प को कैसे डाउनलोड कर सकते है ?
Angel ब्रोकिंग शेयर मार्केट ऐप्प यह कैसा ऐप्प है! जो कि अलग ट्रेडिंग अनुभव देता है !आप इसे अपने स्मार्टफोन मैं एक ऐप के जरिए डाउनलोड करके ट्रेडिंग करने की शुरुआत कर सकते हैं !
यह ऐप एआर क्यू टेक्नोलॉजी पर चल रही है!
एंजेल ब्रोकिंग एप मोबाइल और पीसी दोनों के लिए उपलब्ध है इसलिए आपको एंजल ब्रोकिंग एप डाउनलोड करने के अलग अलग तरीकों का पालन करना होगा !
एंजेल ब्रोकिंग मोबाइल ऐप में ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करें?
- सबसे पहले एक ऐसे ब्रोकर का पता लगाएं जिसे ट्रेडिंग की बहुत नॉलेज हो !
- एंजल ब्रोकिंग एप एक डीमैट अकाउंट ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करे मुफ्त में देता है आप उस डिमैट अकाउंट से साइन अप कर सकते हैं!
- अपने ब्रोकर की मदद से एक ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट बना सकते हैं!
- अपनी ब्रोकर से ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का पूरा एक्सेस लें तथा हाई क्वालिटी वाले रिसर्च की रिपोर्ट और सुझाव भी लें!
एंजेल ब्रोकिंग मोबाइल ऐप
जरुरी सूचना : हम केवल आवेदन, लोन, एनबीएफसी, बैंक, नौकरी, नई योजना के बारे में ! उनकी आधिकारिक वेबसाइट पढ़कर जानकारी देते हैं! और सभी चीजों का विश्लेषण करते हैं।
कमोडिटी वायदा बाजार में ट्रेडिंग के लिए यहां जानिए आसान तरीके
अगर आप कमोडिटी वायदा बाजार (Commodity Futures Market) में ट्रेडिंग (Trading) करना चाहते हैं तो आपको बाजार की सही जानकारी का होना बहुत ही जरूरी है. हालांकि अभी भी बहुत से लोगों में कमोडिटी फ्यूचर्स मार्केट को लेकर जानकारी का अभाव है और यही वजह है कि कमोडिटी बाजार में ट्रेडिंग के लिए उतरे नए निवेशकों में डर बना रहता है. आज की इस रिपोर्ट में हम ऐसे ही निवेशकों के लिए जो कमोडिटी फ्यूचर मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करना चाहते हैं, उनको बेहद आसान भाषा में कमोडिटी मार्केट की बारीकियों को समझाने का प्रयास करेंगे. तो आइए जानने की कोशिश करते हैं कि कमोडिटी वायदा बाजार में ट्रेडिंग के वे बेहद आसान तरीके क्या हैं.
कमोडिटी वायदा में कैसे शुरू करें ट्रेडिंग
निवेशकों को कमोडिटी वायदा में ट्रेडिंग के लिए सबसे पहले ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना पड़ेगा. निवेशक इस ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए खरीद और बिक्री कर सकते हैं. ट्रेडिंग अकाउंट किसी ब्रोकिंग फर्म के साथ खुलवा जा सकता है. हालांकि ब्रोकर्स को MCX, NCDEX, BSE और NSE का सदस्य जरूर होना चाहिए. एक्सचेंज की वेबसाइट से ब्रोकर्स के बारे में जानकारी जुटाई जा सकती है. ट्रेडिंग अकाउंट के लिए पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ और बैंक अकाउंट का होना जरूरी है. MCX पर नॉन-एग्री कमोडिटी वायदा में ट्रेडिंग ज्यादा होती है. NCDEX पर एग्री कमोडिटी वायदा में ट्रेडिंग ज्यादा होती है. हालांकि BSE और NSE पर भी कुछ कमोडिटी में ट्रेडिंग होती है. नॉन-एग्री कमोडिटी में सोना-चांदी, क्रूड और मेटल शामिल हैं. वहीं एग्री कमोडिटी में ग्वार, चना, तिलहन, मसाला और शुगर में ट्रेडिंग होती है.
खरीद-बिक्री के लिए एक्सचेंज पर पहले से मार्जिन तय
कमोडिटी बाजार से जुड़े जानकारों का कहना है कि कुछ रकम देकर पूरे सौदे को उठाना मार्जिन कहा जाता है. वहीं दूसरी ओर हाजिर बाजार में सौदे का पूरा भुगतान करना पड़ता है. हर कमोडिटी की खरीद-बिक्री के लिए एक्सचेंज पर पहले से मार्जिन तय है. आमतौर पर मार्जिन मनी 3 फीसदी से 5 फीसदी के बीच है. उतार-चढ़ाव की स्थिति में एक्सचेंज अतिरिक्त मार्जिन भी लगाता है. जानकार कहते हैं कि कमोडिटी ट्रेडिंग में शेयर बाजार की तरह लंबी अवधि नहीं होती है. कमोडिटी मार्केट में दो से तीन सीरीज में ही कारोबार होता है. निवेशकों को खरीद-बिक्री एक निश्चित अवधि में ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करे करना जरूरी है. शुरुआत में मिनी लॉट में ट्रेड करना समझदारी भरा कदम माना जाता है. बाजार की समझ बढ़ने के बाद बड़े लॉट में ट्रेड करना चाहिए और हर सौदे में स्टॉपलॉस जरूर लगाना चाहिए. निवेशकों को कई लॉट में ट्रेडिंग के लालच में नहीं फंसना चाहिए. जानकारों का कहना है कि लिक्विड कमोडिटी में ट्रेड करना फायदेमंद रहता है.
जानकार कहते हैं कि कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग के लिए आपको देश दुनिया की खबरों पर नजर बनाए रखनी होगी. कमोडिटी मार्केट पर दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों के फैसले का असर साफतौर पर देखा जाता है. साथ ही एग्री कमोडिटी की बात करें तो फसल और उत्पादन अनुमान का असर भी दिखाई पड़ता है. जानकार कहते हैं कि कमोडिटी मार्केट में डिविडेंड और बोनस नहीं मिलता है और ट्रेडर्स को सौदा कटने के बाद ही फायदा या नुकसान होता है.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 772