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जानिए क्या है Zerodha का 'Kill Switch' फीचर और कैसे यह लॉस होने से बचाएगा
ट्रेडर्स को अधिक नुकसान होने की स्थिति में नए फीचर से उन्हें ट्रेडिंग को रोकने या विशेष सेगमेंट्स को डीएक्टिवेट करने में मदद मिलेगी
देश की सबसे बड़ी ब्रोकरेज फर्म Zerodha ने अपनी Kite ऐप पर "Kill Switch" का नया फीचर दिया है। इससे यूजर्स को ओवर ट्रेडिंग से बचने में मदद मिलेगी। इसके साथ Zerodha ने Kite पर चेतावनियां और सुझाव भी शामिल किए हैं जो यूजर्स के लिए ट्रेडिंग के दौरान प्रॉफिट की संभावना को बढ़ा सकते हैं।
Zerodha के फाउंडर और क्या स्विंग ट्रेडिंग डे ट्रेडिंग से बेहतर होती है CEO, नितिन कामत ने ट्वीट के जरिए कहा, "जब आप ट्रेडिंग के दौरान अधिक लॉस में होते हैं तो कुछ देर के लिए रुकना बेहतर होता है। ऐसा नहीं करने पर गलत और बड़े दांव लगाने की आशंका होती है।"
कामत ने Zerodha की वेबसाइट पर एक पोस्ट में कहा कि मार्केट में गिरावट या लॉस होने पर ट्रेड की औसत संख्या प्रॉफिट होने के दौरान के ट्रेड से बहुत अधिक होती है। समझदार ट्रेडर्स अधिक लॉस होने पर अपने ट्रेडिंग साइज को घटाते हैं या ट्रेडिंग को रोक देते हैं। यह लंबी अवधि तक मार्केट में बने रहने का एकमात्र तरीका हो सकता है।
उन्होंने बताया कि लॉस होने पर एग्रेसिव या अधिक ट्रेडिंग करने से सफलता मिलने की संभावना बहुत कम होती है। अगर आपको लॉस हो रहा है तो इस नए फीचर से आपको ट्रेडिंग में अनुशासन लाने और रिस्क को कम करने में मदद मिलेगी।
इस फीचर का इस्तेमाल करने पर किसी सेगमेंट को डिसएबल करने के बाद उसे 12 घंटे के बाद ही दोबारा शुरू किया जा सकेगा। अभी यह विकल्प मैनुअल है लेकिन कंपनी इसे ऑटोमैटिकली ट्रिगर करने पर काम कर रही है।
Kill Switch फीचर से यूजर्स को ट्रेडिंग एकाउंट या विशेष सेगमेंट्स को अस्थायी तौर पर डीएक्टिवेट करने में भी मदद मिलेगी।
क्या स्विंग ट्रेडिंग डे ट्रेडिंग से बेहतर होती है
यह पुस्तक प्रसिद्ध रिसर्च एनालिस्ट महेश चंद्र कौशिक की नवीनतम पुस्तक है। वर्तमान में शेयर बाजार में पुरानी तकनीकें लगभग निष्प्रभावी हो चुकी है, क्योंकि डिस्काउंट ब्रोकर हाउसेज के आ जाने से व बाजार में ऑप्शन व डिलीवरी में रिटेल निवेशकों की भागीदारी के बढ़ जाने से अब वह समय चला गया, जब निवेशक किसी शेयर की बड़ी मात्रा को खरीदकर 15 से 20 प्रतिशत रिटर्न के लिए होल्ड करते थे। वर्तमान समय में ज्यादातर रिटेल निवेशक या तो इंट्रा-डे में ट्रेड करके एक ही दिन में मुनाफा समेट रहे हैं या ऑप्शन में सात दिवस की छोटी एक्सपायरी की कॉल पुट में पैसा बना रहे हैं या स्विंग ट्रेड में छोटे प्रॉफिट ले रहे हैं, जिससे मार्केट में छोटे दायरे में उतार-चढ़ाव ज्यादा होते हैं।
वर्तमान पुस्तक इसी संदर्भ में लिखी गई है। यह अपने प्रकार की अकेली ऐसी पुस्तक है, जिसमें इंट्रा-डे, ऑप्शन ट्रेड व स्विंग ट्रेड को शामिल करके लेखक ने गागर में सागर समेटने का सार्थक प्रयास किया है। इस पुस्तक में लेखक ने अपने 15 वर्ष के ट्रेडिंग अनुभव को 41 टिप्स के माध्यम से साझा किया है, जो शेयर बाजार में प्रॉफिट कमाने के इच्छुक छोटे व बड़े सभी निवेशकों के लिए आवश्यक है।
पुस्तक की प्रत्येक टिप विचारोत्तेजक है, जो निवेशक के दिमाग में आशा व विश्वास की नई रोशनी जगाकर उसकी शेयर बाजार पर नई-नई तकनीकों की तलाश को पूर्ण विराम देती है, क्योंकि पुस्तक में पूर्णतः अनुशासित तरीके से निवेश करने की सभी आधुनिक तकनीकों पर प्रकाश डाला गया है।
अनुक्रम
1. ट्रेड करने से पहले रणनीति जरूर बनाइए —Pgs. 13
2. छोटे पौधे से बरगद का बड़ा पेड़ उगाएँ —Pgs. 14
3. सिर्फ छोटी ट्रेड ही लें —Pgs. 17
4. मुनाफे का टारगेट हमेशा छोटा रखें और स्टॉप लॉस उससे भी छोटा रखें —Pgs. 20
5. लाभ व स्टॉप लॉस का अनुपात 2:1 हो, यह अनिवार्य है —Pgs. 23
6. ज्यादा वॉल्यूम वाले शेयरों में ही ट्रेड करें —Pgs. 26
7. शेयर कभी अच्छे या बुरे नहीं होते—या तो गिरनेवाले शेयर होते हैं या बढ़नेवाले —Pgs. 28
8. ट्रेडिंग के अलग-अलग सेगमेंट्स को मिक्स न करें —Pgs. 30
9. अपने लालच एवं डर पर नियंत्रण रखें —Pgs. 34
10. इंट्रा-डे में गिरती हुई पोजीशन को एवरेज आउट नहीं करें —Pgs. 36
11. ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा इंडीकेटर कौन सा है —Pgs. 39
12. ध्यान रखें, आपके ट्रेड को कोई देख रहा है —Pgs. 41
13. इंट्रा-डे की जगह बी.टी.एस.टी. या स्विंग ट्रेड ही करें —Pgs. 45
14. विनिंग स्विंग ट्रेड का शेयर जीनियेस मैथड —Pgs. 46
15. VWAP से ब्रेकआउट मैथड —Pgs. 49
16. स्टॉप लॉस का स्मॉल ट्रेड मैथड —Pgs. 51
17. लिवरेज ट्रेडिंग की मानसिकता पर नियंत्रण —Pgs. 53
18. मार्केट से लड़िए मत —Pgs. 56
19. इंट्रा-डे ट्रेडिंग व लॉन्ग टर्म निवेश मिक्स न करें —Pgs. 59
20. मार्केट का ट्रेंड देखकर ट्रेड करें —Pgs. 61
21. शेयर का ट्रेंड देखकर निवेश करें —Pgs. 63
22. स्विंग ट्रेड का VWAP मैथड अपनाएँ —Pgs. 64
23. स्विंग ट्रेड में एक शेयर में कितनी राशि लगाएँ —Pgs. 67
24. प्रॉफिट टारगेट का निर्धारण —Pgs. 70
25. सिर्फ इंडेक्स स्टॉक्स में ही स्विंग ट्रेड करें —Pgs. 74
26. इंट्रा-डे को बी.टी.एस.टी. या स्विंग ट्रेड में नहीं बदलें —Pgs. 76
27. शेयर बाजार में लालच बुरी बला है —Pgs. 77
28. अपने बुरे निवेश से कैसे बाहर निकलें —Pgs. 79
29. बोनस के चक्कर में मत पड़िए —Pgs. 82
30. एवरेज आउट करना हर बार बुरा नहीं होता —Pgs. 84
31. या तो सच्चे लंबी अवधि के निवेशक बनें या स्विंग ट्रेड करें —Pgs. 85
32. इंडेक्स शेयरों में निवेश क्यों करना चाहिए —Pgs. 87
33. ट्रेडिंग व स्विंग ट्रेडिंग के लिए भी निफ्टी के शेयरों का चयन करें —Pgs. 88
34. इंडेक्स की तरह स्विंग ट्रेड के पोर्टफोलियो की समीक्षा करें —Pgs. 89
35. ट्रेडिंग के लिए शेयरों का चयन कैसे करें —Pgs. 90
36. शेयर कभी लगातार नहीं गिरते —Pgs. 92
37. डिविडेंड देनेवाले शेयरों में ट्रेडिंग करने का फायदा —Pgs. 95
38. इन्कम टैक्स हार्वेस्टिंग से कैपिटल गेन्स की बचत —Pgs. 98
39. ऑप्शन ट्रेडिंग में 4 स्ट्रोक मैथड का प्रयोग करें —Pgs. 101
40. इंट्रा-डे से बेहतर ऑप्शन ट्रेडिंग है —Pgs. 105
41. मार्केट में खबरों एवं कथित विशेषज्ञों की राय पर ट्रेड नहीं करें —Pgs. 107
The Author
भारतीय संस्कृति के अध्येता और संस्कृत भाषा के विद्वान् श्री सूर्यकान्त बाली ने भारत के प्रसिद्ध हिंदी दैनिक अखबार ‘नवभारत टाइम्स’ के सहायक संपादक (1987) बनने से पहले दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यापन किया। नवभारत के स्थानीय संपादक (1994-97) रहने के बाद वे जी न्यूज के कार्यकारी संपादक रहे। विपुल राजनीतिक लेखन के अलावा भारतीय संस्कृति पर इनका लेखन खासतौर से सराहा गया। काफी समय तक भारत के मील पत्थर (रविवार्ता, नवभारत टाइम्स) पाठकों का सर्वाधिक पसंदीदा कॉलम रहा, जो पर्याप्त परिवर्धनों और परिवर्तनों के साथ ‘भारतगाथा’ नामक पुस्तक के रूप में पाठकों तक पहुँचा। 9 नवंबर, 1943 को मुलतान (अब पाकिस्तान) में जनमे श्री बाली को हमेशा इस बात पर गर्व की अनुभूति होती है कि उनके संस्कारों का निर्माण करने में उनके अपने संस्कारशील परिवार के साथ-साथ दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज और उसके प्राचार्य प्रोफेसर शांतिनारायण का निर्णायक योगदान रहा। इसी हंसराज कॉलेज से उन्होंने बी.ए. ऑनर्स (अंग्रेजी), एम.ए. (संस्कृत) और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय से ही संस्कृत भाषाविज्ञान में पी-एच.डी. के बाद अध्ययन-अध्यापन और लेखन से खुद को जोड़ लिया। राजनीतिक लेखन पर केंद्रित दो पुस्तकों—‘भारत की राजनीति के महाप्रश्न’ तथा ‘भारत के व्यक्तित्व की पहचान’ के अलावा श्री बाली की भारतीय पुराविद्या पर तीन पुस्तकें—‘Contribution of Bhattoji Dikshit to Sanskrit Grammar (Ph.D. Thisis)’, ‘Historical and Critical Studies in the Atharvaved (Ed)’ और महाभारत केंद्रित पुस्तक ‘महाभारतः पुनर्पाठ’ प्रकाशित हैं। श्री बाली ने वैदिक कथारूपों को हिंदी में पहली बार दो उपन्यासों के रूप में प्रस्तुत किया—‘तुम कब आओगे श्यावा’ तथा ‘दीर्घतमा’। विचारप्रधान पुस्तकों ‘भारत को समझने की शर्तें’ और ‘महाभारत का धर्मसंकट’ ने विमर्श का नया अध्याय प्रारंभ किया।
Trading क्या है Trading कितने प्रकार कि होती है?
Trading क्या है? यह प्रश्न ज्यादातर स्टॉक मार्केट में नए लोगों को परेशान करता है। आज कई small retailers स्टॉक मार्केट में है जो trading और investment में अंतर नहीं समझ पाते है। अगर आपको भी ट्रेडिंग शब्द का मतलब नहीं पता है। तो आज कि लेख में हम आपको trading meaning in hindi के बारे में बारीकी से समझाएंगे। इसलिए आज का पोस्ट आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए इस अंत तक पढ़े। तो फिर आइए जानते हैं।
Trading क्या है?
Trading को आसान शब्दों में व्याख्या करें तो हिंदी में इसे " व्यापार " कहा जाता है। यानी कि किसी वस्तु या सेवा का आदान प्रदान करके मुनाफा कमाना।
Stock Market Trading भी इसी तरह होता है। जैसे कि हम किसी वस्तु को खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाते हैं। बिल्कुल वैसे ही स्टॉक मार्केट में वस्तु की जगह कंपनियों के शेयर कि खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाया जाता है। ट्रेडिंग कि समय अवधि 1 साल की होती है। मतलब यह हुआ कि 1 साल के अंदर शेयर को खरीदना और बेचना है। अगर एक साल के बाद शेयर को बेचते हैं तो यह निवेश कहलाता है। यह एक तरह का ऑनलाइन पर आधारित बिजनेस होता है।
उदाहरण के तौर पर अगर हम share market में शेयर खरीद रहे हैं तो हमारे जैसे कोई अन्य व्यक्ति होगा जो उन शेयर को बेच रहा होगा। चलिए इसे अब अपने डेली लाइफ से जोड़ते हैं। मान लीजिए आपने होलसेल स्टोर से कोई सामान ₹50 खरीदा और उसे बाद में ₹60 लगा कर कस्टमर्स को बेच दिया। अगर यह आप रोजाना करते हैं तो इसे ट्रेडिंग कहा जाता है।
बिल्कुल ऐसे ही शेयर बाजार में भी होता है। आप शेयर को खरीदते हैं और 1 साल के अंदर खरीदे हुए शेयर को प्राइस बढ़ने के बाद बेच देते है। तो यह Stock Market Trading कहलाता है।
Trading को काफी रिस्की कहा जाता है क्योंकि इसमें यह कोई नहीं जानता कि कुछ समय बाद शेयर के भाव में क्या मूवमेंट आयेगा। अगर शेयर से जुड़ी न्यूज़ अच्छी आती है तो शेयर के भाव में तेजी दिखाई देगी। वहीं इसका उल्टा करे तो शेयर से जुड़ी न्यूज़ खराब आती है तो शेयर के भाव में मंदी देखने को मिल सकती है।
Stock Market Trading कितने प्रकार के होते हैं?
- Scalping Trading
- Intraday Trading
- Swing Trading
- Positional Trading
Scalping Trading क्या है?
Scalping Trading वह trade जो कुछ सेकंड या मिनट के लिए trade किया जाए। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो केवल कुछ सेकंड या मिनट के लिए शेयर की खरीद और बिक्री करते हैं। ऐसे ट्रेडर्स को scalpers कहा जाता है। बता दू कि scalping trading को सबसे जायदा रिस्की होता है।
Intraday Trading क्या है?
Intraday Trading वह trade जो 1 दिन के लिए trade किया जाए। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो Market (9:15 am) के खुलने के बाद शेयर खरीद लेते हैं। और मार्केट बंद(3:30 pm) होने से पहले शेयर को बेच देते है। ऐसे ट्रेडर्स को Intraday ट्रेडर्स कहा जाता है। बता दू कि Intraday ट्रेडिंग scalping trading से थोड़ा कम रिस्की होता है। इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए पोस्ट को पढ़े।
Swing Trading क्या है?
Swing Trading वह trade जो कुछ दिनों के लिए शेयर को खरीदते और बेचते है। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो एक दो हफ़्ते के लिए शेयर को खरीदने के बाद बेच देते हैं। इसमें ट्रेडर को पूरे दिन चार्ट को देखना नहीं पड़ता है। यह उन लोगो ( जॉब, स्टूडेंट्स आदि) के लिए बेहतर होता है जो ट्रेडिंग में अपना पूरा दिन नहीं दे सकते हैं।
Positional Trading क्या है?
Positional Trading वह ट्रेड जो कुछ महीने के लिए होल्ड किए जाएं। यह मार्केट का long term movement को कैप्चर करने के लिए किया जाता है। ताकि एक अच्छा मुनाफा हो सके। शेयर बाजार की रोजाना के up-down से इन पर जायदा असर नहीं होता है। यह बाकी सभी trading से कम रिस्की होता है।
Trading और Investment में क्या अंतर है?
- Trading में शेयर को short term के लिए खरीदा जाता है। वहीं Investment में शेयर को लंबे समय के लिए खरीद लिया जाता है।
- Trading में टेक्निकल एनालिसिस की जानकारी होना जरूरी होता है। वहीं Investment में fundamental analysis की जानकारी प्राप्त होनी चाहिए।
- Trading कि अवधि 1 साल तक की होती है। वहीं निवेश कि अवधि 1 साल से ज्यादा कि होती है।
- Trading करने वाले लोगों को traders कहा जाता है। वहीं निवेश (Investment) करने वाले लोगों को निवेशक (Invester) कहां जाता है।
- Trading short term मुनाफे को कमाने के लिए किया जाता है वहीं निवेश लंबी अवधि के मुनाफे को कमाने के लिए किया जाता है।
आपने क्या जाना
जैसे कि आपने हमारी आज के लेख में trading kya hai के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की है। आज आपने ट्रेडिंग के साथ साथ ट्रेडिंग के प्रकार और निवेश से ट्रेडिंग किस तरह अलग होता है यह भी जाना है। अगर आपको भी share market में trade करना है तो सबसे पहले इसके बारे में विस्तार से जानकारी अवश्य ले। नहीं तो आपको अच्छा खासा नुकसान झेलना पड़ सकता है।
Intraday Trading क्या है? और ये कैसे काम करता है?
लोग अक्सर यह धारणा रखते हैं कि व्यापार वित्तीय फर्मों और अनुभवी व्यापारियों के लिए होता है। हालांकि, जैसे-जैसे अधिक निवेशक बाजारों का पता लगाते हैं और व्यापार की मूल बातें सीखते हैं, यह धारणा बदलने लगी है। इस बदलाव का श्रेय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग और मार्जिन ट्रेडिंग को दिया जाता है।
आज, किसी के लिए भी ट्रेडिंग में प्रवेश करना आसान है। यहां, हम इंट्राडे ट्रेडिंग की अवधारणा का पता लगाएंगे और इस अवधारणा के आसपास के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं क्या स्विंग ट्रेडिंग डे ट्रेडिंग से बेहतर होती है क्या स्विंग ट्रेडिंग डे ट्रेडिंग से बेहतर होती है पर प्रकाश डालेंगे।
Intraday Trading क्या है?
इंट्राडे ट्रेडिंग या डे ट्रेडिंग का अर्थ है एक ही दिन में स्टॉक या अन्य प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री। नियमित ट्रेडिंग के विपरीत, जो निवेशक ऑर्डर को इंट्राडे ट्रेडिंग के रूप में निर्दिष्ट करते हैं, उन्हें प्रतिभूतियों का स्वामित्व नहीं मिलता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग का असली मकसद उसी दिन के ट्रेडिंग घंटों के भीतर ट्रेडिंग को बेच और बंद करके मुनाफा कमाना है। भारत में, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में इक्विटी बाजार के लिए सामान्य ट्रेडिंग समय सुबह 9:15 बजे से दोपहर 03:30 बजे (सोमवार से शुक्रवार) के बीच है।
Intraday Trading और Regular Trading में क्या अंतर हैं?
एक नियमित व्यापार और एक इंट्राडे व्यापार के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर स्टॉक की डिलीवरी लेने के साथ करना है। चूंकि इंट्राडे ट्रेडिंग पोजीशन उसी दिन चुकता कर दी जाती है, एक ट्रेडर का सेल ऑर्डर दूसरे के बाय ऑर्डर के साथ ऑफसेट हो जाता है।
इस प्रकार, इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयरों के स्वामित्व का हस्तांतरण शामिल नहीं है। इसकी तुलना में, कुछ दिनों में एक नियमित व्यापार का निपटारा किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप खरीदार और विक्रेता डीमैट खातों के माध्यम से शेयरों की डिलीवरी होती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं?
- रातोंरात समाचार या ऑफ-घंटे क्या स्विंग ट्रेडिंग डे ट्रेडिंग से बेहतर होती है ब्रोकर चाल से जोखिम से स्थिति अप्रभावित रहती है।
- नियमित व्यापारियों के पास बढ़े हुए उत्तोलन तक पहुंच है।
- टाइट स्टॉप-लॉस ऑर्डर पोजीशन की रक्षा कर सकते हैं।
- सीखने के अनुभव पर कई ट्रेड हाथ बढ़ाते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं?
- कुछ संपत्तियां सीमा से बाहर होती हैं, जैसे म्युचुअल फंड।
- बारंबार ट्रेडों का अर्थ है कई कमीशन लागत।
- नुकसान तेजी से बढ़ सकता है, खासकर अगर मार्जिन का इस्तेमाल खरीद के वित्तपोषण के लिए किया जाता है।
- किसी स्थिति को बंद करने से पहले लाभ प्राप्त करने के लिए पर्याप्त समय नहीं हो सकता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में महत्वपूर्ण इंडिकेटर
इंट्राडे ट्रेडिंग के कुछ महत्वपूर्ण तकनीकी संकेतक यहां दिए गए हैं:
मूविंग एवरेज
मूविंग एवरेज स्टॉक चार्ट पर लगाया गया एक संकेतक है। यह एक निर्दिष्ट अवधि में बाजार में औसत समापन दरों को जोड़ता है। अवधि जितनी लंबी होगी, इन औसतों की विश्वसनीयता उतनी ही अधिक होगी। यह बाजार में कीमतों की त्वरित गति का सारांश है।
मूविंग एवरेज व्यापारियों को स्टॉक की कीमतों की अस्थिरता और बाजार में प्रचलित रुझानों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है। एक ट्रेडर इस इंडिकेटर का उपयोग करके ऊपर और नीचे का अनुमान लगा सकता है। प्रत्येक इंट्राडे ट्रेडर को मूविंग एवरेज पर अपडेट रहने का प्रयास करना चाहिए।
बोलिंगर बैंड
बोलिगर बैंड एक ऊपरी और निचली सीमा के साथ चलती औसत विवरण प्रदान करते हैं। माध्य मानों को ले जाने पर यह मानक विचलन के समान कार्य करता है। बोलिंगर बैंड उन कीमतों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो औसत स्तरों से बढ़ती या घटती हैं।
व्यापारियों के लिए अस्थिरता एक महत्वपूर्ण पहलू है क्योंकि यह उस जोखिम की सीमा को इंगित करता है जो बाजार वहन करता है। व्यापार इस जोखिम पर निर्भर करता है, क्योंकि यह उच्च लाभ स्तरों तक पहुंच की अनुमति दे सकता है। यह इंट्राडे व्यापारियों के लिए सीमा निर्धारित करता है ताकि वे निर्धारित सीमा के भीतर व्यापार कर सकें और मुनाफा कमा सकें।
ओस्किलेटर
प्रत्येक व्यापारी बाजारों का अधिकतम लाभ उठाना चाहता है और इंट्राडे ट्रेडिंग के मामले में, यह ऑसिलेटर्स के माध्यम से संभव है। इससे व्यापारियों को बाजार की भावनाओं की कल्पना करने में मदद मिलती है ताकि वे सुरक्षित और लाभप्रद रूप से व्यापार कर सकें।
यह एक ट्रेडिंग रणनीति बनाने में इंट्राडे व्यापारियों की मदद करने के लिए स्टॉक की कीमतों में वृद्धि और गिरावट को पकड़ता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्ट्रेटेजीज क्या हैं?
ट्रेडिंग करते समय एक ट्रेडर जिन विभिन्न रणनीतियों का उपयोग कर सकता है, वे इस प्रकार हैं:
स्कल्पिंग
स्कैल्पिंग एक ऐसी रणनीति है जो दिन भर में छोटे मूल्य परिवर्तनों पर कई छोटे लाभ कमाने का प्रयास करती है।
रेंज ट्रेडिंग:
रेंज ट्रेडिंग एक रणनीति है जो मुख्य रूप से उनके खरीदने और बेचने के निर्णयों को निर्धारित करने के लिए समर्थन या प्रतिरोध स्तरों का उपयोग करती है।
न्यूज़ – बेस्ड ट्रेडिंग
न्यू-बेस्ड ट्रेडिंग एक ऐसी रणनीति है जो आम तौर पर समाचार घटनाओं के आसपास बढ़ी हुई अस्थिरता से व्यापार के अवसरों को जब्त या प्रतिबंधित करती है।
हाई – फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजीज
हाई-फ़्रीक्वेंसी ट्रेडिंग रणनीतियाँ उस प्रकार की रणनीति है जो छोटी या अल्पकालिक बाज़ार अक्षमताओं का फायदा उठाने के लिए परिष्कृत एल्गोरिदम का उपयोग करती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में जानने योग्य बातें
यहां कुछ अन्य चीजें हैं जो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में पता होनी चाहिए:
- निवेशकों को व्यापार से पहले तकनीकी और मौलिक दोनों आधार पर शेयरों का विश्लेषण करना चाहिए।
- आपको कभी भी अफवाहों के आधार पर कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए। विशेषज्ञ का मार्गदर्शन लेने से इंट्राडे ट्रेडिंग में होने वाले नुकसान को कम करने में मदद मिल सकती है।
- इंट्राडे ट्रेडिंग में सफलता बढ़ाने के लिए सही स्टॉक चुनना महत्वपूर्ण है।
- अंत में, निवेशकों को नवीनतम स्टॉक समाचार और रुझानों के बारे में खुद को अपडेट रखना चाहिए।
निष्कर्ष
अगर सही तरीके से किया जाए, तो इंट्राडे ट्रेडिंग एक बहुत ही आर्थिक रूप से मजबूत करियर विकल्प हो सकता है, भले ही आप समय-समय पर किसी न किसी पैच को हिट कर सकते हैं। हालांकि, शुरुआती लोगों के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग थोड़ी अधिक चुनौतीपूर्ण होती है, और शुरू करने से पहले आपको पूरी तरह से शोध और एक अच्छी रणनीति की आवश्यकता होती है।
ETH व्हेल ने खरीदे 5300 करोड़ शिबा इनु, कीमत में 5% उछाल
खरीदे गए शिबा इनु टोकनों की कीमत करीबन 7 लाख डॉलर बताई गई है
भारतीय एक्सचेंज कॉइनस्विच कुबेर के अनुसार Shiba Inu 0.001098 रुपये पर ट्रेड कर रहा है
खास बातें
- वर्तमान में सबसे बड़े ETH व्हेल के पास 16 करोड़ डॉलर की कीमत के शिबा इनु
- शिबा इनु की ट्रेड ओपनिंग में आज 5.09% की बढ़ोत्तरी
- शिबा इनु की खरीद Binance वॉलेट से की गई है
व्हेल अकाउंट्स किसी भी क्रिप्टोकरेंसी के बड़े होल्डर्स होते हैं. इनमें जमा क्रिप्टो एसेट्स की संख्या इतनी ज्यादा होती है कि ये किसी भी डिजिटल टोकन की मार्केट वैल्यू को प्रभावित कर सकते हैं. शिबा इनु में भी व्हेल अकाउंट्स की एक्टिविटी लगातार देखी जा रही है. पिछले कुछ दिनों से शिबा इनु को व्हेल अकाउंट्स द्वारा बड़ी संख्या में सेल-पर्चेज किया जा रहा है और इन ट्रांजैक्शंस का असर टोकन की कीमत पर भी देखा जा रहा है.
एक दिन पहले जहां Shiba Inu को एक व्हेल अकाउंट ने बड़ी मात्रा में सेल किया था, अब इस मीम क्रिप्टोकरेंसी को एक व्हेल अकाउंट ने भारी मात्रा में खरीदा है. यह खरीद Binance वॉलेट से की गई है. हालांकि, बाइनेंस वॉलेट से इन्हें किस एड्रेस पर भेजा गया है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है. Etherscan के आंकड़ों के अनुसार, व्हेल ने 5300 करोड़ शिबा इनु टोकनों की खरीद की है.
खरीदे गए शिबा इनु टोकनों की कीमत करीबन 7 लाख डॉलर बताई गई है. इस खरीद के बाद व्हेल के पास शिबा इनु टोकनों की संख्या 6.57 खरब हो गई है. व्हेल अकाउंट्स को ट्रैक करने क्या स्विंग ट्रेडिंग डे ट्रेडिंग से बेहतर होती है वाले प्लेटफॉर्म WhaleStats के ताजा आंकड़े बताते हैं कि वर्तमान में सबसे बड़े इथेरियम व्हेल के पास 16 करोड़ डॉलर की कीमत के शिबा इनु टोकन मौजूद हैं. इससे पहले व्हेल्स ने 3.7 करोड़ डॉलर के शिबा इनु टोकन खरीदे थे. इस कीमत में 28 खरब से ज्यादा शिबा इनु टोकन आ सकते हैं.
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शिबा इनु की वर्तमान कीमत की बात करें तो आज दुनिया की दूसरी सबसे मीम क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग की शुरुआत बढ़त के साथ हुई है. शिबा इनु की ट्रेड ओपनिंग में 5.09% की बढ़ोत्तरी देखी गई है. खबर लिखे जाने के समय पर यह भारतीय एक्सचेंज कॉइनस्विच कुबेर के अनुसार 0.001098 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. इससे एक दिन पहले भी शिबा इनु की कीमत में बड़ी बढ़ोत्तरी देखी गई थी.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 836