रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच लगातार पांचवें सप्ताह के नुकसान के लिए डॉव के साथ स्टॉक वायदा स्थिर हो गया
डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज पिछले सत्र में 650 अंक से अधिक की छलांग के बाद गुरुवार को नियमित कारोबार के दौरान 112.18 अंक गिरकर 33,174.07 पर आ गया, जबकि स्टैंडर्ड एंड पूअर्स 500 0.4% गिर गया। हाई-टेक नैस्डैक कंपोजिट 1% गिरकर 13129.96 पर आ गया, जिसके कारण Apple और मेटा प्लेटफॉर्म से नुकसान हुआ।
अब तक के सप्ताह से, डॉव 1.31% नीचे है और मई 2019 के बाद से लगातार पांचवें नकारात्मक सप्ताह की ओर बढ़ रहा है। इस बीच, एसएंडपी 1.60% नीचे है और नैस्डैक इस सप्ताह 1.38% नीचे है।
नुकसान तब हुआ जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्धविराम में प्रगति के बिना या मारियुपोल शहर से भागने की कोशिश कर रहे नागरिकों के मार्ग के बिना बातचीत रुक गई। हाल के सप्ताहों में बाजार में उतार-चढ़ाव रहा है क्योंकि निवेशक रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के नतीजों को तौलते हैं।
इस बीच, तेल की कीमतें, जो संघर्ष के बीच अस्थिर रही हैं, गुरुवार को वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड के लगभग 106 डॉलर प्रति बैरल तक गिरने के साथ फिर से गिर गईं। ब्रेंट क्रूड 1% गिरकर लगभग 109 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। यूक्रेन में युद्ध के दौरान सोने और चांदी सहित कमोडिटी की कीमतें क्रमशः 0.61% और 1.70% स्थिर हुईं।
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हाईटॉवर के वरिष्ठ निवेश विश्लेषक स्टेफ़नी लिंक ने गुरुवार को सीएनबीसी के “क्लोजिंग बेल” के साथ एक साक्षात्कार में कहा, “इतिहास, एक निवेश के दृष्टिकोण से, लंबे समय में हमारे पक्ष में है।” “बाजार ठीक हो सकता है, और मुझे लगता है कि अंततः हम करेंगे। हमें देखना होगा कि यह कब तक चलता है लेकिन अंत में, बाजार ठीक हो जाएगा।”
गुरुवार की मुद्रास्फीति रिपोर्ट सीपीआई दिखाएं फरवरी में यह 7.9% पर पहुंच गया, जो 40 साल में इसका उच्चतम स्तर है। डाउ जोंस के अनुमान के मुताबिक, यह इस साल के 7.8% पूर्वानुमान से ठीक ऊपर था। महीने-दर-महीने सीपीआई 0.8% बढ़ा, महीने के लिए 0.7% के अनुमान से ऊपर।
ऊपरी और निचली पंक्तियों पर चौथी तिमाही के अनुमानों से चूकने के बाद रिवियन के शेयरों में 11% से अधिक की गिरावट आई, जबकि अपनी पहली तिमाही और वित्तीय वर्ष के लिए खराब मार्गदर्शन जारी करने के बाद डॉक्यूमेंटसाइन 18% डूब गया।
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US: महंगाई के आंकड़ों में नरमी से गरम हुआ शेयर बाजार, डाऊ जोन्स 1201 अंक उछला
नई दिल्ली। अमेरिका (America) में महंगाई के आंकड़ों आई नरमी (Inflation figures soften) से स्टॉक मार्केट गरम (stock market hot) हो गया। डाऊ जोन्स (dow jones), नैस्डैक (Nasdaq) समेत लगभग सभी सूचकांकों में तगड़ा उछाल (Strong jump in all indices) आया। डॉउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज ने 1201 अंक या 3.70 फीसदी की छलांग लगाकर बंद […]
क्या है Dow Jones जिसकी वजह से डूबे भारतीय निवेशकों के 10 लाख करोड़ रुपये
डाओ जोंस दरअसल अमेरिकी स्टॉक मार्केट है। डॉव जोन्स के अंतर्गत 30 बड़ी कंपनियों लिस्टेड हैं। शेयर मार्केट में आई इस सुनामी के पीछे छुपे कई कारणों में से एक डाव जोन्स हैं ।
डाओ जोंस दरअसल अमेरिकी स्टॉक मार्केट है। डॉव जोन्स के अंतर्गत 30 बड़ी कंपनियों लिस्टेड हैं।
शेयर बाजार लगातार गिर रहा है, निवेशक लगातार घाटे में जा रहे हैं, हर सेकेंड करोड़ों का नुकसान हो रहा है। निवेशक शेयर बाजार की इस स्थिति के सामन्य होने की प्रर्थना कर रहे हैं। शेयर मार्केट में आई इस सुनामी के पीछे छुपे कई कारणों में से एक डाव जोन्स हैं । हम आपको बतातें हैं कि आखिर क्या है ये डॉव जोन्स जिसने ना सिर्फ भारतीय बल्कि दुनियाभर के निवेशकों की जान मुश्किल में डाल दी है।
क्या है डाओ जोन्स
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डाओ जोंस दरअसल अमेरिकी स्टॉक मार्केट है। डॉव जोन्स के अंतर्गत 30 बड़ी कंपनियों लिस्टेड हैं। साथ ही इन बड़ी कंपनियों के शेयर का रेट पता चलता है। बहरहाल सोमवार को डॉव जोन्स 1175 अंको की गिरावट के साथ 24345 अंकों पर बंद हुआ था। 2011 के बाद अमेरिकी शेयर मार्केट में सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली। क्योंकि भारतीय स्टॉक मार्केट कुछ हद तक अमेरिकी स्टॉक मार्केट से प्रभावित रहता है, इसलिए अमेरिकी स्टॉक मार्केट में आए इस भूकंप के झटके भारतीय स्टॉक मार्केट में भी महसूस हुए हैं।
डॉओ जोन्स के अंदर लिस्टेड हैं ये कंपनियां
डॉओ जोन्स में भी भारतीय सेंसेक्स की तरह 30 कंपनियां लिस्टेड हैं। जो 30 कंपनियां डॉओ जोन्स के अंदर लिस्टेड हैं उनके नाम कुछ इस तरह से हैं, नाइक, माइक्रोसॉफ्ट, एपल, बोइंग, 3एम, अमेरिकन एक्सप्रेस, कैटरपिलर, शेवरॉन, सीस्को, कोका-कोला, डिजनी,डॉवजू पॉन्ट, एक्सन मोबिल, जनरल इलेक्ट्रिक, गोल्डमैन, होम डिपो, आइबीएम, इंटेल, जॉनसन एंड जॉनसन, जेपी मॉर्गन चेज, मैकडॉन्लड, मर्क, पीफाइजर, प्रॉक्टर एंड गैंबल, ट्रैवलर कंपनीज, यूनाइटेड टेक्नोलॉजी, यूनाइटेड हेल्थ, वेरिजॉन, वीजा औऱ वॉलमार्ट।
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वैश्विक आर्थिक महामंदी की आहट और दुनियाभर के गिरते बाजार, आखिर क्या है बीयर मार्केट?
आज तक 16-06-2022 https://www.aajtak.in
वैश्विक आर्थिक महामंदी की आहट है और दुनियाभर के बाजार गिर रहे हैं. भारतीय शेयर बाजार में Sensex इस साल 11 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है. अमेरिका का Dow Jones Industrial Average इस साल 15 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है. S&P 500 इस साल की शुरुआत से अब तक डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज कब शुरू हुआ 20 फीसदी गिर चुका है. S&P 500 आधिकारिक तौर पर बीयर मार्केट में है.
सिर्फ शेयर बाजार का ही नहीं क्रिप्टो मार्केट का भी बुरा हाल है. Bitcoin, Ethereum और Dogecoin समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी में ऐतिहासिक गिरावट है. बिटकॉइन की कीमत में इस साल 51 फीसदी की गिरावट आई है, वहीं इथेरियम में 66 फीसदी और डॉज में 64 फीसदी की गिरावट डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज कब शुरू हुआ है.
भारत के यूनिकॉर्न छंटनी कर रहे हैं, इस साल 23 स्टार्टअप्स ने 9500 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की है. इसमें Ola, Blinkit, Unacademy, Vedantu, Trell, Furlenco और Rupeek जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं.
चीनी अर्थव्यवस्था के इस साल 2.5 फीसदी की दर से विकास करने का अनुमान है, जो न केवल भारत से कम है बल्कि अमेरिका की भी अनुमानित विकास दर से कम है. चीन ने इस साल के लिए GDP ग्रोथ की दर 5.5 फीसदी रखी डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज कब शुरू हुआ है जो पिछले तीन दशक में सबसे कम है. अमेरिका की मुद्रास्फिति 40 साल के सबसे उच्चतम स्तर 8.6 पर है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए बुधवार को ब्याज दरें 0.75 फीसदी बढ़ाईं, जो साल 1994 के बाद सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी है.
कहने का मतलब यह है कि आर्थिक मोर्चे पर दुनिया की हालत खराब है. दुनिया की सबसे बड़ी दो अर्थव्यवस्थाओं की स्थिति भयावह है. अमेरिका का S&P 500 बीयर मार्केट में है. आज हम समझेंगे कि बीयर मार्केट क्या होता है, क्या बीयर मार्केट की वजह से मंदी आती है और बीयर मार्केट खत्म कब होता है.
बीयर मार्केट क्या है
बीयर मार्केट एक ऐसी स्थिति है जब शेयर बाजार में एक लंबे समय से गिरावट देखी जा रही हो. सामान्यत: जब शेयर बाजार अपने हाल के उच्चतम स्तर से 20 फीसदी या उससे ज्यादा गिरता है तो ऐसी स्थिति को बीयर मार्केट कहते हैं.
बीयर मार्केट टर्म को वॉल स्ट्रीट तब प्रयोग करता है जब S&P 500, Dow Jones इंडस्ट्रीयल एवरेज या फिर कोई इंडिविजुअल स्टॉक अपने हालिया उच्चतम स्तर से 20 फीसदी या उससे ज्यादा गिरता है.
अमेरिका का S&P 500 इंडेक्स इस साल की शुरुआत से अब तक 20 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है. सोमवार को यह 3749.91 पर बंद हुआ. S&P 500 सूचकांक का उच्चतम स्तर 4818.62 था.
S&P 500 क्या है
The Standard and Poor's 500, उन 500 बड़ी कंपनियों की परफॉर्मेंस ट्रैक करता है जो अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हैं. इस साल Amazon 36 फीसदी, Google की पैरेंट कंपनी Alphabet 24 फीसदी और टेस्ला के शेयर 36 फीसदी से ज्यादा गिर चुके हैं. इन कंपनियों के शेयर और ज्यादा गिरे थे लेकिन फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने के बाद डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज कब शुरू हुआ बाजार संभला और कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई.
CNBC के मुताबिक द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अब तक कुल 14 बार बीयर मार्केट की स्थिति आ चुकी है और S&P औसतन 30 फीसदी तक गिरा है.
बीयर मार्केट की स्थिति क्यों आती है
सामाजिक-राजनीतिक स्थिति - पहली वजह देश की घरेलू आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक स्थिति है. राजनीतिक वजहों से भी देश की बड़ी कंपनियों पर असर पड़ता है, उनकी कार्यप्रणाली और परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है. जिस वजह से भी बीयर मार्केट की स्थिति आ सकती है.
वैश्विक कारण - वैश्विकरण के दौर में दुनिया के ज्यादातर देश एक दूसरे पर निर्भर हैं. जब भी बड़े देशों की अर्थव्यवस्था में उतार चढ़ाव आता है तब उससे दुनिया के बाकी देश भी प्रभावित होते हैं. जैसे इस समय रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से ग्लोबल सप्लाई चेन प्रभावित हुई है. इस युद्ध से सिर्फ यूक्रेन ही नहीं बल्कि दुनिया के बाकी देश भी प्रभावित हुए हैं. चीन की अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज कब शुरू हुआ भी दुनिया को प्रभावित कर रही है.
बीयर मार्केट की स्थिति कब-कब आ चुकी है
1929 के ग्रेट डिप्रेशन के दौरान दुनिया ने पहली बार बीयर मार्केट की स्थिति देखी. तब तीन साल के अंदर Dow Jones Industrial एवरेज में करीब 89 फीसदी की गिरावट आई. यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है.
1960 के अंतिम समय में अमेरिकी शेयर बाजार में करीब 36.1 फीसदी की गिरावट आई, 1970 की शुरुआत में इसमें 48.2 फीसदी की गिरावट आई.
डॉटकॉम बूम के क्रैश होने के बाद साल 2000 से 2002 के बीच S&P 500 सूचकांक 36.8 फीसदी नीचे चला गया.
2007 – 2009 के दौरान जब दुनिया वैश्विक आर्थिक महामंदी का सामना कर रही थी तब भी बीयर मार्केट की स्थिति आई. यह अब तक की दूसरी सबसे बुरी बीयर मार्केट की स्थिति थी.
2020 - हालिया बीयर मार्केट की स्थिति कोरोना की पहली लहर के दौरान आई थी. जब दुनिया कोराना महामारी से जूझ रही थी तब दुनियाभर के बाजार गिरे. 19 फरवरी 2020 को S&P 500 सूचकांक एक महीने के अंदर करीब 34 फीसदी गिरा था. कम समय में हुई ये सबसे बड़ी गिरावट थी.
क्या बीयर मार्केट की वजह से वैश्विक महामंदी आती है ?
ऐसा जरूरी नहीं है. साल 1929 डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज कब शुरू हुआ के बाद से अब तक करीब 25 बार बीयर मार्केट की स्थिति आई है लेकिन सिर्फ 14 बार इसकी वजह से मंदी आई है.
बीयर मार्केट के दौरान निवेशकों को क्या करना चाहिये?
जब भी शेयर बाजार गिरता है, निवेशकों में डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज कब शुरू हुआ घबराहट होती है, खासतौर पर नये निवेशकों में. नये निवेशक मार्केट के गिरते ही अपने शेयर बेच देते हैं जिससे उनको नुकसान भी होता है. अगर आपको लंबे समय में पैसे की जरूरत नहीं है तो आपको बीयर मार्केट के दौरान पैसा नहीं निकालना चाहिये. हर बार ऐसा देखा गया है कि बीयर मार्केट के बाद जब हालात सुधरते हैं तो रिटर्न अच्छे मिलते हैं. 2020 के बीयर मार्केट के बाद भी V-shaped रिकवरी हुई थी.
बीयर मार्केट की स्थिति कब तक रह सकती है?
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ऐसा देखा गया है कि बीयर मार्केट से निकलने में औसतन 13 महीने डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज कब शुरू हुआ लगते हैं. हालांकि पुरानी स्थिति में लौटने में करीब 27 महीने लग जाते हैं.
बीयर मार्केट कैसे खत्म होता है?
शेयर डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज कब शुरू हुआ बाजार जब अपने न्यूनतम स्तर से 20 फीसदी ऊपर आ जाता है और छह महीने से लगातार ठीक परफॉर्म कर रहा हो तो ऐसा कहा जा सकता है कि अब बीयर मार्केट खत्म हो चुका है.
बाजार गिरने को बीयर मार्केट ही क्यों कहते हैं
शेयर बाजार मे दो शब्द हैं, बीयर और बुल. बुल यानी बैल अपने सींगों को हवा में ऊपर उठाता है, जबकि भालू अपने पंजे को नीचे की ओर घुमाता है. बुल और बीयर की यही दो प्रवृत्ति बाजार को परिभाषित करती है. बाजार अगर तेजी से ऊपर चढ़ रहा है तो बुल मार्केट और गिर रहा है बीयर मार्केट.
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