छोटे व्यापारियों को GST में मिली यह बड़ी छूट, 1 अप्रैल से होगी लागू
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटीपरिषद ने 10 जनवरी को ये निर्णय किए थे. काउंसिल में राज्यों छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना के वित्त मंत्री शामिल हैं. वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार ये निर्णय एक अप्रैल से प्रभावी होंगे.
अमित कुमार दुबे
- नई दिल्ली,
- 07 मार्च 2019,
- (अपडेटेड 07 मार्च 2019, 9:58 PM IST)
केंद्र सरकार ने छोटे कारोबारियों के लिए GST में रजिस्ट्रेशन से छूट के लिए वार्षिक कारोबार की सीमा बढ़ाकर 40 लाख रुपये किए जाने के फैसले को अधिसूचित कर दिया. इसके तहत यह छूट एक अप्रैल से लागू होगी. इससे छोटे और मझोले उद्यमियों को लाभ होगा. इसके अलावा 1.5 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली इकाइयों को एक मुश्त कर (कंपोजीशन) की योजना भी एक अप्रैल से लागू होगी.
साथ ही सेवा प्रदाता और वस्तु एवं सेवा दोनों के आपूर्तिकर्ता जीएसटी की एक मुश्त योजना का विकल्प अपनाने के लिए पात्र हैं और 6 फीसदी की दर से अगले वित्त वर्ष की शुरुआत से कर दे सकते हैं. लेकिन इसके लिए उन्हें इनपुट कर का लाभ नहीं मिलेगा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने 10 जनवरी को ये निर्णय किए थे. काउंसिल में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं. वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार ये निर्णय एक अप्रैल से प्रभावी होंगे.
बयान में कहा गया है, 'वस्तुओं की आपूर्तिकर्ताओं के लिये GST के तहत पंजीकरण और भुगतान से छूट के लिए दो सीमा है. एक सीमा 40 लाख रुपये और दूसरी सीमा 20 लाख रुपये है. राज्यों के पास एक सीमा अपनाने का विकल्प है.' सेवा प्रदाताओं के पंजीकरण के लिए सीमा 20 लाख रुपये और विशेष श्रेणी वाले राज्यों के मामले में सीमा 10 लाख रुपये है.
साथ ही जीएसटी एक मुश्त योजना के तहत अब 1.5 करोड़ रुपये के कारोबार वाले कारोबारी आएंगे, जबकि अबतक यह सीमा 1.0 करोड़ थी. इसके तहत कारोबारियों को एक प्रतिशत कर देना होता है, यह एक अप्रैल से प्रभावी होगा.
छोटे रिटेलरों को लुभाने की तैयारी में मोदी सरकार
मोदी सरकार खुदरा व्यापारियों को बजट में बड़ा तोहफा दे सकती है। छोटे कारोबारियों के लिए 2,500 करोड़ रुपये का गारंटी फंड बनाने का ऐलान वित्त मंत्री आम बजट में कर सकते हैं, जो कि एक करोड़ रुपये तक कर्ज लेने वाले खुदरा व्यापारियों को सीधे तौर पर फायदा पहुंचाएगा। वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा मामलों के विभाग ने इस संबंध में वित्त मंत्री अरुण जेटली को प्रस्ताव भेजा है।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अमर उजाला को बताया कि विभाग ने खुदरा व्यापार करने वाले कारोबारियों के लिए 2,500 करोड़ रुपये का गारंटी फंड बनाने का प्रस्ताव दिया है। जिसके दायरे में एक करोड़ रुपये तक का रिटेल ट्रेड कर्ज लेने वाले कारोबारी आएंगे।
यह फंड कारोबारियों को बैंकों से कर्ज लेने में खास तौर से मदद करेगा। अधिकारी के अनुसार ज्यादातर खुदरा व्यापारी असंगठित क्षेत्र से होते हैं। ऐसे में उन्हें बैंक से कर्ज लेने में दिक्कत आती है। जिसे देखते हुए फंड का प्रस्ताव दिया गया है। गारंटी फंड की सुविधा होने से बैंकों के लिए ऐसे कारोबारियों को कर्ज देना कहीं आसान हो जाएगा।
छोटे कारोबारियों के चौथे सर्वेक्षण के अनुसार देश में 2.61 करोड़ कारोबारी हैं, जिसमें से 90 फीसदी से ज्यादा कारोबारी असंगठित क्षेत्र में आते हैं। जिनके लिए बैंकों से कर्ज लेना मुश्किल होने के साथ महंगा भी होता है।
हर औद्योगिक क्लस्टर में होगी शाखा
वित्तीय सेवा मामले के विभाग ने छोटे कारोबारियों के लिए बैंकिंग सेवा आसान करने के मद्देनजर शाखाओं के विस्तार की भी योजना बनाई है। जिसमें देश के सभी औद्योगिक क्लस्टर में छोटे और मझोले क्षेत्र के लिए एमएसएमई शाखा खोलने की तैयारी है। यानी, उस शाखा के जरिए कारोबारियों को कर्ज मिलने से लेकर दूसरी बैंकिंग सेवाएं प्राप्त करना आसान हो जाएगा।
मोदी सरकार खुदरा व्यापारियों को बजट में बड़ा तोहफा दे सकती है। छोटे कारोबारियों के लिए 2,500 करोड़ रुपये का गारंटी फंड बनाने का ऐलान वित्त मंत्री आम बजट में कर सकते हैं, जो कि एक करोड़ रुपये तक कर्ज लेने वाले खुदरा व्यापारियों को सीधे तौर पर फायदा पहुंचाएगा। वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा मामलों के विभाग ने इस संबंध में वित्त मंत्री अरुण जेटली को प्रस्ताव भेजा है।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अमर उजाला को बताया कि विभाग ने खुदरा व्यापार करने वाले कारोबारियों के लिए 2,500 करोड़ रुपये का गारंटी फंड बनाने का प्रस्ताव दिया है। जिसके दायरे में एक करोड़ रुपये तक का रिटेल ट्रेड कर्ज लेने वाले कारोबारी आएंगे।
यह फंड कारोबारियों को बैंकों से कर्ज लेने में खास तौर से मदद करेगा। अधिकारी के अनुसार ज्यादातर खुदरा व्यापारी असंगठित क्षेत्र से होते हैं। ऐसे में उन्हें बैंक से कर्ज लेने में दिक्कत आती है। जिसे देखते हुए फंड का प्रस्ताव दिया गया है। गारंटी फंड की सुविधा होने से बैंकों के लिए ऐसे कारोबारियों को कर्ज देना कहीं आसान हो जाएगा।
छोटे कारोबारियों के चौथे सर्वेक्षण के अनुसार देश में 2.61 करोड़ कारोबारी हैं, जिसमें से 90 फीसदी से ज्यादा कारोबारी असंगठित क्षेत्र में आते हैं। जिनके लिए बैंकों से कर्ज लेना मुश्किल होने के साथ महंगा भी होता है।
हर औद्योगिक क्लस्टर में होगी शाखा
वित्तीय सेवा मामले के विभाग ने छोटे कारोबारियों के लिए बैंकिंग सेवा आसान करने के मद्देनजर शाखाओं के विस्तार की भी योजना बनाई है। जिसमें देश के सभी औद्योगिक क्लस्टर में छोटे और मझोले क्षेत्र के लिए एमएसएमई शाखा खोलने की तैयारी है। यानी, उस शाखा के जरिए कारोबारियों को कर्ज मिलने से लेकर दूसरी बैंकिंग सेवाएं प्राप्त करना आसान हो जाएगा।
छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना
जेटली ने कहा, "वर्तमान मे करीब 33 लाख छोटे कारोबारी इसका लाभ उठाते है जो उन्हें विस्तृत लेखा खाते और ऑडिट कराने के बोझ से मुक्त रखती है। मैं इस योजना के तहत कारोबार की सीमा दो करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव करता हूँ, जो एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) श्रेणी में बड़ी संख्या में करदाताओं के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा।"
आयकर विभाग के बयान के अनुसार, इस प्रक्रिया को प्रकल्पित कराधान योजना कहते हैं, जो एमएसएमई मालिकों को सरल खाते बनाए रखने की अनुमति देता है और ऑडिट की आवश्यकता नहीं होती।
बजट पेश करने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए जेटली ने प्रकल्पित कराधान योजना के कई संदर्भों को दोहराया।
इस सरकारी बयान के अनुसार, एमएसएमई क्षेत्र विनिर्माण उत्पादन में 45 फ़ीसदी, देश के कुल निर्यात में 40 फ़ीसदी का योगदान करता है और देशभर में 29 मिलियन से अधिक इकाइयों में 69 मिलियन लोगों को रोजगार देता है।
वित्त मंत्री ने 5 करोड़ रुपये से कम कारोबार वाले प्रतिष्ठानों के लिए कॉरपोरेट टैक्स भी घटाकर 29 फीसदी (अधिभार और उपकर अतिरिक्त) कर दिया है।
मंत्री ने सभी विवादों को हल करने के लिए एक नए विवाद समाधान योजना (डीआरएस) की घोषणा भी की है।
जेटली ने कहा कि परिवर्तन के लिए आवश्यक नौ स्तंभों में से एक कर सुधार है। उन्होंने नौ कर सुधारों की घोषणा की:
a) छोटे करदाताओं के लिए राहत।
b) विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के उपाय।
c) मेक इन इंडिया में सहयोग के लिए घरेलू मूल्यों के संवर्धन को प्रोत्साहन।
d) पेंशन समाज की ओर बढ़ने के लिए उपाय।
e) सस्ते घरों को बढ़ावा देने के लिए उपाय।
f) कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और स्वच्छ पर्यावरण के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाना।
g) मुकदमेबाजी कम करना और कराधान में निश्चिंतता प्रदान करना।
h) कराधान को सरल और युक्तिसंगत बनाना; और
i) जवाबदेही तय करने के लिए प्रौद्योगिकी का प्रयोग।
मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन देने के लिए बजट में स्टार्ट अप्स के लिए कुछ निश्चित शर्तों के साथ लाभ पर 100 फ़ीसदी कटौती की पेशकश की गई है। हालाँकि न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) लागू होगा।
अपनी अघोषित आय को 45 फ़ीसदी कर भुगतान के साथ घोषित करने का एक और प्रयास अर्थव्यवस्था के लिए दिलचस्प हो सकता है।
मंत्री ने कहा “मैं घरेलू करदाताओं के लिए सीमित अवधि की अनुपालन विंडो का प्रस्ताव करता हूं ताकि वे अघोषित आय या किसी संपत्ति के रूप में प्रस्तुत आय की घोषणा करने और 30 फ़ीसदी की दर से कर, और 7.5 फ़ीसदी की दर से अधिभार और 7.5 फ़ीसदी की दर से पेनल्टी, जो अघोषित आय की कुल 45 फ़ीसदी बैठता है, का भुगतान कर अपने पहले के कर अतिक्रमण का निपटारा कर लें। आयकर अधिनियम या संपत्ति कर अधिनियम के तहत इन विवरणों में घोषित आय के संबंध में कोई छानबीन अथवा जांच नहीं होगी और घोषणाकर्ता अभियोजन से मुक्त होगा।”
जेटली ने कहा 7.5 फ़ीसदी अधिभार को कृषि कल्याण अधिभार कहा जाएगा, जिसका इस्तेमाल कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “घोषणा के दो महीने के भीतर देय राशि अदा करने के विकल्प के साथ हम 1 जून से 30 सितंबर 2016 से हम इस आय प्रकटीकरण योजना के तहत विंडो खोलना चाहते हैं।”
यह लेख मूलत: अंग्रेज़ी में 1 मार्च 2016 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है
छोटे कारोबारियों को मिली GST Council ने दी बड़ी राहत, अब इन्हें भी मिली GST से छूट
GST Council (वस्तु एवं सेवा कर परिषद) ने छोटे कारोबारियों को बड़ी दी है. जीएसटी काउंसिल ने GST से छूट की सीमा को दोगुना कर 40 लाख रुपये कर दिया है.
छोटे कारोबारियों को GST में बड़ी राहत (फोटो: Reuters)
GST Council (वस्तु एवं सेवा कर परिषद) ने छोटे कारोबारियों को बड़ी दी है. जीएसटी काउंसिल ने GST से छूट की सीमा को दोगुना कर 40 लाख रुपये कर दिया है. इसके अलावा, अब 1.5 रुपये तक का कारोबार करने वाली इकाइयां 1% की दर से GST भुगतान की कम्पोजिशन योजना का लाभ उठा सकेंगी. यह व्यवस्था 1 अप्रैल से प्रभावी होगी. पहले 1 करोड़ रुपये तक के कारोबार पर यह सुविधा प्राप्त थी.
राज्यों को होगी 20 लाख या 40 लाख रुपये की सीमा चुनने की छूट
राज्यों को 20 लाख रुपये या 40 लाख रुपये की छूट सीमा में से किसी को भी चुनने का विकल्प होगा. क्योंकि कुछ राज्य छूट सीमा बढ़ाने को राजी नहीं थे. उनका कहना था कि छूट सीमा बढ़ाने से उनके करदाताओं का आधार कम हो जाएगा. उन्हें विकल्प चुनने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद कहा कि छोटे कारोबारियों के लिए GST छूट सीमा को 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपये सालाना कर दिया गया है जबकि पूर्वोत्तर राज्यों में इसे बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है. पूर्वोत्तर राज्यों के व्यवसायियों के लिए पहले यह सीमा 10 लाख रुपये थी.
70% कारोबारियों को होगा फायदा, 5,200 करोड़ के राजस्व का हो सकता है नुकसान
उद्योग मंडल CII के अनुसार, जीएसटी काउंसिल की इस पहल से पंजीकृत 1.17 करोड़ कारोबारियों में से करीब 70 प्रतिशत का फायदा होगा. सूत्रों ने कहा कि यदि सभी राज्यों द्वारा छूट सीमा दोगुनी करने के फैसले को लागू किया जाता है तो इससे सालाना 5,200 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा.
केरल को 2 साल के लिए आपदा उपकर लगाने की अनुमति
इसके अलावा जीएसटी काउंसिल ने केरल को 2 साल के लिए राज्य में एक प्रतिशत ‘आपदा’ उपकर लगाने की अनुमति दे दी है. केरल में पिछले साल भयंकर बाढ़ से जानमाल का काफी नुकसान छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना हुआ. राज्य में पुननिर्माण एवं पुनर्वास कार्यों के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए राज्य सरकार उपकर लगाने की मांग कर रही थी.
इन्हें भी मिलेगा कम्पोजिशन योजना का लाभ
वित्त मंत्री ने कहा छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना कि कम्पोजिशन योजना के तहत छोटे व्यापारियों को अपने कारोबार के आधार पर एक प्रतिशत का कर देना होता है. एक अप्रैल से अब इस योजना का लाभ डेढ़ करोड़ रुपये तक का छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना कारोबार करने वाले उठा सकते हैं. इसके अलावा 50 लाख रुपये तक का कारोबार करने वाले सेवा प्रदाता और माल आपूर्ति दोनों काम करने वाले कारोबारी भी जीएसटी कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुन सकते हैं. उन्हें छह प्रतिशत की दर से कर देना होगा. कम्पोजिशन योजना के तहत लिये गये इन दोनों निर्णयों से राजस्व पर सालाना 3,000 करोड़ रुपये तक का प्रभाव होगा. जेटली ने बाद में ट्वीट किया कि जीएसटी काउंसिल ने अपनी 32वीं बैठक में बृहस्पतिवार को MSME क्षेत्र को बड़ी राहत दी है.
रियल एस्टेट के लिए तय होंगी GST की दरें
जेटली ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र की जीएसटी दर तय करने के मुद्दे पर एक सात सदस्यीय मंत्री समूह बनाया गया है. लॉटरी को जीएसटी के दायरे में लाने के मामले में भी अलग अलग विचार रहे इस पर भी एक मंत्री समूह विचार करेगा. जेटली ने कहा कि कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने वालों को सालाना सिर्फ एक टैक्स रिटर्न दाखिल करना होगा और हर तिमाही में एक बार टैक्स का भुगतान करना होगा. उन्होंने कहा कि जीएसटी का एक बड़ा हिस्सा संगठित क्षेत्र और बड़ी कंपनियों से आता है. इन सभी फैसलों का मकसद SME की मदद करना है. उन्हें कई विकल्प दिए गए हैं. यदि वे सेवा क्षेत्र में हैं तो 6% कर का विकल्प चुन सकते हैं. विनिर्माण और व्यापार में हैं और डेढ़ करोड़ रुपये का कारोबार है तो 1% कर देना होगा. वे 40 लाख रुपये तक की छूट सीमा का लाभ ले सकते हैं.
किन्हें मिलेगा 40 लाख रुपये की छूट की सीमा का लाभ?
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना कहा कि अभी जीएसटी छूट की सीमा 20 लाख रुपये है, लेकिन 10.93 लाख करदाता ऐसे हैं जो 20 लाख रुपये की सीमा से नीचे हैं लेकिन कर अदा कर रहे हैं. पांडेय ने स्पष्ट किया कि 40 लाख रुपये की छूट की सीमा उन इकाइयों के लिए है जो वस्तुओं का कारोबार करते हैं और राज्य के भीतर व्यापार करते है. एक राज्य से दूसरे राज्य में कारोबार करने वाली इकाइयों को यह छूट सुविधा नहीं मिलेगी. कम्पोजिशन योजना के तहत व्यापारी और विनिर्माता एक प्रतिशत की रियायती दर से कर का भुगतान कर सकते हैं. रेस्तरांओं को इसके तहत 5% जीएसटी देना होता है.
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18 लाख इकाइयों ने चुना है कम्पोजिशन योजना का विकल्प
जीएसटी के तहत पंजीकृत इकाइयों की संख्या 1.17 करोड़ से अधिक है. इनमें से 18 लाख इकाइयों ने कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुना है. नियमित करदाता को मासिक आधार पर कर देना होता है जबकि कम्पोजिशन योजना के तहत आपूर्तिकर्ता को तिमाही आधार पर कर चुकाना होता है. इसके अलावा कम्पोजिशन योजना के तहत करदाता को सामान्य करदाता की तरह विस्तृत रिकॉर्ड रखने की जरूरत नहीं होती. सेवा प्रदाताओं की कम्पोजिशन योजना के बारे में छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना सुशील मोदी ने कहा कि GST में नई कम्पोजिशन योजना में 50 लाख रुपये का कारोबार और 6% की दर होगी. छत्तीसगढ़ और कांग्रेस शासित राज्य 8% GST चाहते थे. बाहर कांग्रेस निम्न कर की बात करती है और बैठक में ऊंची कर के लिए लड़ती है.
मुद्रा बैंक योजना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छोटे कुटीर उद्योगों के लिए मुद्रा बैंक योजना (Pradhan Mantri MUDRA Bank Yojana)विवोचन किया |मुद्रा योजना छोटे व्यापार को मदद देने के लिए शुरू की गई योजना हैं | वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2015 के बजट के तहत इस मुद्रा बैंक योजना में 20 हजार करोड़ रुपये के फंड एवम 3 हजार करोड़ रूपये क्रेडिट की घोषणा की हैं | अरुण जेटली ने स्पष्ट किया कि मुद्रा योजना एक सही तरीका हैं जरूरत मंदों के लिए वित्तीय मदद का “Funding the unfunded”| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा मुद्रा योजना (Pradhan Mantri MUDRA Bank Yojana) से छोटे उद्यमियों को फायदा होगा | यह ‘माइक्रोफाइनेंस संस्थाओं (MFI/एमएफआई) छोटे उद्योगों के लिए एक नियामक के रूप में कार्य करेगा| मुद्रा बैंक योजना (Pradhan Mantri MUDRA Bank Yojana) का मुख्य उद्देश्य छोटे उद्योगों को साहुकारो की सूतखोरी से बचाना हैं |इस योजना के तहत कुटीर उद्योगपति आसानी से बैंक से लोन ले सकेंगे | मुद्रा योजना (Pradhan Mantri MUDRA Bank Yojana) के तहत उद्योग संबंधी प्रशिक्षण एवम व्यापार की छोटी छोटी बाते भी बताई जाएँगी जिससे उद्योगपति अपने व्यापार को बढ़ा सके | मुद्रा बैंक योजना (Pradhan Mantri MUDRA Bank Yojana) का अहम् कारण प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में स्पष्ट किया उन्होंने कहा बड़े उद्योग सवा करोड़ जनता को रोजगार देते हैं बल्कि छोटे लघु उद्योग बारह करोड़ जनता को रोजगार देते हैं |अगर ऐसे लघु उद्योगों को आर्थिक सहायता दी जाये तब वे उन्नति करेंगे जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे | इस दिशा में मोदी ने गुजरात का उदहारण दिया गुजरात में पतंग व्यापार को थोड़ी मदद देने से वह व्यापार पांचसों करोड़ से पैतीसो करोड़ तक पहुँच गया | मुद्रा योजना Prdhan Mantri MUDRA Bank Yojana In Hindi मुद्रा योजना (Prdhan Mantri MUDRA Bank Yojana) का अर्थ हैं माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट रिफाइनेंस एजेंसी (Micro Units Development Refinance Agency) जिसे MUDRA कहा गया छोटे अर्थ में मुद्रा मतलब धन से हैं यही इस योजना का मुख्य बिंदु हैं कुटीर उद्योगों को धन की सहायता | योजना की स्थापना Pradhan Mantri MUDRA Bank Yojana : मुद्रा बैंक योजना 8 अप्रैल 2015 को घोषित की गई हैं मुद्रा बैंक वैधानिक अधिनियम के अंतर्गत स्थापित किया गया हैं जिसमे कुटीर उद्योगों के विकास की ज़िम्मेदारी प्रधानमंत्री मुद्रा योजना बैंक की होगी | मुद्रा बैंक योजना का लक्ष्य Pradhan Mantri MUDRA Bank Yojana Motive छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना In Hindi छोटे कुटीर उद्योगों को बैंक से आर्थिक मदद आसानी से नहीं मिलती वे बैंक के नियमो को पूरा नहीं कर पाते इस कारण वे उद्योगों को बढ़ाने में असमर्थ होते है इसलिए मुद्रा बैंक योजना शुरू की जा रही हैं जिसका मुख्य लक्ष्य युवा पढ़े लिखे नौजवानों के हुनर को मजबूत धरातल देना हैं साथ ही महिलाओं को सशक्त बनाना हैं |मुद्रा बैंक योजना की पात्रता Pradhan Mantri MUDRA Bank Yojana Eligibility In Hindi : मुद्रा बैंक योजना के तहत हर वो व्यक्ति जिसके नाम कोई कुटीर उद्योग हैं या किसी के साथ पार्टनरशीप के सही दस्तावेज हो या कोई छोटी सी लघु यूनिट हो वे इस मुद्रा बैंक योजना के तहत ऋण ले सकता हैं | मुद्रा बैंक योजना के तहत लोन/ ऋण का प्रावधान Pradhan Mantri MUDRA Bank Yojana Loan Facility In Hindi मुद्रा बैंक योजना के तहत छोटे उद्योगों एवम दुकानदारो को ऋण की सुविधा तीन चरणों में दी गई हैं | शिशु ऋण योजना: कुटीर उद्योग की शुरुवात के समय मुद्रा बैंक के तहत पचास हजार के ऋण का प्रावधान हैं | किशोर ऋण योजना : इसमें ऋण की राशि पचास हजार से पांच लाख तक की जा सकती हैं | तरुण ऋण योजना : इसमें पाँच से दस लाख तक का ऋण लिया जा सकता हैं | मुद्रा बैंक योजना के लाभ Benefits Of Pradhan Mantri MUDRA Bank Yojana इस योजना के कारण छोटे व्यापारियों का हौसला बढेगा जिससे देश का आर्थिक विकास होगा | इस योजना के कारण पढ़े लिखे नौ जवानो को रोजगार मिलेगा और उनका हुनर भी निखर कर सामने आएगा | बड़े उद्योग केवल सवा करोड़ लोगो को रोजगार देते हैं लेकिन कुटीर उद्योग 12 करोड़ लोगो को | ऐसे उद्योगों को बढ़ावा देने से देश का पैसा देश में ही रहेगा और आर्थिक विकास होगा | नयी नयी गतिविधियों का संचार होगा | छोटे व्यापारियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा जिससे प्रतियोगिता की भावना उत्पन्न होगी जो कि उनकी उन्नति में सहायक होगा | देश का विकास अमीरों के विकास से नहीं अपितु गरीबो के विकास से होता हैं अत : इस दिशा में मुद्रा बैंक योजना एक अहम् फैसला हैं | मुद्रा बैंक योजना की सोच बांग्लादेश देश के प्रोफ़ेसर युनूस की हैं जिसे उन्होंने वर्ष 2006 में लागु किया था जिससे कुटीर उद्योग का विकास हुआ जिसके बाद अन्तराष्ट्रीय स्तर पर युनूस सहाब की प्रशंसा की गई | अब वर्ष 2015 में मुद्रा बैंक योजना देश में लागु की गई हैं भारी त्रासदी के बाद देश को स्थिर करने के लिए कई योजनाये लागु की गई हैं जिनमे अहम् हैं : क्रमांक योजना का नाम 1 प्रधानमंत्री मुद्रा (माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट रिफाइनेंस एजेंसी)बैंक योजना 2 राष्ट्रीय निवेश और इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड 3 स्व-रोजगार और प्रतिभा उपयोगिता 4 वन बंधू कल्याण योजना 5 प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना 6 प्रवासी कौशल विकास योजना 7 परम्परागत कृषि विकास योजना 8 राष्ट्रीय स्वास्थ बीमा योजना 9 कोशन विकास योजना 10 अटल योजना 11 प्रधानमंत्री जन धन योजना 12 सुकन्या समृधि योजना 13 बेटी बचाओ, बेटी पढाओ 14 नयी मंजिल योजना इस तरह की कई योजनाये देश के विकास के लिए चलाई जा रही हैं | इनके बारे में जानकारी ले कर इनका हिस्सा बने | Pradhan Mantri MUDRA Bank Yojana In Hindi योजना के मुख्य उद्देश्य को समझे एवम लाभ ले |
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