सिर्फ Twitter नहीं, पूरा Internet टूट गया है, बेहतर होगा इसे जल्द ठीक कर लें
(मार्कस लुकजेक-रोएश, सूचना प्रणाली में एसोसिएट प्रोफेसर, ते हेरेंगा वाका- विक्टोरिया यूनीवर्सिटी वेलिंगटन) वेलिंगटन, 6 दिसंबर (द कन्वरसेशन)। अगर एलन मस्क के ट्विटर के अधिग्रहण के बारे में बहस हमें कुछ भी बताती है, तो वह यह है कि लोग - सरकारों में शामिल लोगों सहित - यह नहीं समझते कि वर्ल्ड वाइड वेब कैसे काम करता है। हम जानते हैं कि सामग्री के बारे में राय देने के लिए ट्विटर जिस एल्गोरिदम का इस्तेमाल करता है, वह लोगों को अधिक चरम विचार विकसित करने के लिए मार्गदर्शन कर सकती हैं, लेकिन मस्क के अधिग्रहण के बाद से चरम के मायने बदल गए हैं।
ऐसी बहुत सी बातें जिन्हें वह बोलने की आज़ादी मानता है, उन्हें पहले अपमानजनक, महिलाओं के प्रति द्वेषपूर्ण, हिंसक या कई अन्य तरीकों से हानिकारक माना जाता था। क्राइस्टचर्च कॉल के सह-प्रारंभकर्ता के रूप में एओटियरोआ न्यूजीलैंड सहित कई देश अपने एल्गोरिदम के विश्लेषण और व्यक्तियों और उपलब्ध प्लेटफार्मों का विश्लेषण सामाजिक ताने-बाने पर उनके प्रभावों के बारे में अधिक पारदर्शिता की अनुमति देने के लिए ट्विटर और अन्य प्लेटफ़ॉर्म प्रदाताओं की ओर देख रहे हैं। लेकिन क्राइस्टचर्च कॉल जिस बात को संबोधित नहीं करता है वह एक बहुत अधिक मौलिक प्रश्न है जिस पर सरकारों को तत्काल विचार करना चाहिए।
क्या यह उचित है कि लोगों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी रखने वाला बुनियादी ढांचा बहुराष्ट्रीय डेटा एकाधिकार के निजी और लाभोन्मुखी हाथों में है? निजी स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अब लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण मानी जाने वाली सार्वजनिक बहसों में एक महत्वपूर्ण हिस्सा रखते हैं। वे आधुनिक सार्वजनिक क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण बन गए हैं, और इसलिए उन्हें सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाना चाहिए। लेकिन उन्हें लोगों का डेटा इकट्ठा करने और उससे कमाई करने के लिए बनाया गया है। ऐसे में सरकारों को चाहिए कि वे अपने नागरिकों को उस डेटा का नियंत्रण वापस लेने में मदद करें।
वेब टूट गया है
वर्ल्ड वाइड वेब की शुरुआत खुले तकनीकी मानकों के एक सेट के साथ एक वैश्विक नेटवर्क के रूप में हुई थी, जिससे किसी दूरस्थ कंप्यूटर (जिसे क्लाइंट के रूप में भी जाना जाता है) से किसी को किसी और के नियंत्रण में कंप्यूटर पर जानकारी तक पहुंच प्रदान करना आसान हो जाता है (जिसे सर्वर के रूप में भी जाना जाता है)। वेब मानकों में एंबेडेड एक सिद्धांत है जिसे हाइपरटेक्स्ट कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि पाठक हाइपरलिंक्स का पालन करना चुन सकता है, सूचना के वैश्विक नेटवर्क को स्व-निर्देशित फैशन में ब्राउज़ कर सकता है। 1980 और 1990 के दशक के अंत में, लोगों ने अपनी स्वयं की वेबसाइटें बनाईं, मैन्युअल रूप से एचटीएमएल पेजों को संलेखित किया और अन्य लोगों द्वारा प्रकाशित सामग्री से लिंक किया। यह सामग्री प्रबंधन प्रणालियों और - शायद अधिक महत्वपूर्ण रूप से - ब्लॉग सॉफ़्टवेयर द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था।
ब्लॉग्स ने जनता के लिए सामग्री प्रकाशन को खोल दिया, लेकिन यह केवल तब था जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म उभरे - जिसे आमतौर पर वेब 2.0 के रूप में भी जाना जाता है - जिससे इंटरनेट तक पहुंच रखने वाला हर व्यक्ति सामग्री का निर्माता बन सकता है। और 15 साल से भी पहले यही वह समय था जब वेब टूटा था। यह तब से टूटा हुआ है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म न केवल सामग्री को बनाने वालों के नियंत्रण से परे रखते हैं, बल्कि वे एक पूरी पीढ़ी और वास्तविक वेब के बीच एक अटूट इंटरफ़ेस के रूप में भी होते हैं।
जेन जैड ने कभी भी उन तकनीकों की विकेंद्रीकृत प्रकृति का अनुभव नहीं किया है जो उन ऐप्स को बनाती हैं जिनका वे उपयोग करते हैं। इसके बजाय प्रत्येक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पूरे वर्ल्ड वाइड वेब को एक बड़े सर्वर पर सिर्फ एक एप्लिकेशन बनाने की कोशिश करता है। यह सिद्धांत फेसबुक, ट्विटर, टिकटॉक और अन्य सभी सोशल मीडिया अनुप्रयोगों के लिए सही है। परिणाम यह है कि प्लेटफ़ॉर्म उपयोगकर्ताओं को प्रोफाइल करने के लिए इंटरैक्शन एकत्र करते हैं और उन्हें ‘‘अनुशंसाकर्ता’’ एल्गोरिदम के माध्यम से सामग्री के लिए मार्गदर्शन करते हैं। इसका अर्थ है कि लोगों को उन उत्पादों के लिए निर्देशित किया जा सकता है जिन्हें वे खरीद सकते हैं, या उनका डेटा और व्यवहारिक अंतर्दृष्टि अन्य व्यवसायों को बेची जा सकती है।
इंटरनेट को कैसे ठीक उपलब्ध प्लेटफार्मों का विश्लेषण करें
मस्क के ट्विटर अधिग्रहण से व्यवधान के जवाब में हमने सरकारों और संस्थानों को विकेंद्रीकृत माइक्रोब्लॉगिंग सिस्टम मास्टोडन में शामिल होने के लिए अपने स्वयं के सर्वर स्थापित करते देखा है। ये संस्थान अब अपने द्वारा होस्ट किए जाने वाले उपयोगकर्ताओं की पहचान को मान्य कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनकी सामग्री उनकी अपनी शर्तों और संभावित कानूनी आवश्यकताओं के भीतर हो। हालाँकि, टूटे हुए वेब को ठीक करने के लिए माइक्रोपोस्ट का नियंत्रण वापस लेना पर्याप्त नहीं है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने अतीत में भुगतान और बैंकिंग जैसे अधिक मौलिक कार्यों में प्रवेश करने के प्रयास किए हैं। और लोगों को मनमाने ढंग से प्लेटफॉर्म से बाहर कर दिया गया है, दोबारा पहुंच हासिल करने के कानूनी तरीके के बिना।
अपने आप में व्यापक विनियमन पर विचार करने से दीर्घकालिक और वैश्विक स्तर पर समस्या का समाधान नहीं होगा। इसके बजाय, सरकारों को यह आकलन करने की आवश्यकता होगी कि वर्तमान में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर होस्ट की जाने वाली कौन सी डिजिटल सेवाएं और डेटा आधुनिक लोकतांत्रिक समाजों के महत्वपूर्ण अंग हैं। फिर, उन्हें राष्ट्रीय डेटा अवसंरचना का निर्माण करना होगा जो नागरिकों को उनकी सरकार द्वारा संरक्षित उनके डेटा के नियंत्रण में रखने की अनुमति देता है। हम उन डेटा इन्फ्रास्ट्रक्चर के आसपास डिजिटल सेवाओं के एक नए पारिस्थितिकी तंत्र के विकसित होने की उम्मीद कर सकते हैं।
एक ऐसा तंत्र जो व्यक्तियों को नियंत्रण के अधिकार से वंचित नहीं करता है या उन्हें निगरानी पूंजीवाद का उत्पाद नहीं बनाता है। एल्गोरिथम पारदर्शिता और विश्वसनीय डिजिटल लेनदेन सुनिश्चित करने के लिए सरकारों को अब नियामक निरीक्षण के साथ तकनीकी बैकएंड का निर्माण करना होगा। हमें डेटा-यूटिलिटी कंपनियों द्वारा चलाए जाने वाले समृद्ध डेटा इन्फ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता है। प्रौद्योगिकियां और विशेषज्ञता आसानी से उपलब्ध हैं, लेकिन हमें इस बारे में अधिक जागरूकता की आवश्यकता है कि वास्तविक तकनीकी विकेंद्रीकरण का क्या अर्थ है, और यह लंबे समय में नागरिकों और लोकतंत्र की रक्षा कैसे करेगा।
प्रायोगिक संयंत्र
हाल के वर्षों में, प्रक्रिया संयंत्रों के कार्यनिष्पादन की अपेक्षाओं को पूरा करना अधिक कठिन हो गया है। मजबूत प्रतिस्पर्धा, पर्यावरण और सुरक्षा संबधी कठोर विनियमों तथा अर्थव्यवस्था का वैश्वीकरण उत्पाद की गुणवत्ता की विशेषताओं को सख्त बनाने के प्रमुख कारण हैं। इससे न केवल प्रक्रिया में सुधार हुआ है बल्कि प्रक्रिया स्वचालन के लिए परिमापन, यंत्रीकरण तथा उन्नत नियंत्रण के कार्यान्वयन की नई पद्धतियो का भी विकास हुआ है। प्रक्रिया नियंत्रण का प्रदर्शन करने के लिए आरम्भिक शिक्षण उपस्कर कई स्रोतों से व्यापक रूप में उपलब्ध हैं।
प्रक्रिया नियंत्रण सिमुलेटर, जिसमें संयंत्र को कम्प्यूटर द्वारा दिखाया जाता है, भी व्यापक रूप में उपलब्ध हैं। लेकिन ये उपस्कर प्रशिक्षार्थियों को वास्तविक प्रक्रिया संयंत्र में अपेक्षित जटिलताओं के साथ कार्य के माध्यम से अनुभव नहीं प्रदान करेंगे। इसके साथ ही, वास्तविक संयत्र में उन्नत प्रक्रिया नियंत्रण तकनीकों का अध्ययन एवं विश्लेषण करना भी किफायती नहीं है, जिसके कारण अवांछित खतरे तथा उत्पादन में हानि हो सकती है। इसलिए, विभिन्न प्रक्रिया नियंत्रण उपकरणों तथा प्रक्रिया स्वचालन के लिए आवश्यक उन्नत नियंत्रण प्रणाली का अध्ययन, विश्लेषण, दोष-निवारण तथा प्रयोगात्मक कार्य करने के लिए वास्तविक आकार के उपकरणों का प्रयोग करके विकास करना अनिवार्य है। आधुनिक प्रक्रिया नियत्रण एल्गोरिथ्मों, जैसे कि अनुकूलनीय नियंत्रण तथा पूर्वानुमानित नियंत्रण की पहलुओं की प्रभावशीलता का बेहतर अध्ययन एक ऐसे प्रशिक्षण संयंत्र में किया जा सकता है जहाँ प्रयोगशाला आकार के उपस्कर के बदले वास्तविक आकार के उपकरण होंगे। इसके परिणामस्वरूप, एक प्रक्रिया स्वचालन प्रशिक्षण संयंत्र का डिजाइन एवं विकास हुआ है।
यह संयंत्र औद्योगिक प्रक्रिया स्वचालन की वास्तविक जीवन की समस्याओं में इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने की एक आदर्श व्यवस्था है। संयंत्र में मूलभूत नियंत्रण लूप जैसे कि स्तर, दबाव, तापमान, प्रवाह, तथा तापमान एवं स्तर, दबाव एवं स्तर के परस्पर सक्रिय नियंत्रण लूप हैं। इसमें प्रक्रिया संयंत्र में वास्तविक आकार के ही उपस्कर होते हैं जैसे कि ओपन टैंक, दबाव टैंक, हीट एक्चेंजर, विभिन्न प्रकार के स्तर ट्रांसमीटर, नियंत्रण वाल्व, ओरिफिस प्लेट, सेंट्रिफ्यूगल पम्प, उपलब्ध प्लेटफार्मों का विश्लेषण सोलोनॉएड वाल्व तथा तेल मुक्त कम्प्रेशर।
संयंत्र की मानीटरिंग एवं नियंत्रण का चयन संबद्ध हार्डवेयर युक्त औद्योगिक पीसी के माध्यम से या एक पीएलसी के माध्यम से किया जा सकता है। अतः इसे पीसी/पीएलसी आधारित प्रक्रिया प्रचालन एवं नियंत्रण में शिक्षण के लिए तथा प्रक्रिया स्वचालन के लिए आवश्यक विभिन्न उन्नत नियंत्रण कार्यनीतियों का परीक्षण करने के लिए विशेष रूप में तैयार किया जा सकता है।
वैश्विक उद्योग जगत के लिए बेहतरीन मंच होगा यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट: CM योगी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ स्टार्टिंग बिजनेस के शानदार माहौल से प्रभावित ऑस्ट्रेलियाई निवेशकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिष्टाचार भेंट की। भेंट के दौरान औद्योगिक दल ने उत्तर प्रदेश में विविध सेक्टरों में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की, साथ ही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में सहभागिता के लिए उत्साह भी जताया। आगमन पर प्रतिनिधिमंडल का अभिनन्दन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अत्यंत सुखद है कि आज जबकि उत्तर प्रदेश का एक प्रतिनिधिमंडल जर्मनी में औद्योगिक जगत के प्रतिनिधियों, निवेशकों के साथ उत्तर प्रदेश में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा कर रहा है, वहीं ऑस्ट्रेलिया के डिप्टी हाई कमिश्नर सारा स्टोरे के नेतृत्व में एक औद्योगिक निवेशकों का समूह उत्तर प्रदेश के औद्योगिक माहौल का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने प्रदेश की राजधानी में है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार 10 से 12 फरवरी, 2023 तक लखनऊ में एक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन कर रही है। राज्य में प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी के लक्ष्य के साथ हमारा प्रयास है कि राज्य में उपलब्ध असीम व्यावसायिक अवसरों से देश और दुनिया लाभान्वित हो सके। यह इन्वेस्टर्स समिट वैश्विक औद्योगिक जगत को आर्थिक विकास में सहयोग करने के लिए एक इंटिग्रेटेड मंच प्रदान करने में उपयोगी सिद्ध होगा। ऑस्ट्रेलिया के उद्यमियों/निवेशकों का सहयोग इस समिट को नई ऊंचाई तक ले जाने में उपयोगी होगा। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लगभग 250 मिलियन करोड़ आबादी वाला उत्तर प्रदेश भारत में सबसे बड़ी आबादी का प्रदेश है। यह भारत का हृदय स्थल है। यहां की उर्वर भूमि इस प्रदेश की समृद्धि का मूलाधार है। हम भारत में खाद्यान्न उत्पादन में प्रथम स्थान पर हैं। शुगर और एथेनाल का उत्पादन सर्वाधिक यहीं होता है। विभिन्न सब्जियों और फलों के उत्पादन में हम नम्बर देश में प्रथम स्थान पर हैं। प्रकृति और परमात्मा की असीम कृपा वाला उत्तर प्रदेश आज भारत की अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन के रूप में नई पहचान बना रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश आकार में भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। हमारे राज्य में 25 करोड़ नागरिक निवास करते हैं, जो इसे भारत का सबसे बड़ा श्रम एवं उपभोक्ता बाजार बनाते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार वायु, जल, सड़क एवं रेल नेटवर्क के माध्यम से निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए त्वरित गति से बुनियादी ढांचे का विकास कर रही है, जिससे उद्योगों को वैश्विक एवं घरेलू बाजार तक पहुंच बनाने में लॉजिस्टिक्स की सुलभता में वृद्धि होगी। प्रदेश में उपलब्ध शानदार कनेक्टिविटी से अवगत कराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 07 क्रियाशील व 06 निर्माणाधीन एक्सप्रेसवेज़ के साथ उत्तर प्रदेश 'एक्सप्रेसवे राज्य के रूप विश्वस्तरीय रोड कनेक्टिविटी की उपलब्धता है। यह एक्सप्रेस-वे पूरे राज्य में मैन्युफैक्चरिंग केंद्रों को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं। उत्तर प्रदेश 05 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों उपलब्ध प्लेटफार्मों का विश्लेषण वाला देश का एकमात्र राज्य बनने जा रहा है। यहां देश का पहला अंतर्देशीय जलमार्ग (इनलैंड वॉटर-वे), विकसित किया जा रहा है। सबसे बड़ा रेल नेटवर्क उत्तर प्रदेश मे है।
वैश्विक उद्योग जगत के लिए उपलब्ध प्लेटफार्मों का विश्लेषण बेहतरीन मंच होगा यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट : मुख्यमंत्री
यूपी जीआईएस में सहभागिता को उत्सुक है ऑस्ट्रेलिया, निवेशकों के प्रतिनिधिमंडल ने की मुख्यमंत्री से भेंट
by WEB DESK
योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश में निवेश का माहौल बना है। राज्य सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि दुनियाभर के निवेशक प्रदेश में उद्यम स्थापित करना चाह रहे हैं। इसी कड़ी में ऑस्ट्रेलियाई निवेशकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर शिष्टाचार भेंट की। भेंट के दौरान औद्योगिक दल ने उत्तर प्रदेश में विविध सेक्टरों में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की, साथ ही यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 (जीआईएस-2023) में सहभागिता के लिए सकारात्मक रुख दिखाया।
उत्तर प्रदेश आगमन पर प्रतिनिधिमंडल का अभिनन्दन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अत्यंत सुखद है कि आज जबकि उत्तर प्रदेश का एक प्रतिनिधिमंडल जर्मनी में औद्योगिक जगत के प्रतिनिधियों, निवेशकों के साथ प्रदेश में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा कर रहा है, वहीं ऑस्ट्रेलिया के डिप्टी हाई कमिश्नर सारा स्टोरे के नेतृत्व में एक औद्योगिक निवेशकों का समूह उत्तर प्रदेश के औद्योगिक माहौल का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने के लिए राजधानी में है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार 10 से 12 फरवरी तक लखनऊ में एक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन कर रही है। राज्य में प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी के लक्ष्य के साथ हमारा प्रयास है कि राज्य में उपलब्ध असीम व्यावसायिक अवसरों से देश और दुनिया लाभान्वित हो सके। यह इन्वेस्टर समिट वैश्विक औद्योगिक जगत को आर्थिक विकास में सहयोग करने के लिए एक इंटिग्रेटेड मंच प्रदान करने में उपयोगी सिद्ध होगा। ऑस्ट्रेलिया के उद्यमियों का सहयोग इस समिट को नई ऊंचाई तक ले जाने में उपयोगी होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 25 करोड़ नागरिक निवास करते हैं, जो इसे भारत का सबसे बड़ा श्रम एवं उपभोक्ता बाजार बनाते हैं। उप्र सरकार वायु, जल, सड़क एवं रेल नेटवर्क के माध्यम से निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए त्वरित गति से बुनियादी ढांचे का विकास कर रही है। इससे उद्योगों को वैश्विक एवं घरेलू बाजार तक पहुंच बनाने में लॉजिस्टिक्स की सुलभता में वृद्धि होगी। उत्तर प्रदेश में सात क्रियाशील और छह निर्माणाधीन एक्सप्रेस-वे की उपलब्धता है। उत्तर प्रदेश पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला देश का एकमात्र राज्य बनने जा रहा है। यहां देश का पहला अंतर्देशीय जलमार्ग (इनलैंड वॉटर-वे) विकसित किया जा रहा है। सबसे बड़ा रेल नेटवर्क उत्तर प्रदेश में है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि के बाद एमएसएमई क्षेत्र यहां रोजगार का सबसे बड़ा क्षेत्र है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से हमने प्रदेश के परंपरागत उद्यम की मैपिंग की। उस अनुसार कार्यक्रम बनाये तो आज 90 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयां कार्यरत हैं। यह इकाइयां करोड़ों युवाओं के सेवायोजन का माध्यम बनी हैं। ओडीओपी योजना हमें अपने निर्यात को बढ़ाने में बड़ा सहायक सिद्ध हो रही है। सरकार राज्य में अनेक औद्योगिक परियोजनाओं पर काम कर रही है। आईटी, आईटीईएस, डेटा सेंटर, ईएसडीएम, डिफेंस एवं एयरोस्पेस, इलेक्ट्रिक वाहन, वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स, पर्यटन, टेक्सटाइल, एमएसएमई, आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए लगभग 25 नीतियों को तैयार करके नीति संचालित शासन के माध्यम से औद्योगिक विकास के अनुकूल इको सिस्टम बनाने की दिशा में अनेक सुधारात्मक कदम उठाए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में अनेक औद्योगिक परियोजनाओं पर काम कर रही है। भारत को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य के साथ स्थापित हो रहे दो डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर में से एक का विकास उतर प्रदेश में विकसित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश में 6- नोड्स, आगरा, अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, झासी एवं चित्रकूट चिह्नित हैं। इसके अलावा, यहां सर्विस और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में भी निवेश की असीम संभावनाएं हैं।
ऑस्ट्रेलियाई दल की विविध जिज्ञासाओं का समुचित समाधान करते हुए मुख्यमंत्री ने सभी को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने निवेशकों के व्यावसायिक हितों का संरक्षण करती रही है। हमारी नीतियां वैश्विक जगत के लिए उत्साहवर्धक होंगी। बैठक में ऑस्ट्रेलियाई निवेशक समूह ने उत्तर प्रदेश की अनेक सेक्टोरल पॉलिसी पर चर्चा की, साथ ही जीआईएस 2023 में सहभागिता करने के लिए अपना उत्साह भी जताया। उल्लेखनीय है कि उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के नेतृत्व में एक टीम निवेशकों से संवाद कायम करने के लिए जर्मनी पहुंची है।
Healium मूल्य ( HLM )
लाइव Healium की कीमत आज $0.103534 USD है, और 24 घंटे के ट्रेडिंग वॉल्यूम $2,000.47 USD हम रियल टाइम में हमारे HLM से USD के भाव को अपडेट करते हैं। Healium पिछले 24 घंटों में 28.70% नीचे है। वर्तमान CoinMarketCap रैंकिंग #5206, जिसका लाइव मार्केट कैप मौजूद नहीं है। है। परिसंचारी आपूर्ति उपलब्ध नहीं है और अधिकतम 1,000,000,000 HLM सिक्कों की आपूर्ति।
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