Budget 2022 on Cryptocurrency and NFT in Hindi
डिजिटल मुद्रा एक अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली की ओर ले जाएगी। अधिग्रहण की लागत को छोड़कर ऐसी आय की गणना करते समय किसी भी व्यय या भत्ते के संबंध में कोई कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा, डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली हानि को किसी अन्य आय के विरुद्ध समायोजित नहीं किया जा सकता है। 2022-23 से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाने वाले ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का उपयोग करके एक डिजिटल रुपया पेश किया जाएगा। RBI द्वारा डिजिटल मुद्रा बिटकॉइन और अन्य लोकप्रिय क्रिप्टोकरंसी के पीछे की तकनीक ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होगी।
Budget 2022 on Cryptocurrency and NFT in Hindi
भारत सरकार का व्यू जाने क्रिप्टो पर (भारत में क्रिप्टो टैक्स: वह सब कुछ जो आपको जानना आवश्यक है)
भारत ने 2022-2023 के केंद्रीय बजट में क्रिप्टो पर बहुत स्पष्टता देते हुए कहा है, क्रिप्टो से होने वाली कमाई या रिटर्न्स से आय पर अब टेक्स की शुरुआत होगी। टैक्स पर नियामक मार्गदर्शन से भारत मे बिलियन्स का निवेश इस बड़ते मार्केट
को मुख्यधारा में लाएगा साथ ही यह उपभोक्ताओं और सरकारी खजाने के हितों की रक्षा करते हुए व्यवसाय के अनुकूल दृष्टिकोण अपनाने की सरकार की मंशा को भी दर्शाता है।
केंद्र का संज्ञान जानें वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर।
सरकार ने सीधे शब्दों में क्रिप्टो लाभ पर 30% कर लगाने का एकतरफा निर्णय ले लिया।
क्रिप्टो निवेश से प्राप्त लाभ, चाहे वह छोटा हो या दीर्घकालिक, पर 30% कर लगाया जाएगा। इसमें क्रिप्टो और टोकन (एनएफटी) से होने वाला लाभ भी क्या आपको क्रिप्टो रखने के लिए टैक्स देना होगा शामिल है।
उदाहरण के लिए, क्रिप्टो लेनदेन (बैंक को हस्तांतरित राशि) से ₹1,000 का लाभ एक फ्लैट 30% पर लगाया जाएगा, चाहे आयकर स्लैब कुछ भी हो। अगर आपने 1000 हजार रुपये का क्रिप्टो खरीदा और इसे भाव बढ़ने पर 1500 में बेच दिया तो 500rs आपका लाभ है, और इसी 500 के लाभ पर 30% का टैक्स यानी 150 रुपये सरकार टैक्स लेगी।
हालांकि सरकार ने कुछ शर्तें भी इस षुरूआती कदम में लगा दी हैं।
सरकार की क्रिप्टो पर शर्तें
1:- यूज़र्स क्रिप्टो निवेश से होने वाले किसी भी नुकसान को बाद के वर्षों में मुनाफे के खिलाफ सेट नहीं कर सकता है। अधिग्रहण की लागत को छोड़कर किसी भी कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी। उदाहरण के तौर पर;
यदि आपने 2020 में किसी क्रिप्टो में 1 लाख रुपये निवेश किये और आगे चलकर आपको 50 हजार का नुकसान हुआ, अब आपने अगले वर्ष 1लाख फिर किसी अच्छे करेंसी में लगाये जहां आपको 60 हजार का प्रॉफिट हुआ। तो ऐसी कंडीसन में आपके मुताबिक पिछला 50 हजार के लॉस को इस 60हजार के प्रॉफिट में एडजस्ट किया जाना चाहिए और बाकी के बचे हुए 10 हजार पर ही 30% टैक्स लगना चाहिए पर ऐसा नही होगा। आपको पूरे 60 हजार पर ही टैक्स देना होगा। आप अपने लॉस को अपने प्रॉफिट के साथ सेट नही कर सकते।
2: क्रिप्टो पर कुल कर = (डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से लाभ – अधिग्रहण की लागत)*30%
3: और, क्रिप्टो लेनदेन के लिए किए गए सभी भुगतानों के लिए क्रिप्टो एक्सचेंज स्रोत (टीडीएस) पर 1% कर कटौती करने के लिए उत्तरदायी होंगे।
अगर आप क्रिप्टो को उपहारों में देना चाहते हैं तो इस पर भी कर या टेक्स लगेगा।
क्रिप्टो के रूप में प्राप्त उपहारों पर प्राप्तकर्ता के हाथों 30% कर लगाया जाएगा। ध्यान रहे, यह गिफ्ट लेने वाले व्यक्ति पर ही लगाया जाएगा।
उदाहरण के तौर पर, यदि आपको गिफ्ट या उपहार के रूप में 1 लाख का BTC या कोई भी करेंसी या क्रिप्टो उपहार में मिलता है तो अपको 30% काट कर मात्र 70 हजार रुपये आपके क्या आपको क्रिप्टो रखने के लिए टैक्स देना होगा वॉलेट में मिलेंगे।
भारत का पहला रेस्टोरेंट जहां आपको मिलेगी 'डिजिटल थाली', क्रिप्टोकरेंसी के जरिए पेमेंट पर मिलती है विशेष छूट
दिल्ली के कनॉट प्लेस का अर्देर 2.क्या आपको क्रिप्टो रखने के लिए टैक्स देना होगा 1 (Ardor 2.1) रेस्टोरेंट देश का पहला ऐसा रेस्टोरेंट बन गया है, जहां क्रिप्टोकरेंसी देकर खाना मिलता है. इसे रेस्टोरेंट ने 'डिजिटल थाली' नाम दिया है. यहां पर क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर डिशेज का नाम रखा गया है. एक नॉन वेजिटेरियन डिजिटल थाली की कीमत 2,099 रुपये प्लस टैक्स है, जबकि वेजिटेरियन थाली के लिए आपको 1,999 रुपये प्लस टैक्स देना होगा.
Digital Thaali
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 07 दिसंबर 2021,
- (Updated 07 दिसंबर 2021, 1:04 PM IST)
क्रिप्टोकरेंसी से दिया गया है डिशेज़ को नाम
क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट करने पर मिलेगी 20% की छूट
बिटक्वाइन और क्रिप्टोकरेंसी क्या आपको क्रिप्टो रखने के लिए टैक्स देना होगा गूगल पर सबसे अधिक सर्च किए जाने वाले टर्म हैं. जहां अब हर चीज डिजिटलाइज़ हो रही है वहां भला रेस्टोरेंट्स क्यों पीछे रहें. इसी विचार पर आगे बढ़ते हुए दिल्ली के कनॉट प्लेस का अर्देर 2.1 (Ardor 2.1) रेस्टोरेंट देश का पहला ऐसा रेस्टोरेंट बन गया है, जहां क्रिप्टोकरेंसी देकर खाना मिलता है. इसे रेस्टोरेंट ने 'डिजिटल थाली' नाम दिया है.
बेहद लुभावने हैं थालियों के नाम
कोरोना महामारी के दौरान जहां हर उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, वहीं कई छोटे व्यवसाय जैसे रेस्तरां और कैफे भी बुरी तरह प्रभावित हुए. इसकी भरपाई करने के इरादे से रेस्टोरेंट का बिल चुकाने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करना सबसे लेटेस्ट विचार है. नई दिल्ली के कनॉट प्लेस में एक रेस्तरां ने बिटकॉइन, एथेरियम, डॉगकॉइन और अन्य जैसी क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान स्वीकार करने का फैसला किया है. अर्देर रेस्टोरेंट अपनी थालियों को इसी तरह के लुभावने नाम देने के लिए फेमस है. यहां पर आपको 'बाहुबली थाली', 'यूनाइटेड इंडिया थाली' और '56 इंच की थाली' भी देखने को मिलेगी.
क्रिप्टोकरेंसी से दिया गया है डिशेज़ को नाम
अर्दोर 2.1 द्वारा पेश की जाने वाली डिजिटल थाली (शाकाहारी और मांसाहारी दोनों के लिए उपलब्ध) में ऐसे व्यंजन हैं जिन्हें अपना नाम क्रिप्टोकरेंसी से मिला हुआ है. उदाहरण के लिए इसमें आपको पॉलीगॉन पिटा और फलाफेल, चिली फ्राइज़ के साथ बनी बर्गर, सोलाना चना भटूरा, कुलचा के साथ एथेरियम बटर चिकन, डोगे फ्राइड राइस और बिटकॉइन टिक्का खाने को मिलेगा.
एथेरियम संगत ब्लॉकचेन नेटवर्क के निर्माण और कनेक्ट करने के लिए पॉलीगॉन एक प्रोटोकॉल और फ्रेमवर्क है, जबकि Bunny एथेरियम ब्लॉकचैन पर आधारित एक भुगतान समाधान मंच है. सोलाना एक सार्वजनिक ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म है, जिसे लंबे समय से एथेरियम का प्रतिद्वंद्वी माना जाता है.
यूपी के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर एक मई से लगेगा टोल टैक्स
शेयर बाजार 30 अप्रैल 2022 ,20:45
यूपी के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर एक मई से लगेगा टोल टैक्स
लखनऊ, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। यूपी के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर रविवार से टोल टैक्स देना पड़ेगा। राजधानी लखनऊ से गाजीपुर को जोड़ने वाले 340 किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर वाहन चालकों से पहली मई से टोल टैक्स वसूला जाएगा। यूपीडा ने सभी तरह के वाहनों के लिए एक्सप्रेस-वे पर टोल टैक्स की दरें जारी कर दी हैं। एक्सप्रेस-वे पर कार, जीप, बैन या हल्के मोटर वाहनों के लिए 675 रुपये, हल्के व्यवसायिक वाहन,हल्के माल वाहन या मिनी बसों के लिए 1065 रुपये, बस या ट्रक के लिए 2145 रुपये और भारी निर्माण कार्य मशीन और इस तरह की वाहनों के लिए 3285 रुपये और विशाल आकार वाहनों के लिए 4185 रुपये का टोल देना होगा। यह टोल की दरें लखनऊ से गाजीपुर तक के लिए होंगी।
यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि राज्य सरकार को टोल वसूली से राजस्व मिलने के साथ-साथ वाहनों और यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी। इसके अलावा आवश्यकता पड़ने पर उन्हें त्वरित चिकित्सा सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी। एक्सप्रेस-वे पर 6एंबुलेंस और 12 पेट्रोलिंग वाहन चलाए जाएंगे। यूपीडा सीईओ ने बताया कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की तरह ही पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर भी टोल टैक्स में 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
यूपीडा ने टोल वसूली के कुल 13 प्वाइंट बनाए हैं। इनमें जिले के हैदरिया और लखनऊ के गोसाईगंज के महोराकलां में दो बड़े टोल लगाए गए हैं। इसके अलावा बीच के एंट्री प्वाइंट पर 11 छोटे टोल हैं। एक्सप्रेस-वे पर बीच में कहीं से भी सफर शुरू करने वाले को भी टोल देना होगा।
रेस्टोरेंट, पेट्रोल पंप जैसी दूसरी सुविधाओं के लिए अभी करना होगा इंतजार पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की तरह रेस्टोरेंट,पेट्रोल पंप और दूसरी सुविधाओं के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना होगा।
एक्सप्रेस-वे पर अभी इनका निर्माण कार्य चल रहा है। इन सुविधाओं को शुरू होने में अभी कुछ और महीनों का समय लगेगा।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के नौ जिलों से होकर गुजरता है। बाद में इसका विस्तार बलिया तक कर दिया जाएगा। 340 किलोमीटर लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे प्रदेश की राजधानी लखनऊ से बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ व गाजीपुर को सीधे सिक्सलेन से जोड़ रहा है।
क्रिप्टोकरेंसी का निवेश रिटर्न में जरूर दिखाएं
पिछले सप्ताह आयकर विभाग के छत्तीसगढ़ कार्यालय ने एक व्यक्ति को नोटिस भेजकर आय संबंधी जानकारी साझा करने के लिए कहा है। विभाग ने कुल 26 सवालों के जवाब मांगे हैं जिसमें पिछले तीन वर्षों के आयकर रिटर्न के ब्योरे और क्रेडिट कार्ड लेनदेन के साथ यह भी पूछा गया है कि क्या वह क्रिप्टोकरेंसी में भी निवेश करते हैं? इसमें कुल 21 सवालों में काफी विस्तृत तरीके से क्रिप्टोकरेंसी संबंधी निवेश, एक्सचेंजों पर लेनदेन का ब्योरा, नोटबंदी के समय किया गया निवेश, निवेश की गई राशि, क्रिप्टो वॉलेट की विशिष्ट पहचान संख्या आदि बहुत सी जानकारी मांगी गई है। इसी तरह के नोटिस दूसरे निवेशकों को भी जारी किए गए हैं।
दरअसल क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के बीच इस बात को लेकर हमेशा से संशय की स्थिति रही है कि वे अपने निवेश को आयकर रिटर्न में दर्शाएं या नहीं और क्रिप्टोकरेंसी पर आयकर देने से इसे सरकारी स्वीकार्यता मिलेगी या नहीं। सवाल यह भी है कि कहीं इसके बाद सरकार उस व्यक्ति पर नजर तो नहीं रखने लगेगी? साथ ही क्रिप्टोकरेंसी को आयकर रिटर्न में दिखाने के तरीकों को लेकर भी निवेशकों के पास समुचित जानकारी नहीं है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है तो उसे आयकर रिटर्न भरते समय इसका खुलासा जरूर करना चाहिए। कर संबंधी सलाह देने वाली कानूनी फर्म क्वैगमायर कंसल्टिंग के संस्थापक अनुष भसीन की राय है कि व्यक्ति को अपनी हर प्रकार की आय का खुलासा आयकर रिटर्न में करना चाहिए। वह कहते हैं, 'आयकर कानून काफी सरल है। किसी आय की कानूनी वैधता जांचने के बजाय उसका जोर इस बात पर रहता है कि किसी भी स्रोत से आय हो तो उस पर कर चुकाया जाना चाहिए।'
तो क्या आयकर रिटर्न भरने से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को सरकारी स्वीकार्यता माना जाएगा? उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता विजय पाल डालमिया इससे इनकार करते हैं। वह कहते हैं, 'आयकर रिटर्न भरने से आपकी आय या उसके स्रोत को कानूनी वैधता नहीं मिलती। हालांकि देश में क्रिप्टोकरेंसी को अवैध घोषित नहीं किया गया है और सभी निवेशकों को रिटर्न में संबंधित जानकारी घोषित करनी चाहिए।' भसीन कहते हैं, 'आयकर कानून के अनुसार कानूनी तौर पर वैध अथवा अवैध, किसी भी तरीके से हुई आय को आयकर रिटर्न में शामिल करना चाहिए। अगर हम आय को रिटर्न में नहीं दिखाते तो कानूनी तरीके से कमाई गई आय भी अवैध या काला धन मान ली जाएगी।'
सामान्य वेतनभोगियों को आईटीआर-1 फॉर्म भरना होता है लेकिन अगर कोई व्यक्ति क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन कर रहा है तो उसे कारोबार की प्रकृति के हिसाब से फॉर्म का चयन करना होगा। कारोबारी गतिविधियों के लिए आईटीआर-3 फॉर्म भरा जाता है। क्या आपको क्रिप्टो रखने के लिए टैक्स देना होगा भसीन बताते हैं, 'क्रिप्टोकरेंसी गतिविधियों को तीन श्रेणियों में बांटना होगा। पहला, लंबी अवधि का निवेश होता है, जिसमें निवेशक को पूंजीगत लाभ कर के हिसाब से गण्ना करनी होगी। दूसरा, दैनिक या उतार-चढ़ाव को देखकर खरीद-बिक्री करना होता है, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन से होने वाली आय को कारोबारी आय के तहत दिखाना होगा। तीसरा, अगर आप माइनिंग करते हैं तो इसे पूरी तरह वाणिज्यिक गतिविधि माना जाएगा। इसमें आय के साथ साथ माइनिंग में आने वाले खर्च की गणना भी करनी होगी और उसके बाद ही शुद्घ लाभ या हानि को आयकर रिटर्न में दर्शाना होगा।'
एक समस्या यह भी आती है कि क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने-बेचने पर ही कर देना होगा अथवा क्रिप्टो-टु-क्रिप्टो कारोबार को भी इसमें शामिल करना चाहिए? भसीन कहते हैं, 'वर्तमान आयकर कानून में स्पष्ट प्रावधान है कि किसी भी वस्तु या जिंस की खरीद के बाद उसके आदान-प्रदान या बिक्री पर कर देना होगा। इसलिए अगर हम एक क्रिप्टोकरेंसी को दूसरी क्रिप्टोकरेंसी में बदलते हैं तो उसे भी आयकर रिटर्न में दर्शाना चाहिए।' एक से अधिक बार खरीद या बिक्री पर होने वाले लाभ-हानि की क्या आपको क्रिप्टो रखने के लिए टैक्स देना होगा गणना के लिए 'फस्र्ट इन फस्र्ट आउट' (फीफो) प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। भसीन की सलाह है कि अगर निवेशक को वास्तव में हानि हुई है तो उसे रिटर्न में दिखाया जाना चाहिए ताकि आगे के वर्षों में उसे लाभ के बदले ऑफसेट किया जा सके।'
विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर किसी क्षेत्र विशेष से संबंधित आय पर देश में स्पष्टï नियम नहीं बनाए गए हैं तो भी उस पर आयकर देना होगा। भसीन कहते हैं, 'आयकर कानून बिल्कुल स्पष्ट है। किसी भी स्रोत से आपको आय हुई है तो उस पर कर देना होगा।' क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र में कानूनी परामर्श देने वाली संस्था क्रिप्टो कानून के संस्थापक काशिफ रजा कहते हैं, 'दो हालात हो सकते हैं। अगर सरकार कानून बनाकर क्रिप्टोकरेंसी को नियमित करती है तो इस करेंसी में किए गए सभी प्रकार के लेनदेन का खुलासा एक निश्चित अवधि में करने के लिए कहा जा सकता है। अगर सरकार इस पर प्रतिबंध लगा देती है तो सभी प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी को एक निश्चित अवधि में समाप्त करने के लिए कहा जाएगा। दोनों ही परिस्थितियों में आपको क्या आपको क्रिप्टो रखने के लिए टैक्स देना होगा क्रिप्टोकरेंसी में निवेश सार्वजनिक करना होगा और अगर आपने इसकी जानकारी आयकर रिटर्न में नहीं दी तो सरकार आपसे सवाल पूछ सकती है।'
भसीन बताते हैं कि अगर क्रिप्टोकरेंसी में किए गए सभी तरह के निवेश के बजाय आंशिक निवेश की ही सूचना दी जाती है तो 50 फीसदी जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर किसी भी तरह की जानकारी साझा करने से कन्नी काट ली जाए तो 200 फीसदी जुर्माना लगाया जाता है। इसके अलावा संदेह होने पर आयकर विभाग किसी भी व्यक्ति से पूछताछ कर उसकी आय के बारे में जानकारी मांग सकता है। वह कहते हैं, 'आयकर कानून की धारा 131 के तहत की गई पूछताछ में कोई जवाब नहीं देने पर धारा 132 के तहत विभाग छापा मार सकता है।'
अगर निवेशक विदेशी एक्सचेंजों पर क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार कर रहे हैं तो उन्हें अतिरिक्त सतर्कता की आवश्यकता है। डालमिया बताते हैं, 'विदेशी एक्सचेंजों पर कारोबार के मामले में आयकर कानून के साथ साथ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) की धाराएं भी लगती है। अगर इन परिसंपत्तियों या निवेश का खुलासा नहीं किया जाता है तो काला धन (अज्ञात विदेशी आय तथा परिसंपत्ति) एवं कर अधिनियम 2015 की धारा 49 के तहत दंड दिया जा सकता है।' भारत सरकार ने दूसरे देशों के साथ इस तरह के कई समझौते भी किए हैं। भसीन बताते हैं, 'भारत सरकार के 103 देशों के साथ समझौते हैं जिसमें क्रिप्टोकरेंसी के लिए लोकप्रिय माल्टा, एस्टोनिया और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड भी शामिल हैं। केंद्र इन सभी देशों से अपने नागरिकों द्वारा किए गए लेनदेन का ब्योरा मांग सकती है।'
भारत में फिलहाल क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक सभी बैंकों को इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खाते बंद करने का आदेश दे चुका है। इसलिए निवेशकों को काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। अभी तक के सभी लेनदेनों का विवरण एक जगह इक_ïा करें ताकि जरूरत पडऩे पर आसानी से इसका उपयोग किया जा सके। एक्सचेंजों से समय-समय पर निवेश संबंधी रिपोर्ट डाउनलोड कर उसे अपने रिकॉर्ड में शामिल करें। अगर आपने इससे पहले कभी आयकर रिटर्न में क्रिप्टोकरेंसी का खुलासा नहीं किया है तो पिछले वर्षों का संशोधित रिटर्न भरा जा सकता है। भसीन बताते हैं कि इसके लिए 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है और 1 फीसदी प्रतिमाह की दर से ब्याज भी वसूला जाता है।
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