The central thing that Government needs to do now is, give a little bit of transparency on its actions. We need to understand when they open the #Coronaviruslockdown what बाहर निकलने की रणनीति क्या है will be the criteria for its opening: Rahul Gandhi pic.twitter.com/qVpOVNuc3W — ANI (@ANI) May 8, 2020
देश लॉकाउन से बाहर निकलने की रणनीति बने, डर के माहौल को खत्म करना होगा: राहुल गांधी
नयी दिल्ली. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लॉकडाउन से बाहर निकलने के लिए रणनीति बनाने की मांग करते हुए शुक्रवार को कहा कि इस स्थिति से निपटने के लिए लोगों के बीच से इस वायरस से जुड़ा डर का माहौल खत्म करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के कदमों में पारदर्शिता होनी चाहिए तथा सरकार छोटे कारोबारों की तत्काल मदद करे और गरीबों एवं मजदूरों के खातों में 7500 रुपये डाले।
The central thing that Government needs to do now is, give a little bit of transparency on its actions. We need to understand when they open the #Coronaviruslockdown what will be the criteria for its opening: Rahul Gandhi pic.twitter.com/qVpOVNuc3W
— ANI (@ANI) May 8, 2020
This is not the time to criticise, we need a strategy to open the lockdown. Any businessman will tell you that there is a clash between economic supply chain and ‘red, orange and green zones’, that need to be resolved:Rahul Gandhi https://t.co/M93gK52gV0 pic.twitter.com/OYX0mKCVra
— ANI (@ANI) May 8, 2020
गांधी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हमें छोटे कारोबारों, मजदूरों की मदद करनी होगी। लोगों की नौकरियां जा रही हैं। अगर हम अभी मदद नहीं करते हैं तो (बेरोजगारी की) सुनामी आ जाएगी।” उन्होंने कहा कि सरकार जो कदम उठाए उसमें पारदर्शिता होनी चाहिए। गांधी ने कहा, ‘‘अगर हमें लॉकडाउन से बाहर निकलना है तो हमें डर खत्म करना होगा। बाहर निकलने की रणनीति क्या है यह बताना होगा कि कोविड 99 प्रतिशत लोगों के लिए खतरनाक नहीं हैं। जिन एक फीसदी लोगों के लिए यह खतरनाक है उनकी हमें सुरक्षा करनी होगी।” उन्होंने कहा, ‘‘अगर इस लड़ाई को हम पीएमओ में रखेंगे तो यह लड़ाई हारी जाएगी। प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्रियों पर और मुख्यमंत्रियों को जिला अधिकारियों पर विश्वास करना होगा।” गांधी के मुताबिक कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कहा कि इस संकट से लड़ने के लिए विकेंद्रीकरण की जरूरत है।(एजेंसी)
तेज़ उतार-चढ़ाव और फिन निफ्टी की अद्भुत रणनीति – पोस्ट मार्केट एनालिसिस
निफ्टी 118 पॉइंट्स के गैप-अप के साथ दिन में 18,130 पर खुला। सुबह के सेशन में, इंडेक्स एक चैनल पैटर्न बनाते हुए ऊपर चला गया और एक दिन के उच्च स्तर 18,175 पर पहुंच गया। 11 बजे के बाद, इसने एक डाउनट्रेंड चैनल बनाया और एक दिन के निचले स्तर 18,060 पर पहुंच गया। आखिरी घंटे की रिकवरी की मदद से निफ्टी 133 पॉइंट्स या 0.74% की बढ़त के साथ दिन के 18,145 पर बंद हुआ।
बैंक निफ्टी ने दिन की शुरुआत 244 पॉइंट्स के गैप-अप के साथ 41,552 पर की। ओपनिंग हालिया रेजिस्टेंस ट्रेड लाइन से ऊपर थी और यह ऊपर चला गया। लेकिन इसे 41,670 (20 सितंबर का उच्च स्तर जो मंगलवार को भी था) पर मजबूत रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ा, वहां एक डबल टॉप बना और तेजी से गिर गया। बैंक निफ्टी 18 पॉइंट्स या 0.04% की गिरावट के साथ 41,289 पर बंद हुआ।
निफ्टी IT (+1.8%), निफ्टी मेटल (+2.3%), निफ्टी फार्मा (+2.1%) और निफ्टी रियल्टी (+0.92%) ने अच्छा प्रदर्शन किया, जबकि अन्य मिश्रित बंद हुए।
प्रमुख एशियाई बाजार हरे निशान में बंद हुए। यूरोपीय बाजार 1% से अधिक हरे रंग में कारोबार कर रहे हैं। चीन और हांगकांग ने अनकंफर्म सोशल मीडिया पोस्ट पर कहा, कि सरकार बाहर निकलने की रणनीति क्या है धीरे-धीरे कोविड प्रतिबंधों से बाहर निकलने की योजना बना रही है।
प्रमुख गतिविधियां -
कल Ultratech Cements निफ्टी 50 गेनर के तौर पर बंद हुआ था।
आज सीमेंट से जुड़ा एक और स्टॉक- Adani Ent (+6.8%) निफ्टी 50 टॉप गेनर के रूप में बंद हुआ।
ACC (+1.5%) Grasim (+2.2%), Ambuja Cements (+2%), Ultratech Cements (+1.5%), Ramco Cements (+1%) JK Cements (+3.3%), JK Lakshmi (+5.9%) और Grasim (+2.3%) भी ऊपर चढ़े।
बैन कैपिटल द्वारा बैंक के कुल शेयरों का 1.24% बेचने के बाद Axis Bank (-3.7%) निफ्टी 50 टॉप लूज़र्स के रूप में बंद हुआ।
Sun Pharma (+1.9%) ने Q2 में 8.2% की नेट प्रॉफिट बढ़त के साथ 2,260 करोड़ रुपये (YoY) दर्ज की। Divis Lab (+6.3%) और Dr Reddy (+2.2%) ने भी बढ़त हासिल की।
M&M (+0.40%), Tata Motors(+2%), Maruti (-0.77%), Bajaj Auto (+1.6%), Eicher Motors (-1.3%) और Ashok Leyland (-2.3%) ने अपने अक्टूबर बिक्री डेटा की आज सूचना दी।
Punjab National Bank(-5.9%) में तेज गिरावट देखी गई, क्योंकि वर्ष की तुलना में लाभ Q2 में 62% घटकर 411 करोड़ रुपये रहा।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है, कि कैबिनेट इस हफ्ते इथेनॉल की कीमतों में बढ़ोतरी पर विचार कर सकती है।
साथ ही Balrampur Chini (+4.6%) 9 नवंबर को शेयर बायबैक पर विचार करने की योजना बना रहा है। अन्य चीनी स्टॉक- Renuka Sugar (+7.9%), Dwarikesh Sugar (+3.7%), Dhampur Sugar (+3.4%) और Dalmia Sugar (+4%) में भी बढ़त हुई।
Max Healthcare (+0.33%), VBL (+5.5%), Nykaa (+2.8%) और UPL (-1.8%) ने आज अपने परिणाम पोस्ट किए।
आगे का अनुमान -
FinNifty की समाप्ति से शानदार अस्थिरता!
ऐसा लगा कि सभी अस्थिर मूवमेंट में बड़े खिलाड़ी फिन निफ्टी की एक्सपायरी को 17,600 के आसपास लाने की कोशिश कर रहे थे।
निफ्टी फिनसर्व हैवीवेट- HDFC Bank, ICICI Bank, HDFC Kotak Bank में आज एक साथ प्रमुख बिकवाली हुई। वहीं, उन्होंने बैंक निफ्टी को 41,200 सपोर्ट जोन से ऊपर रखा। निफ्टी भी 18,100 के रेजिस्टेंस स्तर के ऊपर बंद हुआ और इस तरह बाजार को कमजोरी से दूर रखते हुए अद्भुत रणनीति बनाई।
अक्टूबर 2022 के लिए सकल GST रेवेन्यू कलेक्शन 1,51,718 करोड़ रुपये निकला - अप्रैल 2022 में संग्रह के बाद, अब तक का दूसरा सबसे बड़ा कलेक्शन! ध्यान दें, कि यह दूसरी बार है जब हम 1.5 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर रहे हैं।
भारत अक्टूबर PMI मैन्युफैक्चरिंग पिछले 55.3 बनाम 55.1 पर निकला।
यूरोपीय सेंट्रल बैंक के अध्यक्ष लेगार्ड ने कहा, कि पूरे यूरोज़ोन में मुद्रास्फीति बहुत अधिक है। साथ ही कहा, कि मंदी की आशंका बढ़ गई है।
निफ्टी अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से लगभग 2.5% नीचे कारोबार कर रहा है, लेकिन हैवीवेट अपने ATH से कहीं अधिक नीचे हैं। क्या होगा यदि वे नई ऊंचाइयों को लक्षित करते हैं? क्या हम 19,000 के बारे में बातचीत शुरू करने के लिए तैयार हैं? अपने जवाब मार्केटफीड ऐप के कमेंट सेक्शन में शेयर करें।
प्रधानमंत्री मोदी की मंत्रियों के साथ अहम बैठक, लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति पर चर्चा
लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अहम मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रेलवे मंत्री पीयूष गोयल, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी, रेल राज्य मंत्री सुरेश अघाडी और कैबिनेट सचिव राजीब गौबा शामिल हुए। लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति के साथ-साथ उड़ानें और ट्रेनें शुरू करना बैठक का प्रमुख एजेंडा रहा।
3 मई को खत्म होगा लॉकडाउन
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए पूरे भारत में 25 मार्च से राष्ट्रीय लॉकडाउन लगा हुआ है। इस लॉकडाउन का दूसरा चरण 3 मई को खत्म होने वाला है और केंद्र सरकार आगे की रणनीति पर विचार कर रही है। गृह मंत्रालय की ओर से मिले संकेतों की मानें तो लॉकडाउन का आगे बढ़ाया जा सकता है, लेकिन कम मामले वाले इलाकों में लॉकडाउन के नियमों में छूट दी जाएगी। हॉटस्पॉट इलाकों में लॉकडाउन जारी रहेगा।
भारत में क्या है लॉकडाउन की स्थिति?
भारत में शुक्रवार सुबह आठ बजे तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 35,043 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 1,147 लोगों की मौत हुई है, वहीं 8,889 को सफल इलाज के बाद घर भेजा जा चुका है। महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है और यहां अब तक 10,498 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से 459 लोगों की मौत हुई है। कोरोना वायरस के ज्यादातर नए मामले शीर्ष पांच राज्यों से सामने आ रहे हैं।
क्या लॉकडाउन में ढील के लिए तैयार है भारत?
पिछले 15 दिनों में रेड जोन में आने वाले जिलों की संख्या 170 से घटकर 130 हो गई है। अधिकांश मामले शीर्ष बाहर निकलने की रणनीति क्या है 15 जिलों से सामने आए हैं। वहीं 284 जिले ऑरेंज जोन और 319 ग्रीन जोन में हैं। जिन जिलों में 21 दिन से कोरोना का कोई मामला सामने नहीं आया है उन्हें ग्रीन जोन में शामिल किया गया है। इन जिलों में लॉकडाउन में बड़ी छूट दी जा सकती है।
इन आंकड़ों से भी मिलते हैं अच्छे संकेत
इसके अलावा संक्रमण फैलने की दर में भी कमी आई है। यहां लॉकडाउन से पहले मामले दोगुने होने में लगभग तीन दिन लग रहे थे, वहीं अब 11 दिन में मामले दोगुने हो रहे हैं। इसी तरह कोरोना वायरस R0 भी 1.83 से घटकर 1.29 पर आ गया है। एक संक्रमित व्यक्ति अन्य कितने व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है, उसे R0 कहा जाता है। इसके अलावा टेस्टिंग पॉजिटिविटी रेट टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने पर भी 4.5 प्रतिशत है।
लॉकडाउन के बाद 30 प्रतिशत क्षमता के साथ उड़ाने भरेंगे विमान
इस बीच भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (AAI) लॉकडाउन हटने के बाद की तैयारी कर रहा है और गुरूवार को उसने लॉकडाउन के बाद उड़ानों के शुरू होने पर गाइडलाइंस जारी की। इन गाइडलाइंस में कहा गया है कि व्यावसायिक उड़ानों पर लगी रोक हटने के बाद एयरपोर्ट चरणों में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को मंजूरी देंगे। सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को देखते हुए एयरलाइंस को 30 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करने की इजाजत होगी।
नीतीश ने 2017 की कड़वाहट को भूलकर साथ निभाने की कही बात, जानें BJP की क्या होगी रणनीति
बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनता, कांग्रेस और वामदलों के साथ सरकार बना रहे हैं. भाजपा के साथ जेडीयू का गठबंधन एक बार फिर टूट गया है. यानि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से यू-टर्न ले लिया है. यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार एनडीए से अलग होकर राजद के साथ सरकार बनाये हों, इसके पहले वह भी वह उस राजद के साथ सरकार बनाए और 2017 में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अलग हो गए थे. अब नीतीश कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से कहा कि 2017 में जो कुछ हुआ उसे भूल जाइए. लेकिन सवाल यह है कि क्या राबड़ी देवी 2017 की घटना को भूल जायेगी और नीतीश कुमार फिर वैसा झटका राजद को नहीं देंगे?
आखिर में क्या कारण है कि बिहार में नीतीश कुमार बार-बार यूटर्न क्यों ले रहे हैं. और बिहार के राजनीति की क्या मजबूरी है कि नीतीश कुमार राजद और भाजपा दोनों से मिलकर सरकार बना लेते हैं. नीतीश कुमार औऱ भाजपा वैचारिक रूप से भले ही अलग हों लेकिन नीतीश कुमार का राजनीतिक उत्थान भाजपा के साथ ही हुआ है. नीतीश कुमार की समता पार्टी बाद में जेडीयू का नाम लंबे समय से भाजपा के सहयोगी दलों में शामिल रही है. लेकिन ऐसा क्या कारण है कि नीतीश कुमार एक बार फिर से भाजपा से अलग और राजद के साथ हो गए.
नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ क्यों छोड़ा
बिहार की राजनीति पर नजर रखने वालों और राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि नीतीश कुमार भाजपा की रणनीति को भांप कर ही ये कदम उठाया है. सूत्रों का कहना है कि भाजपा जेडीयू के पूर्व नेता आरसीपी सिंह के माध्यम से जेडीयू में बगावत कराना चाह रही थी, लेकिन ऐन वक्त पर नीतीश कुमार को इस षडयंत्र का पता चल गया और वे सतर्क हो गए. सूत्रों का बाहर निकलने की रणनीति क्या है मानना है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व बिहार में भी महाराष्ट्र की तरह ऑपरेशन करने में लगा था. यह ऑपरेशन भी शिवसेना की तरह नीतीश कुमार के बिना जेडीयू था. यानि कथित तौर पर जेडीयू के सारे विधायकों को बगावत कर नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाना था.
अब भाजपा की क्या होगी रणनीति
बिहार में नीतीश कुमार के यूटर्न से भाजपा आहत है. जेडीयू और राजद के साथ आने से वह नई रणनीति बनाने में लग गयी है. फिलहाल भाजपा भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर नई सरकार पर हमला करेगी. भाजपा का आरोप है कि नीतीश कुमार ने 2020 के राज्य चुनावों में जनता का जनादेश का अपमान किया है. बिहार भाजपा प्रमुख संजय जायसवाल ने कहा कि नीतीश कुमार ने “बिहार के लोगों और भाजपा को धोखा दिया” क्योंकि 2020 के चुनाव एनडीए के तहत एक साथ लड़े गए थे और जनादेश जद-यू और भाजपा के लिए था. हमने ज्यादा सीटें जीतीं, इसके बावजूद नीतीश कुमार को सीएम बनाया गया.”
नीतीश कुमार के इस कदम पर बिहार भाजपा मानना है कि राज्य में भाजपा के बढ़ते बाहर निकलने की रणनीति क्या है जनाधार को देखकर नीतीश कुमार को अपने लिए चिंता होने लगी. पार्टी के पास अब बिहार में सभी 243 विधानसभाओं और 40 लोकसभा सीटों पर पूरी तरह से डटकर सामना करने का मौका है. नीतीश कुमार के इस कदम से पता चलता है कि बीजेपी अभी बिहार में सबसे मजबूत पार्टी है और किसी भी अन्य गठबंधन को हराने वाली पार्टी है. नीतीश कुमार को पहले बिहार में 2024 के लोकसभा चुनाव और फिर 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में जवाब मिलेगा.
लालू प्रसाद के राज को भूले नहीं हैं बिहार के लोग
भाजपा नेता कुमार के इस कदम को 2019 के चुनावों के जनादेश का दुरुपयोग और केवल सत्ता में बने रहने के लिए एक करार बता रहे हैं. पार्टी भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भी जोर देगी, खासकर जब राजद के तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम और गृह विभाग का अपना पिछला पद वापस मिलने जा रहा है. लालू प्रसाद के 15 साल से राज में अराजकता के काले दिनों को लोग नहीं भूले हैं. बिहार में कानून व्यवस्था एक मुद्दा था, यहां तक कि दो साल के दौरान राजद और जदयू ने 2015 और 2017 तक सरकार चलाई.
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर BJP नीतीश कुमार पर करेगी हमला
भाजपा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नए गठबंधन पर भी हमला करेगी. नीतीश कुमार ने जुलाई 2017 में लालू प्रसाद के नेतृत्व वाले राजद के साथ गठबंधन से बाहर निकलने के लिए भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति का हवाला दिया था. तब जेडीयू और राजद की मिलीजुली सरकार थी. उस सरकार में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का एक जमीन घोटाले में नाम आया था. और बिहार के मुख्यमंत्री बने रहने के लिए नीतीश कुमार वे रातोंरात भाजपा के साथ हाथ मिला लिया था. तब ये आरोप तेजस्वी यादव पर लगे थे. पांच साल बाद राजद के खिलाफ भ्रष्टाचार का कलंक और गहराता ही बाहर निकलने की रणनीति क्या है गया है. लालू प्रसाद को अब चारा घोटाला के पांच मामलों में दोषी ठहराया गया है, जिनमें से चार को जुलाई 2017 से दोषी ठहराया गया है.
भाजपा ने गठबंधन चलाने के लिए नीतीश कुमार को ज्यादा महत्व
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि, बिहार में गठबंधन के लिए भाजपा ने हमेशा नीतीश कुमार को "अतिरिक्त महत्व" दिया. जैसे कि बिहार में 2019 के लोकसभा चुनावों में समान सीट वितरण, भाजपा के एक मजबूत पार्टी होने के बावजूद, कुमार को 2020 के विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करना और शेष नीतीश के मुख्यमंत्री बनने के अपने वादे पर कायम रहना, हालांकि जेडीयू को भाजपा से बहुत कम सीटें मिलीं. “फिर भी नीतीश कुमार ने भाजपा के पीठ में छुरा घोंपा है. लोग देख रहे हैं और नरेंद्र मोदी और भाजपा पर भरोसा करेंगे जो बिहार को विकास के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं.
राजद के साथ कितना लंबा होगा सफर
बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार का कोई दूसरा जोड़ नहीं है. बिहार के राजनीति की हकीकत को देखते हुए अभी तक भाजपा नीतीश कुमार को बिहार में सबसे आगे रखती थी. लेकिन अब ऐसा ही महत्व क्या राजद से भी मिलेगा. राज्य में दोनों दलों का अपना-अपना जनाधार है. जो एक दूसरे के विरोध में भी रहता है. ऐसे में आने वाले दिनों में यह देखना होगा, क्या राजद और जेड़ीयू का गठबंधन धरातल पर उतरता है.
Uniswap व्यापारी बाहर निकलने की रणनीति बनाने से पहले इन बिंदुओं पर विचार कर सकते हैं
लेखन के समय, UNI को पिछले सात दिनों में 34.47% की वृद्धि के बाद $7.43 पर कारोबार करते हुए देखा गया था। इस रैली ने 23.6% फाइबोनैचि स्तर (लाल) को पुनः प्राप्त करने के लिए altcoin के प्रयासों में योगदान दिया, जिसे उसने तीन दिन पहले हासिल किया था।
यह स्तर Uniswap के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आगे बढ़ने के लिए टोकन सेट करता है। इसके अलावा, यह DEX टोकन को मई और जून में हुए नुकसान की भरपाई करने में मदद करेगा।
हालांकि, एक समय यूएनआई लगभग एफयूडी का शिकार हो गया था। कुछ Uniswap LP वॉलेट उपयोगकर्ता एक फ़िशिंग घोटाले में गिर गए, जो उसी के आसपास व्यापक दहशत के कारण एक शोषण के रूप में प्रकट हुआ।
हालांकि, घोटाले की जल्द जांच की गई। और, उपयोगकर्ताओं को सतर्क किया गया कि नेटवर्क समझौता नहीं किया गया है।
UNI के लिए अच्छा महीना नहीं है?
Uniswap अब तक का सबसे अच्छा महीना नहीं देख रहा है। इस लेखन के समय, केवल $22 बिलियन मूल्य के लेन-देन दर्ज किए गए हैं।
विशेष रूप से, Uniswap ने आगे बढ़कर छह अरब से अधिक मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं के लिए DEX नेटवर्क की पहुंच का विस्तार करने के लिए सेलो ब्लॉकचेन पर V3 को तैनात किया।
तैनाती ने स्वैच्छिक बाहर निकलने की रणनीति क्या है कार्बन बाजारों जैसे टोकन कार्बन क्रेडिट में तरलता भी लाई। एथेरियम, ऑप्टिमिज्म, आर्बिटुरम और पॉलीगॉन के साथ पहले से ही एकीकृत होने के बाद इस तैनाती ने यूनिस्वैप की उपस्थिति को अब पांच ब्लॉकचेन तक बढ़ा दिया है।
नेटवर्क में देर से लेन-देन की मात्रा कम देखी गई। खैर, जून के महीने के लिए लेनदेन की मात्रा लगभग 46.3 अरब डॉलर बाहर निकलने की रणनीति क्या है पर बंद हुई थी।
निवेशकों को आकर्षक ट्रेड नहीं दिख रहे हैं। 19 जुलाई को, एक ही दिन में $156.92 मिलियन की उच्चतम नेटवर्क-व्यापी हानि दर्ज की गई।
घाटे में किए गए ये लेन-देन भी लंबी अवधि के धारकों के एक समूह से थे क्योंकि उनके आंदोलन के परिणामस्वरूप एक ही दिन में 4.28 बिलियन दिनों की खपत हुई।
Uniswap नेटवर्क व्यापक नुकसान | स्रोत: संतति – AMBCrypto
इस तरह के घटनाक्रम यूएनआई के विकास में बाधक हो सकते हैं। हालांकि, व्यापक बाजार को देखते हुए, altcoin कुछ समय के लिए बढ़ता रहेगा।
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