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विझिंजम बंदरगाह पर जल्द शुरू हो सकता है काम: जयकुमार

अदाणी की विझिंजम बंदरगाह परियोजना मुद्रा आपूर्ति से क्या अभिप्राय है के खिलाफ मछुआरों के विरोध प्रदर्शन के बाद विझिंजम इंटरनैशनल सीपोर्ट (वीआईएसएल) के मुख्य कार्याधिकारी जयकुमार ने कहा कि बंदरगाह का निर्माण एक सप्ताह के भीतर फिर से शुरू होने की उम्मीद है। बंदरगाह परियोजना के लिए केरल सरकार की कार्यान्वयन एजेंसी के मुख्य कार्या​धिकारी ने शाइन जैकब के साथ साक्षात्कार में संकेत दिया कि देश को लगभग 2,500 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा और राजस्व का नुकसान हो रहा है। संपादित अंश:

बंदरगाह और उसके निर्माण के लिए इसका क्या मतलब है? आपको कितना आर्थिक नुकसान हुआ है?

हमें विरोध के कारण जितने समय का नुकसान हुआ, उसकी भरपाई के लिए अपने सभी प्रयास करने होंगे। हमें निर्धारित समय पर काम पूरा करना होगा। कंसेसियनार (अदाणी समूह) को यही करना चाहिए, उन्हें फिर से जुटना होगा और काम फिर से शुरू करना होगा। हमें उम्मीद है कि एक सप्ताह के भीतर काम फिर से शुरू हो जाएगा। दो सप्ताह पहले ही कुछ आपूर्तियां पूरी कर दी गई थी, इसलिए काम जल्दी ही शुरू कर दिया जाएगा।

मुद्रा आपूर्ति से क्या अभिप्राय है

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विनिमय दर क्या है? इसका निर्धा .

Solution : विनिमय दर वह दर है जिस पर एक देश की एक मुद्रा इकाई का दूसरे देश की मुद्रा में विनिमय किया जाता है। दूसरे शब्दों में, विदेशी विनिमय दर यह बताती है कि किसी देश की मुद्रा की एक इकाई के बदले में दूसरे देश की मुद्रा की कितनी इकाइयाँ मिल सकती हैं।
क्राउथर के अनुसार-"विनिमय दर एक देश की इकाई मुद्रा के बदले में दूसरे देश की मुद्रा मिलने वाली इकाइयों की माप है।"
अब प्रश्न यह उठता है कि विनिमय दर का निर्धारण कैसे होता है? विनिमय मुद्रा आपूर्ति से क्या अभिप्राय है दर के निर्धारण के लिए अर्थशास्त्रियों ने कई मुद्रा आपूर्ति से क्या अभिप्राय है सिद्धांत दिए हैं। जिस प्रकार से वस्तु की कीमत बाजार में माँग एवं पूर्ति की शक्तियों द्वारा निर्धारित होती है, उसी प्रकार विनिमय दर भी विदेशी विनिमय बाजार में माँग एवं पूर्ति के द्वारा ही निर्धारित होती है। दूसरे शब्दों में, एक विदेशी विनिमय बाजार में विदेशी विनिमय की संतुलन दर विदेशी विनिमय की मांग और पूर्ति के बीच समानता द्वारा निर्धारित होती है।
इस प्रकार विनिमय दर का निर्धारण मुख्यत: दो तत्वों पर निर्भर करता है (i) विदेशी विनिमय की मांग, (ii) विदेशी विनिमय की पूर्ति।

सस्ती मुद्रा (Cheap Money) से क्या अभिप्राय है?

सस्ती मुद्रा (Cheap Money) से अभिप्राय कम ब्याज दर है। सस्ती मुद्रा से तात्पर्य मुद्रा की आसानी से उपलब्धता से है अर्थात् ब्याज की दर को कम करके मुद्रा आपूर्ति में वृद्धि की जा सकती है। . अगला सवाल पढ़े

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bihar board class मुद्रा आपूर्ति से क्या अभिप्राय है 12th economics | मुद्रा और बैंकिंग

से प्राप्त की गई वस्तु से अपनी-अपनी आवश्यकताओं को सन्तुष्ट करते हैं । इसको आवश्यकताओं का दोहरा संयोग कहते हैं। वस्तु विनिमय प्रणाली में दोहरे संयोग की कमी या अभाव पाया जाता है। उदाहरण के लिए गेहूँ उत्पादक को गेहूँ के बदले में कपड़ों की आवश्यकता है लेकिन ऐसा ढूँढ़ना बड़ा मुश्किल काम है कि ऐसा वस्त्र उत्पादक मिल जाए जो बदले में गेहूँ स्वीकार कर सकता है। आवश्यकताओं के ऐसे संयोगों की अनुपस्थिति या कमी को ही दोहरे संयोग के अभाव की संज्ञा दी जाती है

वस्तु विनिमय प्रणाली में मूल्य मापन की कोई सामान्य इकाई नहीं होती जिसमें सभी वस्तुओं या सेवाओं के मूल्य अंकित किए जा सके और सर्वसम्मति से स्वीकार किए जा सके।

एक राज्य के या दो जिले तक सीमित रखा गया । ये छोटे और सीमित किसानों, खेतिहर मुद्रा आपूर्ति से क्या अभिप्राय है मजदूरों, ग्रामीण दस्तकारों, लघु उद्यमियों, छोटे व्यापार में लगे व्यवसायियों को ऋण प्रदान करते हैं । इन बैंकों का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था का विकास करना है। ये बैंक ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि,

Money Supply- मनी सप्लाई

क्या होती है मनी सप्लाई?
मनी सप्लाई (Money Supply) यानी मुद्रा आपूर्ति किसी मापित तिथि पर देश की अर्थव्यवस्था में सभी करेंसी एवं अन्य लिक्विड इंस्ट्रूमेंट है। मनी सप्लाई में आम तौर पर नकदी और डिपॉजिट दोनों ही शामिल होते हैं, जिनका लगभग नकदी की तरह ही मुद्रा आपूर्ति से क्या अभिप्राय है सरलता से उपयोग किया जा सकता है। सरकारें अपने केंद्रीय बैंकों और ट्रेजरी के कुछ संयोजन के माध्यम से पेपर करेंसी और सिक्कों को जारी करती हैं। बैंक रेगुलेटर, बैंकों के लिए रिजर्व बनाये रखने, क्रेडिट को बढ़ाने की आवश्यकता और अन्य रेगुलेशन के जरिये सार्वजनिक रूप से उपलब्ध मनी सप्लाई को प्रभावित करते हैं।

मनी सप्लाई को समझना
अर्थशास्त्री मनी सप्लाई का विश्लेषण करते हैं और ब्याज दरों को नियंत्रित करने व अर्थव्यवस्था में प्रवाहित धन की मात्रा को बढ़ाने या घटाने के इर्द गिर्द नीतियों का निर्माण करते हैं। प्राइस लेवल, मुद्रास्फीति और व्यवसाय चक्र पर मनी सप्लाई के संभावित प्रभाव के कारण सार्वजनिक और निजी क्षेत्र विश्लेषण किया जाता है। अमेरिका में, फेडेरल रिजर्व पाॅलिसी मनी सप्लाई को निर्धारित करने में सबसे महत्वपूर्ण कारक है। मनी सप्लाई को मनी स्टाॅक के नाम से भी जाना जाता है।

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