उन्होंने महापुरुषों के नाम को पूरा बोलने, पढ़ने और लिखने का अनुरोध किया ताकि इसके उद्देश्य को पूरा किया जा सके और युवा पीढ़ी इनसे प्रेरणा लेकर देश का बेहतर भविष्य बना सके।

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कोरोनावायरस के नए वेरिएंट को लेकर उत्तराखंड भी सतर्क हो गया है। . - Latest Tweet by IANS Hindi

कोरोनावायरस के नए वेरिएंट को लेकर उत्तराखंड (#Uttarakhand) भी सतर्क हो गया है। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के बाद जल्द ही नई एसओपी (मानक प्रचलन प्रक्रिया) जारी की जाएगी।#coronavirus pic.twitter.com/nwjlGFE4eA— IANS Hindi (@IANSKhabar) December 22, 2022

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निवेशकों को बेहतर प्रतिफल के लिए एलआईसी की उत्पाद रणनीति में बदलाव चाहती है सरकार

Published: October 26, 2022 3:26 PM IST

LIC warns policyholders about fake information regarding penalty for KYC update

सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की वृद्धि की पूर्ण क्षमता हासिल करने और निवेशकों को बेहतर रिटर्न के लिए अपनी उत्पाद रणनीति में बदलाव के लिए ‘प्रेरित’ कर रही है. एक अधिकारी ने यह विदेशी मुद्रा में एक रणनीति के पीछे कैसे करें जानकारी दी.

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एलआईसी 17 मई को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हुई थी. तब से विदेशी मुद्रा में एक रणनीति के पीछे कैसे करें कंपनी का शेयर अपने निर्गम मूल्य 949 विदेशी मुद्रा में एक रणनीति के पीछे कैसे करें रुपये से काफी नीचे आ चुका है. कंपनी का शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर 872 रुपये के भाव पर सूचीबद्ध हुआ था. मंगलवार को कंपनी का शेयर 595.50 रुपये पर बंद हुआ.

हालांकि, विदेशी ब्रोकरेज₨ कंपनियां एलआईसी के शेयर विदेशी मुद्रा में एक रणनीति के पीछे कैसे करें को लेकर ‘आशावादी’ हैं. ब्रोकरेज कंपनियों ने अगले साल के लिए कंपनी के शेयर का लक्ष्य काफी ऊंचा तय किया है.

सिटी ने 14 अक्टूबर की एक शोध रिपोर्ट में एलआईसी के विदेशी मुद्रा में एक रणनीति के पीछे कैसे करें शेयर के लिए 1,000 रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि एलआईसी ‘परिपक्व वैश्विक कंपनियों की तुलना में बेहतर स्थिति में है.’

वित्त मंत्रालय कंपनी के प्रदर्शन की समीक्षा के दौरान एलआईसी प्रबंधन को उन कदमों के बारे में जागरूक कर रहा है, जो निवेशकों की पूंजी बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं.

आर्थिक सुस्ती: भारतीय निर्यात की गिरती रफ्तार, बड़े बदलाव की जरूरत

निर्यात की रफ्तार सुस्त पड़ गई है

  • नई दिल्ली,
  • 11 सितंबर 2019,
  • (अपडेटेड 11 सितंबर 2019, 12:22 PM IST)

भारतीय निर्यात की रफ्तार सुस्त पड़ चुकी है और विदेशी मुद्रा में एक रणनीति के पीछे कैसे करें शुद्ध निर्यात तो पिछले कई दशकों से नेगेटिव विदेशी मुद्रा में एक रणनीति के पीछे कैसे करें ग्रोथ में है यानी इसमें गिरावट है. निर्यात जीडीपी के चार प्रमुख घटकों में से एक होता है, इसकी वजह से अर्थव्यवस्था की तरक्की में यह एक बड़ी कमी साबित हो रही है. कुल निर्यात और आयात मूल्य के अंतर विदेशी मुद्रा में एक रणनीति के पीछे कैसे करें को ही शुद्ध निर्यात या व्यापार संतुलन कहते हैं.

पिछले दशकों में भारतीय निर्यात और आयात की खाई लगातार बढ़ती जा रही है पिछले एक दशक में यह सबसे ज्यादा हो गई है. यह खाई साल 2008-09 में 100 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर चुकी विदेशी मुद्रा में एक रणनीति के पीछे कैसे करें है और साल 2018-19 में यह 184 अरब विदेशी मुद्रा में एक रणनीति के पीछे कैसे करें डॉलर थी.

ताजा खबरें | राज्यसभा में टीटी, आरएनटी, आरएएमएल, डीडीयू पर जतायी गयी चिंता, महापुरुषों का पूरा नाम हो इस्तेमाल

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नयी दिल्ली, 22 दिसंबर राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी की एक सदस्य ने महापुरुषों के नाम पर रखे गए भवनों, संस्थानों, सड़कों आदि के नामों को संक्षिप्त रूप में बोलने के चलन पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे वह उद्देश्य बाधित हो रहा है जिसके लिए भवनों, संस्थानों, सड़कों आदि के नाम महापुरुषों के नाम पर रखे गए थे।

शून्यकाल विदेशी मुद्रा में एक रणनीति के पीछे कैसे करें में भारतीय जनता पार्टी की कविता पाटीदार ने यह मुद्दा उठाया। कविता ने कहा कि आने वाली पीढ़ी महापुरुषों के कार्यों से प्रेरणा ले, इसके लिए कई भवनों, संस्थानों, सड़कों का नाम महापुरुषों के नाम पर रखा गया है।

ED का नोटिस डराने की रणनीति : कह रहे हैं यासीन मलिक

Rishi

श्रीनगर : कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने शनिवार को उनके खिलाफ जारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह 'कश्मीर में स्वतंत्रता सेनानियों को डराने' का प्रयास है। जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख मलिक ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "इस तरह के डराने के नोटिस से हमारी लड़ाई की प्रतिबद्धता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।"

मलिक ने कहा, "मैं मौत की कोठरी में प्रवेश करने के लिए तैयार हूं। हमारे रोल मॉडल शाहिद मकबूल भट्ट हैं। हमारे दिल से कोई भी आजादी के लिए प्यार को नहीं छीन सकता। भारतीय मीडिया भारतीय सेना के लिए जनसंपर्क (पीआर) का काम कर रही है और टीवी के एंकरों को स्टूडियो में (सैन्य) यूनिफॉर्म पहन लेना चाहिए।"

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