अरूणाचल में भारतीय-चीनी सैनिकों में झड़प की खबर, China के ज्यादा सैनिक घायल
Border News Update: एक बड़ी खबर आ रही है. खबर यह Pocket Option बोनस समझाया गया है कि गत 9 दिसंबर को भारत और चीन के सैनिकों के बीच तवांग में Pocket Option बोनस समझाया गया एक झड़प हुई है. इस झड़प में कई सैनिक घायल हुए हैं. घायलों में चीनी सेना के भी जवान हैं. बताया जा रहा है कि चीनी सैनिक काफी ज्यादा संख्या में घायल हुए हैं. करीब 300 चीनी सैनिक थे, जो भारत के पोस्ट को हटाना चाहते थे. लेकिन, यहां तैनात Pocket Option बोनस समझाया गया भारतीय रणबांकुरों ने चीनी सैनिकों की एक न चलने दी. चीनी सैनिकों की धकेला-धकेली से उत्तेजित भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों की जमकर कुटाई की है. बताया जा रहा है कि चीनी सेना के 50 से ज्यादा जवान भारतीय सैनिकों के हमले में घायल हुए हैं. इनमें से 4 अफसर रैंक के हैं.
सेना के प्रवक्ता ने बताया कि भारत Pocket Option बोनस समझाया गया के 6 जवान घायल हुए हैं. सूत्रों के अनुसार, इन्हें गुवाहाटी लाया गया है जहां सेना का अत्याधुनिक अस्पताल है. यहा Pocket Option बोनस समझाया Pocket Option बोनस समझाया गया गया इनका इलाज चल रहा है. कोई भी जवान खतरे में नहीं है.
सूत्रों ने बताया कि यह झड़प 9 दिसंबर को लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर हुई. सूत्रों के अनुसार, यह कोई रूटीन की पेट्रोलिंग नहीं थी बल्कि 17000 फीट की ऊंचाई पर चीनी सैनिक बाकायदा एक साजिश के तहत आए थे. वे भारतीय पोस्ट को हटाना चाहते थे. उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि भारतीय सेना के जवान पहले से ही हर परिस्थिति का मुकाबला करने Pocket Option बोनस समझाया गया के लिए तैयार होकर बैठे थे. चंद मिनट तक चली इस झड़प को दोनों सेनाओं के कमांडरों के बीच शांति वार्ता कर रोक लिया गया.
अब इस खबर पर राजनीति भी शुरू हो गई है. AIMIM के चीफ असददुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया कि 9 दिसंबर की घटना के बारे में 12 दिसंबर को ससंद में कोई जानकारी क्यों नहीं दी गई. सरकार ने देश के हालात के बारे में जनता को क्यों नहीं जानकारी Pocket Option बोनस समझाया गया दी. खबर है कि मंगलवार को संसद में कांग्रेस प्रधानमंत्री से इस पर बयान देने Pocket Option बोनस समझाया गया को कहेगी. वैसे, माना जा रहा है कि मंगलवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इस पर आधिकारिक बयान दे सकते हैं.
आपको बता दें कि भारतीय सेना ने पिछले साल भी अक्टूबर में इसी क्षेत्र में चीनी सैनिकों को रोका था. अरुणाचल प्रदेश में लगभग 200 पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवान LAC के पास आना चाह रहे थे. भारतीय सैनिकों ने तब भी उन्हें खदेड़ दिया था.
वैसे, LAC पर चीनी सैनिकों का विश्वासघात कोई नई बात नहीं है. साल 2020 में गलवान में चीन ने ऐसा ही करने की कोशिश की थी. तब चौकी का मुआयना करने पहुंचे भारतीय सेना पर चीनी आर्मी ने हमला कर दिया था. इस हमले में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. जबकि चीन के कई जवान मारे गए थे. चीन ने तो पहले अपने जवानों की कैजुअलिटी को मानने से ही इनकार कर दिया था. बाद में चीन ने माना था कि भारत सेनाओं के हाथों उसके 5 जवान मारे गए थे.
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