सरकार की इस स्कीम में 10000 रुपये महीना करें निवेश, मैच्योरिटी पर पाएं 16 लाख कैश

डाकघर की योजनाएं सरकार द्वारा समर्थित है, इनका उद्देश्य लोगों की उन जरूरतों को पूरा करना है

Post Office Recurring Deposit Account: डाकघर की योजनाओं में निवेश एक ऐसी चीज है जिसे व्यक्ति अपना पैसा रखने का सबसे विश्वसनीय और सुरक्षित तरीका मानता है। डाकघर योजनाओं में निवेश करना ज्यादातर मध्यम वर्ग के भारतीय नागरिकों के बीच लोकप्रिय है, जो अपनी एसेट्स को जोखिम में नहीं डालना चाहते हैं और शेयर बाजार या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहते हैं। इंडिया पोस्ट द्वारा दी जाने वाली कई बचत योजनाएं देश में सबसे लोकप्रिय जोखिम मुक्त बचत योजनाओं में से कुछ हैं। भारत में औसत मध्यम वर्ग के नागरिक के लिए, निश्चित और अच्छी ब्याज दरों वाली अच्छी योजनाओं में निवेश करना सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। डाकघर की योजनाएं सरकार द्वारा समर्थित है, इनका उद्देश्य लोगों की उन जरूरतों को पूरा करना है।

रेकरिंग डिपॉजिट खाता

बैंकों के फिक्सड डिपॉजिट या बचत खातों में निवेश करते समय एक विकल्प और है, डाकघर बचत योजना के माध्यम से अपने पैसे का निवेश करने का एक और बढ़िया विकल्प डाकघर रेकरिंग डिपॉजिट खाता है।

Post Office Scheme: पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में निवेश से मिलेंगे 16 लाख रुपये, 100 रुपये से करें शुरुआत

How To Get Return In Lakhs: पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में निवेश करके आप अपने खाते में लाखों जमा कर सकते हैं. इस स्कीम में निवेश करना बिल्कुल सुरक्षित है.

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Post Office Scheme: पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में निवेश से मिलेंगे 16 लाख रुपये, 100 रुपये से करें शुरुआत

Recurring Deposit: पोस्ट ऑफिस अपने ग्राहकों के लिए एक शानदार स्कीम लेकर आया है जिससे आप भारी मुनाफा कमा सकते हैं. पोस्ट ऑफिस की रेकरिंग डिपॉजिट स्कीम अपने ग्राहकों को बढ़िया रिर्टन दे रही हैं. ये म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) का दौर है और सभी उसी में निवेश करते हैं, लेकिन म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना जोखिम भरा होता है और पोस्ट ऑफिस की रेकरिंग डिपॉजिट स्कीम में निवेश करना सुरक्षित है.

ब्याज मिलेगा हर 3 महीने में
पोस्ट ऑफिस की रेकरिंग डिपॉजिट (Post Office Recurring Deposit) स्कीम एक स्मॉल सेविंग रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश स्कीम है. इसमें आप अपने हिसाब से जितने समय के लिए चाहें निवेश कर सकते हैं. आप इसमें 1, 2 साल या फिर उससे भी ज्यादा समय के लिए इन्वेस्ट कर सकते हैं. इस योजना के तहत आपको हर तीन महीने पर ब्याज मिलेगा. हर तीमाही पर पोस्ट ऑफिस द्वारा आपके खाते में ब्याज जमा किया जाएगा.

कितना है ब्याज दर
इस स्कीम पर ब्याज 5.8 फीसदी की दर से मिलेगा. केंद्र सरकार अपनी सेविंग स्कीम की दर को हर तीन महीने में तय करती है. आप इस स्कीम में लंबे समय तक निवेश करके लाखों जमा कर सकते हैं. इस स्कीम के माध्यम से आप लोन भी ले सकते हैं. अगर आप इस स्कीम में 12 किस्त जमा करते हैं तो इस बेसिस पर आप बैंकों से लोन ले सकते हैं. आपके खाते में जमा राशि का 50 प्रतिशत आपको लोन के रूप में मिल जाएगा.

कैसे मिलेंगे 16 लाख
रेकरिंग डिपॉजिट (Post Office Recurring Deposit) स्कीम में अगर आप हर एक महीने में 10,000 रुपये का इन्वेस्टमेंट करते तो 10 साल बाद आपको 16 लाख से भी ज्यादा रुपये मिलेंगे. 10 साल में आप 12 लाख रुपये का निवेश करेंगे. जब स्कीम की अवधि पूरी हो जाएगी तो आपको रिटर्न के तौर पर 4,26,476 रुपये मिलेंगें. इस तरह आपको 10 साल बाद कुल 16,26,476 रुपये मिलेंगे.

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Fixed Deposit और Recurring Deposit में क्या है अंतर? आपके लिए कौन है बेहतर

निवेश के लिए विकल्प तलाशने वालों के लिए रेकरिंग डिपॉजिट (RD) और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) भी उपलब्ध है। आइए जानते हैं दोनों क्या अंतर है और कौन किसके लिए फिट है।

Updated Oct 6, 2022 | 09:31 PM IST

Investment Instruments

एफडी और आरडी में कौन बेहतर है, यहां विस्तार से जानिए

रेकरिंग डिपॉजिट (RD) तथा फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) वर्तमान में उपलब्ध सबसे जाने-पहचाने निवेश इंस्ट्रूमेंट्स में आते हैं। इन पर सुनिश्चित रिटर्न मिलता रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश है जो खास तौर पर बचत खाते से अधिक होता है। क्योंकि इस निवेश का मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव पर कोई असर नहीं होता है, इसलिए इन्हें स्थिर आय-जेनरेटिंग विकल्प कहा जाता है। एक तरफ कई पहलुओं के संबंध में आरडी और एफडी एक जैसी होती हैं- जैसे ब्याज दर, समय से पहले बंद करने की सुविधा, टैक्स संबंधी नियम आदि, लेकिन उनमें कुछ खास अंतर भी होते हैं। आइये इस फर्क पर विचार करते हैं।

निवेश फ्रीक्वेंसी

फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) में आप एक बार और एक मुश्त निवेश करते हैं जिसे चुनी गई अवधि के लिए लॉक कर दिया जाता है। इस समय के दौरान, निवेश की गई राशि में कोई एडिशन नहीं किया जा सकता है, जिस पर पूरी लॉक-इन अवधि के लिए पूर्व निर्धारित दर पर ब्याज दिया जाता है। अगर आप अपने निवेश को बढ़ाना चाहते हैं, तो आप ऐसा नया एफडी खाता खोलकर कर सकते हैं। आप एफडी में कितना पैसा निवेश कर सकते हैं, इसकी कोई ऊपरी सीमा नहीं होती है।

दूसरी तरफ, रेकरिंग डिपॉजिट (Recurring Deposit) में आप मासिक, त्रैमासिक या अर्ध-वार्षिक आधार पर एक नियत रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश राशि निवेश कर सकते हैं। निवेश मैन्यूअली (ऑनलाइन या ऑफलाइन) या आपके पसंदीदा बैंक खाते से ऑटो-डेबिट के जरिए किया जा सकता है। आप मात्र 100/- रुपए के न्यूनतम मासिक निवेश से आरडी खाता खोल सकते हैं।

फिक्स्ड डिपॉजिट अवधियां आमतौर पर 7 दिन से 10 वर्ष की होती हैं। हालांकि, लंबी अवधि वाली एफडी पर उच्च ब्याज दिया जाता है। आरडी की न्यूनतम अवधि 6 महीने होती है, जबकि अधिकतम अवधि को 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।

ब्याज भुगतान

फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज-भुगतान के दो विकल्प मिलते हैं- संचयी और गैर-संचयी। संचयी विकल्प के अंतर्गत, मूल राशि तथा संचित ब्याज को एफडी के मैच्योर होने पर एक साथ अदा किया जाता है। गैर-संचयी भुगतान विकल्प में मासिक, त्रैमासिक या अर्ध-वार्षिक आधार पर ब्याज भुगतान की सुविधा प्रदान की जाती है।

लेकिन, आमतौर पर रिकरिंग डिपॉजिट पर अल्प-कालिक ब्याज भुगतान का विकल्प नहीं मिलता है। पहले से ही तय पूरी मैच्योरिटी राशि का भुगतान आरडी अवधि के पूरा होने पर एक मुश्त तौर पर निवेशक को किया जाता है।

टैक्स बचत

आमतौर पर, रिकरिंग डिपॉजिट और फिक्स्ड डिपॉजिट को कर-बचत माध्यम नहीं माना जाता है। लेकिन, कुछ रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश खास कर-बचत एफडी जिनके साथ 5 वर्ष की लॉक-इन अवधि जुड़ी रहती है, से आपको आयकर अधिनियम की धारा 80-C के अंतर्गत कर बचत में सहायता मिल सकती है। दूसरी तरफ, आवर्ती जमाओं पर किसी भी प्रकार के कर-बचत लाभ नहीं मिलते हैं।

आरडी और एफडी को निवेशकों द्वारा अनेक लाभों के कारण बहुत पसंद किया जाता है। लेकिन, यदि आप इंफ्लेशन की तुलना में अधिक आय कमाना चाहते हैं, तो ये सही विकल्प नहीं भी हो सकते हैं। ऐसा ब्याज राशि पर वसूले जाने वाले कर के कारण है- 40,000/- रूपये वर्ष (वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000/-रूपये) से अधिक ब्याज पर 10% टीडीएस काटा जाता है, और जिससे आपका रिटर्न और भी कम हो जाता है। ऐसा कहने के बाद, यदि आप अनुशासित रूप से अपने आपातकालीन फंड का सृजन करना चाहते हैं, तो ये दोनों ही माध्यम अच्छा विकल्प हो सकते हैं।

(यह आलेख BankBazaar.com के सौजन्य से है) डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

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100 रुपये निवेश करके भी इकट्ठा कर सकते हैं बड़ा अमाउंट, पोस्ट ऑफिस का शानदार प्लान

पोस्ट ऑफिस की आरडी स्कीम पर फिलहाल 5.8 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है.

पोस्ट ऑफिस की आरडी स्कीम पर फिलहाल 5.8 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है.

पोस्ट ऑफिस की आरडी स्कीम पर फिलहाल 5.8 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है. पोस्ट ऑफिस में रेकरिंग डिपॉजिट खाता पांच सालों के लिए . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : April 25, 2022, 07:47 IST

नई दिल्‍ली. हमारे यहां कहावत है कि पैसा ही पैसे को खींचता है. यह बात सोलह आने सच है. क्योंकि पाई-पाई जोड़कर ही एक बड़ा फंड तैयार किया जा सकता है. इसलिए कल की बड़ी आर्थिक जरूरत को पूरा करने के लिए आज से ही पैसा जोड़ना शुरू करें. ऐसा नहीं है कि भविष्य में किसी बड़े खर्चे को पूरा करने के लिए आपको बड़ी बचत की जरूरत है. आप कम पैसों से भी यह काम कर सकते हैं.

आज बाजार में निवेश की तमाम ऐसी स्कीम हैं जो आपको हर महीने बहुत ही कम राशि निवेश की सुविधा देती हैं. पोस्ट ऑफिस भी निवेश का एक अच्छा माध्यम बन कर तेजी से उभरा है. यहां आप महज 100 रुपये से भी निवेश की शुरूआत कर सकते हैं.

पोस्ट ऑफिस की स्कीम है जहां आप हर महीने कम पैसा जमा करके अच्छा फंड तैयार कर सकते हैं. यहां बात हो रही है पोस्ट ऑफिस की पांच साल की रेकरिंग डिपॉजिट (Post Office Recurring Deposit scheme) स्कीम की. यह एक लघु बचत स्कीम है.

पोस्ट ऑफिस रेकरिंग डिपॉजिट में आप जो पैसे निवेश करते हैं उसकी सुरक्षा की गारंटी मिलती है. रिटर्न भी अच्छा मिलता है. पोस्ट ऑफिस (Post Office) रेकरिंग डिपॉजिट अकाउंट सरकारी गारंटी वाली योजना है. पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में आप कम से कम 100 रुपये भी निवेश कर सकते हैं. 10 के गुणांक में आप कितना भी पैसा जमा सकते हैं. अधिकतम जमा राशि की कोई सीमा नहीं है.

इतना मिलता है ब्याज
पोस्ट ऑफिस की आरडी स्कीम पर फिलहाल 5.8 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है. पोस्ट ऑफिस में रेकरिंग डिपॉजिट खाता पांच सालों के लिए खोला जाता है. इस खाते में जमा पैसों पर ब्याज की गणना हर तीन महीने में होती है. चूंकि यह लघु बचत योजना है और सरकार हर तिमाही पर लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों की घोषणा करती है.

कैसे खोल सकते हैं खाता
आप अपने नजदीक के डाकघर में जाकर आरडी खाता खुलवा सकते हैं. आप चाहें तो अपने परिवार के किसी सदस्य के साथ ज्वाइंट खाता भी खुलवा सकते हैं. आप 100 रुपये से इस खाते की शुरूआत कर सकते हैं.

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फिक्स्ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट में बेहतर कौन?

फिक्स्ड और रेकरिंग डिपॉजिट, दोनों ही स्कीम में इनकम टैक्स के नियम एक जैसे ही हैं.

फिक्स्ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट में बेहतर कौन?

आइए आज हम आपको निवेश के दोनों विकल्पों के बारे में बता रहे हैं?

दोनों में क्या है समानता?
फिक्स्ड डिपॉजिट हो या रेकरिंग डिपॉजिट, दोनों ही बैंक द्वारा ऑफर किये जाने वाले फिक्स्ड इनकम प्रोडक्ट हैं. अगर आप किसी बैंक में इन दोनों डिपॉजिट में से कोई भी खुलवाते हैं तो बैंक आपको पहले से तय ब्याज दर के हिसाब से नियमित अंतराल पर या मैच्योरिटी पर निश्चित ब्याज देते हैं.

टर्म खत्म होने पर आपकी ओर से निवेश की गयी रकम और उस पर लागू ब्याज आपको मिल जाता है. अन्य बैंकिंग उत्पाद पर मिलने वाला ब्याज लगभग हर तिमाही बदलता है, लेकिन फिक्स्ड और रेकरिंग डिपॉजिट खुलवाते वक्त जो ब्याज दर तय की जाती है, व्ही आपको मिलती है. ब्याज दर स्कीम के अंत तक जारी रहता है.

टैक्स देनदारी में क्या है अंतर?
फिक्स्ड और रेकरिंग डिपॉजिट, दोनों ही स्कीम में इनकम टैक्स के नियम एक जैसे ही हैं. दोनों ही स्कीम पर मिलने वाले ब्याज को आपकी कुल आय में जोड़ दिया जाता है और उस पर आपको अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होता है.

यदि आप अपनी आमदनी के हिसाब से 30 फीसदी वाले टैक्स स्लैब में है तो एफडी और आरडी पर मिलने वाले ब्याज पर भी 30% की दर से ही टैक्स लगेगा.

टैक्स डिडक्शन के मामले में आरडी थोड़ा बेहतर है. एफडी पर सालाना ब्याज अगर 10,000 रुपये से अधिक मिलता है तो बैंक टीडीएस (TDS) काट लेता है, लेकिन रेकरिंग पर कोई TDS डिडक्शन नहीं होता. यह एक ऐसा फीचर है, जिसके चलते निवेशकों का रुझान आरडी की ओर बढ़ा है.

किसमें मिलता है बेहतर रिटर्न?
यदि आप इन दोनों योजनाओं की तुलना करें तो फिक्स्ड डिपॉजिट में आपको अधिक रिटर्न मिलता है. इसकी वजह यह है कि FD में आप एकमुश्त रकम जमा करते हैं रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश जिस पर ब्याज उसी दिन से चालू हो जाता है. रेकरिंग डिपॉजिट वास्तव में मासिक आमदनी से थोड़ी-थोड़ी रकम जोड़कर संपत्ति बनाने रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश का माध्यम है.

इसे एक उदाहरण की मदद से समझिये:
मान लीजिए कि आपने प्रति महीने 2,000 रुपये की दर से साल में 24,000 रुपये रेकरिंग डिपॉजिट में जमा किए. इसमें अगले साल से आपको कुल 24,000 रुपये के निवेश पर ब्याज मिलेगा. जिस साल आपने निवेश शुरू किया उस साल में आपने पहले महीने 2000 रुपये ही बैंक में जमा किये हैं.

अगर सिर्फ एक रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश साल के हिसाब से बात करें तो रेकरिंग डिपॉजिट के 2000 रुपये की पहली किस्त पर आपको उस साल के 11 महीने, दूसरी किस्त पर 10 महीने, तीसरी किस्त पर 9 महीने और चौथी किस्त पर सिर्फ आठ महीने का ही ब्याज मिलेगा.

अगर आपने साल की शुरुआत में 24,000 रुपये एफडी में लगा दिए तो इस निवेश पर ब्याज पहले दिन से ही शुरू हो जायेगा.

दोनों ही स्कीम पर एक समान तिमाही चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है.

अगर हम यह मान लें कि आपके निवेश पर ब्याज दर 9 फीसदी है तो एफडी में एक साल के अंत में आप कुल 26,324 रुपये पाएंगे तो आरडी में आपको कुल 25,195 रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश रुपये ही मिलेंगे.

क्या रखें ध्यान?
यह ध्यान रखें कि FD में आपने बैंक में शुरुआत में ही 24,000 रुपये जमा कर दिए जबकि RD में आप हर महीने 2,000 रुपये जमा कर रहे हैं, ब्याज में अंतर इसी वजह से है.

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