Cryptocurrency Bill: सरकार सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर लगाएगी रोक! केवल इन मामलों में मिल सकती है छूट

किप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 को केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने जा रही है

सरकार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने वाले क्रिप्टोकरेंसी बिल में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन करने पर विचार कर रही है। CNBC Awaaz की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी रखने वालों के लिए एक तय समय सीमा के भीतर, उससे बाहर निकलने के लिए छूट देने पर भी विचार कर रही है।

किप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021, 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के लिए सरकार के एजेंडे में 26 नए विधेयकों में से एक है।

CNBC Awaaz के मुताबिक, सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक के कानूनी इस्तेमाल पर रोक नहीं लगाने का भी प्रस्ताव दिया है और डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) के इस्तेमाल से छूट का प्रस्ताव भी है।

क्रिप्टो क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति एक्सचेंज की तबाही से भारत में भी भय का माहौल, देश में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं

नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स के प्रमुख सैम बैंकमैन-फ्राइड दो दिन पहले तक टेक की दुनिया के सुपरस्टार थे। उन्हें क्रिप्टो का रक्षक, डेमोक्रेटिक राजनीति में नवीनतम शक्ति और संभावित रूप से दुनिया के पहले खरबपति जैसे विशेषणों से नवाजा जाता था, लेकिन आज वह क्रिप्टो जगत के सबसे बड़े खलनायक हैं। 30 वर्षीय बैंकमैन-फ्राइड द्वारा चलाया जा रहा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज शुक्रवार को दिवालिया हो गया और निवेशकों और ग्राहकों ने खुद को ठगा महसूस किया। अगर आप भी क्रिप्टो में निवेश के बारे में सोच रहे हैं तो अच्छी तरह से जान लें कि आप एक ऐसी अंधी गली में प्रवेश कर रहे हैं, जिसमें कब क्या हो जाए किसी को नहीं मालूम।

भारतीयों के लिए क्या हैं मायने
गुरुग्राम के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर ब्रजेश शर्मा ने पांच साल पहले क्रिप्टोकरेंसी में दो लाख रुपये का निवेश किया था। पिछले साल तक वह निवेश से काफी उत्साहित थे, लेकिन अब डर सताने लगा है। ऐसा ही कुछ बंगलूरू में सॉफ्टवेयर इंजीनियर रितेश कुमार का सोचना है। उनका कहना है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को न तो मान्यता है और न ही क्रिप्टो एक्सचेंज चलाने वाली कंपनियां अपने बारे में कुछ खुलकर बताती हैं। ऐसे में अगर पैसा डूबा तो हम कोई दरवाजा भी नहीं खटखटा सकते हैं।

  • सितंबर में भारतीय क्रिप्टो मार्केट लूना और टेरा में करोड़ों डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी गंवा चुके हैं।
  • सरकार ने क्रिप्टो के विनिमय पर टैक्स शुरू किया, तो मार्केट में स्थिरता लौटने की उम्मीद थी लेकिन एफटीएक्स मामले से संभावनाओं पर पानी फिर गया।
  • भारत सरकार क्रिप्टो विनिमय पर टैक्स तो लेती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी है। जानकार कहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी जोखिमभरा जुआ है।

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हालात और बुरे होने की आशंका

  • जानकारों के अनुसार, पहले से मंदे बाजार को अब इस नई अनिश्चितता से निपटना होगा।
  • एफटीएक्स के ढहने के बाद मार्केट में नकदी का संकट पैदा हो सकता है, जिसका खामियाजा दूसरी क्रिप्टोकरेंसी को भुगतना पड़ेगा।
  • भारत के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स के उपाध्यक्ष राजगोपाल मेनन को डर है कि सबसे बुरा अभी खत्म नहीं हुआ है और कुछ भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि पहले से मंदे बाजार को इस नई अनिश्चितता से निपटना होगा।

सरकार और आरबीआई की सर्तकता से बचे निवेशक
दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी बाजार में भारी गिरावट से निवेशकों के अरबों डॉलर डूब गए। हालांकि, सरकार और आरबीआई के सतर्क रुख से भारतीय निवेशकों पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने से बार-बार इनकार करता रहा है। साथ ही क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर चेतावनी भी दी है। इसके अलावा, सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी का भारी-भरकम टैक्स और लेनदेन पर एक फीसदी का अतिरिक्त टीडीएस भी लगाया है। आंकड़ों के मुताबिक, वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी बाजार का पूंजीकरण 2021 में 3 लाख करोड़ डॉलर (234.7 लाख करोड़ रुपये) था। एक साल में ही इसका कुल बाजार मूल्य 2 लाख करोड़ डॉलर (165 लाख करोड़ रुपये) घटकर अब एक लाख करोड़ डॉलर (81.23 लाख करोड़ रुपये) रह गया है।

Crypto Currency News: भारत में तगड़ा चल रहा है क्रिप्टोकरेंसी का खेल, बना सबसे बड़ा बाजार

दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते क्रिप्टो बाजारों में एशिया के तीन देश टॉप पर हैं जिनमें क्रमश: वियतनाम, भारत और पाकिस्तान का नाम आता है।

Neel Mani Lal

क्रिप्टोकरेंसी

क्रिप्टोकरेंसी (फोटो साभार सोशल मीडिया)

Crypto Currency News। क्रिप्टोकरेंसी के बारे में भारत में पहले तो ज्यादातर लोगों को बहुत कुछ पता नहीं है और इनमें में बहुत से लोग क्रिप्टोकरेंसी को किसी तरह का स्कैम मानते हैं। सरकार ने भी क्रिप्टोकरेंसी को न वैधानिक दर्जा दिया है और न इसके लेनदेन पर बैन लगाया है। इन हालातों के बावजूद भारत में क्रिप्टोकरेंसी का लेनदेन बहुत तेजी से बहुत बड़ी तादाद में चल रहा है।

दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते क्रिप्टो बाजारों में एशिया के तीन देश टॉप पर हैं जिनमें क्रमश: वियतनाम, भारत और पाकिस्तान का नाम आता है। यही नहीं, दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है। अब तो भारत की एक क्रिप्टो कंपनी को बिजनेस बढाने के लिए 260 अरब डालर का भारी भरकम निवेश भी मिला है।

जुलाई, 2020 और जून, 2021 के बीच मध्य और दक्षिणी एशिया और ओशेनिया देशों में क्रिप्टोकरेंसी बाजार में 706 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यहां क्रिप्टो मार्केट वैल्यू 572.5 बिलियन डॉलर (लगभग 42,62,844 करोड़ रुपये) तक पहुंच गई। ये क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति क्षेत्र दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते क्रिप्टो बाजारों के रूप में उभरे हैं। इन देशों में एशिया में टॉप तीन देश शामिल हैं - वियतनाम, भारत और पाकिस्तान।

इन देशों में पिछले एक वर्ष में तेजी से क्रिप्टो विस्तार हुआ है। मार्केट रिसर्च फर्म चेनालिसिस की रिपोर्ट के अनुसार, इन देशों में जमीनी स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी को अपनाया जा रहा है। यही नहीं, दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है। भारत में क्रिप्टो लेनदेन का 42 प्रतिशत हिस्सा रहा जिसकी वैल्यू 10 मिलियन डॉलर (लगभग 74 करोड़ रुपये) से अधिक रही। क्रिप्टोकरेंसी में बड़े फंड की पेमेंट करने का ट्रेंड इस बात की ओर इशारा करता है कि एशिया के कई देशों में स्मार्ट मनी अपनाने का ट्रेंड बढ़ रहा है।

क्रिप्टोकरेंसी की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और वियतनाम के बाजार पाकिस्तान की तुलना में बहुत बड़े हैं। दूसरी बात यह है कि

क्रिप्टो करेंसी की तरफ रुझान बढ़ाने में क्रिप्टो माइनिंग, एक्सचेंज प्लेटफॉर्म और गैम्बलिंग ऐप्स का काफी योगदान है। साथ ही क्रिप्टो स्पेस में दूसरे रूप में भी गैर कानूनी गतिविधियों में बढ़ोत्तरी हुई जो इसकी वृद्धि का भी कारण बनी हैं।

क्रिप्टो एक्टिविटी पर रूस और चीन ने भले ही बैन लगा दिया मगर कुछ देश क्रिप्टोकरेंसी को लेकर ख़ास उत्साहित हैं।

उदाहरण के लिए, अफ्रीका ने पिछले एक साल में अपने क्रिप्टो मार्केट में 1,200 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जैसा कि चेनालिसिस की एक अलग रिपोर्ट ने दावा किया था। जुलाई, 2020 और जून, 2021 के बीच केन्या, नाइजीरिया, तंजानिया और दक्षिण अफ्रीका में क्रिप्टो मार्केट 105.6 बिलियन डॉलर (लगभग 775 करोड़ रुपये) की वैल्यू तक पहुंच गया था। मध्य, उत्तरी और पश्चिमी यूरोप का क्षेत्र दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो इकोनॉमी बन गया है। जुलाई, 2020 और जून, 2021 के बीच इस क्षेत्र में 1 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 74,46,016 करोड़ रुपये) से अधिक के ट्रांजेक्शन हुए।

सोने पर असर

क्रिप्टोकरेंसी का एक बहुत बड़ा असर सोने पर पड़ा है। जानकारों का कहना है कि लोग निवेश और जल्दी पैसा बनाने के लिए क्रिप्टो का रुख कर रहे हैं। पहले लोगों के पास निवेश के लिए सोना, रियल एस्टेट और शेयर बाजार का ही विकल्प होता था। लेकिन जबसे क्रिप्टोकरेंसी का विकल्प मिल गया है तबसे ये भी निवेश और स्पेकुलेशन का बढ़िया टूल बन गया है। क्रिप्टो की ओर लोगों का रुझान बीते एक साल में जबरदस्त रूप से बढ़ा है।

एक्सपर्ट्स के अनुसार सोने के भाव नीचे गिरने के एक कारण क्रिप्टोकरेंसी भी है क्योंकि लोगों का पैसा सोने की बजाये क्रिप्टो में जा रहा है। सोने के व्यापारी का कहना है कि दो साल पहले जो ट्रेंड था उसके हिसाब से सोना बहुत नीचे जा चुका है हालाँकि इसमें चीन की अर्थव्यवस्था का भी प्रभाव पड़ा है।

क्रिप्टोकरेंसी की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

क्रिप्टो एक्सचेंज को मिली 260 अरब डालर की फंडिंग

भारत क्रिप्टो का कितना बड़ा बाजार बना है ये क्रिप्टो एक्सचेंज की स्थापना और उनमें हो रहे भरी निवेश से पता चलता है। दुनिया की एक बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनी 'कॉइन स्विच कुबेर' को बड़े ग्लोबल निवेशकों से 260 अरब डालर का निवेश प्राप्त हुआ है। इसके निवेशकों में अमेरिका की वेंचर कैपिटल कंपनी एंडरसन होरोवित्ज शामिल है जो भविष्य की टेक्नोलॉजी में पैसा लगाने के लिए जानी जाती है।

कॉइन स्विच कुबेर को मिले निवेश के चलते यह कंपनी भारत की सबसे कीमती क्रिप्टो कंपनी हो गयी है। कंपनी नए निवेश का इस्तेमाल नए भारतीय यूजर्स को अपने साथ जोड़ने, नए क्रिप्टो प्रोडक्ट लांच करने, अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने और अलग क्षेत्रों में बिजनेस फैलाने के लिए करेगी। कॉइन स्विच क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति कुबेर के सीईओ आशीष सिंघल हैं जो इसके सह संस्थापक भी हैं। उन्होंने 2017 में ये कंपनी शुरू की थी और भारत में इसने जून 2020 में कारोबार शुरू किया। आज इसके पास एक करोड़ से ज्यादा यूजर हैं।

बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का नहीं कर पाएंगे इस्तेमाल, संसद में पेश होगा बिल

बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का नहीं कर पाएंगे इस्तेमाल, संसद में पेश होगा बिल

नई दिल्ली। भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर नकेल कसने जा रही है। आम जनता हो या कंपनियां या फिर कोई निजी कारोबारी, भारत में प्रस्तावित क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। आरबीआई द्वारा देश में जारी होने वाली नई डिजिटल करेंसी से जुड़े प्रस्तावित मसौदा कानून क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति में इस बात का उल्लेख किया गया है। दुनियाभर में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का चलन बेहद तेजी से बढ़ा है। सरकार की ओर से देश में डिजिटल करेंसी के लिए कानून का जो प्रस्तावित मसौदा तैयार किया गया है, उसके मुताबिक भारतीय कंपनियां या आम जनता डिजिटल करेंसी के तौर पर संपत्ति इकठ्ठा नहीं कर पाएंगे। सरकार द्वारा प्रस्तावित एक नए बिल को संसद के इस सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है। बिल का मसौदा सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध का प्रस्ताव करता है। एक्सचेंजों, लोगों, व्यापारियों और अन्य वित्तीय प्रणालियों के प्रतिभागियों को क्रिप्टोकरेंसी की डील करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और किसी के भी द्वारा उल्लंघन करने पर दंड का प्रावधान किया गया है। एक मोटे अनुमान के अनुसार देश में डेढ़ से दो करोड़ डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी खरीदी गई है।

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cryptocurrency future

दिल्ली | भारत सरकार ने एक दिन पहले घोषणा की कि उसने संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान भारत में निजी क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने वाले विधेयक को स्थानांतरित करने की योजना बनाई है। निर्णय को लोकसभा बुलेटिन में घोषित किया गया था। इस निर्णय ने क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार में एक लहर प्रभाव डाला है। क्योंकि देश में बिटकॉइन, सोलाना, डॉगकोइन की कीमतें दुर्घटनाग्रस्त हो गई हैं। जबकि आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 का क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन भारत में निजी क्रिप्टोकरेंसी के संचलन को विनियमित करना चाहता है, यह भारतीय रिजर्व बैंक या आरबीआई द्वारा जारी एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा की शुरूआत के लिए एक रूपरेखा बनाने का भी प्रस्ताव करता है। लोकसभा की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए विधायी व्यवसाय को सूचीबद्ध करने वाले बुलेटिन के अनुसार बिल भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का भी प्रयास करता है हालांकि यह कुछ अपवादों को क्रिप्टोकरेंसी और इसके उपयोग की अंतर्निहित तकनीक को बढ़ावा देने की अनुमति देता है। ( cryptocurrency future )

निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक

संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में ब्लॉकचेन तकनीक को बढ़ावा देने की कुछ उम्मीदों के साथ भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक पेश किया जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करने के लिए यह केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) की शुरूआत के संबंध में जोड़ा गया। लोकसभा बुलेटिन ने आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 के क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन के बारे में कोई अन्य विवरण नहीं दिया।

सेंट्रल बैंक डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति करेंसी क्या है?

भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी या CBDC एक केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी कानूनी निविदा है। यह फिएट मुद्रा के समान है और फिएट मुद्रा के साथ एक-से-एक विनिमय योग्य है। केवल उसका रूप भिन्न है। बैंक द्वारा जारी एक बयान में, आरबीआई सीबीडीसी और क्रिप्टोकुरेंसी के बीच अंतर का वर्णन करता है। सीबीडीसी एक डिजिटल या आभासी मुद्रा है, लेकिन यह निजी आभासी मुद्राओं से तुलनीय नहीं है जो पिछले एक दशक में बढ़ी है। निजी आभासी मुद्राएं पैसे की ऐतिहासिक अवधारणा के लिए पर्याप्त बाधाओं क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति पर बैठती हैं। वे पण्य वस्तु या वस्तुओं पर दावे नहीं हैं क्योंकि उनका कोई आंतरिक मूल्य नहीं है। कुछ का दावा है कि वे सोने के समान हैं स्पष्ट रूप से अवसरवादी प्रतीत होते हैं। आमतौर पर, निश्चित रूप से अब सबसे लोकप्रिय लोगों के लिए, वे किसी भी व्यक्ति के ऋण या देनदारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। कोई जारीकर्ता नहीं है। वे पैसा नहीं हैं (निश्चित रूप से मुद्रा नहीं) क्योंकि यह शब्द ऐतिहासिक रूप से समझा जाने लगा है। इस संबंध में, सीबीडीसी कुछ ऐसा होगा जो बैंकिंग प्रणाली का समर्थन करता है या मौजूदा ढांचे की तारीफ करता है।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी के क्रेज को लेकर केंद्रीय बैंक की चिंता ( cryptocurrency future )

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मुद्रा के रूप में मान्यता न दिए जाने के बावजूद डिजिटल टोकन और भारत में इसके क्रेज को लेकर केंद्रीय बैंक की चिंताओं को बार-बार दोहराया है। इस मुद्दे पर महीने की शुरुआत में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक में चर्चा की गई थी, जिन्होंने अवैध काम के लिए क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल के बारे में भी चिंता व्यक्त की है। इस महीने की शुरुआत में इस मुद्दे पर प्रधान मंत्री की बैठक में, आम सहमति थी कि सरकार द्वारा इस क्षेत्र में उठाए गए कदम ‘प्रगतिशील और दूरदर्शी’ होंगे। तब यह भी चर्चा हुई कि “अनियमित” क्रिप्टो बाजारों को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के लिए रास्ता नहीं बनने दिया जा सकता है। सरकार के सूत्रों ने विधेयक को पेश करने के केंद्र के फैसले पर कहा। उन्होंने बुधवार को कहा कि एक सख्त तंत्र स्थापित किया जाएगा ताकि कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​​​गैरकानूनी या राष्ट्र-विरोधी कार्यों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी की उत्पत्ति का पता लगा सकें। ( cryptocurrency future )

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