अब सवाल यह है कि कंपनी ऐसा क्यों करती है? जानकारों की मानें तो जब किसी कंपनी का शेयर काफी ज्यादा हो जाता है तो छोटे निवेशक इसमें पैसा लगाने से कतराते हैं. छोटे निवेशकों के लिए इसमें निवेश को आसान बनाने के लिए ही कंपनी स्टॉक स्प्लिट करती है. इसके अलावा, कई बार मार्केट में डिमांड बढ़ाने के लिए भी स्टॉक स्प्लिट किया जाता है.
स्टॉक स्पलीट क्या है?
स्टॉक स्प्लिट एक कॉर्पोरेट एक्शन होता है, जिसमे कंपनी स्टॉक के face वैल्यू को कम करके स्टॉक स्पलीट क्या है? शेयर्स की संख्या में बढ़ोतरी करती है। कंपनियां आमतौर पर लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए शेयर्स को स्प्लिट यानि विभाजित करती हैं, क्योंकि स्प्लिट के बाद स्टॉक की कीमत कम हो जाती है। स्प्लिट face वैल्यू को कम करके शेयर्स की क्वांटिटी को बढ़ाता है, लेकिन टोटल इन्वेस्टमेंट वैल्यू वही रहता है।
मान लिजिए कि अगर स्टॉक का face वैल्यू ₹10 है, और 2:1 के रेश्यो में स्टॉक स्प्लिट होता है, तब face वैल्यू ₹5 हो जाएगा। अगर स्प्लिट से पहले आपके पास ₹10 का 1 शेयर था, तब स्प्लिट के बाद आपके पास ₹5 के 2 शेयर होंगे। इन्वेस्टमेंट वैल्यू वही रहता है, यानि ₹10। नीचे दी गई टेबल में और भी सिनेरियो के बारें में बताया गया हैं:
स्प्लिट रेश्यो | पुराना face वैल्यू | स्प्लिट के पहले शेयर संख्या | स्प्लिट के पहले शेयर कीमत | स्प्लिट से पहले इन्वेस्टमेंट वैल्यू | स्प्लिट के बाद नया FV | स्प्लिट के बाद शेयरों की संख्या | स्प्लिट के बाद शेयर की कीमत | स्प्लिट के बाद इन्वेस्टमेंट वैल्यू |
2:1 | 10 | 100 | 900 | 90,000 | 5 | 200 | 450 | 90,000 |
5:1 | 10 | 100 | 900 | 90,000 | 2 | 500 | 180 | 90,000 |
Stock Split क्या होता है? कंपनी और शेयरधारकों के लिए कैसे फायदेमंद? स्टॉक स्प्लिट क्यों किया जाता है?
Stock Split: अगर किसी कंपनी के शेयर की वैल्यूएशन ज्यादा हो गई है तो शेयर को दो हिस्से में तोड़ा जाता है.
Stock Split: शेयर बाजार में कई तरह के शब्दों या टर्म्स का इस्तेमाल होता है. ट्रेडिंग के दौरान इन शब्दों से निवेशकों का भी वास्ता पड़ता है. डिविडेंड, शेयर बायबैक, स्टॉक स्प्लिट जैसे शब्द अक्सर सुनने को मिलते हैं. हाल ही में दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी Amazon ने अपने स्टॉक स्प्लिट का ऐलान किया है. लेकिन, आखिर ये स्टॉक स्प्लिट होता क्या है? निवेशकों के लिए क्यों इतना खास है ये शब्द. कंपनियां क्यों और किस लिए करती हैं इसका इस्तेमाल? ऐसे तमाम सवाल आपके जहन में भी आते होंगे. आज हम आपको बताएंगे ये स्टॉक स्प्लिट क्या है और क्यों किया जाता है.
क्या होता है स्टॉक स्प्लिट का मतलब?
स्टॉक स्प्लिट का मतलब शेयर विभाजन होता है. आसान शब्दों में कहें तो किसी भी एक शेयर को तोड़कर दो या उससे ज्यादा बना देना. स्टॉक स्प्लिट के जरिए कंपनियां अपने शेयरों को एक से ज्यादा शेयरों में विभाजित करती हैं. लेकिन, क्यों किया जाता है? बाजार के जानकारों का मानना है कि आमतौर पर जब किसी कंपनी का शेयर काफी महंगा होता है तो छोटे निवेशक उसमें निवेश करने से कतराते हैं. ऐसे में इन छोटे निवेशकों को अपनी तरफ खींचने के लिए कंपनी स्टॉक स्प्लिट करती है. कई बार मार्केट में डिमांड स्टॉक स्पलीट क्या है? बढ़ाने के लिए भी कंपनियां स्टॉक स्प्लिट करती हैं.
अगर किसी कंपनी के शेयर की वैल्यूएशन ज्यादा हो गई है तो शेयर को दो हिस्से में तोड़ा जाता है. अगर कोई कंपनी स्टॉक स्प्लिट करती है, तो शेयरधारकों को उसके पास मौजूद हर एक शेयर के लिए एक अतिरिक्त शेयर दिया जाता है. इससे शेयरधारक के पास पहले से मौजूद शेयरों की संख्या दोगुनी हो जाती है. मान लीजिए किसी शेयरधारक के पास एक कंपनी के 400 शेयर हैं और कंपनी स्टॉक स्प्लिट लाकर 1 शेयर को 2 में तोड़ देती है तो शेयरधारक के पास अब कंपनी के 800 शेयर हो जाएंगे. हालांकि, उसकी निवेश की वैल्यू पर इससे कोई असर नहीं होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि, स्टॉक स्प्लिट करने से हर एक शेयर की स्टॉक स्पलीट क्या है? वैल्यू आधी हो जाती है.
कंपनी पर क्या पड़ता है असर?
स्टॉक स्प्लिट से कंपनी के शेयरों में लिक्विडिटी आती है. छोटे निवेशकों का रुझान शेयर की तरफ बढ़ता है. कीमत कम होने से भी शेयरों में तेजी की संभावना बढ़ जाती है. शॉर्ट टर्म के लिए कंपनी के शेयरों में उछाल देखने को मिलता है. बाजार में कंपनी के शेयरों की संख्या बढ़ जाती है. हालांकि, इससे कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन (Market Cap) पर कोई असर नहीं पड़ता.
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शेयर स्प्लिट क्या है (Stock Split In Hindi)
जब कंपनियां शेयर मार्केट में अपने स्टॉक की liquidity को बढाने के लिए शेयरों की संख्या को बढा देती है तो इस प्रोसेस को Stock Split कहते हैं. मार्केट में शेयरों की संख्या बढ़ने से कंपनी के कुल Market Capitalization में कोई बदलाव नहीं होता है क्योंकि इसमें प्रत्येक शेयर की कीमत भी विभाजित हो जाती है. कंपनियां शेयर की कीमतों को कम करने के लिए जानबूझकर Stock Split करती हैं.
स्टॉक स्प्लिट का क्या मतलब होता है हमने आपको ऊपर बताया है अब Stock Split को अच्छे से समझने के लिए हम एक उदाहरण को देखेंगें.
उदाहरण के तौर पर मान स्टॉक स्पलीट क्या है? लीजिए कि आपने टाइटन कंपनी के 10 शेयर खरीदे हैं. प्रत्येक शेयर का प्राइस ₹2000 है और इसका फेस वैल्यू ₹20 है. यानी कुल मिलाकर आपने यहां पर (2000×20) = 20, 000 का निवेश किया है.
अब माना कंपनी ने अपने शेयरों को 2:1 में विभाजित करने का निर्णय लिया है इसका स्टॉक स्पलीट क्या है? स्टॉक स्पलीट क्या है? मतलब यह है कि इस कंपनी के 1 शेयर दो शेयर में तब्दील हो चुके हैं, और उनका फेस वैल्यू और उनकी कीमत उसी अनुपात में कम हो जाएगा जिस अनुपात में कंपनी ने अपने शेयर को split किया है.
कंपनी शेयर स्प्लिट क्यों करती है?
कंपनियां स्टॉक स्प्लिट क्यों करती हैं तो इसके पीछे कई वजह हो सकती है.सबसे प्रमुख वजह होती है कि अगर कंपनी के शेयर के स्टॉक स्पलीट क्या है? दाम बहुत ज्यादा हो गए हैं तो उसे कम करने के लिए कंपनियां स्टॉक स्प्लिट करती है ताकि हर उसके निवेशकों की संख्या में बढ़ोतरी हो सके.
दूसरा कारण यह है कि कंपनी के शेयर स्टॉक स्पलीट क्या है? प्राइस प्रतिद्वंदी कंपनी के मुकाबले बहुत ज्यादा हो गया है. जैसे मान लीजिए कि आप बैंकिंग सेक्टर के कंपनी है और सभी बैंकिंग सेक्टर के कंपनियों के शेयर प्राइस लगभग समान हैं, लेकिन आपके कंपनी के स्टॉक स्पलीट क्या है? शेयर के दाम उनके मुकाबले बहुत अधिक है ऐसे में निवेशक आपके कंपनी में निवेश करना पसंद नहीं करेंगे. इन वजह से कंपनी अपने शेयर का स्प्लिट करती है ताकि उनके दाम को कम किया जा सके.
तीसरा कारण यह हो सकता है कि कंपनी अपने शेयर के लिक्विडिटी को बढ़ाना चाहती है ताकि शेयर बाजार के छोटे निवेशकों को अपनी तरफ आकर्षित किया जा सके क्योंकि जब छोटे निवेशक देखते हैं कि किसी कंपनी के शेयर बाजार में सस्ते हो गए हैं उसे अधिक मात्रा में खरीदना चालू कर देते हैं.
Stock Split के फायदे
Stock Split का फायदा कंपनी और निवेशक दोनों को मिलता है,
निवेशकों को स्टॉक स्प्लिट से क्या फायदा है?
कंपनी अपने शेयरों में स्प्लिट करती है तो इसका सीधा लाभ निवेशकों को मिलता है जिन्होंने इस कंपनी में पैसे निवेश किए हैं. मान लीजिए कि आपने X कंपनी के पांच शेयर खरीदे है और कंपनी ने शेयरों में स्प्लिट किया तो आप के 5 शेयर 10 में तब्दील हो जाएंगे, (ध्यान देने की बात है शेयर उसी अनुपात में बढ़ते हैं जिस अनुपात में कंपनी के स्टॉक स्प्लिट किया है) और ऐसे में कंपनी के शेयर के दाम भविष्य में अगर शेयर मार्केट में ऊपर जाते हैं तो आपको यहां पर कंपनी की तरफ से अधिक लाभ स्टॉक स्पलीट क्या है? मिलेगा इसलिए निवेशकों को स्प्लिट होने से फायदा ही फायदा है होता है.
कंपनी को स्टॉक स्प्लिट से क्या फायदा है?
कंपनी जब अपने शेयरों का स्प्लिट करती है तो इसका सीधा फायदा कंपनी को मिलता है क्योंकि शेयर बाजार में कंपनी के शेयर के दाम कम हो जाते हैं और अधिक से अधिक निवेशक इस कंपनी में पैसा निवेश करना शुरू कर देते हैं जिससे कंपनी बाजार से अधिक पूंजी इकट्ठा कर लेती है.
बोनस इश्यू VS स्टॉक स्प्लिट: शेयर की कीमत
बोनस इश्यू- बोनस इश्यू में शेयर की कीमत जारी किए गए शेयरों की संख्या के अनुसार एडजस्ट हो जाती है. मान लीजिए किसी कंपनी ने 4:1 रेश्यो में बोनस इश्यू का एलान किया है. अब इसे उदाहरण के समझते हैं.
- बोनस इश्यू से पहले स्टॉक की कीमत- 100 रुपये
- बोनस इश्यू से पहले कुल शेयर संख्या- 100 शेयर
- बोनस जारी होने के बाद शेयरों की संख्या हो जाएगी- 400 शेयर
- वहीं, बोनस इश्यू के बाद स्टॉक की कीमत हो जाएगी- 25 रुपये
स्टॉक स्प्लिट- स्टॉक स्प्लिट में शेयर की कीमत अनुपात में आधी हो जाती है.
- मान लीजिए, स्टॉक स्प्लिट रेश्यो- 1:2
- स्टॉक स्प्लिट से पहले स्टॉक की कीमत- 100 स्टॉक स्पलीट क्या है? रुपये
- स्टॉक स्प्लिट से पहले कुल शेयर संख्या- 100 शेयर
- स्टॉक स्प्लिट के बाद शेयर संख्या- 200 शेयर
- स्टॉक स्प्लिट के बाद शेयर की कीमत- 50 रुपये
बोनस इश्यू VS स्टॉक स्प्लिट: क्या है अंतर और निवेशकों के लिए क्या है इसके मायने
स्टॉक स्प्लिट और बोनस शेयर दोनों में ही शेयरों की संख्या बढ़ जाती है और मार्केट वैल्यू कम हो जाती है. हालांकि, केवल स्टॉक स्प्लिट में ही फेस वैल्यू कम हो जाती है, जबकि बोनस इश्यू में यह नहीं होता. स्टॉक स्प्लिट और बोनस इश्यू में यही मुख्य अंतर है. कंपनियां इन दोनों तरीकों से अपने शेयरहोल्डर्स को इनाम देती है. बोनस इश्यू और स्टॉक स्प्लिट दोनों में ही शेयरहोल्डर्स को अतिरिक्त राशि देने की जरूरत नहीं होती. स्टॉक स्प्लिट में पहले से उपलब्ध शेयर स्प्लिट हो जाती है. इसका मतलब है कि आपके पास उपलब्ध शेयरों की संख्या बढ़ जाती है. वहीं, शेयरों की कीमत कम हो जाती है. हालांकि, आपके द्वारा निवेश किए गए पैसे पर स्टॉक स्प्लिट के चलते कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.
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क्या होता है Stock Split और कंपनी व शेयरहोल्डर्स के लिए कैसे होता है फायदेमंद?
डीएनए हिंदी: स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) के बारे में आपने अक्सर सुना होगा. दिमाग में हजारों प्रश्न भी आए होंगे कि ये क्या होता है? स्टॉक शब्द से यह तो समझ आ ही गया होगा कि शेयर मार्केट से संबंधित कोई टर्म है. यहां हम आपको यही बताएंगे कि स्टॉक स्प्लिट क्या होता है और यह कैसे शेयरहोल्डर्स को मुनाफा कराता है?
क्या होता है स्टॉक स्प्लिट?
स्टॉक स्प्लिट को आसान भाषा में समझें तो शेयरों का विभाजन. स्टॉक स्प्लिट के तहत बड़ी कंपनियां अपन मौजूदा शेयर को कई शेयरों में बांट देती है.
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