Mulayam Singh Yadav Birth Anniversary : मुलायम सिंह यादव की पहली जयंती पर श्रद्धांजलि समारोह

प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा सीट और रामपुर व खतौली विधानसभा सीट पर उपचुनावों के बीच समाजवादी पार्टी अपने संस्थापक मुलायम सिंह यादव की जयंती आज मना रही है. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने पिता को नमन करते हुए ट्वीट किया,

Mulayam Singh Yadav Birth Anniversary: मैनपुरी लोकसभा सीट और रामपुर व खतौली विधानसभा सीट पर उपचुनावों के बीच एमएसीडी संकेतक क्या है और यह इतना विशेष क्यों है? समाजवादी पार्टी अपने संस्थापक मुलायम सिंह यादव की जयंती आज मना रही है. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने पिता को नमन करते हुए ट्वीट किया, "धरतीपुत्र" श्रद्धेय नेताजी की जयंती पर शत शत नमन!

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PM Modi Gujarat Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र एमएसीडी संकेतक क्या है और यह इतना विशेष क्यों है? मोदी आज से गुजरात के दो दिनों के दौरे पर हैं जहां वे कई परियोजनाओं की सौगात दिए। अपने दो दिनों के दौरे में पीएम मोदी गुजरात को 29 हज़ार करोड़ की सौगात देने वाले हैं। पीएम मोदी ने आज अहमदाबाद में नेशनल गेम्स का उद्घाटन किया तो वहीं सूरत और भावनगर को भी बड़े तोहफे दिए। अहमदाबाद को वंदे भारत और मेट्रो की सौगात भी प्रधानमंत्री देने वाले हैं। इस दौरे में पीएम मोदी नवरात्रि के उत्सव में शामिल होंगे तो शक्ति की उपासना के लिए अंबाजी में दर्शन भी करेंगे। #pmmodi #narendramodi #gujaratvisit #surat #indiatv #bhavnagar

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Protein Deficiency: कैसे पता करें कि आप पर्याप्त प्रोटीन खा रहे हैं या नहीं?

क्या आप अपने भोजन में पर्याप्त प्रोटीन ले रहे हैं? कम प्रोटीन का सेवन करने के बारे में विशेषज्ञों का क्या कहना है.

Protein Deficiency: कैसे पता करें कि आप पर्याप्त प्रोटीन खा रहे हैं या नहीं?

पर्याप्त प्रोटीन खाने के महत्व के बारे में बहुत कुछ कहा और लिखा गया है.

यह एक मैक्रोन्यूट्रिएंट है, जो हर जगह मौजूद होता है - यह आपके शरीर के हर अंग और प्रणाली की हर कोशिका में होता है - और यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि हर रोज इसका पर्याप्त मात्रा में सेवन करना बहुत महत्वपूर्ण है.

हमें इसकी हर रोज जरूरत होती है क्योंकि फैट और कार्बोहाइड्रेट की तरह यह शरीर में जमा नहीं होता है.

प्रोटीन हर किसी के लिए जरूरी है, सिर्फ उनके लिए नहीं जो अक्सर जिम में वेट ट्रेनिंग करते हैं. फिर भी हम में से अधिकांश लोगों में यह पर्याप्त मात्रा में नहीं पाया जाता है.

तो जानते हैं कि इसकी कमी से क्या हो सकता है.

आहार में प्रोटीन की कमी से कई तरह के दुष्प्रभाव हो सकते हैं. नीचे प्रोटीन की कमी के साइड इफेक्ट्स की एक चेक लिस्ट है.

प्रोटीन एमएसीडी संकेतक क्या है और यह इतना विशेष क्यों है? के लिए रिकमेंडेड डायटरी अलाउंस (RDA)

आपको कितनी प्रोटीन की आवश्यकता है? इसका उत्तर इतना आसान नहीं है, क्योंकि यह अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग है.

उम्र, लिंग, स्वास्थ्य इतिहास और आप कितना व्यायाम करते हैं, इसके अनुसार प्रोटीन की जरूरत अलग-अलग होती है.

लेकिन औसतन, न्यूनतम शारीरिक गतिविधि वाले स्वस्थ वयस्क के लिए प्रोटीन की प्रतिदिन RDA बॉडी वेट के प्रति किलो के लिए 0.8 से 1 ग्राम है. यह कुछ एमएसीडी संकेतक क्या है और यह इतना विशेष क्यों है? खास परिस्थितियों में बढ़ सकता है.

आपका बैलेंस गड़बड़ है

प्रोटीन मांसपेशियों के निर्माण के लिए आवश्यक है, इसलिए इसकी कमी से मांसपेशियों में कमी हो सकती है, जिसके कारण कम ताकत, संतुलन बनाए रखने में कठिनाई और मांसपेशियों में दर्द जैसी बड़ी परेशानियां हो सकती हैं.

आप हमेशा थका महसूस करते हैं

मांसपेशियों में कमी से थकान हो सकती है. जब कमी अधिक हो जाती है, तो शरीर पर्याप्त प्रोटीन की आपूर्ति के लिए मांसपेशियों को तोड़ देता है, जिससे ऊर्जा और ताकत में कमी आती है.

साथ ही प्रोटीन की कमी से एनीमिया भी हो सकता है (क्योंकि हीमोग्लोबिन के निर्माण के लिए भी प्रोटीन की आवश्यकता होती है), जिसके कारण एमएसीडी संकेतक क्या है और यह इतना विशेष क्यों है? पर्याप्त ऑक्सीजन कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाती है और थकान और भी बढ़ जाती है.

वास्तव में, थकान प्रोटीन की कमी के शुरुआती लक्षणों में से एक है.

आपका वजन बढ़ रहा है

कम मांसपेशी से मेटाबॉलिज्म भी कम हो जाता है, और इससे वजन बढ़ सकता है क्योंकि जिस दर से शरीर के कैलोरी बर्न करने की क्षमता घट जाती है.

प्रोटीन न केवल हमें ईंधन देता है, यह हमें तृप्ति भी देता है (हमें लंबे समय तक भूख नहीं लगती है). यह ग्रेलिन नामक भूख हार्मोन के स्तर को कम करता है, जिससे हमें कम भूख लगती है और इस प्रकार यह हमारे वजन को नियंत्रित रखने में बड़ी मदद करता है.

प्रोटीन को पचाने में भी अधिक समय लगता है. इसलिए अगर आपके भोजन में प्रोटीन की मात्रा कम होगी तो खाना जल्दी पच जाएगा और आपका ब्लड शुगर बढ़ जाएगा.

इस वृद्धि के बाद जल्द एमएसीडी संकेतक क्या है और यह इतना विशेष क्यों है? ही ब्लड शुगर में गिरावट आएगी और ब्लड शुगर के इस तरह निरंतर बढ़ने और घटने से भोजन के लिए, खासकर चीनी के लिए, क्रेविंग बढ़ जाएगी.

दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण, इन बीमारियों से ग्रस्त लोगों का जीना हुआ मुश्किल

दिल्ली- एनसीआर में दिनोंदिन बढ़ते प्रदूषण के स्तर से वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब श्रेणी से बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया है। लोगों का सांस लेना दूभर होता जा रहा है। 2 नवंबर को दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 354 दर्ज किया गया। वहीं मंगलवार शाम चार बजे एक्यूआई 424 दर्ज किया गया था।

सफर के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली हवाई अड्डे के पास पीएम 2.5 का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 350 रहा वहीं नोएडा में 406, गुरुग्राम में 346 दर्ज किया गया। विशेषज्ञों की माने तो पंजाब और हरियाणा में जलाई जा रही पराली के कारण आने वाले दिनों में राजधानी में प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में रहने की पूरी आशंका है।

सांस से संबंधित बीमारियां बढ़ीं
डॉक्टरों के मुताबिक प्रदूषण के कारण लोगों एमएसीडी संकेतक क्या है और यह इतना विशेष क्यों है? में सांस की तकलीफें बढ़ने लगी है। खासकर अस्थमा के मरीजों के लिए यह हवा बेहद खतरनाक है। डॉ. नरेन्द्र सैनी ने बताया कि अस्पताल में पहुंचने वाले 10 में से 5 मरीजों में सांस की तकलीफें देखी जा रही है। प्रदूषण से स्वास्थ्य पर दूगामी प्रभाव भी देखने को मिलेंगे। इसमें फेफड़े कमजोर होना और कैंसर भी शामिल है। डॉ. सैनी ने इससे बचाव की सलाह देते हुए कहा कि आने वाले दिनों में लोगों को घर के अंदर ही रह कर व्यायाम करना चाहिए। सुबह की सैर को अभी थोड़ा टालना चाहिए। घर से बाहर निकलने के समय एन 95 मास्क लगाना चाहिए।

Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद में मिला शिवलिंग, कोर्ट ने CRPF को दिए सुरक्षा करने के आदेश

Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद में मिला शिवलिंग, कोर्ट ने CRPF को दिए सुरक्षा करने के आदेश

Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे का एमएसीडी संकेतक क्या है और यह इतना विशेष क्यों है? काम पूरा हो चुका है। सबसे बड़ी खबर यह है कि मस्जिद में शिवलिंग मिलने की पुष्टि हो गई है। तीसरे दिन के सर्वे के बाद हिंदू पक्षकारों ने बाहर आकर इसके संकेत दिए थे। ताजा खबर यह है कि अब कोर्ट की तरफ से भी इसकी पुष्टि हो गई है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन की अपील पर कोर्ट ने जिला कलेक्टर और सीआरपीएफ को ज्ञानवापी मस्जिद का वह स्थान सुरक्षित करने को कहा है जहां शिवलिंग मिला है। कोर्ट ने माना है कि वहां शिवलिंग मिला है। यह एमएसीडी संकेतक क्या है और यह इतना विशेष क्यों है? महत्वपूर्ण साक्ष्य है इसलिए इस स्थान की सुरक्षा की जाए। उस स्थान को कवर कर लिया जाएगा। वहां कोई नहीं जा पाएगा। वहां अभी सिर्फ 20 मुस्लिम ही नमाज के लिए जा पाएंगे।

Gyanvapi Masjid Case: तीसरे दिन मिल गए बाबा

सोमवार को सर्वे का तीसरा दिन था। अब रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट में पेश की जाएगी। वाराणसी की जिला अदालत ने इसके लिए 17 मई तक का समय दिया था। तीन दिन के सर्वे की वीडियोग्राफी की गई है। इसकी रिपोर्ट एडवोकेट कमिश्नर तैयार करेंगे, जिस पर दोनों पक्षों के हस्ताक्षर रहेंगे। इस बीच, सर्वे टीम का हिस्सा सोहनलाल आर्य ने बड़ा बयान दिया है। कोर्ट में केस होने के कारण उन्होंने साफ-साफ कुछ नहीं कहा, लेकिन इतना संकेत जरूर दिया कि नंदी को जिसकी तलाश थे, वो बाबा मिल गए हैं। यानी साफ है कि मस्जिद मे मंदिर के पुख्ता प्रमाण मिले हैं।

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वहीं इस मसले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी अहम सुनवाई होगी। ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के खिलाफ सुन्नी वक्फ बोर्ड ने याचिका दायर की है। इससे पहले रविवार को दूसरे दिन का सर्वे हुआ। शनिवार और रविवार को सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक सर्वे हुआ।

Gyanvapi Masjid Case: जानिए आगे क्या होगा

मामले में अब वाराणसी की जिला अदालत में 17 मई को सुनवाई होगी। इसी दिन सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई होगा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में जिस सर्वे को रोकने की याचिका लगाई थी, वह काम पूरा हो चुका है। ऐसे में यह सुनवाई होगी या नहीं, इस पर सवाल है।

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ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में रविवार को एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही सुबह ठीक आठ बजे शुरू हुई। उस समय तक धूप तीखी हो चुकी थी। गर्मी ज्यादा बढ़े उससे पहले ही मस्जिद परिसर के खुले हिस्से में और गुबंद की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करना तय हुआ। इबादत की जगह पर सभी लोग नंगे पैर दाखिल हुए। गुबंद के अंदर की संरचना को ज्यादा से ज्यादा करीब से देखने की कोशिश थी। सीढ़ी संकरी होती चली गई है और ऊपर सांस लेना भी मुश्किल था। चर्चा रही कि गुंबद की बनावट हर किसी को चौंका रही थी। इसलिए हर कोई उसे देखना चाहता था। थोड़ा वक्त तो लगा लेकिन कई महत्वपूर्ण तथ्यों को समेटकर टीम सीढ़ियों से चढ़कर ऊपर छत तक पहुंची। तब तक तेज धूप से छत तपने लगी थी और नंगे पैर चलना मुश्किल हो रहा था। इसके बाद फोटोग्राफर व वीडियोग्राफर के साथ सभी ने कोने-कोने तक जाकर पूरी संरचना देखी।

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इसके बाद नमाज वाली जगह पर हालनुमा बड़े कमरे एमएसीडी संकेतक क्या है और यह इतना विशेष क्यों है? की छत से लेकर फर्श की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी हुई। यहां भी चौकाने वाली कई चीजें थीं। दीवारों और सीलिंग पर बनी कई आकृतियां ऐसी थीं जो मंदिर पक्ष के वकीलों को रुककर उसकी फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी कराने के लिए मजबूर कर रही थीं। दीवारें और खंभों पर खास नजर रही। जैसे-जैसे कार्यवाही बढ़ रही थी, उत्सुकता भी बढ़ती जा रही थी। 100 से ज्यादा फोटो यहां खींचे गए। वीडियोग्राफी भी लंबे समय तक चली।

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इसके बाद पूरी टीम एक बार फिर तहखाने की ओर चल पड़ी। घनघोर अंधेरा होने के कारण सर्च लाइट का इंतजाम किया गया। बंद जगह में गर्मी की वजह से सभी तर-बतर होते रहे। विषैले जीवों का एमएसीडी संकेतक क्या है और यह इतना विशेष क्यों है? डर भी था। यहां आने में विशेष रुचि मंदिर पक्ष के लोगों की थी। एक दिन पहले दीवारों पर मिली तमाम आकृतियों से उन्हें और भी कुछ हासिल होने की उम्मीद थी। एक बार फिर दीवारों, खंभों पर निगाह डाली गई। बहुत कुछ ऐसा था, जिसे कैमरों में कैद कराना जरूरी था।

टीम परिसर में मौजूद तालाब के पास भी गई। एक पक्ष चाहता था कि पूरा पानी निकालकर तलाब की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी हो, हालांकि ऐसा हो नहीं सका। कार्यवाही के दौरान कुछ लोग एडवोकेट कमिश्नर की नाराजगी का शिकार भी हुए। उन्हें कुछ वक्त के लिए कार्यवाही से दूर कर दिया गया। तय समय दोपहर 12 बजे कार्यवाही बंद की गई।

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