Stock Market Closing Bell: आज आईटी को छोड़कर, अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्स ऑटो, मेटल और एफएमसीजी इंडेक्स1 प्रतिशत की बढ़त के साथ हरे निशान पर बंद हुए हैं.
क्या जानते हैं इस शेयर के बारे में जो कमाई को बढ़ा सकता है? राकेश झुनझुनवाला को भी पसंद है ये स्टॉक
By: ABP Live | Updated at : 21 Mar 2022 12:25 PM (IST)
Edited By: Meenakshi
शेयर बाजार (फाइल फोटो)
Stock Pick: शेयर बाजार के दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) एक ऐसे बैंक शेयर को पसंद करते हैं जो रिटर्न के मामले में काफी आगे है. Federal Bank का शेयर हालांकि आज तेजी के नहीं बल्कि गिरावट के दायरे में कारोबार कर रहा है और इसमें 0.4 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी जा रही है. करीब 0.4 फीसदी की गिरावट के बाद ये 97.95 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा है.
फेडरल बैंक (Federal Bank) का शेयर राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में भी है और वो अक्सर इसकी चर्चा करते दिख जाते हैं. इस पर ब्रोकरेज हाउस के भी अच्छे व्यू हैं और मोतीलाल ओसवाल जैसी दिग्गज ब्रोकरेज फर्म भी इसे निवेशकों के लिए अच्छा शेयर बताती है.
'Stock market'
Stock Market Updates: बीते सप्ताह बीएसई (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स (Sensex) 1,492.52 अंक यानी 2.43 प्रतिशत के नुकसान के साथ 59,845.29 पर और निफ्टी (Nifty) 462.2 अंक यानी 2.52 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,806.8 के स्तर पर बंद हुआ.
Factors That Shape Stock Market Trends: चीन सहित कुछ अन्य देशों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच पिछले सप्ताह शेयर बाजार के निवेशकों के रुख में बदलाव देखा गया है. जिसका सीधा असर बाजार के कारोबार पर पड़ा है.
Top Performing IPOs in India 2022: इस साल आईपीओ (IPO 2022) लॉन्च करने वाली 37 कंपनियों में से 33 कंपनियां स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट हो चुकी हैं. एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, इनमें से 25 कंपनियां अपने इश्यू प्राइस के ऊपर कारोबार कर रही हैं.
Stock Market Closing Bell: आज सभी सेक्टोरल इंडेक्स में एफएमसीजी, ऑटो, रियल्टी 0.5- 1 प्रतिशत की गिरावट के साथ लाल निशान पर बंद हुए हैं.
Trading के लिए Liquid Stock क्यों महत्वपूर्ण है?
लिक्वडिटी का अर्थ आप लोग जान गए होगे। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा कि trading के लिए लिक्विड स्टॉक क्यों जरूरी होते हैं। आइए जानते हैं कि लिक्वडिटी बाजार को दो मुख रूप से कैसे प्रभावित करती है:-
1. मूल्य प्रसार ( Price Spread )
Finance में स्प्रेड का मतलब दो प्राइस, रेट्स, या यील्ड का अंतर होता है। अगर आसान शब्दो में बताए तो मूल्य प्रसार मार्केट के खरीदार और विक्रेता के ऑर्डर्स का अंतर होता है। यह हमें बताने की कोशिश करता है कि एक खरीदार और विक्रेता के खरीद और बिक्री के प्राइस में क्या अंतर है।
Liquid Stock खरीद प्राइस और बिक्री प्राइस के बीच में आने वाले गैप को कम करने की कोशिश करता है। यानी कि लिक्विड स्टॉक में low price spread होता है। वहीं illiquid stock में खरीद प्राइस और बिक्री प्राइस के बीच में आने वाला गैप बहुत ज्यादा होता है। यानी कि illiquid स्टॉक में high price spread होता है। इसलिए illiquid स्टॉक में किसी भी शेयर को खरीदना और बेचना मुश्किल हो जाता है।
Trading के लिए Liquid Stocks को कैसे चुने?
Trading के लिए लिक्विड स्टॉक का होना आवश्यक है। खासकर intraday trading के लिए highly liquid stocks का होना जरूरी है। स्टॉक में वॉल्यूम के साथ साथ volatility होने से शेयर कि लिक्विडिटी बढ़ जाती है। आइए तो फिर जानते हैं की ट्रेडिंग के लिए लिक्वड स्टॉक्स कैसे चुने?
1. High Trade Volume
किसी भी स्टॉक में high volume होने का मतलब उस स्टॉक पर एक दिन में कितनी खरीद और बिक्री हुई है। हाई वॉल्यूम यानी कि उस स्टॉक में हाई लिक्विडिटी का होना है।
2. Bid/Ask प्राइस में कम अंतर होना
Bid/Ask प्राइस में कम अंतर होने का मतलब यह हुआ की उस स्टॉक को खरीदने के लिए अनेकों खरीददार मौजूद है। वहीं दूसरी तरफ अनेकों विक्रेता उस स्टॉक को बेचने के लिए मौजूद है। इससे slippage कि कमी और high liquidity होना दर्शाता है।
3. मध्य volatility वाले शेयरों को चुने
अगर किसी स्टॉक में कम लिक्विडिटी यानी कि वोलैटिलिटी बिल्कुल भी नहीं है। वह स्टॉक जो पूरी तरह से choppy स्टॉक क्या है है। उनसे हमेशा दूर रहना चाहिए। लेकिन वही दूसरी तरफ अगर स्टॉक ज्यादा वोलेटाइल होगा, तो उसमे नुकसान भी उतना ही ज्यादा हो सकता है। इसलिए ट्रेडिंग के लिए मध्य volatility वाले शेयरों को चुने। मध्य volatility वाले शेयरों में रिस्क, हाई volatility वाले शेयरों से कम होता है।
निष्कर्ष
ट्रेडर्स के नजरिए से स्टॉक में लिक्विडिटी होना बहुत जरूरी होता है। हाई लिक्विडिटी वाले स्टॉक को आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है। इस तरह के स्टॉक को जल्दी से नकदी में बदला जा सकता है। अगर किसी स्टॉक में लिक्विडिटी नहीं है तो शायद आप एक अच्छी ऑपर्च्युनिटी खो दे।
डे ट्रेडर्स को हाई लिक्विडिटी वाले स्टॉक का चयन करना चाहिए। क्योंकि उन्हें एक दिन में कई सौदे करने पड़ते हैं। अगर दूसरी तरफ देखे तो स्टॉक में लिक्विडिटी नहीं होने के कारण आप एक दिन में कई ट्रेड ना ले पाए। Illiquid stocks में आपके रिस्क कैपेसिटी से भी ज्यादा का नुकसान हो सकता है।
उम्मीद करता हूं कि आपको आज का लेख "liquid stocks क्या है? लिक्वड स्टॉक कैसे चुने?" पसंद आया होगा। स्टॉक क्या है ऐसे ही वित्तीय बाजार के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे ब्लॉग से जुड़े रहे। हम यहां आपको वित्तीय बाजार के साथ साथ टेक्नोलॉजी से जुड़ी अन्य जानकारियां भी साझा करते हैं।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? इतिहास, उद्देश्य और कार्य
दोस्तों, क्या आप जानते है शेयर मार्किट में एनएसई (NSE) क्या है? इसकी आवश्यकता क्यों पड़ा? इसके स्टॉक क्या है क्या फायदे है? यह कैसे काम करता है? आईये आज हम इसके विस्तार से जानते है। एनएसई (NSE) भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है और दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजार में से एक है। इसकी स्थापना 1992 स्टॉक क्या है में हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में पारदर्शिता लाना है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)
एनएसई (NSE) का पूरा नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड है यह भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है और दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजार में से एक है। इसकी स्थापना 1992 में हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में सरल और पारदर्शी बनाना है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग शेयर बाजार में निवेश कर सके। सन 1994 में एनएसई (NSE) ने पहली बार भारतीय शेयर बाजार में इलेट्रॉनिक ट्रेडिंग की शुरुवात किया।
1992 के प्रसिद्ध घोटाले के बाद, जिसमें एक प्रसिद्ध निवेशक ने भारतीय शेयर बाजार में हेरफेर किया गया था। तब वित्त मंत्रालय ने भारत सरकार तहत, निवेशकों तक शेयर बाजार को आसानी से पहुंचने के उद्देश्य से एनएसई की स्थापना का निर्णय लिया गया था। इसकी संस्था की स्थापना की सिफारिस M.J. शेरवानी समिति ने भी किया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से एक विकसित स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना सन 1992 में 25 करोड़ पूँजी के साथ मुंबई में किया गया। एनएसई का प्रमुख सूचकांक, निफ्टी 50 है, इसके अंतर्गत 50 कम्पनियाँ रजिस्टर्ड है। सूचकांक में सम्मिलित कंपनियों का समय-समय का आकलन किया जाता है और पुरानी कंपनियों के स्थान पर वे नयी सर्वोत्तम कम्पनीयों को शामिल किया जाता है | इसका उपयोग निवेशकों द्वारा बड़े पैमाने पर भारत और दुनिया भर में भारतीय पूंजी बाजार के बैरोमीटर के रूप में किया जाता है। एनएसई (NSE) द्वारा 1996 में NIFTY 50 इंडेक्स आरम्भ किया गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का उद्देश्य
एनएसई (NSE) के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है।
- सभी निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने तथा शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा प्रदान करना |
- सभी निवेशक सामान रूप से प्रतिभूति को खरीद और बेच सके।
- शेयर बाजार को निष्पक्ष, पारदर्शी और दक्ष बनाना।
- ख़रीदे और बेचे गए शेयर को अल्प समय में हस्तानांतरित करना।
- प्रतिभूति बाजार को अंतरास्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप स्थापित करना।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कार्य
दोस्तों ,अब हम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के कार्य प्रणाली के बारें में विस्तार से जानेंगे।
अगर कोई निवेशक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से शेयर बाज़ार में निवेश करना चाहता है तो सबसे पहले उसको मार्किट आर्डर के द्वारा आर्डर देना होता है , और कंप्यूटर ट्रेडिंग जो एक स्वचालित प्रक्रिया है के माध्यम से आपके आर्डर का मिलान किया जाता है। जब कोई निवेशक मार्किट आर्डर देता है तो उसे एक नंबर दिया जाता है जिसको यूनिट नंबर कहा है। कंप्यूटर ट्रेडिंग में खरीदने और बेचने व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाता है। खरीदने वाले व्यक्ति को बेचने वाले व्यक्ति को कोई जानकारी नहीं रहता है और बेचने वाले व्यक्ति को खरीदने वाले व्यक्ति की कोई जानकारी नहीं रहता है।
जब आपका आर्डर को कोई मिलान नहीं मिलता है तो आर्डर के क्रम को मिलाने के लिए आर्डर सूची से जोड़ा जाता है, और यह प्राइस टाइम (Price time) के प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित किया जाता है। सर्वोत्तम मूल्य के आर्डर को पहले प्राथमिकता दिया जाता है और एकसमान मूल्य वाले आर्डर को पहले आर्डर के आधार पर प्राथमिकता दिया जाता है।
What is Growth Stocks in Hindi – ग्रोथ स्टॉक क्या होता है और इनमे कैसे निवेश करें।
What is Growth Stocks in Hindi – ग्रोथ स्टॉक क्या होता है और इनमे कैसे निवेश करें: दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम ग्रोथ स्टॉक के बारे में जानेंगे। कि कैसे कुछ निवेशक ग्रोथ स्टॉक (Growth Stocks) में निवेश करके कई गुना अधिक रिटर्न पाते हैं। अभी हाल ही में 2021 के दौरान राकेश झुनझुनवाला ने टाइटन कंपनी (Titan Company) में निवेश करके 15 साल के अंदर अपने पूंजी को 600 गुना बढ़ा लिया था।
तो चलिए इस आर्टिकल में जानते हैं कि ग्रोथ स्टॉक क्या होता है (What is a Growth Stocks in Hindi) और इसमें निवेश कैसे किया जाता है (How to invest in Growth Stocks) जानते हैं इसके बारे में सब कुछ विस्तार से आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े।
ग्रोथ स्टॉक क्या है – What is Growth Stocks in Hindi
ग्रोथ स्टॉक एक ऐसा स्टॉक होता है जिसमें उच्च विकास होने की क्षमता ज्यादा रहती है। इसके शेयर में जितना वृद्धि होने का अनुमान हम लगाते हैं उससे कहीं ज्यादा औसत में वृद्धि होने की संभावना रहती है। इस प्रकार के ग्रोथ स्टॉक (Growth Stocks) बड़े पैमाने पर धन का सर्जन करते हैं। अगर इसे हम आसान शब्दों में कहे तो ग्रोथ स्टॉक (Growth Stocks) एक ऐसा स्टॉक होता है जिसके शेयर में वृद्धि होने की संभावना बहुत ज्यादा रहती है।
वैसे तो ग्रोथ स्टॉक (Growth Stocks) की पहचान करने का कोई निश्चित फार्मूला नहीं है, लेकिन निम्नलिखित बिंदुओं द्वारा एक अच्छे ग्रोथ स्टॉक (Growth Stocks) की पहचान कर सकते हैं
ग्रोथ स्टॉक्स में निवेश कैसे किया जाता है – How to Invest in Growth Stocks in Hindi
ग्रोथ स्टॉक्स में निवेश करने के लिए सबसे पहले आपको ब्रोकिंग डिमैट अकाउंट (Demat Account) का खाता खोलना होगा। अगर आप शेयर बाज़ार में नये हैं। इसके सम्बंधित आपको ज्यादा जानकारी नहीं है। तो डिजिटल प्लेटफार्म से बुनियादी सिद्धांतों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अतः ग्रोथ स्टॉक्स (Growth Stocks) भी उच्च लाभ के साथ आता है जिसमें जोखिम की मात्रा भी शामिल रहती है। इसलिए जरूरी है कि स्टॉक्स (stocks) में निवेश करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
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अंतिम शब्द
तो दोस्तों हमने इस आर्टिकल में बताया है कि ग्रोथ स्टॉक क्या है (What is a Growth Stocks in Hindi) इसकी पहचान कैसे करें और ग्रोथ स्टॉक में निवेश कैसे किया जाता है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा। यदि आपके मन में कोई प्रश्न है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएँ।
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