कई देशों ने क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है. चीन, बांग्लादेश, नाइजीरिया, वियतनाम, टर्की, बोलिविया, एक्वाडोर, कतर, इंडोनेशिया, अल्जीरिया में भी इस करेंसी पर पाबंदी लगी है.
CBDC in Hindi – आरबीआई द्वारा जारी की गई डिजिटल करेंसी क्या है, RBI क्रिप्टो करेंसी
CBDC in Hindi – RBI preparing to introduce digital currency, see what will be the mode of transaction here. भारतीय रिजर्व बैंक देश में अपनी डिजिटल करेंसी (क्रिप्टो करेंसी) लाने पर विचार कर रहा है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो देश में डिजिटल करेंसी का आगाज हो सकता है। जल्द ही आरबीआई की एक अंतर-विभागीय समिति इस पर फैसला लेने जा रही है। आरबीआई का मानना है कि भुगतान उद्योग के तेजी से बदलते हालात, निजी Digital Token का चलन और कागज के नोट या सिक्कों को तैयार करने में बढ़ते खर्च की वजह से काफी समय से आभासी मुद्रा की जरूरत महसूस हो रही है।
आपको बता दें कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानि CBDC पर पूरा नियंत्रण RBI का होगा। आरबीआई के हाथों भारत की क्रिप्टोकरंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड होगी। जबकि अन्य क्रिप्टो करेंसी जैसे बिटकॉइन Decentralized होती है, यानि उसमें किसी एक व्यक्ति या इंस्टीटूशन का कंट्रोल नहीं होता।
सीबीडीसी (CBDC) क्या है?
CBDC का फुल फॉर्म सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी है – ऐसी करेंसी जो पूरी तरह से डिजिटल होगी, न कि बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क नोट या सिक्के की तरह उसका स्वरूप होगा। इसे वर्चुअल करंसी या वर्चुअल मनी कह सकते हैं क्योंकि यह आपके बटुए या हाथ में नहीं दिखेगा लेकिन काम वैसा ही होगा जैसा रुपये और सिक्के से होता है। रुपये-पैसे को जहां फिएट करंसी कहते हैं, लेकिन क्रिप्टोकरंसी डिजिटल होगी। आसान भाषा में कहें तो रुपये को डिजिटल फॉर्म में रखा जाएगा।
केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) एक लीगल करेंसी है और डिजिटल तरीके से सेंट्रल बैंक की लाइबिलिटी है जो सॉवरेन करेंसी के रूप में उपलब्ध है। CBDC बैंक की बैलेंसशीट में भी दर्ज है और यह करेंसी का इलेक्ट्रॉनिक रूप है जिसे कैश से तब्दील किया जा सकता है। अभी फिलहाल RBI cryptocurrency launch date का ज्ञात नहीं है। वैसे भारत में दिसंबर में सीबीडीसी को लाया जा सकता है। इसके संकेत रिजर्व बैंक ने पहले ही दे दिए हैं।
CBDC और क्रिप्टोकरंसी में क्या कोई फर्क होगा?
सीबीडीसी को भारत का केंद्रीय बैंक RBI से समर्थन प्राप्त होगा और आरबीआई ही इसे जारी भी करेगा। वहीं दूसरी ओर, क्रिप्टोकरंसी पूरी तरह से Decentralize होता है। यानी किसी बैंक की मनमानी उस पर नहीं चलती। वह बैंक से नियंत्रित नहीं होता और न ही किसी बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क बैंक से क्रिप्टो का कोई लेना-देना नहीं होता। इस हिसाब से देखें तो सीबीडीसी और क्रिप्टोकरंसी में बड़ा फर्क होगा। Cryptocurrency अभी तक कुछ अपवाद को छोड़ दें तो यह अभी भी वैध नहीं है। यानि आप किसी भी क्रिप्टो करेंसी का उपयोग किसी वस्तु को खरीदने के लिए नहीं कर सकते। लेकिन भारत का सीबीडीसी पूरी तरह से वैध बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क होगी।
आरबीआई के अनुसार अगर Digital Currency चलन में आती है तो मनी ट्रांजैक्शन और लेन-देन के तरीके बदल सकते हैं। इससे ब्लैक मनी पर अंकुश लगेगा। समिति का कहना है कि डिजिटल करेंसी से मॉनिटरी पॉलिसी का पालन आसान होगा। इसमें डिजिटल लेजर टेक्नॉलजी (DLT) का इस्तेमाल होना चाहिए। डीएलटी से विदेश में लेन-देन का पता लगाना आसान होगा। वही अभी तक अन्य क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन व एथेरेयम के साथ ऐसा नहीं था।
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क्रिप्टो करेंसी में आई बढ़ोतरी, इथेरियम और बिटकॉइन के साथ साथ अन्य कॉइंस में भी हुआ बड़ा इजाफा अक्टूबर की बात करें तो अभी तक तो क्रिप्टो मार्केट में तेजी काफी तेजी देखने को मिल रही है।सबसे पसंदीदा कॉइन और सबसे महंगे कॉइन बिटकॉइन में भी तेजी दर्ज हुई है इसके साथ ही ईथर ने भी कमाल किया है और इसमें भी बढ़ोतरी हुई है। अब जान लेते है कि कितनी तेजी आई है दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन और ईथर में और अन्य क्रिप्टो करेंसी का क्या हाल बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क रहा.
Crypto के लिए सरकार लाएगी कानून, लेकिन ये क्रिप्टो और डिजिटल करेंसी है क्या?
मोदी सरकार ने डिजिटल करेंसी पर कानून बनाने के लिए काम शुरू कर दिया है. केंद्र सरकार संसद के अगले सत्र में क्रिप्टो करेंसी पर बिल लाने जा रही है. इस बिल को क्रिप्टो करेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2021 नाम दिया गया है.
फिलहाल भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई नियम-कानून नहीं है, इसलिए सरकार इस पर एक विधेयक लाने की तैयारी में है.
लेकिन सवाल है कि डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो में फर्क क्या है? पिछले कुुछ वक्त से डिजिटल करेंसी, डिजिटल वॉलेट्स, वर्चुअल करेंसी, क्रिप्टो बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क करेंसी, बिट कॉइन जैसे शब्दों का इस्तेमाल खूब हो रहा है. ऐसे में हम आपको बताते हैं कि क्या है डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में फर्क. और ये भी बताते हैं कि क्यों इसे लेकर इतना हाय तौबा हो रहा है?
क्या है डिजिटल करेंसी
सबसे पहले समझते हैं डिजिटल करेंसी के बारे में, क्योंकि डिजिटल करेंसी के समझने के बाद क्रिप्टो करेंसी के बारे में आपके लिए समझना आसान हो जाएगा.
डिजिटल करेंसी एक तरह का पैसा ही है, बस वो आपके पॉकेट में न होकर आपके बैंक अकाउंट में होता है. डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल कॉन्टैक्टलेस पेमेंट करने में किया जाता है, जैसे कि आप जब अपने बैंक अकाउंट से किसी और के बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करते हैं. या फिर आप अपने फोन में मौजूद फोन पे, गूगल पे, पेटीएम जैसे पेमेंट ऐप के जरिए पैसे ट्रांसफर, शॉपिंग या बिल का भुगतान करते हैं. अब जब आप अपने बैंक अकाउंट या एटीएम से पैसे निकाल लेते हैं तो वो कैश कहलाता है. डिजिटल करेंसी को देश की सरकार द्वारा मान्यता हासिल होता है, जिस देश का केंद्रीय बैंक इसे जारी करता है.
सरकार का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक अपनी खुद की डिजिटल करेंसी जारी करेगा. इसका उद्देश्य है, "भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल करेंसी के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करना."
क्या है क्रिप्टो करेंसी?
क्रिप्टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी है, इसका कोई फिजिकल फॉर्म नहीं है, आप इसे छू नहीं सकते हैं. मतलब आप इसे कैश की तरह एटीएम से निकाल नहीं सकते हैं. इसकी वैल्यू स्टॉक की तरह बढ़ती-घटती है. डिजिटल करेंसी ज्यादातर स्थिर ही रहती है, यानी करेंसी में हल्का-उतार चढ़ाव रहता है, समझने के लिए मान लीजिए कि डॉलर और रुपए में जो उतार-चढ़ाव होता है, इससे बाजार में शेयर मार्केट की तरह उछाल या गिरावट नहीं आती है. क्रिप्टो करेंसी बाजार बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव का शिकार बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क होता है.
क्रिप्टो इकोसिस्टम में बिटकॉइन, ईथर और डॉजकॉइन जैसी कई दूसरी डिजिटल कॉइन्स हैं. इन कॉइन्स को हाई-फाई कंप्यूटरों पर ऑनलाइन माइनिंग के जरिए जेनरेट किया जाता है. यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होता है. यह पूरी तरह से ऑनलाइन होती है और व्यापार के रूप में बिना किसी नियमों के इसके जरिए व्यापार होता है.
बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क
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RBI की डिजिटल करेंसी के आएंगे दो वर्जन, जानें होलसेल और रिटेल के बीच क्या होगा फर्क
बिज़नस न्यूज़ डेस्क-भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपनी डिजिटल मुद्रा लाएगा। इस सिलसिले में अब एक नई खबर सामने आ रही है. CNBC-TV18 के अनुसार, वित्त मंत्रालय और RBI भारत के केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा के दो संस्करण लाने के लिए बातचीत कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, दो वर्जन, रिटेल डिजिटल रुपया और होलसेल डिजिटल रुपया लॉन्च करने की योजना है। वर्तमान प्रस्ताव में, एक संस्करण को वित्त वर्ष 2023 तक और दूसरे संस्करण को प्रतिक्रिया देखने के बाद लॉन्च करने की योजना है। थोक डिजिटल रुपये का उद्देश्य बैंकों जैसे संस्थानों में लेनदेन करना है। वहीं, आम जनता द्वारा मोबाइल फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के माध्यम से खुदरा डिजिटल मुद्रा का उपयोग किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक लॉन्चिंग से पहले और कब आरबीआई तय करेगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को पेश बजट में घोषणा की कि केंद्रीय बैंक आरबीआई वित्तीय वर्ष 2023 में अपनी केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा लॉन्च करेगा।
Russia Ukraine Crisis: यूक्रेन टेंशन बढ़ने से भारत में गोल्ड, पेट्रोल समेत इन जरूरी चीजों की कीमतों पर पड़ेगा असर
Russia Ukraine Conflict: रूस-यूक्रेन में जंग की आहट भारत समेत दुनियाभर में पहुंच चुकी है। यूक्रेन में जंग के खतरे से पूरी दुनिया में डर का माहौल है। लोगों में इस बात का सबसे ज्यादा डर है कि कहीं यह युद्ध तीसरे विश्वयुद्ध में न बदल जाए। दरअसल, रूस ने यूक्रेन पर हमले की तैयारी कर ली है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में सैनिकों को भेजने का आदेश दिया है। इसके चलते दुनिया में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। इस बीच यूक्रेन ने भी युद्ध की स्थिति में पीछे न हटने के संकेत दिए हैं। रूस-यूक्रेन में बढ़ते तनाव के बीच दुनियाभर के शेयर बाजारों में बिकवाली हावी हो गया है। भारत भी इससे अछूता बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क नहीं है, भारतीय शेयर बाजार (Indian share Market) लगातार लुढ़क रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो रूस अगर यूक्रेन पर हमला करता है तो इसका भारत पर भी भयानक असर पड़ेंगे। आइए जानते हैं इस तनाव के चलते भारत पर क्या असर पड़ेगा?
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