नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

NSE ने इनवेस्टर्स को इन उत्पादों में निवेश न करने की दी सलाह, ये है वजह

एनएसई ( NSE ) ने नॉनरेगुलेटेड डेरिवेटिव उत्पादों वाले प्लेटफॉर्म की ओर से बड़े रिटर्न देने का मामला सामने आने के बाद निवेशकों को आगाह किया है। एनएसई का कहना है कि ऐसे वादे अमूमन पूरे नहीं होते हैं और इसका नुकसान निवेशकों को उठाना पड़ता है।

National Stock Exchange

नई दिल्ली। शेयर मार्केट ( Share Market ) निवेशकों को स्टॉक्स पर बेहतर रिटर्न मिलने का सिलसिला जारी है। लेकिन नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ( NSE ) ने इनवेस्टर्स ( investors ) को आगाह करते हुए नॉनरेगुलेटेड डेरिवेटिव उत्पादों ( non regulated derivatives) में निवेश से बचने की सलाह दी है। एनएसई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि निवेशकों को इंटरनेट आधारित ट्रेडिंग मंचों के डिफरेंस और बाइनरी ऑप्शन विकल्पों से बचना चाहिए।

Eid-Ul-Fitr 2020: ईद के मौके पर आज शेयर बाजार, कमोडिटी और करेंसी में नहीं होगा कारोबार

market closed

Eid-Ul-Fitr 2020: ईद-उल-फितर के मौके पर आज सोमवार यानि 25 मई को घरेलू शेयर बाजार (Share Market) और कमोडिटी मार्केट (Commodity Market) में कामकाज बंद रहेंगे. आज फॉरेक्स मार्केट (करेंसी-Currency) में भी कारोबार नहीं होगा. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पूर्व की तरह मंगलवार को खुलेंगे. देश के सबसे बड़े कमोडिटी एक्सचेंज मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) और नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (NCDEX) में आज दिन के सत्र में ट्रेडर्स कारोबार नहीं कर सकेंगे. हालांकि शाम के सत्र में MCX, NCDEX और BSE पर कारोबार डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है खुला हुआ है और ट्रेडर्स शाम के सत्र में ट्रेडिंग कर सकेंगे.

मंगलवार को खुलेंगे सभी बाजार
मंगलवार (26 मई) को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE), मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) और नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (NCDEX) में पूर्व की तरह कारोबार होगा.

शाम 5 बजे के बाद MCX, NCDEX, BSE पर कारोबार
दोनों कमोडिटी एक्सचेंज (Commodity Exchange) में शाम 5 बजे के बाद कारोबार शुरू हो जाएगा. ट्रेडर्स शाम के बाद दोनों ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर कारोबार कर सकेंगे. शाम 5 बजे के बाद MCX और NCDEX पर सभी कॉन्ट्रै्क्ट में सौदे लिए जा सकेंगे. MCX और NCDEX पर रात 11:30 PM तक कारोबार होगा. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर भी आज शाम के सत्र में कारोबार किया जा सकेगा.

22 मई को गिरावट के साथ बंद हुआ था शेयर बाजार
शुक्रवार (22 मई) को कारोबार के अंत में BSE का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) 260.31 प्वाइंट की गिरावट के साथ 30,672.59 के स्तर पर बंद हुआ था. वहीं NSE का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी (Nifty) 67 प्वाइंट की गिरावट के साथ 9,039.25 के स्तर पर बंद हुआ था.

भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है ?

Zerodha

भारतीय प्रतिभूति बोर्ड (SEBI) की वेबसाइट पर दी गई लिस्ट के अनुसार भारत में 7 स्टॉक एक्सचेंज है, और 5 कमोडिटी डेरीवेटिव एक्सचेंज (Commodity Derivative Exchanges) है, इस तरह ये कहा जा सकता है वर्ष २०१८ में कमोडिटी एक्सचेंज को मिलकर भारत में कुल एक्टिव 12 स्टॉक एक्सचेंज है

भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज

  1. BSE Ltd.- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज मुंबई– जिसका प्रमुख सूचकांक है – sensex – नेशनल स्टॉक एक्सचेंज , मुंबई – जिसका प्रमुख सूचकांक है – NIFTY(50)

इसके आलावा भारत के अन्य स्टॉक एक्सचेंज है –

भारत के अन्य स्टॉक एक्सचेंज

  1. Calcutta Stock Exchange Ltd.- cse-india जिसका मुख्यालय कलकत्ता बंगाल में है, https://www.cse-india.com/
  2. India International Exchange (India INX) –मुम्बई, यहाँ BSE का सहायक एक्सचेंज है.
  3. Magadh Stock Exchange Ltd. – पटना,
  4. Metropolitan Stock Exchange of India Ltd.- बांद्रा कुर्ला काम्प्लेक्स –मुंबई, प्रमुख इंडेक्स SX40
  5. NSE IFSC Ltd.- मुंबई – NSE का सहायक एक्सचेंज.

STOCK EXCHANGE IN INDIA – SEBI SHAREMARKET HINDI

भारत के कमोडिटी डेरिवेटिव एक्सचेंज

सेबी (SEBI) की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार भारत में कुल 5 कमोडिटी डेरिवेटिव एक्सचेंज है, इन सभी को परमानेंट लाइसेंस प्राप्त है,

कमोडिटी डेरिवेटिव में काम करने वाले प्रमुख एक्सचेंज है –

  1. Multi Commodity Exchange of India Ltd.इसे शोर्ट MCX के नाम से जाना जाता है, यह एक्सचेंज मुंबई में स्थित है. अधिक जानकारी आप इसकी वेबसाइटhttps://www.mcxindia.com/ पर प्राप्त कर सकते है.
  2. National Commodity & Derivatives Exchange Ltd.इसे शोर्ट में NCEDEX के डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है नाम से जाना जाता है, जो मुंबई में स्थित एक्सचेंज है. अधिक जानकारी आप इसकी वेबसाइटhttp://www.ncdex.com/ पर प्राप्त कर सकते है.

इसके आलावा अन्य कमोडिटी डेरिवेटिव है –

  1. Ace Derivatives and Commodity Exchange Limited– इसका मुख्यालय अहमदाबाद में है, और ये एक क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज है. अधिक जानकारी आप इसकी वेबसाइट http://www.aceindia.com/ पर प्राप्त कर सकते है.
  2. Indian Commodity Exchange Limited– इसे शोर्ट में ICEX के नाम से जाना जाता है, यह मुंबई स्थित है, अधिक जानकारी आप इसकी वेबसाइटhttp://www.icexindia.com/ पर प्राप्त कर सकते है.
  3. National Multi Commodity Exchange of India Limited.– इसे शोर्ट में NMCE के नाम से जाना जाता है, अधिक जानकारी आप इसकी वेबसाइटhttp://www.nmce.com/ पर प्राप्त कर सकते है.

COMMODITY DERRIVATIVE EXCHANGE IN INDIA – SEBI SHAREMARKET HINDI

तो दोस्तों, ये सही है कि जब आप इन्टरनेट पर सर्च करते है की भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है, तो आपको बहुत सारे अलग अलग जवाब मिल सकते है, लेकिन इस पोस्ट मे मैंने आपके साथ वही जानकारी शेयर कर रहा हु, जो SEBI की वेबसाइट पर दी गई है,-LINK

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सेबी का फैसला, FPI को जिंस वायदा बाजार में भाग लेने की मिली अनुमति

डिंपल अलावाधी

पूंजी बाजार नियामक ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को एक्सचेंज में कारोबार वाले जिंस वायदा बाजार में भाग डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है लेने की अनुमति दे दी।

SEBI approved participation of FPI in Exchange Traded Commodity Derivatives

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को जिंस वायदा बाजार में भाग लेने की मिली अनुमति  |  तस्वीर साभार: BCCL

  • भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के निदेशक मंडल की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है।
  • सेबी के कदम से ना सिर्फ बाजार का दायरा बढ़ेगा, बल्कि तरलता भी बढ़ेगी।
  • सेबी और बाजार प्रतिभागियों डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है के प्रतिनिधियों को लेकर एक कार्यकारी समूह बना है।

नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने बड़ा फैसला लिया है। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) को कमोडिटी डेरिवेटिव में एंट्री की मंजूरी दे दी है। इस फैसले का असर मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर होगा। इसके बाद मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) के शेयर में करीब 2.5 फीसदी से 3 फीसदी तक की तेजी दिखी गई। इतना ही नहीं, म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) और पोर्टफोलियो प्रबंधकों के संचालन से संबंधित नियमों में संशोधन को भी मंजूरी दे दी गई है। साथ ही प्रतिभूति अनुबंध नियमन (एसईसीसी) नियमन के प्रावधान में संशोधन को भी स्वीकृति दी गई।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को गैर-कृषि जिंस वायदा और चुनिंदा गैर-कृषि मानक सूचकांकों में कारोबार करने की अनुमति देना सेबी का सबसे अहम कदम है। शुरुआत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को कैश में ही सौदों के निपटान की अनुमति दी जाएगी।

सेबी ने जारी की विज्ञप्ति
सेबी ने निदेशक मंडल की बैठक के बाद एक विज्ञप्ति भी जारी की। इसमें कहा गया कि, एक्सचेंज ट्रेडेड कमोडिटी डेरिवेटिव (ETCD) बाजार में एफपीआई की भागीदारी से नकदी और बाजार दायरा बढ़ने की उम्मीद है । इससे पहले से बेहतर मूल्य सामने आएगा।

उल्लेखनीय है कि सेबी ने पहले ही श्रेणी तीन के अंतर्गत आने वाले वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ), पोर्टफोलियो मेनेजमेंट सर्विस और म्यूचुअल फंड को एक्सचेंज ट्रेडेड कमोडिटी डेरिवेटिव बाजार में भागीदारी की अनुमति दे दी है।

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National Stock Exchange in Hindi नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

National Stock Exchange in Hindi नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है और इसके क्या काम हैं। यह कब बना और दुनिया के शेयर बाजारों के मुकाबले इसका क्या स्थान है। NSE यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की सरंचना, उद्देश्य और मुख्य कार्य। एनएसई पर किस तरह से काम होता है और किस तरह की प्रतिभूतियों का व्यापार होता है। NSE की जानकारी, इसका इतिहास और वर्तमान में अर्थव्यवस्था में इसका योगदान आसान हिंदी में। यहां पढ़ें निफ्टी क्या है और सेंसेक्स और निफ्टी में अंतर हमारी साइट पर।

National Stock Exchange in Hindi नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भवन

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

National Stock Exchange in Hindi नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है। 1992 में स्थापित एनएसई एक परिष्कृत, इलेक्ट्रॉनिक तरीके से व्यापार करने वाला स्टॉक एक्सचेंज है। यह 2015 में इक्विटी ट्रेडिंग वॉल्यूम के अनुसार दुनिया में चौथे स्थान पर रहा। आज यह एक्सचेंज थोक ऋण, इक्विटी और डेरिवेटिव मार्केट में लेनदेन करता है। इसका लोकप्रिय बेंचमार्क निफ्टी 50 इंडेक्स है, जो भारतीय इक्विटी बाजार में सबसे बड़ी संपत्तियों को ट्रैक करता है। यहां पढ़ें भारत में शेयर मार्केट कैसे काम करते हैं हमारी साइट पर।

Functions of National Stock Exchange नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कार्य

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) भारत का अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज है और वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्सचेंज (डब्लूएफई) की रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी से जून 2018 के पीरियड में यह पुरी दुनिया में सौदों की संख्या के अनुसार दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। एनएसई ने 1994 में इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन-आधारित व्यापार लॉन्च किया, डेरिवेटिव ट्रेडिंग (इंडेक्स फ्यूचर्स के रूप में) और इंटरनेट ट्रेडिंग 2000 में शुरू करने वाला यह भारत में अपनी तरह का पहला एक्सचेंज था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

NSE नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज है प्रौद्योगिकी में अग्रणी

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज प्रौद्योगिकी में अग्रणी है और प्रौद्योगिकी में नवीनीकरण और निवेश की संस्कृति के माध्यम से अपने सिस्टम की विश्वसनीयता और प्रदर्शन को नियमित रूप से सुनिश्चित करता है। यहां पढ़ें शेयर बाजार में सर्किट ब्रेकर क्या है।

Big and Automated स्वचालित और बड़ा

NSE भारत में पहला आधुनिक और पूरी तरह से स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक व्यापार प्रदान करने वाला स्टॉक एक्सचेंज है। भारतीय पूंजी बाजार में अधिक पारदर्शिता लाने के लक्ष्य के साथ भारतीय वित्तीय संस्थानों के एक समूह ने इसे स्थापित किया था। मार्च 2016 तक NSE कुल बाजार पूंजीकरण के आकार से दुनिया का 12 वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज बन गया था। इसका फ्लैगशिप इंडेक्स निफ्टी 50 इस एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कुल बाजार पूंजीकरण के 63% का प्रतिनिधित्व करता है।

Index of National Stock Exchange नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक

निफ्टी 50 इंडेक्स के अलावा, NSE के बाजार डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है सूचकांक विभिन्न बाजार पूंजीकरण, वॉलेटिलिटी, विशिष्ट क्षेत्रों और कारक रणनीतियों को ट्रैक करते है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर डेरिवेटिव्स और ईटीएफ व्यापार

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारतीय वित्तीय बाजारों में अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज है पूरी तरह से डेरिवेटिव्स और ईटीएफ व्यापार को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से करता है। एक्सचेंज के 3,000 से अधिक वीएसएटी टर्मिनल हैं जिसके कारण एनएसई देश में सबसे बड़ा निजी वाइड-एरिया नेटवर्क है।

Listing on National Stock Exchange नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग के लाभ

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एक प्रमुख बाजार है जहां कंपनियां अपने शेयरों को सूचीबद्ध करने के लिये तैयार रहतीं है। यहां की व्यापारिक गतिविधि की बड़ी मात्रा और स्वचालित प्रणाली के अनुप्रयोग, व्यापार मिलान और निपटान प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता को बढ़ावा देते है। यह अपने आप में बाजार में निवेशक के आत्मविश्वास को बढ़ाता है। अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करने से ऑर्डर को अधिक कुशलता से निपटान की सुविधा मिलती है जिसके परिणामस्वरूप ट्रेडिँग में अधिक तरलता और सटीक कीमतें मिलतीं हैं।

भारत में सिक्योरिटी ट्रेडिँग का एक ऐसा आधार है NSE जिस पर हर भारतीय को गर्व होना चाहिये। आधुनिक भारत के ऐसे संस्थान भारत के प्रगति और विकास के प्रतीक हैं।

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