Cryptocurrency Fear and Greed Index in Hindi – क्या है और Calculate कैसे की जाती है?

हर वित्तीय बाजार के दो पहलू होते हैं और क्रिप्टो के पास भी होता है.

क्रिप्टो बाजार को विशेषज्ञों द्वारा बहुत अस्थिर माना जाता है, क्योंकि भारी स्विंग या बिना किसी नोटिस के अचानक गिरावट आपके पोर्टफोलियो को बना या हिला सकती है.

यही कारण है कि लोगों को यह एक बहुत ही जोखिम भरा अभी तक लाभदायक बाजार लगता है.

अक्टूबर के एक उछाल के बाद, bulls नवंबर में बाजार को जब्त करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि इसे अगले स्तर पर ले जाया जा सके.

निवेशकों के मूड के रूप में सभी क्रिप्टो भविष्यवाणियों समय के साथ बदल जाता है.

इसलिए बाजार के मूड को मापना एक मुश्किल काम है.

यहां Cryptocurrency Fear and Greed Index आता है जिसे बाजार की क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? भावना का संकेतक कहा जाता है.

Cryptocurrency Fear and Greed Index क्या है?

क्रिप्टो बाजार अभी भी परिपक्व स्थिति में है और निवेशक की भावनाओं और बाजार की स्थिति की जांच करने के लिए, Fear and Greed Index का उपयोग किया जाता है.

सरल शब्दों में, Fear and Greed Index एक उपकरण है जिसका उपयोग बाजार के प्रति निवेशकों की भावनाओं और भावनाओं को मापने के लिए किया जाता है.

उपकरण दर्शाता है कि बाजार तेजी के चरण में है या मंदी के चरण में फंस गया है.

यह दो विरोधी भावनाओं को मापने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो डर(fear) और लालच(greed) हैं.

इस सूचकांक की मदद से, कोई आसानी से पहचान सकता है कि निवेशक चिंतित हैं या लालची हैं.

यदि बाजार चिंतित है, तो क्रिप्टो बाजार उनके वास्तविक मूल्य की तुलना में बहुत कम व्यापार करेगा, और जब भावनाएं लालची होती हैं, तो यह उन्हें बाजार मूल्य पर अच्छी तरह से कीमत चुकाने के लिए प्रेरित कर सकता है.

Index पर extreme fear संकेतक का अर्थ होगा कि निवेशक बहुत चिंतित हैं और खरीदारों के लिए बाजार में प्रवेश करने का एक अवसर है, दूसरी ओर, बहुत अधिक लालची संकेत होने का मतलब यह होगा कि बाजार एक सुधार के कारण है.

Crypto Fear and Greed Index Calculate कैसे की जाती है?

बाजार की भावना को परिभाषित करने के लिए Index 0-100 score बनाया गया है.

जहां 0 स्कोर से पता चलता है कि निवेशक भयभीत हो रहे हैं और यह मंदी का दौर है.

100 के पास कहीं भी एक स्कोर दर्शाता है कि निवेशक लालची हो रहे हैं और बाजार तेजी से चरण में है.

0 और 24 के बीच के स्कोर को extreme fear के रूप में परिभाषित किया गया है, जबकि fear शब्द को 25 और 49 के बीच चिह्नित किया जा सकता है.

50 स्कोर को Neutral के रूप में चिह्नित किया जा सकता है.

51 से 74 के स्कोर को greed के रूप में चिह्नित किया जाएगा और 75 से ऊपर कुछ भी extreme greed है.

Alternative.me के अनुसार, यहां उन सभी विभिन्न कारकों की सूची दी गई है, जिन्हें वे वर्तमान Index में शामिल करते हैं.

Investment Tips: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले इन बातों का रखें विशेष ध्यान, वरना होगा बड़ा नुकसान

प्रतीकात्मक तस्वीर

मौजूदा दौर में क्रिप्टोकरेंसी, निवेश के एक नए विकल्प के रूप में उभरा है। बीते कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी के मार्केट कैप में एक एक्सपोनेंशियल ग्रोथ देखने को मिली है। यही एक बड़ी वजह है, जिसके चलते कई निवेशकों को क्रिप्टो के जरिए जबरदस्त मुनाफा अर्जित हुआ। हालांकि क्रिप्टोकरेंसी के अपने फायदे और नुकसान हैं। इन्हें किसी अन्य मुद्रा की अपेक्षा ज्यादा सिक्योर माना जाता है। इन पर देश की मुद्रास्फीति का कोई असर नहीं पड़ता है। ये लोगों की, लोगों के द्वारा और लोगों के लिए वाली करेंसी है।

क्रिप्टो एक विक्रेंद्रिक्रित मुद्रा है और यही चीज इसको काफी खास बनाती है। वहीं दूसरी तरफ इसके कई डार्क पहलू भी हैं। आज बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल गैर कानूनी चीजों को अंजाम देने के लिए किया जा रहा है। भले ही क्रिप्टो एक विकेंद्रित मुद्रा है, लेकिन इस पर कुछ संस्थाओं और बड़े लोगों का नकारात्मक असर पड़ता है। वे अधिक मात्रा में पैसों को पंप और डंप करके इसके मार्केट को नकारात्मक ढंग से प्रभावित करते हैं। ऐसे में अगर आप भी क्रिप्टोकरेंसी में पैसों को निवेश करने का प्लान बना रहे हैं, तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। आइए जानते हैं -

प्रतीकात्मक तस्वीर

क्रिप्टोकरेंसी कोई लीगल टेंडर नहीं है

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले इस बात को जान लें कि ये कोई लीगल टेंडर नहीं है। भविष्य में अगर आपके साथ कुछ गलत होता है, तो आप इसको लेकर कोई क्लेम नहीं कर सकते हैं।

Cryptocurrency: क्रिप्टो टोकन बनाकर आप भी कमा सकते हैं पैसा, जानिए क्या होते हैं Crypto Token

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नई दिल्ली। पिछले कुछ सालों में ढेरों क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में आई हैं। जिनका अच्छा खासा डेवेलपमेंट भी हुआ है। इनमें से सबसे पॉपुलर बिटकॉइन, इथीरियम, डॉजकॉइन और लाइटकॉन जैसी करेंसीज़ के नाम शामिल हैं। सीधे शब्दों में अगर बात करें तो क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की डिजिटल करेंसी ही होती है। जिसे कॉइन या टोकन किसी भी रूप में लिया जा सकता है। यह दोनों ही चीजें एक-दूसरे से काफी अलग होती हैं। क्या आप जानते हैं कि आप भी खुद का क्रिप्टो टोकन कैसे बना सकते है। जो बाकियों से काफी अलग होगा है।

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क्या हैं क्रिप्टो टोकन?

कॉइन और टोकन दोनों ही क्रिप्टोकरेंसी में गिने जाते हैं, लेकिन फर्क इतना है कि कॉइन्स अपनी खुद की ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर चलते हैं। ब्लॉकचेन एक डिजिटल बहीखाता होता है, जिसपर ब्लॉक पर होने वाले ट्रांजैक्शन का डेटा स्टोर किया जाता है। टोकन डिजिटल संपत्ति के वर्ग में रखे जाते हैं ये पहले से मौजूद किसी अन्य ब्लॉकचेन पर काम करते हैं।

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ऐसे रिलीज होते हैं क्रिप्टो टोकन

जिस तरह शेयर मार्केट में IPO यानी इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग खुलते हैं, उस ही तरह टोकन्स को इनीशियल कॉइन्स ऑफरिंग के जरिए रिलीज किए जाते हैं। टोकन को क्राउडसेल्स के जरिए इंट्रोड्यूस किया जाता है। निवेशक ICO खत्म हो जाने के बाद भी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध टोकन की खरीद कर सकते हैं। यदि किसी को कोई नया टोकन बनाना है तो यह क्राउडसेल्स पर बनाया जाएगा। इन्हें कोई भी बना सकता है।

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इस तरह लॉन्च करें क्रिप्टो टोकन

आमतौर पर कहा जाता है कि अपना क्रिप्टो टोकन बनाना बहुत ही जटिल और लंबी प्रक्रिया है और जिसके लिए बहुत ही बारीक तकनीकी जानकारियां और कोडिंग की जानी चाहिए। हालांकि, अब यह बात बहुत सही नहीं है. अब ऐसे बहुत से प्लेटफॉर्म हैं, जहां लोग अपना खुद का टोकन बना सकते हैं।

Cryptocurrency: क्या होते हैं Airdrops? कैसे निवेशकों को मिलते हैं फ्री क्वॉइन, पढ़ें इसके बारे में सभी खास बातें

क्रिप्टोकरेंसी एयरड्रोप्स के जरिए निवेशकों को मुफ्त टोकन या क्वॉइन मिलते हैं. यह एक तरह की मार्केटिंग की रणनीति है, जिसका क्रिप्टो से जुड़े स्टार्टअप्स इस्तेमाल करते हैं. आइए आसान भाषा में समझते हैं कि एयरड्रोप्स क्या हैं और यह कैसे काम क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? करता है.

Cryptocurrency: क्या होते हैं Airdrops? कैसे निवेशकों को मिलते हैं फ्री क्वॉइन, पढ़ें इसके बारे में सभी खास बातें

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पिछले कुछ समय से निवेशकों के बीच एक लोकप्रिय विकल्प बनकर सामने आया है. बड़ी संख्या में लोग खासतौर पर युवा क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं. ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले इससे जुड़ी अहम चीजों को समझना जरूरी है. इनमें से एक क्रिप्टो एयरड्रोप्स (airdrops) हैं. क्रिप्टोकरेंसी एयरड्रोप्स के जरिए निवेशकों को मुफ्त टोकन या क्वॉइन मिलते हैं. यह एक तरह की मार्केटिंग की रणनीति है, जिसका क्रिप्टो से जुड़े स्टार्टअप्स इस्तेमाल करते हैं. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर रूचि रखने वाले लोगों के लिए यह जान लेना जरूरी है कि यह कैसे काम करते हैं. तो, आइए आसान भाषा में समझते हैं कि एयरड्रोप्स क्या हैं और यह कैसे काम क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? करता है.

क्रिप्टो एयरड्रोप्स क्या हैं?

क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में, एयरड्रोप्स एक मार्केटिंग की रणनीति है, जिसका ब्लॉकचैन बेस्ड प्लेटफॉर्म्स अपने प्लेटफॉर्म का प्रचार करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. इसमें पब्लिक क्रिप्टो वॉलेट्स वाले यूजर्स को फ्री क्वॉइन्स या टोकन मिलते हैं. इनके जरिए नई वर्चुअल करेंसी को प्रचार किया जाता है. यह उसी के समान है, जैसे सुपरमार्केट में सेल को प्रचार करने के लिए आइटम के फ्री सैंपल बांटे जाते हैं.

एयरड्रोप्स एक बड़ी मार्केटिंग की रणनीति का हिस्सा हैं, जिसमें सोशल मीडिया पर प्रचार, ब्लॉग पोस्ट और अलग-अलग स्तर पर क्रिप्टो होल्डर की भागीदारी शामिल होती है. हालांकि, इसे लेकर यूजर्स का सतर्क रहना भी बेहद जरूरी है. क्योंकि इनका इस्तेमाल प्रमोशनल टूल के तौर पर किया जाता है, तो अगर कोई प्रोजेक्ट निवेश तलाश ला रहा है, तो आपका अलर्ट रहना जरूरी है.

एयरड्रोप्स कैसे काम करते क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? हैं?

नई ब्लॉकचैन बेस्ड कंपनियां सबसे पहले अपनी वर्चुअल करेंसी के लिए एयरड्रोप्स को अपनी वेबसाइट या क्रिप्टोकरेंसी फोरम पर प्रमोट करना शुरू करती हैं. जागरूकता फैलाने के बाद, कंपनी क्वॉइन या टोकन को क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट होल्डर्स को भेजती हैं. अब आपके दिमाग में यह सवाल होगा कि कंपनी यह कैसे फैसला करती है कि टोकन किसे भेजना है. इस क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? फैसले के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखा जाता है.

बहुत सी कंपनियां और स्टार्टअप्स ब्लॉकचैन कम्युनिटी के एक्टिव क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? यूजर्स के वॉलेट में नई वर्चुअल करेंसी भेजते हैं. कुछ कंपनियों को प्रमोशन से जुड़े काम जैसे नई वर्चुअल करेंसी के बारे में ट्वीट या क्रिप्टो से संबंधित पोस्ट करने के लिए वॉलेट होल्डर की जरूरत पड़ सकती है. कुछ मामलों में, होल्डर एयरड्रॉप के लिए क्वालिफाई करने के लिए अपने वॉलेट्स में कुछ अमाउंट में क्रिप्टोकरेंसी रखने की जरूरत हो सकती है.

बहुत सी कंपनियां अक्सर उन लोगों को नए टोकन भेजती हैं, जिनके वॉलेट में ether या बिटक्वॉइन मौजूद होते हैं. क्योंकि बिटक्वॉइन या Ethereum क्रिप्टोकरेंसी में सबसे बड़ी कम्युनिटी हैं.

850 करोड़ के शेयर वापस खरीदेगी Paytm, जानिए क्या होगी कीमत

बिजनेस डेस्कः पेटीएम की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशन लिमिडेट के बोर्ड ने शेयर बायबैक इश्यू की घोषणा कर दी है। कंपनी के बोर्ड ने 850 करोड़ रुपए की शेयर बायबैक स्कीम की घोषणा की है। यह शेयर क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? बायबैक ओपन मार्केट रूट के जरिए होगा। पेटीएम का शेयर मंगलवार को बीएसई पर 538.40 रुपए पर बंद हुआ। यह बायबैक 810 रुपए प्रति शेयर से अधिक की कीमत पर नहीं होगा। पेटीएम ने कहा कि अधिकतम बायबैक साइज 31 मार्च 2022 तक कुल पुर्णतया चुकता शेयर कैपिटल और कंपनी के फ्री रिजर्व के 10 फीसदी से कम है। न्यूनतम बायबैक साइज और अधिकतम बायबैक प्राइस के आधार पर कंपनी न्यूनतम 5,246,913 इक्विटी शेयरों को खरीदेगी। कंपनी क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? ने एक रिलीज में यह जानकारी दी।

शेयरधारकों को होगा बंपर फायदा

पेटीएम ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा था, 'मैनेजमेंट को विश्वास है कि बायबैक ऑफर शेयरधारकों के लिए फायदेमंद होगा।' यह लिस्टिंग के बाद से कंपनी का पहला बायबैक ऑफर है। कंपनी ने बताया कि उसके पास 9182 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी है। यह शेयर बायबैक कंपनी की लिस्टिंग के 13 महीने से भी कम समय में आ रहा है। कंपनी का शेयर इसके आईपीओ प्राइस से 75 फीसदी तक गिर गया था। आईपीओ के जरिए पेटीएम ने 2,150 रुपये कीमत में ताजा शेयर जारी कर 18,300 करोड़ रुपये जुटाए थे। यह आईपीओ नवंबर 2021 में आया था। यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ था।

क्या होता है बायबैक ऑफर?

बायबैक ऑफर को शेयर परचेज ऑफर भी कहते हैं। यह एक ऐसी कॉर्पोरेट गतिविधि है, जिसमें कोई कंपनी अपने शेयरधारकों से शेयर वापस खरीदती है। आमतौर पर कंपनियां करंट मार्केट प्राइस से उच्च कीमत पर शेयर बायबैक करती हैं। बायबैक भी क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? दो तरह के होते हैं। टेंडर ऑफर और ओपन मार्केट ऑफर।

पेटीएम क्यों ला रही बायबैक ऑफर?

कंपनियां कई बार अपने शेयर प्राइस को सपोर्ट करने के लिए बायबैक ऑफर लाती हैं। पेटीएम का शेयर इस साल अब तक 60 फीसदी टूट चुका है। इसलिए पेटीएम के लिए यह कारण सही बैठता है। साथ ही कंपनियां अपने शेयरधारकों को फायदा पहुंचाने के लिए भी बायबैक ऑफर लाती है। पेटीएम के मामले में यह उचित कारण है। कंपनी ने कहा भी है कि बायबैक ऑफर से शेयरधारकों को फायदा होगा।

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