कंटेनर शिपिंग (99.3) और कच्चा माल (97.6) सूचकांक में हल्की गिरावट हे पर ये तय है कि इन क्षेत्रों ने अपनी गति खो दी है। इस बैरोमीटर पर मुख्य अपवाद ऑटोमोटिव उत्पाद सूचकांक (103.8) है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका में मजबूत वाहन बिक्री के कारण प्रवृत्ति से ऊपर उठा है। जापान से निर्यात में भी वृद्धि हुई क्योंकि आपूर्ति की स्थिति में सुधार हुआ है। इस दौरान येन का मूल्यह्रास जारी रहा। बता दें कि गुड्स ट्रेड बैरोमीटर डेटा उपलब्धता के आधार पर तिमाही आधार पर जारी किया जाता है।

भारत को कम करनी होगी चीनी वस्तुओं पर निर्भरता

रुपये को सबसे हालिया प्रवृत्ति के साथ व्यापार वैश्विक मुद्रा बनाने का मौका, व्यापार के लिए नहीं रहेगी डालर की अनिवार्यता

आरबीआइ ने भारत के मौद्रिक इतिहास का एक साहसिक निर्णय लेते हुए घोषणा की कि भारत का अंतरराष्ट्रीय व्यापार भारतीय रुपये में भी होगा। हालांकि इंटरनेशनल स्टैंडर्ड आर्गनाइजेशन लिस्ट के अनुसार दुनिया भर में कुल 185 मुद्राएं हैं लेकिन सभी देशों के केंद्रीय बैंकों में 64 प्रतिशत अमेरिकी डालर है।

मुनि शंकर पांडेय: पिछले दिनों आरबीआइ ने भारत के मौद्रिक इतिहास का एक साहसिक निर्णय लेते हुए घोषणा की कि भारत का अंतरराष्ट्रीय व्यापार भारतीय रुपये में भी होगा। इसके अनुसार भारतीय निर्यातकों और सबसे हालिया प्रवृत्ति के साथ व्यापार आयातकों को अब व्यापार के लिए डालर की अनिवार्यता नहीं रहेगी। अब दुनिया का कोई भी देश भारत से सीधे बिना अमेरिकी डालर के व्यापार कर सकता है। आरबीआइ के इस कदम से भारतीय रुपये को अंतरराष्ट्रीय व्यापार में एक करेंसी के लिए स्वीकार करवाने की दिशा में मदद मिलेगी। यह निर्णय भारतीय विदेश व्यापार को बढ़ाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अभिलाषा के भी अनुरूप है। इससे भारत के वैश्विक उद्देश्यों को साधने के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक मजबूती मिलेगी। हालांकि इसके तात्कालिक प्रभाव का भी आकलन करना होगा।

भारत 2021: खुशियों के साथ चिन्ताएं भी मौजूद

वर्ष 2021 खुशीऔर चिन्ता को लेकर पास गया है, जिसका सबसे हालिया प्रवृत्ति के साथ व्यापार सिंहावलोकन करना जरूरी है। हालांकि महामारी सभी देशों के लिए एक भारी पीड़ा रहा, पर 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था का खुशीजनक सुधार नजर आया है। विश्व बैंक के एक अनुमान के अनुसार, 2021 में भारत की आर्थिक विकास दर 8% से अधिक होगी, और 2022 […]

January 22, 2022

वर्ष 2021 खुशीऔर चिन्ता को लेकर पास गया है, जिसका सिंहावलोकन करना जरूरी है। हालांकि महामारी सबसे हालिया प्रवृत्ति के साथ व्यापार सभी देशों के लिए एक भारी पीड़ा रहा, पर 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था का खुशीजनक सुधार नजर आया है। विश्व बैंक के एक अनुमान के अनुसार, 2021 में भारत की आर्थिक विकास दर 8% से अधिक होगी, और 2022 में यह भी सबसे हालिया प्रवृत्ति के साथ व्यापार 5% तक रहेगी, जो दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में उल्लेखनीय है।

Goods Barometer: वर्ष 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था के धीमा पड़ने के संकेत, क्या कहते हैं WTO के आंकड़े?

विश्व व्यापार संगठन (WTO)

वैश्विक व्यापार वृद्धि 2022 के आखिरी महीनों और 2023 में धीमी पड़ने की संभावना है क्योंकि विश्व अर्थव्यवस्था मजबूत विपरीत परिस्थितियों से घिरी हुई है। विश्व व्यापार संगठन के माल व्यापार बैरोमीटर के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं। वर्तमानद में गुड्स ट्रेड बैरोमीटर इंडेक्स रीडिंग 96.2 है।

Image Courtesy: World Trade Organization

गुड्स ट्रेड बैरोमीटर विश्व व्यापार के लिए एक समग्र प्रमुख संकेतक है, जो हाल के रुझानों के सापेक्ष व्यापार की वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करता है। 100 से अधिक मान सबसे हालिया प्रवृत्ति के साथ व्यापार अपट्रेंड यानी विस्तार का संकेत देते हैं जबकि 100 से कम मूल्य डाउनट्रेंड यानी कटौती का संकेत देते हैं।

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने सोमवार को कहा कि सूचकांक में गिरावट का श्रेय यूक्रेन में युद्ध, उच्च ऊर्जा कीमतों और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं सबसे हालिया प्रवृत्ति के साथ व्यापार में मौद्रिक तंगी को दिया जा सकता है। निर्यात ऑर्डर (91.7), एयर फ्रेट (93.3) और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स (91.0) का प्रतिनिधित्व करने वाले उप-सूचकांकों में नकारात्मक रीडिंग दिख रही है। सबसे हालिया प्रवृत्ति के साथ व्यापार साथ ही ये आंकड़े व्यापार जगत में सुस्ती और वैश्विक आयात में कमजोरी दर्शाते हैं।

विस्तार

वैश्विक व्यापार वृद्धि 2022 के आखिरी महीनों और 2023 में धीमी पड़ने की संभावना है क्योंकि विश्व अर्थव्यवस्था मजबूत विपरीत परिस्थितियों से घिरी हुई है। विश्व व्यापार संगठन के माल व्यापार बैरोमीटर के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं। वर्तमानद में गुड्स ट्रेड बैरोमीटर इंडेक्स रीडिंग 96.2 है।

गुड्स ट्रेड बैरोमीटर विश्व व्यापार के लिए एक समग्र प्रमुख संकेतक है, जो हाल के रुझानों के सापेक्ष व्यापार की वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करता है। 100 से अधिक मान अपट्रेंड यानी विस्तार का संकेत देते हैं जबकि 100 से कम मूल्य डाउनट्रेंड यानी कटौती का संकेत देते हैं।

Image Courtesy: World Trade Organization


विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने सोमवार को कहा कि सूचकांक में गिरावट का श्रेय यूक्रेन में युद्ध, उच्च ऊर्जा कीमतों और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मौद्रिक तंगी को दिया जा सकता है। निर्यात ऑर्डर (91.7), एयर फ्रेट (93.3) और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स (91.0) का प्रतिनिधित्व करने वाले उप-सूचकांकों में नकारात्मक रीडिंग दिख रही है। साथ ही ये आंकड़े व्यापार जगत में सुस्ती और वैश्विक आयात में कमजोरी दर्शाते हैं।

गति उपकरण

संवेग निवेशकों के लिए कुछ उपकरण प्रवृत्ति को परिभाषित करने में मदद करते हैं, जैसे कि प्रवृत्ति रेखा। एक ट्रेंड लाइन एक उच्च रेखा से कम कीमत तक या इसके विपरीत, एक निश्चित समय अवधि में खींची जाने वाली रेखा है। यदि लाइन ऊपर है, तो प्रवृत्ति ऊपर है और गति निवेशक स्टॉक खरीदता है। यदि प्रवृत्ति रेखा नीचे है, तो प्रवृत्ति नीचे है और गति निवेशक स्टॉक बेचता है।

इस तरह, संवेग निवेश विशुद्ध रूप से एक तकनीकी संकेतक है । हालांकि “गति” प्रदर्शन के बुनियादी उपायों, जैसे कि राजस्व और कमाई का उल्लेख कर सकती है, इसका उपयोग आमतौर पर तकनीकी संकेतक के रूप में ऐतिहासिक परिसंपत्ति की कीमतों के संदर्भ में किया जाता है।

किशोरों में आत्महत्या की प्रवृत्ति सबसे ज्यादा, रिसर्च में दावा

Sucide case

मनोरोग और मानसिक स्वास्थ्य अध्ययनों से पता चलता है कि किशोरों में आत्महत्या की प्रवृत्ति सबसे ज्यादा है. इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड एलाइड साइंसेज के पूर्व निदेशक डॉ निमेश देसाई के अनुसार, मैच्योरिटी के मनोवैज्ञानिक परिवर्तन, पहचान बनाने की चिंता और सामाजिक कारक कई बार किशोरों को इस तरह के खौफनाक कदम उठाने के लिए प्रेरित करते हैं. दूसरा महत्वपूर्ण तथ्य, उन्होंने कहा, जैसा कि हम ऐसे समाजों में रह रहे हैं जो बदलता रहता है. फिर, समाज की अपेक्षाओं और अकादमिक सब कुछ का दबाव किशोरों पर सीमा से अधिक है.

कोटा में हाल ही में हुई आत्महत्याओं का जिक्र करते हुए डॉ. देसाई ने कहा, चूंकि यहां शिक्षण संस्थानों और कोचिंग का ऐसा जमावड़ा है, इसलिए प्रतिस्पर्धा और सफलता का बोझ भारी होता है. आत्महत्या के प्रयासों में कारकों के इन तीन सेटों का होना भावनात्मक रूप से अस्थिर है. यह पहचान बनाने की मनोवैज्ञानिक चिंता है, सफल होने का सामाजिक दबाव है, और फिर अभिव्यक्ति और साझा करने के लिए उपलब्धता की कमी है. ये सभी फैक्टर कोटा में काम करते हैं.

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