India Forex Reserve: विदेशी मुद्रा भंडार में थमा गिरावट का रूझान, आरबीआई के साप्ताहिक आंकड़ों से खुलासा
India Forex Reserve: पिछले कुछ समय से देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) में गिरावट दिख रही थी लेकिन 28 अक्टूबर को समाप्त होने वाले सप्ताह में यह ट्रेंड बदला है
28 अक्टूबर को समाप्त होने वाले सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 656 करोड़ डॉलर बढ़कर 56.11 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
India Forex Reserve: पिछले कुछ समय से देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) में गिरावट दिख रही थी लेकिन 28 अक्टूबर को समाप्त होने वाले सप्ताह में यह ट्रेंड बदला है। 28 अक्टूबर को समाप्त होने वाले सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 656 करोड़ डॉलर बढ़कर 56.11 हजार करोड़ रुपये पर पहुंच गया। ये आंकड़े भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) हर हफ्ते जारी करता है।
आज शुक्रवार 4 नवंबर को जारी आंकड़ों से विदेशी मुद्रा भंडार में उछाल की जानकारी मिली है। आईएमएफ के पास भी देश का भंडार मजबूत हुआ है और 28 अक्टूबर को समाप्त होने वाले सप्ताह में यह 4.8 करोड़ डॉलर गिरावट की मुद्रा उछलकर 484.7 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया।
दीपावली सप्ताह के दौरान 20 साल में पहली बार प्रचलन में मुद्रा में गिरावट: एसबीआई इकोरैप
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई)ने 3 नवंबर 2022 को प्रकाशित अपनी नवीनतम शोध रिपोर्ट इकोरैप (Ecowrap) में कहा है कि इस साल दिवाली वाली सप्ताह में ‘प्रचलन में मुद्रा ‘(currency in circulation) में 7,600 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। यह पिछले 20 वर्षों में पहली बार था जब दिवाली त्योहार के मौसम में नकदी परिसंचरण में कमी आई है, जहां आम तौर पर खर्च गिरावट की मुद्रा में बढ़ोतरी होती है।
रिपोर्ट के अनुसार 2009 में प्रचलन में मुद्रामें 950 करोड़ गिरावट की मुद्रा रुपये की गिरावट आई थी लेकिन यह वैश्विक वित्तीय संकट के कारण हुए देश में आर्थिक मंदी के कारण था, जिसके कारण इसे अपवाद माना गया ।
प्रचलन में मुद्रा में गिरावट का कारण
रिपोर्ट के अनुसार नकदी के प्रचलन में गिरावट का मुख्य कारण भारतीय भुगतान प्रणाली में नकदी से स्मार्टफोन आधारितभुगतान गिरावट की मुद्रा अर्थव्यवस्था में बदलाव है ।
फिनटेक में नवाचार ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई), वॉलेट और प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स जैसे इंटरऑपरेबल पेमेंट सिस्टम के विकास को बढ़ावा दिया है, जिसके कारण ,जिनके पास बैंक खाते नहीं हैं, उनके लिए भी डिजिटल रूप से पैसा ट्रांसफर करना आसान और सस्ता हो गया है।
रिपोर्ट सरकार की नकद के बजाय डिजिटल भुगतान प्रणाली को आगे बढ़ाने की पहल को भी इसका श्रेय देती है।
भविष्य के अनुमान
रिपोर्ट के अनुसार देश में प्रचलन में मुद्रा की हिस्सेदारी में उत्तरोत्तर गिरावट आई है और डिजिटल भुगतान की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है।
भुगतान प्रणाली में प्रचलन में मुद्रा की हिस्सेदारी 2015-16 में 88% थी जो 2021-22 में घटकर 20% रह गई। 2026-27 में इसके और कम होकर 11.15% होने का अनुमान है।
नतीजतन, डिजिटल लेनदेन की हिस्सेदारी 2015-16 में 11.26% से बढ़कर 2021-22 में 80.4% हो गई है और 2026-27 में 88% तक पहुंचने की उम्मीद है।
प्रचलन में मुद्रा क्या है?
प्रचलन में मुद्रा, आम जनता और वित्तीय संस्थानों के पास अंकित मूल्य पर दर्ज बैंकनोटों और प्रचलन में सिक्कों को कहते हैं।
बैंक नोट वे मुद्रा नोट हैं जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं। एक रुपये के नोट और सिक्के भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं।
हालांकि जारी किए गए सभी नोट और सिक्के प्रचलन में नहीं होते हैं। कुछ बैंक नोट और सिक्के प्रचलन में नहीं हैं जैसे करेंसी नोट और सिक्के जो आरबीआई की तिजोरी में रखे जाते हैं, बैंकों को नकद आरक्षित अनुपात आवश्यकताओं को बनाए रखना के लिए भी बैंकनोटों को अपने पास रखना होता है आदि।
Forex Reserve: थम गया लगातार गिरावट का सिलसिला, 204 मिलियन डॉलर बढ़कर 532 बिलियन हुआ विदेशी मुद्रा भंडार
Forex Reserve रुपये में लगातार हो रही गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई ने विदेशी मुद्रा बाजार में जमकर हस्तक्षेप किया है। इसके चलते हाल के दिनों में विदेशी मुद्रा भंडार गिर रहा था। इससे अब बाजार भी संभाल जाएगा।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 204 मिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 532.868 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पिछले सप्ताह भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4.854 बिलियन अमरीकी डॉलर घटकर 532.664 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया था।
आपको बता दें कि पिछले कई हफ्तों से विदेशी मुद्रा भंडार गिर रहा था, क्योंकि केंद्रीय बैंक रुपये में होने वाली गिरावट को रोकने के लिए लगातार डॉलर बेच रहा गिरावट की मुद्रा था। अक्टूबर 2021 में देश की विदेशी मुद्रा किटी 645 बिलियन अमरीकी डालर गिरावट की मुद्रा के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।
थमा गिरावट का सिलसिला
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी साप्ताहिक सांख्यिकीय डाटा के अनुसार, विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) जो समग्र भंडार का एक प्रमुख घटक हैं 7 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 1.311 बिलियन अमरीकी डॉलर की गिरावट के साथ 471.496 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गईं। आपको बता दें कि एफसीए में विदेशी मुद्रा के रूप में डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन जैसी इकाइयां शामिल हैं।
सोने की होल्डिंग वैल्यू भी बढ़ी
आरबीआई ने कहा कि 7 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के लिए कुल विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि सोने की होल्डिंग के मूल्य में बढ़ोतरी के कारण हुई है। यह 1.35 अरब अमेरिकी डॉलर बढ़कर 38.955 अरब अमेरिकी डॉलर हो गई। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 155 मिलियन अमरीकी डालर बढ़कर 17.582 बिलियन अमरीकी डालर हो गया। आंकड़ों से पता चलता है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ देश का रिजर्व 10 मिलियन अमरीकी डॉलर बढ़कर 4.836 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 4.5 अरब डॉलर की गिरावट
New Delhi: गिरावट की मुद्रा रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने शुक्रवार को बताया है कि 14 अक्टूबर को ख़त्म होने वाले हफ़्ते में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 4.5 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है. इस गिरावट के साथ भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 528.37 अरब डॉलर हो गया है.
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20 करोड़ डॉलर की हुई थी वृद्धि
हालांकि इससे पिछले वाले हफ़्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में 20 करोड़ डॉलर की वृद्धि हुई थी. इस साल अगस्त के बाद से वो पहला मौका था जब किसी हफ़्ते भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा देखा गया था. मिली जानकारी के अनुसार, अक्टूबर, 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के साथ अब तक के अपने सर्वोच्च स्तर पर था.
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के बावजूद भारत मजबूत, किसी भी बाहरी झटके से निपटने गिरावट की मुद्रा में सक्षम: Fitch Ratings
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस साल के नौ महीनों में करीब 100 अरब डॉलर तक घट चुका है। हालांकि इसके बावजूद Fitch Ratings का मानना है कि बाहरी दबावों से निपटने के लिए भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त है
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस साल के नौ गिरावट की मुद्रा महीनों में करीब 100 अरब डॉलर तक घट चुका है। हालांकि इसके बावजूद वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) का मानना है कि अमेरिका की सख्त मौद्रिक नीतियों और वैश्विक स्तर महंगाई दर बढ़ने के रिस्क से निपटने के लिए भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त है।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी के मुताबिक गिरावट की मुद्रा बाहरी दबावों से भारत की क्रेडिट को जो रिस्क है, वह सीमित ही है। फिच रेटिंग्स ने 19 अक्टूबर को ये बातें कहीं। फिच की यह गिरावट की मुद्रा टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब रुपये की गिरावट को थामने के लिए आरबीआई ने हस्तक्षेप किया था जिसके चलते विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई।
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