Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: November 13, 2022 6:55 IST

Stock Market में कैसे करें निवेश और किस तरह की बरतें सावधानियां ? जानिए एक्सपर्ट से हर सवालों के जवाब

क्या आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं लेकिन नहीं जानते कि इसकी शुरुआत कैसे हो ? क्या आपको शेयर बाजार की दुनिया जटिल और उलझन भरी लगी लगती है ? क्या किसी और को हुए फायदे और नुकसान का सुनकर आप फैसला नहीं कर पाए हैं कि आपके लिए शेयर बाजार सही रहेगा या नहीं ? तो आज हम आपको बताएंगे शेयर बाजार से जुड़ी हर वो बात साथ ही एक्सपर्ट से जानेंगे की शेयर बाजार में निवेश कैसे करें और क्या सावधानियां बरतें.

Do you want to invest in the stock market but don't know how to start? Do you find the world of stock market complicated and confusing?

क्या आप भी करना चाहते हैं शेयर बाजार से कमाई, स्टेप बाई स्टेप जानिए क्या है पूरा प्रोसेस

शेयर बाजार ( Share Market ) में निवेश तो कई लोग करना चाहते हैं लेकिन इस बाजार की टेक्निकल बातों और बाजार के जोखिम के चलते लोग यहां निवेश करने से घबरातें हैं. लेकिन सही रणनीति और सुझबुझ से यहां पैसा बनाया जा सकता है.

क्या आप भी करना चाहते हैं शेयर बाजार से कमाई, स्टेप बाई स्टेप जानिए क्या है पूरा प्रोसेस

शेयर बाजार ने 21 जनवरी को नया रिकॉर्ड बनाया. बीएसई के सेंसेक्स ने गुरुवार को 50,000 का ऐतिहासिक आंकड़ा पार कर गया. इस दौरान केवल कुछ ही मिनटों में शेयर बाजार से निवेशकों 1.40 लाख करोड़ रुपए की कमाई कर डाली. बुधवार को बीएसई लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 1,97,70,572.57 करोड़ रुपए था, जो गुरुवार को शुरुआती कारोबार में 1,35,552 करोड़ रुपए बढ़कर 1,99,06,124.57 करोड़ रुपए हो गया. दरअसल जनवरी का महीना निवेशको के लिए काफी शुभ रहा है. केवल जनवरी महीने में बीएसई का कुल मार्केट कैप 11 लाख करोड़ रुपए बढ़ गया है.

शेयर बाजार में निवेश कई लोग करना चाहते हैं लेकिन इस बाजार की टेक्निकल बातों और बाजार के जोखिम के चलते लोग यहां निवेश करने से कतराते हैं. इसलिए टीवी 9 हिन्दी आज आपको इस बाजार की कठिन से कठिन चीज आसान भाषा में समझाने जा रहा है. बाजार में निवेश की शुरूआत से लेकर इसके कठिन पहलुओं पर टीवी9 हिन्दी ने फिनोलॉजी के सीईओ प्रांजल कामरा से बातचीत की. आइए जानते हैं क्या है बाजार और कैसे शुरू कर सकते हैं इसमें निवेश.

सबसे पहले तय करें रणनीति

किसी भी निवेश से पहले आपको यह जानना जरुरी है कि आखिर आप निवेश करना क्यों चाहते हैं. अपने वित्तीय लक्ष्य को हासिल करने के तरीके को जानना सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है जिसे आप अपने लिए कर सकते हैं. और, आपको ऐसा करने के लिए एक विशेषज्ञ होने की जरूरत नहीं है. आपको केवल कुछ मूल बातें जानने की जरूरत है, एक योजना बनाएं और उसका पालन करने के लिए पर्याप्त अनुशासित रहें.

क्यों करना चाहते हैं निवेश

अपने आप से पूछें कि आप क्या चाहते हैं और अपने सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय लक्ष्यों को लिस्ट बना लें कि आप इस बाजार में निवेश किस लक्ष्य को हासिल करने के लिए करना चाहते है. आपको यह तय करना होगा कि आप शादी के लिए निवेश कर रहे हैं, अपने बच्चे के कॉलेज फंड, सेवानिवृत्ति, या कुछ और. फिर, तय करें कि आपको अपने लक्ष्य को कितने वर्षों में पूरा करना है. ऐसा इसलिए है क्योंकि जब आप निवेश करते हैं, तो यह आपके लिए सबसे जरुरी ये जानना होता है कि इसमें आपको प्रवेश कब करना है और निकलना कब है. डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट्स खोलें

निवेश शुरू करने के लिए, आपको डीमैट और ट्रेडिंग खातों की जरुरत होता है. इसकी शुरूआत आप इन 3 आसान स्टेप में कर सकते हैं.

स्टेप 1: एक स्टॉक ब्रोकर चुनें जहां डीमैट और ट्रेडिंग खाता खुलवाया जा सकें स्टेप 2: केवाईसी के नियमों को पूरा करें. चरण 3: केवाईसी की सत्यापन प्रक्रिया पूरा होते ही आप बाजार से कमाई करने के लिए आप रजिस्टर्ड हैं.

अब निवेश के लिए बजट निर्धारित करें

बजट तय करना निवेश का महत्वपूर्ण हिस्सा है. आपको यह पता लगाने की आवश्यकता है कि शेयरों में निवेश शुरू करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए. इसके अलावा, विश्लेषण करें कि क्या वार्षिक एकमुश्त निवेश करना आपके लिए अनुकूल होगा या यह मासिक आधार पर अधिक आकर्षक होगा. यह बजट अंततः आपके निवेश लक्ष्यों और उन्हें कैसे प्राप्त किया जा सकता है, हालांकि इसमें सबसे ज्यादा ध्यान देने वाले बात यह है कि आप कोई ऐसा लक्ष्य तुरंत के लिए न बना लें जिसमें सीधे 50 फीसदी का मुनाफा हो.

निफ्टी में निवेश :शेयर बाजार में इन्वेस्ट क्यों करें जब आप यह सब पता लगा लेते हैं, तो आप निफ्टी जैसे सूचकांकों के लिए तैयार हैं. ऐसा करने के कई तरीके हैं:

1. स्पॉट ट्रेडिंग और डेरिवेटिव ट्रेडिंग

निफ्टी में निवेश करने का सबसे सरल तरीका किसी कंपनी के स्टॉक्स को खरीदना. जब आप किसी कंपनी का स्टॉर खऱीदते हैं तो आप उनकी कीमत बढ़ने पर पूंजीगत लाभ का फायदा उठा सकते हैं. वहीं डेरिवेटिव्स एक तरह वित्तीय अनुबंध हैं ये स्टॉक, कमोडिटीज, मुद्राएं आदि हो सकते हैं. इस पद्धति के साथ, पार्टियां भविष्य की तारीख में अनुबंध का निपटान करने के लिए सहमत होती हैं और अंतर्निहित परिसंपत्ति के भविष्य के मूल्य पर दांव लगाकर लाभ कमाती हैं. निफ्टी इंडेक्स में ट्रेडिंग के लिए, आपके पास दो डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स हैं:

● निफ्टी फ्यूचर्सः

आसान शब्दों में, फ्यूचर्स कॉन्ट्रेक्ट खरीदार और विक्रेता के बीच भविष्य की तारीख पर निफ्टी लॉट के ट्रेडिंग का एक समझौता है. अनुबंध की अवधि के दौरान, यदि कीमत बढ़ जाती है, तो आप स्टॉक बेच सकते हैं और यील्ड कमा सकते हैं. यदि कीमत कम हो जाती है, तो आप सेटलमेंट डेट तक इंतजार कर सकते हैं ताकि कीमत कम हो सकें.

● निफ्टी ऑप्शंसः

एक ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट वह है जो खरीदार और विक्रेता के बीच निफ्टी लॉट को एक विशिष्ट मूल्य पर भविष्य की तारीख में व्यापार करने के लिए निर्धारित किया जाता है. ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट का खरीदार प्रीमियम का भुगतान करके कानूनी अधिकार प्राप्त करता है. हालांकि, अगर भविष्य में कीमत लाभ दे रही है तो भविष्य में निफ्टी को खरीदने / बेचने का दायित्व उनका नहीं है.

इंडेक्स फंड्स

यह एक पोर्टफोलियो (स्टॉक, बॉन्ड, इंडेक्स, मुद्राएं, आदि) के साथ म्यूचुअल फंड का एक प्रकार है, जो मार्केट इंडेक्स (स्टॉक और उनकी कीमत में उतार-चढ़ाव) के घटकों को मैच या ट्रैक करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो व्यापक बाजार प्रदर्शन प्रदान करता है. ये फंड निफ्टी सहित विभिन्न सूचकांकों में निवेश करते हैं.

हाल के वर्षों में निफ्टी इंडेक्स और शेयर बाजार में बड़े पैमाने पर वृद्धि ने खुदरा निवेशकों, संस्थागत निवेशकों और विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया है, जो सीधे या इंडेक्स फंड के माध्यम से अपने पैसे को इंडेक्स में डालते हैं. निवेश करते समय बस ऊपर दिए गए बातों को ध्यान में रखेंगे तो आप बाजार से भी बिना ज्यादा जोखिम अच्छा मुनाफा कमा सकते है.

मल्टीबैगर शेयरों की इस तरह करें पहचान, गिरते बाजार में भी होगी बंपर कमाई

मल्टीबैगर स्टॉक उस शेयर को कहते हैं जो निवेशकों को काफी कम सयम में कई गुना रिटर्न देता है। कोरोना के बाद भारत में मल्टीबैगर स्टॉक की कोई कमी नहीं है।

Alok Kumar

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: November 13, 2022 6:55 IST

मल्टीबैगर शेयर- India TV Hindi

Photo:INDIA TV मल्टीबैगर शेयर

Share Market में निवेश करने वालों की संख्या करोड़ों में पहुंच गई है। ऐसे में यह संभव है कि आप भी शेयर बाजार में निवेश करते हों। आप को ऐसे खबरें सुनने में आती होगी कि इस एक शेयर ने निवेशकों को मालामाल कर दिया है। एक साल में 10 हजार रुपये को 1 लाख बना दिया है। वहीं, किसी दूसरे शेयर में निवेशक ने 10 लाख लगाया तो वह दो साल में ही 3 करोड़ हो गया है। इस तरह के शेयर को बाजार की भाषा में मल्टीबैगर स्टॉक (Multibagger Stocks) कहते हैं। हालांकि, एक निवेश के लिए इस तरह के स्टॉक की पहचान करना काफी मुश्किल होता है। ज्यादातर निवेशक जब किसी शेयर में निवेश करते हैं तो वह टूटकर नीचे चला आता है। इससे निवेशकों को नुकसान होने लगता है। अब सवाल उठता है कि मल्टीबैगर स्टॉक की पहचान कैसे की जाए। तो आइए, हम आपको बताते हैं कि आप किस तरह मल्टीबैगर स्टॉक की पहचान कर सकते हैं।

मल्टीबैगर स्टॉक का चुनाव इन 8 पैरामीटर पर करें

  1. सक्षम और मजबूत प्रबंधन: कोई शेयर मल्टीबैगर तभी हो सकता है जब उसका मैनेजमेंट यानी प्रबंधन सक्षम और मजबूत हो। इसलिए किसी भी कंपनी के शेयर के चुनने से पहले उसका मौनेजमेंट देंखे। अगर वह सक्षम और मजबूत है तो वह शेयर मल्टीबैगर बन सकता है।
  2. मजबूत प्रमोटर होल्डिंग: अगर कंपनी में प्रमोटर की होल्डिंग 50 फीसदी से अधिक है तो यह दर्शाता कि उस कंपनी पर प्रमोटर का विश्वास है। यानी वह कंपनी आगे तेजी से ग्रो करेगी और शेयर के भाव बढ़ेंगे।
  3. कमाई में लगातार वृद्धि: अगर कंपनी की कमाई लगतार बढ़ रही है तो उस कंपनी के शेयर में आगे बढ़ने की पूरी उम्मीद है। इस तरह के शेयर का चुनाव मल्टीबैगर चुनते समय जरूर करें।
  4. उच्च मार्जिन वाला कारोबार: मल्टीबैगर में उस तरह के शेयर चुनें जिस कंपनी का कारोबार उच्च मार्जिन वाला है। उच्च मार्जिन होने से कंपनी का मुनाफा तेजी से बढ़ेगा। इसका लाभ शेयर को होगा। शेयर का भाव तेजी से बढ़ेगा।
  5. कर्ज का बोझ: किसी भी कंपनी में निवेश से पहले उसपर कर्ज का बोझ जरूर देंखे। अगर कंपनी पर कर्ज का बहुत ज्यादा बोझ है तो वह मल्टीबैगर नहीं बन सकता है।
  6. बढ़ता कैश फ्लो: किसी कंपनी के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए किसी कंपनी का नकदी प्रवाह सबसे सटीक पैमाना है। कैश फ्लो स्टेटमेंट भविष्य में कंपनी की कमाई बढ़ाने की क्षमता को निर्धारित करता है। अगर मैनेजमेंट कंपनी संचालन से नकदी उत्पन्न करने में सक्षम है, तो उसे अपने व्यवसाय को बढ़ाएगा। यानी उस कंपनी के शेयर मल्टीबैगर बन सकते हैं।
  7. इंडस्ट्री की पहचान: मल्टीबैगर स्टॉक का चुनाव में इंडस्ट्री की पहचान बहुत जरूरी है। पहले यह आंकलन करें कि भविष्य में कौन सी इंडस्ट्री तेजी से बढ़ने वाली है। कौन से उद्योग मजबूत रूप से उभर रहे हैं और क्यों? किसी क्षेत्र के लिए विकास की संभावना क्या है और यह दूसरों से कैसे भिन्न है। फिर उस सेक्टर की कंपनी के शेयर की पहचान करें।
  8. कंपनी का कारोबारी मॉडल: कोई भी स्टॉक मल्टीबैगर तभी बनता है जब उस कंपनी का कारोबारी मॉडल और उत्पाद की बाजार में मांग होती है। इसलिए ऐसी कंपनी का चुनाव करें, जिसके उत्पाद की जबरदस्त् मांग है या होने वाली है। साथ ही उसके कंपटीटर कम हो।

मल्टीबैगर स्टॉक किसे कहते हैं?

मल्टीबैगर स्टॉक उस शेयर को कहते हैं जो निवेशकों को काफी कम सयम में कई गुना रिटर्न देता है। अगर आपने किसी 50 रुपये के शेयर में निवेश किया है और वह काफी समय में 700 रुपये हो गया तो इसे म्लटीबैगर स्टॉक कहते हैं। Multibagger शब्द की शुरुआत सबसे पहले अमेरिका के निवेशक और म्युचुअल फंड मैनेजर पीटर लिंच ने की थी। लिंच बेसबॉल के फैन थे और multibagger भी इसी खेल से निकला हुआ शब्द है। यह किसी बेसबॉल के खिलाड़ी के औसत से बेहतर प्रदर्शन को बताने के लिए इस्तेमाल किय जाता है। जानकारों का कहना था कि लिंच ने टेनबैगर शब्द दिया था जिसका मतलब जो शेयर अपने मौजूदा प्राइस से काफी कम समय में 10 गुना बढ़ जाए। कोरोना के बाद भारत में मल्टीबैगर स्टॉक की कोई कमी नहीं है।

Diwali Muhurat Trading 2022: दिवाली के दिन एक घंटे के लिए खुलता है शेयर बाजार, जानें क्या है परंपरा?

Diwali Muhurat Trading 2022: शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक पुरानी है। मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बीएसई में 1957 और एनएसई में 1992 में शुरू हुआ था। विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है।

Diwali Muhurat Trading 2022

दिवाली के दिन यूं तो शेयर बाजार बंद रहता है पर एक खास परंपरा के तहत यह एक घंटे के लिए खुलता है और शेयरों की खरीद-बिक्री भी होती है। इस दिन शेयर बाजार में खास ट्रेडिंग की परंपरा है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहा जाता है। इस एक घंटे में निवेशक अपना छोटा निवेश करके बाजार की परंपरा को निभाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन मुहूर्त ट्रेडिंग से समृद्धि आती है और पूरे साल निवेशकों पर धन बरसता है। दिवाली पर यह ट्रेडिंग इक्विटी, इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शन, करेंसी एंड कमोडिटी मार्केट, तीनों में होती है। प्री-ओपन सेशन शाम के 6 बजे से 6.15 बजे तक होगा। मुहूर्त ट्रेंडिंग शाम 6.15 से शुरू होगी जो शाम के 7.15 तक चलेगी। इस दौरान लगातार दो दिनो से सुस्त शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी की उम्मीद जताई जा रही है।

पांच दशक पुरानी है यह परंपरा

शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक पुरानी है। मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बीएसई में 1957 और एनएसई में 1992 में शुरू हुआ था। विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है। अधिकांश लोग इस दिन शेयर खरीदते हैं। हालांकि, आमतौर पर ये निवेश काफी छोटे और प्रतीकात्मक होते हैं।

इस दिन पहले निवेश को माना जाता है शुभ

मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में निवेशक और ब्रोकर्स मूल्य-आधारित स्टॉक खरीदते हैं, जो लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं। निवेशक मानते हैं कि इस अवसर पर खरीदे गए शेयरों को भाग्यशाली आकर्षण के रूप में रखा जाना चाहिए। वे शेयर खरीदते हैं और यहां तक कि उन्हें अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं। दिवाली को कुछ भीनया काम शुरू करने के लिए शुभ माना जता है। ऐसे में कई निवेशक इस विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के दौरान शेयर बाजार में अपना पहला निवेश करते हैं।

पिछले वर्ष मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान हरे निशान में हुआ था कारोबार

पिछले वर्ष यानी 2021 की दिवाली के दिन एक घंटे के लिए हुई मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स-निफ्टी हरे निशान पर खुले थे। 6.15 बजे शाम को बीएसई का सेंसेक्स 60,207.शेयर बाजार में इन्वेस्ट क्यों करें शेयर बाजार में इन्वेस्ट क्यों करें 97 के स्तर पर खुला था और एनएसई का निफ्टी 17,935.05 पर स्तर पर खुला था। पूरे ट्रेडिंग सेशन के दौरान दोनों हरे निशान पर कारोबार करते रहे थे। कारोबार के अंत में 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 296 अंक या 0.49 फीसदी की बढ़त के साथ 60,067.62 के स्तर पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 88 अंक उछलकर 17,916.80 के स्तर पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स के सभी सेक्टर्स में जमकर खरीदारी दिखी थी।

विस्तार

दिवाली के दिन यूं तो शेयर बाजार बंद रहता है पर एक खास परंपरा के तहत यह एक घंटे के लिए खुलता है और शेयरों की खरीद-बिक्री भी होती है। इस दिन शेयर बाजार में खास ट्रेडिंग की परंपरा है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहा जाता है। इस एक घंटे में निवेशक अपना छोटा निवेश करके बाजार की परंपरा को निभाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन मुहूर्त ट्रेडिंग से समृद्धि आती है और पूरे साल निवेशकों पर धन बरसता है। दिवाली पर यह ट्रेडिंग इक्विटी, इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शन, करेंसी एंड कमोडिटी मार्केट, तीनों में होती है। प्री-ओपन सेशन शाम के 6 बजे से 6.15 बजे तक होगा। मुहूर्त ट्रेंडिंग शाम 6.15 से शुरू होगी जो शाम के 7.15 तक चलेगी। इस दौरान लगातार दो दिनो से सुस्त शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी की उम्मीद जताई जा रही है।

पांच दशक पुरानी है यह परंपरा

शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक पुरानी है। मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बीएसई में 1957 और एनएसई में 1992 में शुरू हुआ था। विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है। अधिकांश लोग इस दिन शेयर खरीदते हैं। हालांकि, आमतौर पर ये निवेश काफी छोटे और प्रतीकात्मक होते हैं।

इस दिन पहले निवेश को माना जाता है शुभ

मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में निवेशक और ब्रोकर्स मूल्य-आधारित स्टॉक खरीदते हैं, जो लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं। निवेशक मानते हैं कि इस अवसर पर खरीदे गए शेयरों को भाग्यशाली आकर्षण के रूप में रखा जाना चाहिए। वे शेयर खरीदते हैं और यहां तक कि उन्हें अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं। दिवाली को कुछ भीनया काम शुरू करने के लिए शुभ माना जता है। ऐसे में कई निवेशक इस विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के दौरान शेयर बाजार में अपना पहला निवेश करते हैं।

पिछले वर्ष मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान हरे निशान में हुआ था कारोबार

पिछले वर्ष यानी 2021 की दिवाली के दिन एक घंटे के लिए हुई मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स-निफ्टी हरे निशान पर खुले थे। 6.15 बजे शाम को बीएसई का सेंसेक्स 60,207.97 के स्तर पर खुला था और एनएसई का निफ्टी 17,935.05 पर स्तर पर खुला था। पूरे ट्रेडिंग सेशन के दौरान दोनों हरे निशान पर कारोबार करते रहे थे। कारोबार के अंत में 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 296 अंक या 0.49 फीसदी की बढ़त के साथ 60,067.62 के स्तर पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 88 अंक उछलकर 17,916.80 के स्तर पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स के सभी सेक्टर्स में जमकर खरीदारी दिखी थी।

शेयर बाजार में निवेश की कर रहे हैं प्‍लानिंग, तो कभी न भूलें ये जरूरी बातें

अगर आप स्‍टॉक मार्केट में नए हैं और निवेश की प्‍लानिंग कर रहे हैं तो न सिर्फ आपको स्‍टॉक ही खरीदने चाहिए, बल्कि की कंपनी में हिस्‍सेदारी भी लेनी चाहिए।

शेयर बाजार में निवेश की कर रहे हैं प्‍लानिंग, तो कभी न भूलें ये जरूरी बातें

स्‍टॉक मार्केट में निवेश से पहले जरूर जाननी चाहिए यह खास बातें (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

शेयर बाजार में निवेश करना जोखिम भरा माना जाता है। एक्‍सपर्ट के अनुसार, अगर कोई बिना पढ़े ही शेयर बाजार में पैसा लगाता है तो उसके फंड के डूबने का खतरा ज्‍यादा होता है। किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले उसके वैल्‍यू, मार्केट कैप और अन्‍य चीजों के बारे में जरूर जानना चाहिए। साथ ही उस कंपनी के शेयर का एनलाइज और रिसर्च भी कर लेना चाहिए।

अगर आप स्‍टॉक मार्केट में नए हैं और निवेश की प्‍लानिंग कर रहे हैं तो न सिर्फ आपको स्‍टॉक ही खरीदने चाहिए, बल्कि की कंपनी में हिस्‍सेदारी भी लेनी चाहिए। यहां पांच ऐसी चीजें बताई गई हैं, जो किसी भी शेयरधारक को निवेश करने से पहले जानना चाहिए और हमेशा याद रखना चाहिए।

लंबे समय तक निवेश की प्‍लानिंग
जब आप शेयर मार्केट में निवेश कर रहे हैं तो आपको लंबे समय तक निवेश की प्‍लानिंग करना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि केवल उन फंडों को इक्विटी में लगाया जाना चाहिए जिनकी कम से कम अगले पांच वर्षों तक आवश्यकता नहीं है। नजदीकी टर्म में, रिटर्न शॉर्ट-टर्म इवेंट्स की अनिश्चितता पर निर्भर करेगा। लंबी अवधि में निवेश करने से प्रॉफिट होने का चांस अधिक रहता है।

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राइट टेमपरामेंट
स्टॉक का नेचर अक्‍सर बदलता रहता है, ऐसे में एक निवेशक को स्टॉक की अस्थिरता के सा‍थ अनुशासन और धैर्य रखना चाहिए। अगर कोई स्‍टॉक खरीदने के बाद उसके कंपनी के वैल्‍यू में गिरावट आती है तो उससे घबराना नहीं चाहिए, इसके ऊपर आने तक इंतजार करना चाहिए और फिर निश्चित समय पर बिक्री की जानी चाहिए। बाजार में गिरावट है तो उस समय आपको सही टेमपरामेंट के साथ शेयरों की खरीद और बिक्री की जानी चाहिए। शेयरों के उतार-चढ़ाव के लिए इंतजार करके लाभ उठाया जा सकता है।

कंपनी के बारे में जानें
निवेश की योजना बनाने से पहले ही निवेशकों को कंपनी के बारे में डिटेल से जानकारी कर लेनी चाहिए। साथ ही कंपनी का बिजनेस समझकर ही निवेश की प्‍लानिंग करनी चाहिए। एक निवेशक को कंपनी की आर्थिक स्थिति, सेक्‍टर में स्थि‍ति, ग्रोथ आदि के बारे में जानकारी करना भी जरूरी है। वहीं बिना समझकर निवेश करना एक खतरा हो सकता है। साथ ही किसी के जानकारी के अभाव में दिए गए सलाह पर भी यकीन करके निवेश नहीं किया जाना चाहिए।

वैल्यूएशन
निवेश करते समय यह एक महत्‍वपूर्ण है कि स्टॉक चुनते समय एक सस्ता या कम से कम एक उचित वैल्‍यूएशन जरूरी है, लेकिन एक निवेशक को कैसे पता चलता है कि स्टॉक काफी सस्ता है? उसके लिए, किसी को किसी व्यवसाय को महत्व देने में सक्षम होना चाहिए। वैल्‍यूएशन के आधार पर ही कंपनी के वैल्‍यू और आगे की स्थिति के बारे में जाना जा सकता है।

तेज नजर रखना
अगर आपने कोई स्‍टॉक खरीदा और अगर वह स्‍टॉक आपके बाजार और पोर्टफोलियो के हिसाब से सही नहीं फिट हो रहा है। इसके अलावा, अगर वह ज्‍यादा लॉस या अधिक फायदे के बाद गिर रही है तो उसे बेचने और खरीदने के लिए तेज नजर बनाए रखना जरूरी है। ताकि आपको ऐसे स्‍टॉक के गिरने से ज्‍यादा नुकसान का सामना न करना पड़े।

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