जानिए आज के कारोबार के लिए टॉप 10 Stocks
नई दिल्लीः आज हम आपको उन 10 स्टॉक्स के बारे में जानकारी देंगे जिनमें आज ट्रेडिंग कर के आप कमा सकते हैं मुनाफा। भले ही वो शेयर चढ़े या लुढ़के आपको फायदा देकर ही जाएंगे। यानी 10 शेयरों में आज खरीदने या बेचने पर सलाह।
पेट्रोनेट एलएनजी
करेंट मार्कीट प्राइस- 247 रुपए
लक्ष्य - 260 रुपए
स्टॉपलॉस - 245 रुपए
ग्रीनप्लाय इंडस्ट्रीज
करेंट मार्कीट प्राइस- 331 रुपए
लक्ष्य - 345 रुपए
स्टॉपलॉस - 327 रुपए
आईटीसी
करेंट मार्कीट प्राइस- 264 रुपए
लक्ष्य - 273 रुपए
स्टॉपलॉस - 261 रुपए
सिंटेक्स इंडस्ट्रीज
करेंट मार्कीट प्राइस- 23.3 रुपए
लक्ष्य - 21 रुपए
स्टॉपलॉस - 24 रुपए
शालीमार पेंट्स
करेंट मार्कीट प्राइस- 201 रुपए
लक्ष्य - 215 रुपए
स्टॉपलॉस - 197 रुपए
गेल
करेंट मार्कीट प्राइस- 486 रुपए
लक्ष्य - 495 रुपए
स्टॉपलॉस - 484 रुपए
जुबिलैंट फूड
करेंट मार्कीट प्राइस- 1724 रुपए
लक्ष्य - 1800 रुपए
स्टॉपलॉस - 1715 रुपए
गार्डेन सिल्क
करेंट मार्कीट प्राइस- 36.5 रुपए
लक्ष्य - 42 रुपए
स्टॉपलॉस - 36 रुपए
स्नोमैन लॉजिस्टिक्स
करेंट मार्कीट प्राइस- 54.8 रुपए
लक्ष्य - 60 रुपए
स्टॉपलॉस - 54 रुपए
ट्रांसपोर्ट कॉर्प
करेंट मार्कीट प्राइस- 287 रुपए
लक्ष्य - 295 रुपए
स्टॉपलॉस - 285 रुपए
डिस्कलेमरः शेयरों में निवेश की यह राय विशेषज्ञों के ओपिनियन पर आधारित है। 'पंजाब केसरी' आपके निवेश पर होने वाले फायदे या नुक्सान की गारंटी नहीं करता। निवेश से पहले अपने एक्सपर्ट की राय जरुर लें।
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स्टॉप लॉस को नजरअंदाज न करें
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आज के समय में अमूमन हर कोई हेल्थ कॉन्शियस हो गया है और जब भी एक्सरसाइज की बात आती है तो सबसे पहले ट्रेडमिल पर वॉक या रनिंग करने का ख्याल ही आता है। वैसे तो इसे स्टेमिना बढ़ाने से लेकर कैलोरी बर्न करने के लिए एक अच्छा इक्विपमेंट माना जाता है, लेकिन यह भी जरूरी है कि जब आप ट्रेडमिल पर वॉक या रनिंग कर रही हों तो कुछ बातों का खास ख्याल रखें। अगर इनका सही तरह से और सभी सुरक्षा सावधानियों का सही तरह से पालन नहीं किया जाता है तो यह आपके लिए खतरनाक हो सकते हैं।
कई बार लापरवाही से इनका इस्तेमाल करने या लफिर जरूरी जानकारी ना होने के कारण आपके चोटिल होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। हो सकता है कि अब आप भी अपनी सेहत को लेकर थोड़ा सजग हो गई हों और पहली बार ट्रेडमिल पर दौड़ने जा रही हों। लेकिन इससे पहले आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। आज हम आपको ऐसे ही कुछ टिप्स के बारे में बता रहे हैं-
सामने देखें
आमतौर पर कुछ लोग ट्रेडमिल पर वॉक या रनिंग करते समय अपने पैरों को देखते हैं, खासकर यदि वे ट्रेडमिल केलिए नए हैं या फिर पहली बार उसका इस्तेमाल कर रहे हैं। ट्रेडमिल पर नीचे या किनारे की तरफ देखने से संतुलनखोने और गिरने की संभावना अधिक होती है। अधिकांश लोगों के पैर उनकी आंखों का अनुसरण करते हैं, इसलिए उस तरफ देखने से उनके पैरों को किनारे पर ले जाने की संभावना है, जहां वे चलती बेल्ट से घायल हो सकते हैं। इसलिए आप भी ट्रेडमिल पर वॉक या रनिंग करें, तो इस बात का ध्यान रखें कि आपकी आंखें आपके पैरों की तरफ नहीं, बल्कि सामने की ओर ही हों। (कोर मसल्स को स्ट्रांग)
हैंड्रिल का बहुत लंबे समय तक उपयोग नहीं
अगर आप पहली बार ट्रेडमिल पर वॉक कर रही हैं तो यकीनन आप हैंड्रिल का उपयोग करना चाहेंगी और यह ठीक भी है। लेकिन आप केवल शुरूआत में ही हैंड्रिल को यूज करें, लंबे समय तक नहीं। हैंड्रिल का उपयोग लंबे समय तक करके आप अपने कंधे और कोहनी को अधिक स्ट्रेस दे सकती हैं। यह एक संकेत भी है कि स्पीड या इन्क्लाइन को बहुत हाई सेट किया गया है और इसे अधिक आरामदायक स्तर पर सेट किया जाना चाहिए। इतना ही नहीं, हैंड्रिल का लंबे समय तक उपयोग करना एक्सरसाइज करने वाले व्यक्ति के संतुलन को भी गिरा सकता है और जिससे उन्हें लेग या फुट इंजरी हो सकती है। साथ ही रेल पर हाथ रखने से कैलोरी बर्न होने की संख्या भी कम हो जाती है क्योंकि उसमें कोर की मसल्स ठीक तरह से इस्तेमाल नहीं हो पाती हैं, जैसा कि उन्हें होना चाहिए। इसलिए ट्रेडमिल पर रनिंग करते समय आपको हैंड्रिल का बहुत लंबे समय तक उपयोग नहीं करना चाहिए।
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इन्क्लाइन पर एकदम से गति ना बढ़ाएं
इन्क्लाइन पर एक तेज स्पीड को बनाए रखना बेहद मुश्किल है। खासतौर से, अगर आप पहली बार ट्रेडमिल का उपयोग कर रही हैं तो उस पर एकदम से स्पीड बढ़ाने की कोशिश ना करें। इसलिए अगर आप ट्रेडमिल का इस्तेमाल कर रही हैं और इन्क्लाइन पर चलना चाहती हैं तो उसे सबसे पहले आरामदायक स्तर तक बढ़ाना चाहिए और फिर धीरे-धीरे अपनी गति बढ़ानी चाहिए। इन्क्लाइन पर तेज गति में रनर्स के फिसलने और गिरने की संभावना बहुत अधिक रहती है, इसलिए अगर आप अपनी गति को बढ़ाती हैं और पहले स्पीड और इन्क्लाइन को एडजस्ट जरूर करें। (डबल चिन से बचने और शार्प जॉलाइन)
चलती ट्रेडमिल को ना छोड़ें
कई बार ऐसा होता है कि हम ट्रेडमिल का इस्तेमाल करती हैं और जब हम उसे स्टॉप करती हैं तो उसके पूरी तरह रूकने से पहले ही नीचे उतर जाती हैं। अगर आप पहली बार ट्रेडमिल को यूज कर रही हैं तो गलती से भी चलती ट्रेडमिल से उतरने की भूल ना करें। यह आपके लिए बेहद स्टॉप लॉस को नजरअंदाज न करें खतरनाक हो सकता है। अगर आपको इमरजेंसी में ट्रेडमिल का उपयोग करना है तो ऐसे में आप यूं ही नीचे उतरने की जगह आपातकालीन शट-ऑफ बटन को यूज करें। स्टॉप लॉस को नजरअंदाज न करें चूंकि आप पहली बार ट्रेडमिल यूज कर रही हैं और आपको इस बटन की जानकारी नहीं है तो आप अपने ट्रेनर से इस बारे में अवश्य पूछ लें। ताकि अगर आपको गलती से चोट लग जाए या फिर कपड़े का एक टुकड़ा मशीन में फंस जाए तो आप इसे जल्दी से रोक सकें।
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"अनुच्छेद 26 (डी) का उल्लंघन": आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को अहोबिलम मठ मंदिर पर कब्जा करने से रोका
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने माना कि कुरनूल में अहोबिलम मंदिर के मामलों को नियंत्रित और प्रबंधित करने के लिए एक 'कार्यकारी अधिकारी' नियुक्त करने का राज्य का निर्णय संविधान के अनुच्छेद 26 (डी) का उल्लंघन है और मथाडीपथियों के प्रशासन के अधिकार को प्रभावित करता है।
चीफ जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस डीवीएसएस सोमयाजुलु की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि मंदिर तमिलनाडु में स्थित अहोबिलम मठ का एक अभिन्न अंग है।
"अहोबिलम मंदिर अहोबिलम मठ का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है, जिसे हिंदू धर्म के प्रचार और श्री वैष्णववाद के प्रचार के लिए आध्यात्मिक सेवा प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया था।
जीयार अहोबिलम देवस्थानम के ट्रस्टी हैं और चूंकि सरकार अहोबिलम मठ के लिए एक कार्यकारी अधिकारी नियुक्त नहीं कर सकती है, उसके पास अहोबिलम मंदिर के लिए, उसे मठ से अलग मानते हुए, एक कार्यकारी अधिकारी नियुक्त करने की कोई शक्ति नहीं है।
मंदिर के लिए एक कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति, जो मठ का एक हिस्सा है, संविधान के अनुच्छेद 26 ( d) का उल्लंघन है, क्योंकि यह जीयार/मथाडीपथियों के प्रशासन के अधिकार को प्रभावित करता है"।
कोर्ट ने राज्य के इस तर्क को खारिज कर दिया कि मंदिर और मठ अलग-अलग संस्थाएं हैं। पीठ ने कहा कि केवल इसलिए कि मंदिर आंध्र प्रदेश में है और मठ तमिलनाडु में है, इसलिए मंदिर मुख्य मठ से संबंधित धार्मिक पूजास्थल नहीं रह जाता है।
कोर्ट ने कहा, वास्तव में, एक समय में, मठ और मंदिर दोनों ही संयुक्त राज्य मद्रास में थे। "इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।"
यह भी पाया गया कि ऐतिहासिक पुस्तकें, साहित्य और पुरातात्विक आंकड़े बताते हैं कि मंदिर और मठ की स्थापना और प्रशासन प्राचीन काल से ही मठादिपथियों द्वारा किया गया था।
इसके अलावा, यह दिखाने के लिए कोई सामग्री नहीं रखी गई थी कि मंदिर की गतिविधियां, परंपराएं, प्रथाएं, संप्रदाय मठ से अलग हैं।
पीठ ने कहा कि मठ के पर्यवेक्षण और नियंत्रण की सामान्य शक्ति राज्य को नहीं दी जाती है और इसके मामलों में कुप्रबंधन आदि जैसे ठोस आधारों पर संयम से हस्तक्षेप किया जाना स्टॉप लॉस को नजरअंदाज न करें चाहिए।
हालांकि, इस मामले में यह पाया गया कि कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति किसी भी सामग्री द्वारा समर्थित नहीं थी जो इसे उचित ठहराएगी।
कोर्ट ने कहा, "मठादिपति को केवल एक कर्मचारी की स्थिति में कम नहीं किया जा सकता है या एक कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति से उसकी शक्तियों को नकारा या छीना नहीं जा सकता है, जो सभी कार्यों या नियंत्रण का प्रयोग करेगा।"
अंतत: यह नोट किया गया कि 1927 के बंदोबस्ती अधिनियम से शुरु होकर 1951, 1959 और 1966 के अधिनियमों से होते हुए 1987 के अधिनियम तक, मंदिर मथाडीपथियों के प्रबंधन के अधीन रहा, जिसका नामांकन न तो निहित था और न ही सरकार द्वारा प्रयोग किया गया था।
याचिकाकर्ताओं, भक्तों ने तर्क दिया था कि राज्य के पास एपी चैरिटेबल और हिंदू धार्मिक संस्थानों और बंदोबस्ती अधिनियम के अनुसार मठ या मंदिर के लिए कार्यकारी अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने अधिनियम के अध्याय पांच पर यह प्रस्तुत करने के लिए भरोसा किया कि मठ को एक विशेष दर्जा दिया गया है और उनके मामलों का प्रबंधन करने का अधिकार दिया गया है।
यह प्रस्तुत किया गया था कि सरकार ने 2014 में ही माना था कि मंदिर में गैर-वंशानुगत ट्रस्टियों की नियुक्ति के लिए कोई प्रथा नहीं है।
सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता एस श्रीराम ने तर्क दिया था कि अहोबिलम मठ और मंदिर अलग-अलग संस्थाएं हैं।
उन्होंने प्रस्तुत किया कि मंदिर मठ के विपरीत सार्वजनिक धार्मिक पूजा का स्थान है जो एक निश्चित समूह या लोगों के वर्ग को पूरा करता है, जो आध्यात्मिक सेवाओं आदि में लगे हुए हैं।
हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश दिया,
"आंध्र प्रदेश राज्य के पास कानून के तहत श्री अहोबिला मठ परम्परा आधिना श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी देवस्थानम (अहोबिलम मठ मंदिर) के कार्यकारी अधिकारी को नियुक्त करने का कोई अधिकार, अधिकार क्षेत्र या अधिकार नहीं है।"
बच्चों का बाल झड़ना न करें नजरअंदाज, हो सकता है गंभीर बीमारी का संकेत
Zinc deficiency: According to National Institute of Health, (NIH), USA, hair fall is a symptom of zinc deficiency in the body. Zinc is responsible for hair growth and repair. Zinc also keeps oil glands in the body from disturbing the follicles near them. Foods such as meat, spinach, wheat, nuts, shellfish pumpkin seeds and lentils are generally high in zinc
Hair Fall In Kids 1
आजकल फैशन और स्टाइल के कारण टीनएजर्स बच्चे भी बाल रगने लगे हैं। बालों को रंगना, ब्लीच करना या सीधे और घुंघराले करना भी बालों के गिरने का कारण होते हैं। हेयर ड्रायर के प्रयोग से भी बच्चे के बालों पर बुरा असर पड़ता है। साथ ही साफ-सफाई और तेल नहीं लगाने से भी बाल कमजोर होकर झड़ने लगते हैं। Also Read - हेयर फॉल रोकने के खाएं ये 9 फूड्स
Hair Fall In Kids 2
बच्चों में अलोपेसिया (Alopecia) के कारण मुख्य रूप से बाल झड़ते हैं। इसका समय पर उपाचर कराना जरूरी है वरना बाल दोबारा पैदा नहीं होते। अमेरिका में इससे लगभग 20 लाख बच्चे ग्रस्त हैं।
Hair Fall In Kids 3
टेलोजन एफ्लूवीअम (Telogen effluvium) होने से भी बच्चों के बाल झड़ने लगते हैं। कई बार अचानक किसी सदमे, आघात, भावनात्मक परेशानियों, तेज बुखार से भी बच्चों के बाल झड़ने लगते हैं। हालांकि, बालों की पुटिकाएं (Hair follicles) लचीली होती हैं, पर जब टेलोजन एफ्लूवीअम आक्रमण करता है तो बालों के दोबारा पैदा करने की फॉलिकल्स की योग्यता पर स्थायी रूप से असर पड़ता है। Also Read - रजनीकांत इन 'देसी' चीजों से फिट
Hair Fall In Kids 4
बच्चों में आंशिक रूप से बालों के झड़ने की अवस्था को स्टॉप लॉस को नजरअंदाज न करें त्रिकोटिलोमेनिया कहते हैं। इस अवस्था में बाल असमान रूप से झड़ते हैं और गंभीर मामलों में यह अवस्था भौहों पर भी असर कर सकती है। ऐसा तब होता है, जब बच्चे में किसी घबराहट, डर के कारण अपने ही बाल नोचने की उत्तेजना पैदा होती है। इस तरह के बालों के झड़ने की अवस्था को स्थायी रूप से इलाज करने के लिए इसे जड़ से उखाड़ने की आवश्यकता होती है।
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Diet For Hair Loss: नेचुरल तरीके से बालों का झड़ना रोकने के लिए खाएं ये 5 जबरदस्त, हेल्दी और कारगर चीजें
How To Control Hair Fall Naturally: बालों के झड़ने की बात आती है तो सबसे पहले गंजा होने का डर सताता है. बालों का पोषण हमारी डाइट से सीधा जुड़ा हुआ है. बालों का झड़ना कंट्रोल करने के लिए डाइट काफी मायने रखते है.
Diet For Hair Loss: हमारी डाइट का असर सीधे बालों, स्किन और संपूर्ण स्वास्थ्य पर होता है.
Foods To Stop Hair Fall Naturally: बालों के झड़ने की बात आती है तो सबसे पहले गंजा होने का डर सताता है. बालों का पोषण हमारी डाइट से सीधा जुड़ा हुआ है. बालों का झड़ना कंट्रोल करने के लिए डाइट काफी मायने रखत है. बालों के झड़ना रोकने की बात आती है तो बहुत से लोग एक बहुत जरूरी कारक को नजरअंदाज कर देते हैं- जैसे आपकी डाइट. पोषक तत्वों की कमी (Nutritional Deficiencies) बालों के झड़ने का कारण बन सकती है, लेकिन सही फूड्स खाने से बालों का झड़ना रोकने में मदद मिल सकती है. साथ ही लंबे समय तक बाल लंबे, घने और हेल्दी रहेंगे. हेल्दी और मजबूत बालों स्टॉप लॉस को नजरअंदाज न करें के लिए आपको एक ऐसी डाइट लेनी चाहिए जिसमें एंटीऑक्सिडेंट, आयरन, विटामिन डी और बायोटिन के स्रोत शामिल हों और जो बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं. बालों का झड़ना रोकने के लिए फूड्स किसी रामबाण से कम नहीं माने जाते हैं क्योंकि हमारी डाइट का असर सीधे बालों, स्किन और संपूर्ण स्वास्थ्य पर होता है.
बालों के झड़ने से छुटकारा दिलाने वाले फूड्स | Foods That Get Rid Of Hair Loss
1) पालक
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कुछ मामलों में बालों के झड़ने का कारण खनिज की कमी होती है. यह ध्यान रखना जरूरी है कि आपकी डाइट में किसी ऐसी चीज की कमी न हो जो बालों के झड़ने का कारण बन सकती है. पालक आपके बालों के लिए जरूर पोषक तत्वों को प्रदान कर सकता है.
2) बीटरूट
यह रूबी लाल जड़ नाइट्रेट्स नामक प्राकृतिक रसायनों से भरपूर है. एक अध्ययन के अनुसार, आपके शरीर में टूटने के बाद, ये रसायन बेहतर सर्कुलेशन में योगदान कर सकते हैं, जो आपके बालों के रोम में ऑक्सीजन और पोषक तत्व ला सकता है.
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3) नट और बीज
इन पोषक तत्वों से भरपूर फूड्स में कई पोषक तत्व होते हैं जो बालों के झड़ने को रोकने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, जिनमें विटामिन ई, जिंक, सेलेनियम और ओमेगा -3 फैटी एसिड शामिल हैं. अगर आप बालों के झड़ने से परेशान हैं, तो यहां कुछ बेहतरीन विकल्प हैं. अखरोट, ब्राजील नट्स, बादाम, सन बीज, चिया बीज.
4) वसायुक्त मछली
कुछ प्रकार की मछलियां जिनमें आवश्यक फैटी एसिड होते हैं, जिनमें ओमेगा-3 और विटामिन डी शामिल हैं. वसायुक्त मछली भी प्रोटीन, सेलेनियम और बी विटामिन का एक अच्छा स्रोत हैं, जो सभी हेल्दी बालों को बढ़ावा देने में मदद करते हैं. टूना, छोटी समुद्री मछली, सैल्मन, हिलसा का सेवन करें
5) अंडे खाएं
अंडे प्रकृति के मल्टीविटामिन की तरह होते हैं क्योंकि इनमें विभिन्न प्रकार के विटामिन, खनिज और पोषक तत्व होते हैं. इनमें से कुछ जो हेल्दी बालों से संबंधित हैं उनमें प्रोटीन, बायोटिन, सेलेनियम और जिंक शामिल हैं. अंडे प्रोटीन का एक बड़ा स्रोत हैं, जो बालों के झड़ने को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं. कम प्रोटीन वाली डाइट बालों की ग्रोथ को रोक सकती है जिससे बालों का झड़ना भी शुरू हो सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है
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