शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों आता है?
किसी शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है कंपनी के कामकाज, ऑर्डर मिलने या छिन जाने, नतीजे बेहतर रहने, मुनाफा बढ़ने/घटने जैसी जानकारियों के आधार पर उस कंपनी का मूल्यांकन होता है. चूंकि लिस्टेड कंपनी रोज कारोबार करती रहती है और उसकी स्थितियों में रोज कुछ न कुछ बदलाव होता है, इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता रहता है.
Stock Market: शेयर बाजार क्या है?
BSE या NSE में ही किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर ब्रोकर के माध्यम से खरीदे और बेचे जाते हैं. शेयर बाजार (Stock Market) में हालांकि बांड, म्युचुअल फंड और डेरिवेटिव का भी व्यापार होता है.
स्टॉक बाजार या शेयर बाजार में बड़े रिटर्न की उम्मीद के साथ घरेलू के साथ-साथ विदेशी निवेशक (शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है FII या FPI) भी काफी निवेश करते हैं.
शेयर खरीदने का मतलब क्या है?
मान लीजिये कि NSE में सूचीबद्ध किसी कंपनी ने कुल 10 लाख शेयर जारी किए हैं. आप उस कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने शेयर खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने हिस्से का मालिकाना हक हो गया. आप अपने हिस्से के शेयर किसी अन्य खरीदार को जब भी चाहें बेच सकते हैं.
5 लाख करोड़ रुपये स्वाहा, शेयर बेच निकल रहे निवेशकों को किस बात का डर है?
भारतीय शेयर बाजार को लेकर जिस बात की आशंका थी, वही हुआ। अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दर में बढ़ोतरी के बाद ऐसा माना जा रहा था कि भारतीय बाजार में एक बार फिर बिकवाली का दौर लौटेगा। कमोबेश स्थिति वैसी ही देखने को मिल रही है। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त बिकवाली रही। इस वजह से निवेशकों को 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो गया है।
शुक्रवार को सेंसेक्स-निफ्टी: तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 1,020.80 अंक यानी 1.73 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,098.92 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,137.77 अंक तक गिर गया था। एक वक्त यह 58 हजार अंक के नीचे भी आ गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 302.45 अंक यानी 1.72 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,327.शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है 35 अंक पर बंद हुआ।
Paytm के शेयरों में तबाही से सहमे निवेशक, सेंसेक्स 1625 अंक टूटा, निफ्टी भी धड़ाम
- नई दिल्ली ,
- 22 नवंबर 2021,
- (अपडेटेड 22 नवंबर 2021, 3:54 PM IST)
- बाजार पर मंदड़िए हावी
- पेटीएम ने भी सेंटिमेंट खराब किया
Share Market Today: भारतीय शेयर बाजार में आज यानी सोमवार को भारी गिरावट देखी गई. सुबह बाजार में कारोबार की शुरुआत हरे निशान में हुई थी, लेकिन थोड़ी देर बाद ही बाजार गिरने लगा. दोपहर 2.30 बजे के आसपास सेंसेक्स 1625 अंक टूट गया. ऐसा लगता है कि बाजार पर मंदडियों की पकड़ मजबूत हो रही है. पेटीएम की खराब हालत ने भी बाजार पर गहरा असर डाला है.
क्या है 'बुल मार्केट' और 'बियर मार्केट'? जानिए शेयर बाजार से क्या है इसका संबंध
यदि आपने हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित लोकप्रिय वेब सीरीज शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है देखी है, तो आपको याद होगा कि उसमें 'मंदोड़िया' (बियर) और 'तेजड़िया' (बुल) के बारे में बताया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि बुल और बियर मार्केट, मार्केट एक्विटी का आधार हैं। ये निवेशकों और व्यापारियों को प्रचलित प्रवृत्ति के अनुसार अपना स्थान लेने में मदद करते हैं।
पर ये क्या हैं? आइए फिनोलॉजी के मुक्य कार्यकारी अधिकारी प्रांजल कामरा द्वारा जानते हैं इसके बारे में।
बिजनेस साइकल (व्यापार चक्र) को समझना
कोई भी बाजार कुछ आर्थिक सिद्धांतों के आधार पर बढ़ता है। इस संदर्भ में सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक 'व्यापार चक्र' है, जिसे इकोनॉमिक साइकल या ट्रेड साइकल के रूप में भी जाना जाता है। ये चक्र लहर की तरह के पैटर्न हैं जो दीर्घकालिक विकास की प्रवृत्ति पर बनते हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि बाजार के आगे बढ़ने के साथ-साथ उनमें एक उछाल और गिरावट (मंदी) आती है। संक्षेप में, एक व्यापार चक्र की लंबाई एक उछाल और मंदी से लिया गया समय है।
जिस ट्रेडिंग कंपनी शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा
अब आम आदमी भी शेयर बाजार में निवेश कर ज्यादा रिटर्न पाने में रुचि दिखा रहा है. यही कारण है कि बीते एक साल में रिकॉर्ड संख्या में डीमैट अकाउंट खोले गए हैं. पिछले महीने तक के आंकड़ों के अनुसार देशभर में करीब 6.9 करोड़ डीमैट अकांउट्स हैं. हालांकि, दूसरे देशों के मुकाबले आबादी के लिहाज से यह अनुपात अभी भी बहुत कम है. भारतीय शेयर बाजार में सबसे ज्यादा पैसा महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश के लोग लगाते हैं. लक्षद्वीप, अंडमान एवं निकोबार से लेकर मिज़ोरम तक के लोग शेयर बाजार से अच्छी कमाई कर रहे हैं.
ब्रोकरेज कंपनी बंद होने पर आपके निवेश का क्या होगा?
आप यह जानकार राहत की सांस ले सकते हैं कि स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी के डिफॉल्ट करने या बंद होने के बाद भी आपकी पूंजी या फंड पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा. ऐसा नहीं होगा कि स्टॉक ब्रोकर आपकी पूंजी लेकर भाग जाए. उदाहरण के तौर पर देखें तो जब हर्षद मेहता स्कैम सामने आया था, तब उनकी ब्रोकिंग कंपनी ग्रो मोर रिसर्च एंड एसेट मैनेजमेंट को सेबी ने बैन कर दिया था. लेकिन इस कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले लोगों को कोई नुकसान नहीं हुआ.
आपको सबसे पहले यह समझने की जरूरत कि ये स्टॉक ब्रोकिंग कंपनियां महज एक बिचौलिए के तौर पर काम करती हैं. आपके फंड पर इनकी पहुंच सीधे तौर पर नहीं होती है ताकि वे आपकी पूंजी पर अपना हम जमा सकें. लेकिन इनके पास पड़ी अपनी फंड या पूंजी को इस्तेमाल करने के लिए आप इन्हें निर्देश दे सकते हैं.
स्टॉक्स और शेयरों का क्या होगा?
आपका फंड डीमैट अकाउंट में जमा होता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज के पास खुलात है. सेबी ने दो डिपॉजिटरीज – नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) को मंजूरी दी है. भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के प्रति सेबी की जवाबदेही होती है.
किसी भी समय पर एक निवेशक का स्टॉक या शेयर ब्रोकरेज फर्म्स के पास नहीं होता है. वे बस एक प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करते हैं. इनका काम बस आपके निर्देश के शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है हिसाब से आपकी जगह ट्रेड करना है. बदले में ये आपसे फीस वसूलते हैं.
इसी प्रकार आपका म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के पास होता है. ऐसे में अगर ब्रोकरेज फर्म बंद भी हो जाता है तो आपका म्यूचुअल फंड सुरक्षित रहेगा.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 118