दिल्ली के इन फेमस स्ट्रीट फूड की बड़ी-बड़ी हस्तियां भी हैं दीवानी, बेहतरीन जायकों के लिए भी मशहूर है दिल्ली
सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों, पीएलआई स्कीम और दबाव झेल रहे सेक्टर के लिए राहत की घोषणा के साथ आर्थिक सुधार से भी शेयर बाजार और कमोडिटी मार्केट को मदद मिली है. पिछले कुछ समय में कच्चे माल की मांग बढ़ी है. अगर बात दिवाली के मौके पर कमोडिटी से मुनाफा कमाने की बात करें तो मध्यम से छोटी अवधि के लिए हम आपको कुछ शानदार ट्रेडिंग आइडिया दे रहे हैं इनसे अगले 3 से 6 महीने में आपको अच्छी कमाई देखने में मिल सकती है.
आर.यू .वि .नि .लि . के बारे में
राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड को 04.12.2015 को कंपनी अधिनियम, 2013 के अंतर्गत और शेयरों द्वारा सीमित कर गठन किया गया था। कंपनी का CIN U40104RJ2015SGC048738 है। कंपनी का गठन राजस्थान सरकार द्वारा राज्य विद्युत क्षेत्र वितरण कंपनियों के लिए विद्युत् की पावर ट्रेडिंग करने के लिए किया गया है। इस कंपनी के गठन से पहले, पावर ट्रेडिंग राजस्थान की राज्य विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा गठित "राजस्थान डिस्कॉम पावर प्रोक्योरमेंट सेंटर" के माध्यम से की जा रही थी। "राजस्थान डिस्कॉम पावर प्रोक्योरमेंट सेंटर" (RDPPC) के कार्यों के अधिग्रहण के साथ ही कंपनी ने अपना कार्य 01.04.2016 से करना प्रारम्भ कर दिया |
Website last update: 19/12/2022 10:22:09
नोडल अधिकारी - श्री मुकेश चंद बंसल
पद - चीफ इंजीनियर (HOD)
विभाग / संगठन - आरयूवीएनएल
फोन नंबर (कार्यालय) - 0141-2744571
आईपी फोन नं।
ई-मेल पता - [email protected]
फैक्स के साथ कार्यालय का पता - पंजीकृत कार्यालय: - आरयूवीएनएल, विद्युत भवन, जनपथ, ज्योति नगर, जयपुर- 302005, राज।
ई-ट्रेडिंग कारोबार में राजस्थान में दूसरे नंबर पर पहुंची मंडावरी मंडी
किसानों को उपज का बेहतरीन मूल्य उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत शुरू की गई 25 मंडियों में किसानों को सर्वाधिक प्रेरित करने व ई- नाम पोर्टल पर कारोबार कर ई भुगतान कराने के मामले में मंडावरी मंडी ने प्रदेश में दूसरा स्थान अर्जित करने में सफलता प्राप्त की है।
यहां अन्य मंडियों से 10 से 20 रुपए प्रति क्विंटल अधिक भाव मिलने से मंडावरी मंडी तिलहन के क्षेत्र में विख्यात है। इधर दल्ला उधर पल्ला की कहावत के विपरीत किसानों में जागृति पैदा कर ई-नाम प्लेटफार्म पर ऑनलाइन अपने माल की उपज को बेचने के लिए मंडी समिति प्रशासन ने किसानों को ई नाम पोर्टल पर जोड़ने का काम किया है। किसानों, व्यापारियों की समझाइश कर किसानों को ई-नाम प्लेटफार्म पर जोड़ने के जुझारू काम करने में मंडी प्रशासन लगा हुआ है।
इसका ट्रेडिंग पोजीशन परिणाम है कि 3 साल में मंडी ई-नाम प्लेटफार्म पर लोगों को जोड़ने में की गई प्रगति के कारण राजस्थान के दूसरा स्थान बना पाई है। केशवरायपाटन मंडी में 1 अप्रैल से 27 फरवरी 2020 तक 3633.82 क्विंटल माल ई-नाम पर पोर्टल पर बेचा गया, जिसका भुगतान 85.84 लाख का 141 किसानों को किया गया। इसी तरह मंडावरी मंडी में ई-नाम पोर्टल पर 77 किसानों का 422.99 क्विंटल माल का ई भुगतान 14.50 लाख रुपए का भुगतान किया गया। इसी तरह सन 2017 में शुरू की गई ई-नाम पोर्टल के तहत 63 किसानों ने अपनी उपज बेची। वही 2018 -19 में 156 व 2019- 20 में 103 किसानों ने इनाम पोर्टल पर अपनी उपज बेचकर ई- भुगतान प्राप्त किया कर बेहतरीन मुनाफा कमाने में सफल रहे।
जिले की अन्य मंडियों को मंडावरी ने पिछड़े छोड़ा - ई-नाम ट्रेडिंग पोर्टल से किसानों को जोड़ने में मंडावरी मंडी ने जिले के आसपास की मंडियों को पीछे छोड़ दिया है । कृषि विपणन बोर्ड के ताजा आंकड़ों के अनुसार जहां राजस्थान में ई कारोबार कर ई भुगतान में केशव राय पाटन पहले स्थान पर है वहीं मंडावरी दूसरी जोधपुर ग्रेन मंडी तीसरे स्थान पर है । इसी तरह जिले की बांदीकुई मंडी 19वें स्थान पर व समीपवर्ती मंडी गंगापुर सिटी 17वें स्थान पर तथा निवाई 14वें स्थान पर बनी हुई है।
ई-नाम पोर्टल से क्या-क्या लाभ
1. पोर्टल से माल बेचने पर फसल की बोली दाताओं की संख्या में बढ़ोतरी होगी तथा कृषि जींस के अच्छे दाम मिलंेगे।
2. जिंसों की गुणवत्ता प्रयोगशाला की सुविधा उपलब्ध, जांच निशुल्क।
3. पोर्टल पर बिकने वाली फसल की उपज का मूल्य सीधा किसान का बैंक खाते में पहुंचेगा।
4. ई-नाम पोर्टल पर सावित्रीबाई फुले योजना अंतर्गत महिला किसान को 1 लाख से अधिक राशि का ई-भुगतान प्राप्त करने पर 1000 व 50 हजार से अधिक की राशि भुगतान प्राप्त करने पर 500 प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाएंगे। ई-भुगतान प्राप्त करने पर मंडी शुल्क की 25% राशि की भी छूट दी जाएगी।
जुड़ने में कई बाधाएं, फिर भी जोड़ा
1. तुरंत नकद भुगतान की जगह बैंक के मार्फत खाते में
2. ऑनलाइन होने वाली धोखाधड़ी की संभावना का डर
3. बैंकों के मार्फत मिलने वाले भुगतान से केसीसी के बकाया राशि कटने का डर जिसके के कारण सरकार द्वारा संचालित ई-नाम पोर्टल प्लेटफॉर्म का शत-प्रतिशत उपयोग बढ़ नहीं हो पा रहा है।
4. 1 अप्रैल 2017 से 31 दिसंबर 2019 तक 26,987 गेट एंट्री हुई। इसमें से 22036 ने ही ई- ट्रेडिंग कारोबार किया। मगर भुगतान मात्र 319 लोगों ने ही प्राप्त किया। हालांकि सरकार की मंशा के अनुरूप किसानों को ई-नाम पोर्टल पर जोड़ने का अभियान जारी है।
किसानाें को राष्ट्रीय कृषि बाजार से जोड़ने के लिए सरकारी योजनाएं
मंडी सचिव ममता ट्रेडिंग पोजीशन गुप्ता ने बताया कि किसानों को राष्ट्रीय कृषि बाजार से जोड़ने के लिए सरकार ने योजनाएं चला रखी है। इस प्लेट फार्म से जुड़ कर लाभ उठा सकेंगे। अन्य मंडियों से 10 से 20 रुपए प्रति क्विंटल अधिक भाव मिलने से मंडावरी मंडी तिलहन के क्षेत्र में विख्यात है।
Stock Market Trading: इन तरीकों से बढ़ा सकते हैं स्टॉक मार्केट से कमाई, जानिए कैसे घट जाता है वास्तविक मुनाफा
Stock Market Trading: स्टॉक मार्केट में कारोबार करते हैं तो सभी चार्जेज को आसानी से समझें ताकि मुनाफा बढ़ा सकें. मुनाफे के मामले में एनएसई और बीएसई पर ट्रेडिंग में भी फर्क है.
स्टॉक मार्केट में जब आप पैसे लगाते हैं तो ब्रोकरेज, एसटीटी (सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन फीस), एक्सचेंज ट्रांजैक्शन चार्ज, जीएसटी, सेबी चार्ज, स्टांप ड्यूटी जैसे टैक्स व चार्जेज चुकाने होते हैं और इन्हें काटकर ही शुद्ध मुनाफा या नुकसान आपको हासिल होता है. (Image- Pixabay)
Stock Market Trading: अगर आप स्टॉक मार्केट में कारोबार करते हैं और शेयरों की सक्रिय रूप से खरीद-बिक्री करते हैं तो इससे जुड़े चार्जेज के बारे में पहले से कैलकुलेशन कर लेना चाहिए. यह कैलकुलेशन इसलिए जरूरी है क्योंकि इससे मुनाफा बढ़ाने में मदद मिलती है. इक्विटी में जब आप पैसे लगाते हैं तो यह इंट्रा-डे होता है या डिलीवरी या फ्यूचर ट्रेडिंग पोजीशन या ऑप्शंस, इन सभी तरीकों में पैसे लगाने पर मुनाफा अलग-अलग हासिल होता है. स्टॉक मार्केट में जब आप पैसे लगाते हैं तो ब्रोकरेज, एसटीटी (सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन फीस), एक्सचेंज ट्रांजैक्शन चार्ज, जीएसटी, सेबी चार्ज, स्टांप ड्यूटी जैसे टैक्स व चार्जेज चुकाने होते हैं और इन्हें काटकर ही शुद्ध मुनाफा या नुकसान आपको हासिल होता है.
इन चार तरीकों से होती है ट्रेडिंग
- Intra-Day Equity: जब आप शेयर की खरीद-बिक्री यानी लांग या शॉर्ट पोजिशन सिर्फ एक ही दिन के लिए लेते हैं यानी कि आज ही खरीदकर बेच दिया तो यह इंट्रा-डे के तहत माना जाता है. इसमें इक्विटी की होल्डिंग नहीं मिलती है.
- Delivery Equity: इंट्रा-डे के विपरीत डिलीवरी ट्रेडिंग में आप जो शेयर खरीदते हैं, उसे डीमैट खाते में रखा जाता है और इसकी होल्डिंग कुछ समय के लिए मिलती है. इंट्रा-डे में चाहे घाटा हो या फायदा, पोजिशन को स्क्वॉयर ट्रेडिंग पोजीशन ऑफ करना जरूरी होता है, जबकि डिलीवरी इक्विटी ट्रेडिंग में अपने हिसाब से जब चाहें किसी भी कारोबारी समय पर शेयरों की बिक्री कर सकते हैं.
- Future: यह ट्रेडिंग पोजीशन खरीदार और विक्रेता के बीच एक वायदा है जिसके तहत एक खास दिन निश्चित प्राइस पर स्टॉक्स का लेन-देन होता है. सौदा हो जाने के बाद दोनों ही पार्टियों को इस सौदे को पूरा करना अनिवार्य है और कोई भी पक्ष मुकर नहीं सकता है.
- Options: ऑप्शंस के तहत किसी खास दिन निश्चित प्राइस पर लेन-देन के लिए एक सौदा होता है जिसमें कुछ प्रीमियम चुकाना होता है. ऑप्शंस के तहत कॉल और पुट दो विकल्प मिलते हैं. कॉल ऑप्शंस के तहत खरीदार को खरीदने का अधिकार मिलता है और पुट ऑप्शंस के तहत बेचने का.
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मुनाफे पर ऐसे पड़ता है असर
ऊपर चार तरीकों के बारे में जानकारी दी गई जिससे आप शेयर मार्केट के जरिए पैसे कमाते हैं. अब नीचे देखते हैं कि आपको सभी तरीके से कितना मुनाफा हो रहा है-
- मान लेते हैं कि आप किसी कंपनी के 1 हजार रुपये के 400 शेयरों को खरीदकर इंट्रा-डे में ही 1100 रुपये में बेच देते हैं तो कुल टर्नओवर 8.40 लाख रुपये का हुआ. इस पर ब्रोकरेज, एसटीटी, एक्सचेंज ट्रांजैक्शन फीस, जीएसटी, सेबी शुल्क और स्टांप ड्यूटी मिलाकर करीब 202.24 रुपये टैक्स व चार्जेज के रूप में चुकाने होंगे. इस ट्रेडिंग में आपको 39795.76 रुपये का मुनाफा होगा.
- अगर आप 1 हजार रुपये के 400 शेयरों को खरीदकर डिलीवरी लेते हैं यानी कि उनकी बिक्री किसी और दिन 1100 रुपये के भाव पर करते हैं तो कुल टर्नओवर 8.40 लाख रुपये का हुआ लेकिन टैक्सेज व चार्जेज के रूप में 935.04 रुपये चुकाने होंगे. इसमें 39064.96 रुपये का मुनाफा हुआ जो इंट्रा-डे ट्रेडिंग से कम है. हालांकि इंट्रा-डे में बहुत रिस्क है क्योंकि इसमें मुनाफा हो या नुकसान, पोजिशन को स्क्वॉयर ऑफ करना ही होगा.
- फ्यूचर के मामले में अगर आपने 400 शेयरों को 1000 रुपये में खरीदकर 1100 रुपये में बेचा है तो 8.4 लाख रुपये के टर्नओवर वाले इस ट्रांजैक्शन में 119.86 रुपये का टैक्स व चार्जेज चुकाने होंगे. इसमें 39880.14 रुपये का मुनाफा होगा.
- अगर ऑप्शंस के तहत 1 हजार रुपये के 400 शेयरों के लिए सौदा किया है जिसकी बिक्री 1100 रुपये के भाव पर होती है तो 8.4 लाख रुपये के टर्नओवर के इस सौदे में 805.38 रुपये टैक्स व चार्जेज के रूप में चुकाने होंगे. इसमें 39194.62 रुपये का मुनाफा होगा.
(यह कैलकुलेशन ब्रोकरेज फर्म Zerodha के कैलकुलेटर से किया गया है और इसमें एनएसई- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेडिंग का कैलकुलेशन है. सभी फर्मों के लिए ब्रोकरेज जैसे चार्जेज भिन्न होते हैं.)
F&O ट्रेडिंग में BSE पर NSE की तुलना में अधिक मुनाफा
Zerodha कैलकुलेटर के मुताबिक अगर आप एनएसई की बजाय बीएसई पर फ्यूचर एंड ऑप्शंस ट्रेडिंग करते हैं तो मुनाफा बढ़ सकता है. बीएसई पर F&O के लिए कोई एक्सचेंज ट्रांजैक्शन फीस नहीं लगता है और इससे जीएसटी भी कम हो जाता है. ध्यान रहे कि इंट्रा-डे इक्विटी और डिलीवरी इक्विटी में बीएसई पर एक्सचेंज ट्रांजैक्शन फीस एनएसई के बराबर ही चुकानी होती है.
Stock Market: NSE ने इन शेयरों की ट्रेडिंग पर लगाया बैन, जानिए क्या है वजह?
डीएनए हिंदी: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने गुरुवार को F&O (futures and options) सेगमेंट के तहत टोटल तीन स्टॉक्स की ट्रेडिंग पर बैन लगा दिया है. NSE की मानें तो इन सिक्योरिटीज में F&O सेगमेंट के तहत बैन लगा दिया गया है. बताया जा रहा है कि इनकी मार्केट वाइड पोजिशन लिमिट (MWPL) 95 प्रतिशत के पार चली गई है.
वोडाफोन आइडिया बैन लिस्ट में शामिल
पीएनबी (Punjab National Bank) और इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस एफएंडओ बैन लिस्ट (F&O stock ban list) में पहले से ही शामिल हैं. वहीं स्टॉक एक्सचेंज ने अब इस लिस्ट में टेलिकॉम स्टॉक वोडाफोन आइडिया (Vodafone-Idea) का ट्रेडिंग पोजीशन नाम डाल दिया है. साथ ही इस बैन लिस्ट में पिछले सेशन से मौजूद एस्कॉर्ट्स (Escorts) इससे बाहर आ गई है. बता दें कि NSE रोज ट्रेड के लिए बैन सिक्योरिटीज की लिस्ट को अपडेट करता है.
पोजीशन बढ़ाने पर मिलेगा दंड
NSE ने कहा “बताया जाता है कि सभी क्लाइंट्स/ मेंबर्स संबंधित सिक्योरिटीज में अपनी पोजिशन घटाने ट्रेडिंग पोजीशन के लिए ही डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स में ट्रेड करेंगे. ओपन पोजिशन में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी पर दंडात्मक और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.”
ओपन इंटरेस्ट की लिमिट
जब कोई शेयर F&O बैन पीरियड में होता है तो उसे किसी F&O कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए नई पोजिशन पाने के लिए परमिशन नहीं होती है. मिली जानकारी के मुताबिक स्टॉक एक्सचेंजेस एमडब्ल्यूपीएल (Market wide position limit) तय करते हैं. यह किसी भी समय अधिकतम संख्या में ओपन कॉन्ट्रैक्ट्स (open interest) की संख्या है. हालांकि किसी भी स्टॉक में ट्रेडिंग पोजीशन ओपन इंटरेस्ट एमडब्ल्यूपीएल 95 प्रतिशत से ज्यादा जाता है तो ऐसी हालत में शेयर में F&O कॉन्ट्रैक्ट्स बैन पीरियड में शमिल हो जाते हैं.
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Diwali Pics 2022: मुहूर्त ट्रेडिंग में चांदी-धनिया जैसी कमोडिटी पर लगाएं दांव, लक्ष्मी जी आपकी झोली भरने को ट्रेडिंग पोजीशन बैठी हैं तैयार
धनिया में आपको 9500 का स्टॉपलॉस लगाना चाहिए जिसका टारगेट ₹17000 रखा गया है. इस हिसाब से आप धनिया में 54 फ़ीसदी से अधिक का रिटर्न कमा सकते हैं.
पिछली दीवाली से इस दीवाली तक की अवधि में इक्विटी और कमोडिटी के कई सेगमेंट में लाइफटाइम हाई देखा गया है
नई दिल्ली: पिछले साल 4 नवंबर से शुरू हुए नए हिंदू संवत 2078 की समाप्ति हो चुकी है. इस बीच इक्विटी और कमोडिटी मार्केट ने ऐतिहासिक यात्रा देखी है. इस अवधि में इक्विटी और कमोडिटी के कई सेगमेंट में लाइफटाइम हाई देखा गया है. दुनिया भर में पहली बार डिमांड और सप्लाई का कमोडिटी और इक्विटी पर असर पड़ा है. इसकी वजह कोरोनावायरस संबंधी चिंताएं खत्म होना है. दुनियाभर में कोरोना के केस कम होने, धीरे-धीरे आर्थिक ग्रोथ सुधरने और कोरोना संक्रमण के दूसरे चरण के बाद की स्थितियां सुधरने की वजह से इक्विटी और कमोडिटी मार्केट में खासी तेजी देखी गई है.
दिल्ली के इन फेमस स्ट्रीट फूड की बड़ी-बड़ी हस्तियां भी हैं दीवानी, बेहतरीन जायकों के लिए भी मशहूर है दिल्ली
सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों, पीएलआई स्कीम और दबाव झेल रहे सेक्टर के लिए राहत की घोषणा के साथ आर्थिक सुधार से भी शेयर बाजार और कमोडिटी मार्केट को मदद मिली है. पिछले कुछ समय में कच्चे माल की मांग बढ़ी है. अगर बात दिवाली के मौके पर कमोडिटी से मुनाफा कमाने की बात करें तो मध्यम ट्रेडिंग पोजीशन से छोटी अवधि के लिए हम आपको कुछ शानदार ट्रेडिंग आइडिया दे रहे हैं इनसे अगले 3 से 6 महीने में आपको अच्छी कमाई देखने में मिल सकती है.
अगर आप भी मुहूर्त ट्रेडिंग कर कमोडिटी में मुनाफा कमाना चाहते हैं तो केडिया कमोडिटी की सलाह है कि आप गोल्ड पर लॉन्ग जा सकते हैं. गोल्ड में एंट्री के लिए ₹50500 का लेवल उचित कहा जा रहा है जबकि आपको 47800 पर स्टॉपलॉस लगाना चाहिए. गोल्ड के लिए टारगेट ₹56000 रखा गया है. इसका मतलब यह है कि कुछ ही अवधि में आप गोल्ड से 11 फ़ीसदी तक का रिटर्न कमा सकते हैं.
सिल्वर पर भी लॉन्ग जाने की सलाह दी गई है. इसमें एंट्री का लेवल ₹56000 रखा गया है. सिल्वर के लिए आपको ₹48000 का स्टॉपलॉस लगाना चाहिए. इसका टारगेट ₹85000 रखा गया है. इसका मतलब है कि सिल्वर में निवेश कर आप 52 फीसदी के करीब मुनाफा कमा सकते हैं.
मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए आप क्रूड पर लॉन्ग जाने का दांव खेल सकते हैं. क्रूड में एंट्री का सही लेवल 6700 बताया गया है जबकि इसमें आपको ₹6000 का स्टॉपलॉस रखना चाहिए. क्रूड का टारगेट ₹8800 रखा गया है. इस हिसाब से अगले कुछ दिनों में ही क्रूड से आपको 31 फ़ीसदी से अधिक का रिटर्न मिल सकता है.
मेंथा आयल में लॉन्ग पोजीशन बनाने की सलाह दी गई है. मेंथा ऑयल के लिए एंट्री ₹950 के भाव पर की जा सकती है जबकि स्टॉप लॉस ₹890 का लगाया जाना चाहिए. मेंथा ऑयल का टारगेट 1240 रखा गया है, जिससे यह समझ आता है कि कुछ ही दिनों में आपको 28 फ़ीसदी का रिटर्न मिल सकता है.
केडिया कमोडिटीज की सलाह है कि जीरा में आप लॉन्ग पोजीशन ले सकते हैं. ₹23000 के लेवल पर जीरे में एंट्री की जा सकती है. जीरे में स्टॉपलॉस 19500 पर लगाया जाना चाहिए. जीरे का टारगेट ₹30000 रखा गया है जिससे आपको कुछ ही दिनों में 30 फ़ीसदी से अधिक की कमाई हो सकती है.
धनिया में लॉन्ग पोजीशन लेने की सलाह दी गई है और इसमें एंट्री ₹11000 के भाव पर की जा सकती है. धनिया में आपको 9500 का स्टॉपलॉस लगाना चाहिए जिसका टारगेट ₹17000 रखा गया है. इस हिसाब से आप धनिया में 54 फ़ीसदी से अधिक का रिटर्न कमा सकते हैं.
कमोडिटी में ट्रेड करने वाले लोगों को ग्वार सीड में लॉन्ग पोजीशन लेना चाहिए. इसका एंट्री लेवल 4600 रखा गया है, स्टॉप लॉस ₹4000 का लगाएं जबकि टारगेट ₹7000 है. इस हिसाब से कुछ ही दिनों में ग्वार सीड से आपको 52 फ़ीसदी की कमाई हो सकती है.
केडिया कमोडिटी ने सोयाबीन के स्पॉट पर शार्ट पोजीशन लेने की सलाह दी है. 5400 के लेवल से सोयाबीन स्पॉट में एंट्री पर 5800 का स्टॉपलॉस लगाकर 4200 के टारगेट के लिए ट्रेड किया जा सकता है. इससे आपको 22.22 फ़ीसदी की कमाई हो सकती है.
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