स्टॉक मार्केट को समझना
आज जहां यह संभव है कि लगभग हर चीज की खरीद ऑनलाइन तरीके से की जा सके, प्रत्येक कमोडिटी के लिए आम तौर पर एक निर्धारित बाजार होता है। संक्षेप में, स्टॉक मार्केट एक सुरक्षित और रेगुलेटेड माहौल उपलब्ध कराता है जहां बाजार में भाग लेने वाले शून्य से निम्न प्रचालनगत जोखिम और विश्वास के साथ शेयरों व अन्य योग्य फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट में ट्रांजेक्ट कर सकते हैं।

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज MCX क्या है?

नमस्कार डियर पाठक, आज के इस लेख में हम जानेंगे कि, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज, MCX क्या है? क्योंकि ट्रेडिंग में एक नाम आपने अक्सर सुना होगा कमोडिटी ट्रेडिंग तो उसके लिए भारत में वैसे तो कई कमोडिटी एक्सचेंज है लेकिन, MCX या मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज सबसे बड़ा है। यह एक्सचेंज भारत में कमोडिटी फ्यूचर्स के ट्रेडिंग, समाशोधन और सेटलमेंट की सुविधा प्रदान करता है। और डियर पाठक इसे 2003 में स्थापित किया गया था और फॉरवर्ड मार्केट कमीशन या एफएमसी द्वारा विनियमित किया गया था।

और आपको बता दें, कि इक्विटी मार्केट में लोग सबसे ज्यादा पैसे कमाते हैं। और उसके बाद सबसे ज्यादा कमोडिटी मार्केट में निवेश करते हैं। और आप चाहे तो कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग भी कर सकते हैं, और यह करना बहुत ही इजी हैं।

MCX Kya hai, MCX Meaning in Hindi

डियर पाठक (MCX) मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड, इंडिया का पहला लिस्टेड एक्सचेंज है, जो अत्याधुनिक, कमोडिटी डेरिवेटिव एक्सचेंज है और यह कमोडिटी डेरिवेटिव्स लंदन की ऑनलाइन ट्रेडिंग की फैसिलिटी प्रोवाइड करवाता है।

और आपको बता दें कि MCX को, मल्टी कमोडिटी इसलिए कहा जाता है। क्योंकि इसमें कई सारे सेगमेंट के अंदर ट्रेडिंग की जाती है। और ज्यादातर MCX में ट्रेडिंग 4 सेगमेंट में की जाती है़।

  1. Bullion (बुलियन)
  2. Base Metal
  3. Energy (एनर्जी)
  4. एग्रो

ज्यादा सेगमेंट होने के कारण MCX को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज कहा जाता है। डियर पाठक जैसे कि NSE or BSE में शेयर की खरीदारी और बिकवाली होती है, ठीक उसी प्रकार MCX में कमोडिटी की खरीदी और बिक्री होती है। चलिए अब इन चारो सेगमेंट को अच्छे से समझते हैं

Bullion (बुलियन)

डियर पाठक बुलियन सेगमेंट कमोडिटीज एक्सचेंजों को समझना में गोल्ड और सिल्वर की ट्रेडिंग की जाती है, और ठीक वैसा ही है जैसे आप किसी ज्वेलरी की दुकान से सोना खरीदते हैं, ठीक उसी प्रकार आप इसमें डिजिटली सोना खरीदते हैं।‌ जैसे कि आपका एनालिसिस बोलता है कि आने वाले टाइम में सोने का भाव ऊपर जाएगा,‌‌ तो आप MCX एक्सचेंज के माध्यम से डिजिटल सोना खरीद सकते हैं। और भविष्य में प्राइस बढ़ने पर आप उसे बेचकर अच्छा फिट जनरेट कर सकते हैं।

बेस मेटल में मेटल की ट्रेडिंग होती है। जैसे कि एलुमिनियम, जिंक कॉपर निकेल आदि इनकी आप स्टॉक मार्केट में MCX एक्सचेंज के माध्यम से आप मेटल की ऑनलाइन खरीदी और बिक्री कर सकते हैं।

Energy (एनर्जी)

डियर पाठक आप एनर्जी सेगमेंट में, जैसे क्रूड ऑयल, थर्मल कॉल, नेचुरल गैस आदि सेक्टर आते हैं, इनकी ट्रेडिंग आप MCX एक्सचेंज के माध्यम से कर सकते हैं।

एक प्रमुख कृषि अर्थव्यवस्था होने के नाते, कृषि वस्तुओं में व्यापार के लिए भारत में पर्याप्त गुंजाइश मौजूद है भारत में कृषि स्तुओं के व्यापार की शुरुआत 1875 तक देखी जा सकती है, जब बॉम्बे में कॉटन ट्रेड एसोसिएशन की स्थापना हुई थी। घरेलू उपभोग के लिए वस्तुओं की कमी के कारण वस्तुओं में भविष्य के व्यापार को 1952 से निलंबित कर दिया गया था कमोडिटी ट्रेडिंग 2002 से फिर से सिफारिश की गई। वर्तमान में, कृषि कमोडिटीज के व्यापार में कुल वस्तुओं के व्यापार का लगभग 12% हिस्सा शामिल है।

Stock Market- स्टॉक मार्केट

क्या होता है स्टॉक मार्केट?
स्टॉक मार्केट (Stock Market) बाजारों और एक्सचेंजों के एक संग्रह को संदर्भित करता है, जहां पब्लिकली हेल्ड कंपनियों के शेयरों की खरीद, बिक्री और जारी करने की नियमित गतिविधियां होती हैं। ऐसी वित्तीय गतिविधियां संस्थाकृत औपचारिक एक्सचेंजों या ओवर द काउंटर (ओटीसी) मार्केटप्लेसों के जरिये संचालित होती हैं जो नियमनों के एक निर्धारित सेट के तहत ऑपरेट करती हैं। किसी एक देश या क्षेत्र में विविध स्टॉक ट्रेडिंग स्थान हो सकते हैं जो स्टॉक्स और सिक्योरिटीज के अन्य प्रकारों में ट्रांजेक्शन की अनुमति देते हैं। हालांकि इसके लिए स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज दोनों का ही परस्पर उपयोग किया जाता है, स्टॉक एक्सचेंज अक्सर स्टॉक मार्केट का एक सबसेट होता है।

अगर कोई यह कहता है कि वह स्टॉक मार्केट में ट्रेड करता है तो इसका अर्थ है कि वह किसी स्टॉक एक्सचेंज पर शेयरों/इक्विटियों की खरीद या बिक्री करता है, जो कुल स्टॉक मार्केट का एक हिस्सा है। अमेरिका के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों में न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई), नास्दक और शिकागो बोर्ड ऑप्शंस एक्सचेंज (सीबीओई) शामिल हैं। भारत के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) हैं।स्टॉक मार्केट या इक्विटी मार्केट, मुख्य रूप से स्टॉक/इक्विटीज, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ), कॉरपोरेट बॉन्ड की ट्रेडिंग के लिए जाना जाता है और स्टॉक मार्केट में अन्य फाइनेंशियल सिक्योरिटीज व स्टॉक, कमोडिटीज और बॉन्ड्स पर आधारित डेरिवेटिव की भी ट्रेडिंग होती है।

कमोडिटी में निवेश कर चमकाएं अपना पोर्टफोलियो

shine your portfolio by investment in commodities

घरेलू शेयर बाजार में पिछले करीब दो-तीन साल से जारी उठा-पटक और अनिश्चतता के माहौल ने बहुत से इक्विटी निवेशकों को दूसरे विकल्पों के बारे में सोचने को मजबूर किया है। दूसरी ओर सोने-चांदी की आसमान छूती कीमतों के चलते काफी तादाद में छोटे निवेशक बुलियन में निवेश से छिटक गए हैं।

इन दोनों ही बाजारों से किनारा करने वाले निवेशकों की दिलचस्पी हाल के दिनों में कमोडिटी में बढ़ी है। ऐसे में अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने और जोखिम को बैलेंस करने के लिए कमोडिटी में पैसे लगाने का चलन बढ़ता दिख रहा है। कमोडिटी निवेश कमोडिटीज एक्सचेंजों को समझना में निवेशकों की रुचि बढ़ने की एक अहम वजह यह भी है कि कमोडिटी बाजार काफी हद तक आर्थिक हालात के अनुरूप ही प्रतिक्रिया देता है। यह खूबी न केवल आम निवेशक के लिए कमोडिटी बाजार की चाल को समझना आसान बनाती है, बल्कि पोर्टफोलियो का जोखिम घटाने में भी मदद करती है।

Stock Market- स्टॉक मार्केट

क्या होता है स्टॉक मार्केट?
स्टॉक मार्केट (Stock Market) बाजारों और एक्सचेंजों के एक संग्रह को संदर्भित करता है, जहां पब्लिकली हेल्ड कंपनियों के शेयरों की खरीद, बिक्री और जारी करने की नियमित गतिविधियां होती हैं। ऐसी वित्तीय गतिविधियां संस्थाकृत औपचारिक एक्सचेंजों या ओवर द काउंटर (ओटीसी) मार्केटप्लेसों के जरिये संचालित होती हैं जो नियमनों के एक निर्धारित सेट के तहत ऑपरेट करती हैं। किसी एक देश या क्षेत्र में विविध स्टॉक ट्रेडिंग स्थान हो सकते हैं जो स्टॉक्स और सिक्योरिटीज के कमोडिटीज एक्सचेंजों को समझना अन्य प्रकारों में ट्रांजेक्शन की अनुमति देते हैं। हालांकि इसके लिए स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज दोनों का ही परस्पर उपयोग किया जाता है, स्टॉक एक्सचेंज अक्सर स्टॉक मार्केट का एक सबसेट होता है।

अगर कोई यह कहता है कि वह स्टॉक मार्केट में ट्रेड करता है तो इसका अर्थ है कि वह किसी स्टॉक एक्सचेंज पर शेयरों/इक्विटियों की खरीद या बिक्री करता है, जो कुल स्टॉक मार्केट का एक हिस्सा है। अमेरिका के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों में न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई), नास्दक और शिकागो बोर्ड ऑप्शंस एक्सचेंज (सीबीओई) शामिल हैं। भारत के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) हैं।स्टॉक मार्केट या इक्विटी मार्केट, मुख्य रूप से स्टॉक/इक्विटीज, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ), कॉरपोरेट बॉन्ड की ट्रेडिंग के लिए जाना जाता है और स्टॉक मार्केट में अन्य फाइनेंशियल सिक्योरिटीज व स्टॉक, कमोडिटीज और बॉन्ड्स पर आधारित डेरिवेटिव की भी ट्रेडिंग होती है।

आपके इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के लिए कितना जरूरी है कमोडिटी, यहां समझें पूरा गणित

आपके इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के लिए कितना जरूरी है कमोडिटी, यहां समझें पूरा गणित

इन्वेस्टमेंट (Investment) के मामले में पंकज बड़े सीधे से कॉन्सेप्ट पर चलते हैं. पोर्टफोलियो में FD, म्यूचुअल फंड, PPF और स्टॉक्स होने चाहिए. एक दिन उनका कॉन्सेप्ट हिल गया. हुआ यूं कि उनके एक दोस्त ये जानकर हैरान रह गए कि पंकज का कमोडिटीज में कोई निवेश नहीं है. तो क्या कमोडिटीज (Commodities) में भी पैसा लगाना चाहिए था? क्‍या मैं पैसा बनाने से चूक गया? ये सोचकर पंकज चकराए हुए थे. फिर पंकज ने कमोडिटीज एक्सचेंजों को समझना खुद को तसल्ली दी कि यार कमोडिटीज के बारे में अपन जब कुछ जानते ही नहीं तो कमोडिटीज एक्सचेंजों को समझना पैसा लगाना क्या ही ठीक होता. तब तो पंकज अपने दोस्त के सामने टालमटोल करके निकल गए. लेकिन, बात मन में अटक गई थी. ठान लिया कि गुरु, कमोडिटीज की गुत्थी सुलझा कर ही दम लूंगा. बस शुरू हो गया रिसर्च का दौर.

कमोडिटी कारोबार होता क्या है

पहली बात आई कि आखिर कमोडिटी कारोबार होता क्या है? खंगाला तो पता चला कि कमोडिटीज एक खास एसेट क्लास है. मोटे तौर पर शेयरों या बॉन्‍ड से इसका कोई रिश्‍ता नहीं होता. तो इसका क्या फायदा होता है? होता ये है कि कमोडिटीज में पैसा लगा हो तो स्‍टॉक और बॉन्‍ड पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने में मदद मिलती है. आई बात समझ!! ना. पंकज सोच रहे हैं ऐसा कैसे होता है?

तो बात ये है कि इसमें एक तो महंगाई से कवर मिलता है. दूसरा, आपको मिलेगा डायवर्सिफिकेशन. तीसरा, शेयरों और बॉन्ड के झंझटों का कोई असर नहीं. है ना फायदे की बात. पंकज सोच में पड़ गए कि यार कमोडिटीज में निवेश मंहगाई से कैसे बचाता है. मसला जटिल नहीं है. ऐसा होता है कि जब महंगाई बढ़ती है तो कमोडिटीज की कीमतें ऊपर जाती हैं. इससे शेयर बाजार पर प्रेशर पड़ता है. दूसरी तरफ, महंगाई न बढ़े तो मार्केट और बॉन्ड बाजार बढ़िया परफॉर्मेंस करते हैं. ये तो बात आ गई समझ. अब पंकज के दिमाग में बड़ा सवाल ये आया कि आखिर कमोडिटीज में भी कहां लगाया जाए पैसा? तो ऐसा है कि गोल्ड एक सेफ एसेट के तौर पर मशहूर है. उथल-पुथल वाले हालात में ये खूब कमाई कराता है. और महंगाई बढ़ी तो हो गई बल्ले-बल्ले. क्योंकि तब तो गोल्ड और ऊपर भागता है.

एग्री कमोडिटीज में पैसा लगा सकते हैं छोटे निवेशक

अब पंकज सोच रहे हैं कि क्या गोल्ड में पैसा लगाना सही होगा? अब उन्होंने ली एक्सपर्ट एडवाइज. तो मोतीलाल ओसवाल फाइनेंश‍ियल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट नवनीत दमानी कहते हैं कि आप एक्‍सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं या सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड में निवेश कर सकते हैं. आप ETF या डिजिटिल गोल्‍ड के जरिए भी निवेश कर सकते हैं. दाम गिरें तो खरीद लीजिए. छोटे निवेशक एग्री कमोडिटीज में भी पैसा लगा सकते हैं.

पंकज सोच रहे हैं इनमें क्या आता है. अरे भाई… तिलहन, वनस्‍पति तेल, मसाले, दाल, अनाज में होती है ट्रेडिंग. एग्रीकल्‍चर कमोडिटीज को MCX और NCDEX पर लिस्‍ट किया जाता है. इनवेस्‍टोग्राफी की फाउंडर और CFP श्‍वेता जैन कहती हैं, ‘छोटे निवेशक अपने एसेट का 10 फीसद हिस्‍सा गोल्‍ड और सिल्‍वर में रख सकते हैं. निवेशकों को हमेशा अपने टारगेट पर चलना चाहिए.<

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