अभी, बीबीपीएस के पास अलग-अलग समय पर होने वाले भुगतान या व्यक्तियों को मिलने वाली राशि के भुगतान की सुविधा नहीं है, भले ही उसका भुगतान निश्चित समय पर करने की जरूरत क्यों न हो.
यूएई आर्थिक सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली क्या है अनिश्चितता के दौरान वैश्विक निवेश के लिए एक सुरक्षित गंतव्य
दुबई, 8 सितंबर, 2021 (डब्ल्यूएएम) -- यूरोप, एशिया और अफ्रीका के बीच रणनीतिक रूप से स्थित और दुनिया की आधी जनसंख्या से सिर्फ आठ घंटे की उड़ान की दूरी पर यूएई की स्थिति ने इसे व्यापार, विनिमय, नवाचार और मूल्य निर्माण के लिए एक वास्तविक आर्थिक केंद्र बनने में सक्षम बनाया है। अगले 50 सालों के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को निर्धारित करने वाली आर्थिक, सामाजिक और विकासात्मक पहलों की ऐतिहासिक श्रृंखला 'प्रोजेक्ट्स ऑफ द 50' दुनिया भर से निवेशकों, उद्यमियों, नवोन्मेषकों और पेशेवर प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए नए नियमों, कानूनों और प्रोत्साहनों के साथ विदेशी निवेश के लिए एक आकर्षक वातावरण बनाने के लिए यूएई के गहरे निहित दृष्टिकोण को आगे बढ़ाती है। कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए यूएई के 2021 के बजट में कुल एईडी58 बिलियन का आवंटन किया गया है, जो स्थिरता, अनुकूल विनियमन, मजबूत वित्तीय भंडार, बड़े संप्रभु धन कोष और प्रतिस्पर्धी कीमतों पर संसाधनों तक पहुंच के देश के लाभों को और बढ़ाएगा। कोविड-19 के प्रकोप के अब तक के सबसे बड़े परीक्षण के दौरान यूएई सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली क्या है सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली क्या है का अग्रणी प्रदर्शन देश की ठोस अर्थव्यवस्था और वैश्विक चुनौतियों के अनुकूल होने को रेखांकित करता है। यूएई में एफडीआई 2020 में कुल 19.88 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो 2019 से 44.2 फीसदी की वृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है। संचयी आवक एफडीआई का संतुलन लगभग 174 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो इसी अवधि में 12.9 फीसदी की वृद्धि थी। व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) द्वारा जारी 2021 के लिए वैश्विक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश रिपोर्ट के परिणामों के अनुसार, यूएई भी एफडीआई को आकर्षित करने की क्षमता के मामले में अरब दुनिया में पहले और विश्व स्तर पर 15वें स्थान पर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूएई ने 2019 में 11.24 फीसदी की वृद्धि दर के साथ 19.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया। कमोडिटी व्यापार यूएई वैश्विक और क्षेत्रीय रूप से कमोडिटी व्यापार में अग्रणी स्थान रखता है, जो पुन: निर्यात में दुनिया में तीसरे स्थान पर है और सबसे महत्वपूर्ण 20 वैश्विक निर्यातक देशों की सूची में और वैश्विक आयात में सबसे महत्वपूर्ण 20 देशों की सूची में शामिल है। यूएई में परिष्कृत इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेशकों को विश्व-अग्रणी बुनियादी ढांचे से भी लाभ होता है, जिसे 2021 के बजट में एईडी4.5 बिलियन के इंजेक्शन से लाभ हुआ है। आईएमडी वर्ल्ड कॉम्पिटिटिव सेंटर द्वारा जारी वर्ल्ड कॉम्पिटिटिव एअरबुक 2020 रिपोर्ट में यूएई इंफ्रास्ट्रक्चर इंडेक्स में पांच रैंक आगे बढ़ा और विश्व स्तर पर 28वें स्थान पर रहा। इसी रिपोर्ट में यूएई पिछले सालों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और सुविधाओं में निवेश के बल पर वैश्विक स्तर पर सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली क्या है तीसरे और क्षेत्रीय रूप से पहले स्थान पर है। इसके अलावा यूएई दुनिया में सर्वश्रेष्ठ इलेक्ट्रॉनिक बुनियादी ढांचे वाले देशों की सूची में पहले स्थान पर है और 2020 में डिजिटल जीवन की गुणवत्ता के लिए 31वें स्थान पर है। फ्री जोन यूएई में 40 से अधिक विशिष्ट मुक्त क्षेत्र हैं, जिनमें से प्रत्येक के क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संघों के साथ मजबूत संबंध हैं। यह वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूटीओ) का सदस्य है और ग्रेटर अरब फ्री ट्रेड एरिया (जीएएफटीए) के पास यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ, सिंगापुर और यूरोपीय संघ के साथ निकट भविष्य में आठ और हस्ताक्षर करने के लक्ष्य के साथ फ्री व्यापार समझौते हैं। इसने अपने व्यापार भागीदारों के साथ निवेश की रक्षा और प्रोत्साहन के लिए प्रमुख व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय संधियों व लगभग 134 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। प्रतिस्पर्धी लागत यूएई को प्रतिस्पर्धी वित्तपोषण लागत, उच्च स्तर की तरलता, एक मजबूत बैंकिंग प्रणाली, कम मुद्रास्फीति, लगभग सभी वस्तुओं के लिए शून्य से 5 फीसदी के बीच कम टैरिफ और कंपनियों या आय पर कोई वाणिज्यिक कर नहीं है। यूएई कर सूचना विनिमय समझौतों का अपना नेटवर्क विकसित कर रहा है और यूएई के अधिकांश व्यापारिक भागीदारों सहित पांच महाद्वीपों के देशों के साथ 117 वैध दोहरे कराधान समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। यूएई के पास विदेशी मुद्रा या धन की मूवमेंट और प्रेषण पर भी कोई सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली क्या है प्रतिबंध नहीं है। अनुवादः एस कुमार.
भारतीय अर्थव्यवस्था
भारत जीडीपी के संदर्भ में विश्व की नवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है । यह अपने भौगोलिक आकार के संदर्भ में विश्व में सातवां सबसे बड़ा देश है और जनसंख्या की दृष्टि से दूसरा सबसे बड़ा देश है । हाल के वर्षों में भारत गरीबी और बेरोजगारी से संबंधित मुद्दों के बावजूद विश्व में सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरा है । महत्वपूर्ण समावेशी विकास प्राप्त करने की दृष्टि से भारत सरकार द्वारा कई गरीबी उन्मूलन और रोजगार उत्पन्न करने वाले कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ।
इतिहास
ऐतिहासिक रूप से भारत एक बहुत विकसित आर्थिक व्यवस्था थी जिसके विश्व के अन्य भागों के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध थे । औपनिवेशिक युग ( 1773-1947 ) के दौरान ब्रिटिश भारत से सस्ती दरों पर कच्ची सामग्री खरीदा करते थे और तैयार माल भारतीय बाजारों में सामान्य मूल्य से कहीं अधिक उच्चतर कीमत पर बेचा जाता था जिसके परिणामस्वरूप स्रोतों का द्धिमार्गी ह्रास होता था । इस अवधि के दौरान विश्व की आय में भारत का हिस्सा 1700 ए डी के 22.3 प्रतिशत से गिरकर 1952 में 3.8 प्रतिशत रह गया । 1947 में भारत के स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात अर्थव्यवस्था की पुननिर्माण प्रक्रिया प्रारंभ हुई । इस उद्देश्य से विभिन्न नीतियॉं और योजनाऍं बनाई गयीं और पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से कार्यान्वित की गयी ।
खुश खबर को तैयार होता रक्षा उद्योग!
देश के रक्षा कारोबार के बारे में अधिकांश लोग सोचते हैं कि सरकार जहां दशकों से हथियार विकास और निर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने का प्रयास कर रही है (ज्यादातर सरकारी कंपनियों के जरिये) वहीं हकीकत यह है कि भारत दुनिया में रक्षा क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा आयातक है। यह नतीजा प्रयासों की कमी की वजह से नहीं बल्कि सही तरीके से प्रयास न करने की वजह से है।
कम ही लोग जानते हैं कि अगर अंतरिक्ष और नाभिकीय ऊर्जा को रक्षा में शामिल कर लिया जाए तो रक्षा शोध एवं विकास बजट के मामले में भारत तीसरा या चौथा सबसे बड़ा देश है लेकिन अमेरिका और चीन की तुलना में हम बहुत कम धनराशि खर्च करते हैं लेकिन फिर भी यह ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस के रक्षा शोध एवं विकास बजट से काफी अधिक है। जबकि ये सभी देश रक्षा उपकरण और हथियार निर्माण में भारत से काफी आगे हैं। बल्कि विमानन और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली क्या है शीर्ष सरकारी रक्षा कंपनियों का शोध एवं विकास व्यय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस क्षेत्र में होने वाले औसत व्यय से काफी अधिक है।
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भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को यूपीआई में एकबारगी राशि ‘ब्लॉक’ करने और उसे अलग-अलग कार्यों के लिये काटे जाने (सिंगल ब्लॉक एंड मल्टीपल डेबिट) की सुविधा देने की घोषणा की. ग्राहक जब भी आवश्यक हो पैसा काटे जाने के लिए अपने बैंक खातों में धनराशि निर्धारित कर संबंधित इकाई के लिये भुगतान को तय कर सकते हैं.
केंद्रीय बैंक के अनुसार, इस व्यवस्था से ई-कॉमर्स और प्रतिभूतियों में निवेश के लिये भुगतान आसान होगा.
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘ यूपीआई की क्षमता बढ़ाकर ग्राहकों को सेवाओं के एवज में भुगतान के लिये राशि अपने खाते में ‘ब्लॉक’ करने की सुविधा देने का निर्णय किया गया है. इससे ई-कॉमर्स और प्रतिभूतियों में निवेश को लेकर भुगतान सुगम होगा.’’
इस व्यवस्था के तहत ग्राहकों को सेवाओं के एवज में भुगतान के लिये राशि अपने खाते में ‘ब्लॉक’ करने की सुविधा मिलेगी और जब भी आवश्यकता हो, संबंधित राशि खाते से काटी जा सकती है. इस सुविधा का उपयोग होटल बुकिंग, पूंजी बाजार में प्रतिभूतियों के साथ-साथ सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद में किया जा सकता है.
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