शेयर बाजार 7 घंटे पहले (18 दिसम्बर 2022 ,12:15)

Mutual Funds: क्या है 'फंड ऑफ फंड्स', किन निवेशकों को करना चाहिए निवेश

फंड ऑफ फंड्स' तीन तरह के होते हैं- इक्विटी, डेट फंड, और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश करने वाले फंड्स. इनमें SIP के जरिए निवेश करने पर ज्यादा फायदा मिल सकता है.

By: ABP Live | Updated at : 05 Jan 2022 02:55 PM (IST)

Mutual Funds: अगर आप निवेश पर अच्छा रिटर्न चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड की 'फंड ऑफ फंड्स' कैटेगरी में इनवेस्ट करना एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है. 'फंड ऑफ फंड्स' म्यूचुअल फंड की ऐसी स्कीम्स हैं जो दूसरी म्यूचुअल फंड स्कीम्स में निवेश करती हैं. 'फंड ऑफ फंड्स' में कंपनी के शेयर या बॉन्ड नहीं होते हैं, फंड ऑफ फंड्स अन्य स्कीम्स की यूनिट होल्ड करते हैं. एक फंड ऑफ फंड्स मैनेजर अपने फंड हाउस या अन्य फंड हाउस की कई स्कीम्स में निवेश कर सकता है.

इन निवेशकों के लिए हैं फायदेमंद
'फंड ऑफ फंड्स' विशेष तौर पर ऐसे निवेशकों के लिए फायदेमंद है जो धन की कमी के कारण निवेश के अलग-अलग विकल्पों में इनवेस्ट नहीं कर पाते. 'फंड ऑफ फंड्स' के जरिये कम राशि में अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई कर सकते हैं. इसमें निवेश पर अधिक लाभ संभावना बढ़ जाती है.

कितनी तरह के होते हैं

  • 'फंड ऑफ फंड्स' तीन तरह के होते हैं- इक्विटी, डेट फंड, और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश करने वाले.
  • ये तीन प्रकार तकरीबन सभी एसेट क्लास को कवर कर लेते हैं.

टैक्स?

News Reels

  • 12 महीने से कम समय में निवेश भुनाने पर इक्विटी फंड्स से कमाई पर शार्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) टैक्स लगता है. मौजूदा नियमों के हिसाब से 15% टैक्स लगेगा.
  • 12 महीनों से ज्यादा के निवेश होने पर इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) माना जाएगा और इस पर 10% ब्याज देना होगा.

SIP के जरिए निवेश करना रहेगा सही

  • म्यूचुअल फंड में एक साथ पैसा लगाने की बजाए सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) द्वारा निवेश करना चाहिए.
  • SIP के जरिए आप हर महीने एक निश्चित अमाउंट इसमें लगाते हैं.
  • SIP के जरिए निवेश में रिस्क कम होता है क्योंकि इस पर बाजार के उतार चढ़ाव का ज्यादा असर नहीं पड़ता.

(यहां ABP News द्वारा किसी भी फंड में निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है. यहां दी गई जानकारी का सिर्फ़ सूचित करने का उद्देश्य है. म्यूचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिम के अधीन हैं, योजना संबंधी सभी दस्तावेज़ों को सावधानी से पढ़ें. योजनाओं की NAV, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव सहित सिक्योरिटी बाज़ार को प्रभावित करने वाले कारकों व शक्तियों के आधार पर ऊपर-नीचे हो सकती है. किसी म्यूचुअल फंड का पूर्व प्रदर्शन, आवश्यक रूप से योजनाओं के भविष्य के प्रदर्शन का परिचायक नहीं हो सकता है. म्यूचुअल फंड, किन्हीं भी योजनाओं के अंतर्गत किसी लाभांश की गारंटी या आश्वासन नहीं देता है और वह वितरण योग्य अधिशेष की उपलब्धता और पर्याप्तता से विषयित है. निवेशकों से सावधानी के साथ विवरण पत्रिका (प्रॉस्पेक्टस) की समीक्षा करने और विशिष्ट विधिक, कर तथा योजना में निवेश/प्रतिभागिता के वित्तीय निहितार्थ के बारे में विशेषज्ञ पेशेवर सलाह को हासिल करने का अनुरोध है.)

यह भी पढ़ें:

Published at : 04 Jan 2022 08:02 PM (IST) Tags: Mutual Funds SIP Stock Market fund of funds हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

निवेश की शुरुआत करने जा रहे हैं? जानिए कैसे उठाएं एक-एक कदम

ईटीएफ नए निवेशकों के लिए अच्‍छा विकल्‍प है. इसके लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत होगी.

photo4

निवेश की शुरुआत करने से पहले आकांक्षा के मन में सवाल उठ सकता है कि वह अपने पोर्टफोलियो को मैनेज कैसे करेंगी. उनके पास न तो मार्केट के बारे में अध्ययन करने का समय है, न ही चार्ट पैटर्न और कंपनियों के बिजनेस मॉडल समझने का. लिहाजा, शायद उन्‍हें कोई निर्णय लेने में दिक्‍कत हो. इसका समाधान है. उन्‍हें इंडेक्‍स में निवेश करने के बारे में सोचना चाहिए और बाजार के उतार-चढ़ाव के बारे में भूल जाना चाहिए.

निवेश की रणनीति पर फैसला उनके विवेक पर निर्भर करता है. निवेश से पहले उन्‍हें अपनी जोखिम लेने की क्षमता का पता लगा लेना चाहिए. व‍ह निवेश पर कैसे नजर रखेंगी, इसे भी सुनिश्चित कर लेना चाहिए.

यह उन्‍हें फैसला लेने में मदद करेगा कि आकांक्षा एक्टिव मैनेजमेंट रूट का इस्‍तेमाल करना चाहती हैं या उनका भरोसा बेंचमार्क इंडेक्‍स या ईटीएफ पर है. सक्रिय रूप से प्रबंधित की जाने वाली म्‍यूचुअल फंड स्‍कीमों के उलट ईटीएफ बाजार से बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश नहीं करते हैं. बजाय इसके इन्‍हें मार्केट ट्रैक करने के लिए डिजाइन किया गया है. इन्‍हें आमतौर पर अपेक्षाकृत सुरक्षित और लागत प्रभावी माना जाता है. ईटीएफ नए निवेशकों के लिए अच्‍छा विकल्‍प है. इसके लिए आकांक्षा को सिर्फ डीमैट अकाउंट की जरूरत होगी.

आकांक्षा निवेश की शुरुआत जितनी जल्दी कर देंगी, उतना अच्‍छा होगा. उन्‍हें अपनी निवेश रणनीति के साथ बने रहना चाहिए. किसी भी हालत में भावनाओं को हावी नहीं होने देना चाहिए. बाजार की दैनिक उठापटक से उनका लक्ष्‍य प्रभावित नहीं होना चाहिए. कुल मिलाकर लब्बोलुआब यह है कि छोटी रकम से निवेश की शुरुआत करें. पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करें. धैर्य रखें. स्मार्ट फैसले लें.

इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) निवेशकों को क्या जानना चाहिए? के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.

पैसे कमाने, बचाने और बढ़ाने के साथ निवेश के मौकों के बारे में जानकारी पाने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर जाएं. फेसबुक पेज पर जाने के लिए यहां क्‍ल‍िक करें

Mutual Funds में निवेश करने का सही तरीका क्या है? उदाहरण के साथ सीखें

नई दिल्ली: म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिम के अधीन है। हालांकि, अगर कोई लंबे समय तक इसमें निवेश करता है तो जोखिम कारक कम हो जाता है जबकि म्यूचुअल फंड रिटर्न अधिकतम हो जाता है। अब इसमें निवेश कैसे करें? पहले तो आपको यह जानना चाहिए कि म्यूचुअल फंड काम कैसे करता है। बता निवेशकों को क्या जानना चाहिए? दें कि म्यूचुअल फंड का मुख्य कार्य स्टॉक, बॉन्ड और अन्य प्रतिभूतियों में निवेश प्रदान करना है। अच्छे रिटर्न के लिए इन निवेशों को एक साथ लाया जाता है।

अब निवेश कैसे करें? इसपर ध्यान देते हैं। मान लीजिए आपकी उम्र 36 साल है और एसआईपी में नए हो और आप प्रति माह 10,000 रुपये निवेशकों को क्या जानना चाहिए? निवेश करने की योजना बना रहा है तो आपको कैसे निवेश करना चाहिए?

चूंकि आप म्यूचुअल फंड में निवेश की मूल बातें नहीं जानते हैं, इसलिए आपको म्यूचुअल फंड सलाहकार की मदद लेनी चाहिए। आप संदर्भ के लिए अपने मित्रों और सहकर्मियों से पूछ सकते हैं। नए निवेशकों को मार्गदर्शन और स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। केवल आपके निकट एक म्यूचुअल फंड सलाहकार ही आपको सही दिशा दिखाने में सक्षम होगा।

हम हमेशा निवेशकों से लक्ष्य-आधारित दृष्टिकोण अपनाने के लिए कहते हैं। यह आपको दैनिक बाजार की गतिविधियों के बारे में चिंता करने के बजाय अपने लक्ष्यों पर केंद्रित रहने में मदद करता है। हमेशा ऐसे म्युचुअल फंड चुनें जो आपके निवेश उद्देश्यों और जोखिम प्रोफाइल से मेल खाते हों। अगर आप लंबी अवधि में संपत्ति बढ़ाना चाहते हैं, तो आप लार्ज कैप म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। अगर आप थोड़ा और जोखिम लेने को तैयार हैं तो फ्लेक्सी कैप स्कीमों में निवेश कर सकते हैं।

अनावश्यक जोखिम न लें और रिटर्न के पीछे न भागें। अपने लक्ष्यों पर ध्यान दें और जोखिम लेने से पहले कुछ अनुभव और ज्ञान हासिल करें।

देश और दुनिया की ताज़ा खबरें सबसे पहले न्यूज़ 24 पर फॉलो करें न्यूज़ 24 को और डाउनलोड करे - न्यूज़ 24 की एंड्राइड एप्लिकेशन. फॉलो करें न्यूज़ 24 को फेसबुक, टेलीग्राम, गूगल न्यूज़.

इंदौर में लगेगा निवेशकों का मेला, राज्य में निवेश बढ़ने की संभावनाएं

शेयर बाजार 7 घंटे पहले (18 दिसम्बर 2022 ,12:15)

इंदौर में लगेगा निवेशकों का मेला, राज्य में निवेश बढ़ने की संभावनाएं

© Reuters. इंदौर में लगेगा निवेशकों का मेला, राज्य में निवेश बढ़ने की संभावनाएं

भोपाल, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर में अगले माह ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट होने जा रहा है। इस औद्योगिक प्रतिनिधियों के समागम में देश और दुनिया के निवेशकों का मेला लगेगा और राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश आने की संभावनाएं बनी हुई है। इसमें 80 देशों के प्रवासी भारतीयों के हिस्सा लेने की संभावना है, अब तक 52 देशों के प्रवासी भारतीयों ने अपनी मंजूरी भी दे दी है।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कटनी में लघु उद्योग भारती के स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2022 में कहा है कि मध्यप्रदेश अब निवेश का बड़ा केंद्र बन रहा है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश में निवेश की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। निवेशकों को क्या जानना चाहिए? आगामी 8, 9 एवं 10 जनवरी को इंदौर में होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन में 80 देशों के प्रवासी भारतीय शामिल होंगे। साथ ही 11 और 12 जनवरी को इन्वेस्टर्स समिट में शामिल होने के लिए 52 देशों द्वारा स्वीकृति दे दी है। मध्यप्रदेश की धरती पर 5जी सेवाएं शुरू हो गई हैं।

मुख्यमंत्री चौहान ने निवेशकों को क्या जानना चाहिए? युवाओं का आह्वान किया है कि वे नौकरी करने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनें। अपना खुद का काम-धंधा शुरू करें। सरकार उसमें पूरी सहायता देगी। स्टार्टअप लगाने में बेटियों को सरकार द्वारा 20 प्रतिशत अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। युवा यदि ²ढ़निश्चय कर लें तो उन्हें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। भारत के सुंदर पिचाई ने चमत्कार कर दिखाया है।

मुख्यमंत्री चौहान ने लघु उद्यमियों से प्रदेश में अधिक से अधिक लघु उद्योग स्थापित करने का आह्वान किया और कहा कि डीआईसी और एमपीआईडीसी अंतर्गत आने वाले औद्योगिक क्षेत्रों को पांच हजार वर्ग फीट के प्लॉट आवंटन में 25 फीसदी का आरक्षण दिया जाएगा। ग्रामीण स्तर पर स्व-रोजगार बढ़ाने के लिए मल्टी स्टोरीज बनाने की योजना है, जहां प्लग एंड प्ले की सुविधा दी जाएगी। छोटे उद्यमी यहां किराए पर स्थान लेकर अपना उद्योग शुरू कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि उद्योग में सुरक्षा के सारे इंतजाम जरूरी हैं, परंतु यदि पूरी सुरक्षा और सावधानी के बावजूद भी कोई दुर्घटना होती है तो उस स्थिति में प्रकरण धारा 304 के स्थान पर धारा 304 ए में दर्ज किया जाएगा। मामले की पूरी जांच की जाएगी और दोषी के विरूद्ध कार्रवाई भी होगी। केंद्र सरकार की गाइडलाइन अनुसार मध्यप्रदेश के उद्योगों में निष्पादन की भूमि तीन प्रतिशत कर दी गई है। ट्रेड प्राथमिकता के अंतर्गत एमएसएमई को 50 फीसद आरक्षण कर दिया गया है।

इंदौर में होने वाली जीएसआई से पहले मुख्यमंत्री चौहान की विभिन्न औद्योगिक घरानों से जुड़े लोगों से लगातार बैठकें हो रही है, वहीं वे तमाम निवेशकों से वर्चुअली जुड़कर संवाद कर रहे है। इसके अलावा चौहान कई स्थानों पर सम्मेलन कर उद्योगपतियों के बीच मध्य प्रदेश में उपलब्ध सुविधाओं का ब्यौरा देने के साथ आमंत्रण भी दे रहे हैं।

Paytm Share Buyback में फंसा पेंच, अब कंपनी खरीदेगी अपने शेयर या फेल हो जाएगा ये प्लान?

Paytm Share Buyback में फंसा पेंच, अब कंपनी खरीदेगी अपने शेयर या फेल हो जाएगा ये प्लान?

पेटीएम अपने ही शेयर बायबैक करने वाली है. कंपनी के पास करीब 9,182 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी है. इसी बीच खबर आ रही है कि बायबैक के लिए आईपीओ से मिले निवेशकों को क्या जानना चाहिए? पैसों का इस्तेमाल नहीं हो सकता है.

हाल ही में खबर आई थी कि पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशन लिमिडेट (One 97 Communications Ltd) जल्द ही अपने शेयर बायबैक (Share Buyback Offer) करने की योजना बना रही है. अब खबर ये आ रही है कि कंपनी ऐसा नहीं कर सकती है. पेटीएम के नतीजों के अनुसार उसके पास करीब 9,182 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी है. बायबैक की खबर आने के बाद पेटीएम के शेयरों में उछाल देखने को मिला, लेकिन अब मामले में ट्विस्ट आ गया है. बताया जा रहा है कि नियमों के मुताबिक कंपनी पेटीएम के आईपीओ से मिली रकम का इस्तेमाल शेयर बायबैक करने के लिए नहीं कर सकती है. इसके लिए कंपनी को अपनी नकदी का इस्तेमाल करना होगा. ऐसे में अब सवाल ये है कि पेटीएम शेयर बायबैक करेगा या ये प्लान फेल हो जाएगा? अगर शेयर बायबैक होगा तो उसके लिए कंपनी पैसे कहां से लाएगी?

13 दिसंबर को लिया जाएगा फाइनल डिसीजन

 Paytm  के शेयर बायबैक करने के प्रस्ताव को लेकर 13 दिसंबर को कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक होने वाली है. पिछले गुरुवार को कंपनी ने बायबैक के बारे में शेयर बाजार को सूचना दी थी. उसके अनुसार कंपनी की लिक्विडिटी को देखते हुए बायबैक से कंपनी के शेयरहोल्डर्स को फायदा होगा. हालांकि, शेयर बायबैक होगा या नहीं और अगर होगा तो कैसे होगा, इसका फैसला 13 दिसंबर की बैठक में किया जाएगा.

शेयर बायबैक में नियम आ सकते हैं आड़े

पेटीएम अगर शेयर बायबैक करना चाहती है तो नियम के अनुसार वह अपनी नकदी का इस्तेमाल करेगी. इसके लिए कंपनी आईपीओ से मिले पैसों का इस्तेमाल नहीं कर सकती है. नियम के मुताबिक आईपीओ से मिले पैसों का इस्तमेाल केवल उसी काम के लिए किया जा सकता है, जिसके मकसद से आईपीओ लाया गया था. शेयर बाजार नियामक सेबी की तरफ से इसकी निगरानी की जाती है. आईपीओ लाने से पहले कंपनी के पास जो लिक्विडिटी थी, उससे कंपनी शेयर बायबैक कर सकती है.

कितने शेयर बायबैक कर रही है कंपनी?

पेटीएम के पास अभी करीब 9,182 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी है. अब कंपनी पूरी तरह से भुगतान किए गए इक्विटी शेयरों के बायबैक पर विचार कर रही है. कंपनी का मानना है कि पेटीएम की लिक्विडिटी और मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए बायबैक का फैसला कंपनी के शेयरधारकों के लिए फायदेमंद हो सकता है.

क्या होता है शेयर बायबैक?

शेयर बायबैक वह प्रक्रिया होती है, जिसके तहत कोई कंपनी अपने ही शेयर्स को पब्लिक से वापस खरीद लेती है. इसके लिए कंपनी अपने शेयर की कीमत पर कुछ प्रीमियम भी चुकाती है. शेयर बायबैक के जरिए कंपनी खुद में ही री-इन्वेस्ट करती है. जब कंपनी शेयर बायबैक करती है तो फिर बाजार में उसके आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या कम हो जाती है.

आखिर कंपनियां बायबैक क्यों करती हैं शेयर?

बायबैक की बात सुनकर हर कोई ये सोचता है कि आखिर कंपनियां अपने ही शेयर को वापस क्यों खरीदती हैं. कई बार अगर कंपनी के पास अतिरिक्त कैश हो जाता है और वह उसे किसी दूसरे प्रोजेक्ट में नहीं लगा पाती हैं तो वह शेयर बायबैक कर लेती हैं. इस तरह कंपनी अतिरिक्त कैश को खुद में ही निवेश कर देती हैं. अगर किसी कंपनी के पास अधिक नकदी होती है तो वह बैलेंस शीट में भी दिखती है और नकदी पड़े रहना अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसे में कंपनियां उस नकदी का इस्तेमाल शेयर बायबैक कर के कर लेती हैं. कई बार कंपनियों को लगता है कि उनके शेयर की कीमत कम आंकी गई है, तो भी वह शेयर बायबैक कर लेती हैं, जिससे शेयरों की वैल्यू बढ़ जाती है. इससे निवेशकों में भी एक भरोसा पैदा होता है कि कंपनी की वित्तीय हालत अच्छी है, जिससे कंपनी के शेयरों की मांग बढ़ती है, जो उसकी कीमत को बढ़ाती है.

निवेशकों को क्या फायदा?

जैसा कि शेयर बायबैक कुछ प्रीमियम पर होता है तो निवेशकों को इसका तो फायदा होता ही है. हालांकि, अगर आपने लंबे वक्त के हिसाब से पैसा लगाया है तो आपको बायबैक में शेयर नहीं बेचने चाहिए. उम्मीद होती है कि भविष्य में कंपनी और बेहतर प्रदर्शन करेगी और ज्यादा रिटर्न देगी. वहीं अगर आपने छोटी अवधि के लिए निवेश किया है तो बेचकर मुनाफा कमा लेना चाहिए. वहीं अगर आपको लगे कि कंपनी का शेयर ओवरवैल्यूड है तो भी आपको शेयर बेचकर निकल जाना चाहिए. जो लोग सिर्फ ट्रेडिंग के मकसद से शेयर खरीदते हैं, उनके लिए तो यह मौका किसी गोल्डन चांस जैसा होता है.

पेटीएम ने डुबाए निवेशकों के पैसे

15 नवंबर 2021 को पेटीएम का आईपीओ आया था. यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ था, जिसे महाआईपीओ कहा गया था. आईपीओ के तहत पेटीएम के शेयर की कीमत 2150 रुपये थी, लेकिन उसके बाद से गिरते-गिरते कंपनी के शेयर एक चौथाई के करीब आ चुके हैं. अभी पेटीएम का शेयर करीब 530 रुपये के करीब आ चुका है. सॉफ्टबैंक ने भी हाल ही में पेटीएम के करीब 200 मिलियन डॉलर यानी लगभग 1630 करोड़ रुपये के शेयर बेचने का फैसला किया था. इसके बाद तो कंपनी के शेयर बुरी तरह टूटे थे.

क्या रहे दूसरी तिमाही के नतीजे?

पेटीएम के शेयरों में गिरावट का दौर शुरू हुआ 7 नवंबर से, जब कंपनी के तिमाही नतीजे सार्वजनिक हुए. जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी का घाटा बढ़कर 571.5 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो पिछले साल इसी तिमाही में 474.5 करोड़ रुपये था. वहीं अगर तिमाही आधार पर देखें तो कंपनी का घाटा कम हुआ है. जून तिमाही में पेटीएम का घाटा 645.4 करोड़ रुपये था. हालांकि, दूसरी तिमाही में पेटीएम का रेवेन्यू करीब 76.2 फीसदी बढ़ा था और 1914 करोड़ रुपये हो गया. यह पिछले साल 1086 करोड़ रुपये था. कमाई बढ़ने की वजहों में मर्चेंट सब्सक्रिप्शन रेवेन्यू, मंथली ट्रांजेक्शन यूजर्स की संख्या में बढ़ोतरी से बिल पेमेंट में उछाल और लोन डिसबर्समेंट में मजबूत ग्रोथ शामिल हैं.

रेटिंग: 4.29
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 639