Annual financial statement राजस्व खाते पर व्यय को अन्य खातों पर व्यय से अलग करता है, जैसा कि संविधान में अनिवार्य है। राजस्व और पूंजी वर्ग मिलकर केंद्रीय बजट बनाते हैं, इसलिए वार्षिक वित्तीय विवरण मूल रूप से सरकार का बजट होता है।
Annual Financial Statement क्या है? हिंदी में
Annual Financial Statement भारत के संविधान के अनुच्छेद 112 के तहत बजट प्रक्रिया के एक भाग के रूप में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में संसद को प्रस्तुत किया जाने वाला वित्तीय विश्लेषण का क्षेत्र एक दस्तावेज है। इस दस्तावेज़ में तीन अलग-अलग भागों में चालू वर्ष, पिछले वर्ष और बजट वर्ष की सरकार की प्राप्तियां और व्यय शामिल हैं। भारत की संचित निधि, भारत की आकस्मिकता निधि और भारत की लोक लेखा। सरकार को इनमें से प्रत्येक निधि के लिए प्राप्तियों और व्यय का विवरण प्रस्तुत करना होता है। पूंजी प्राप्ति में सरकार द्वारा लिए गए ऋण, भारतीय रिजर्व बैंक से उधार और विदेशी सरकारों/संस्थानों से लिए गए ऋण शामिल होते हैं। इसमें सरकार द्वारा दिए गए ऋणों की वसूली और सरकारी संपत्तियों की बिक्री से प्राप्त आय भी शामिल है, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में सरकारी इक्विटी के विनिवेश से प्राप्त राशि भी शामिल है।
वार्षिक वित्तीय विवरणों की परिभाषा [Definition of Annual Financial Statements] [In Hindi]
वार्षिक वित्तीय विवरण 12 महीने की लगातार समयावधि पर आधारित वित्तीय रिपोर्ट हैं। Financial का सबसे आम सेट कैलेंडर वर्ष पर आधारित होता है, लेकिन वे कंपनी के वित्तीय वर्ष पर भी आधारित हो सकते हैं।
सार्वजनिक कंपनियों को पूरे वर्ष की अंतरिम अवधि के साथ-साथ पूरे वर्ष की वित्तीय गतिविधि को कवर करने वाली रिपोर्ट जारी करने की आवश्यकता होती है। जारी की गई रिपोर्टों का सबसे आम सेट सामान्य-उद्देश्य वाले वित्तीय विवरण हैं जिनमें एक बैलेंस शीट, आय विवरण, प्रतिधारित आय का विवरण और नकदी प्रवाह का विवरण शामिल है। निवेशक और लेनदार प्रबंधन के नोटों के साथ इन रिपोर्टों के विश्लेषण पर अपने व्यावसायिक निर्णयों को आधार बनाते हैं।
वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद की बैठक में वित्तीय क्षेत्र पर करीब से नजर रखे जाने की जरूरत पर जोर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की शुक्रवार को हुई बैठक में अर्थव्यवस्था से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गयी। बैठक में वित्तीय क्षेत्र पर सरकार के साथ-साथ विभिन्न नियामकों द्वारा लगातार नजर रखे जाने की जरूरत पर जोर दिया गया। वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई एफएसडीसी की बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास समेत वित्तीय क्षेत्र के विभिन्न नियामक शामिल हुए। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एफएसडीसी की 24वीं बैठक में वित्तीय स्थिरता, वित्तीय क्षेत्र के विकास, अंतर नियामकीय समन्वय, वित्तीय साक्षरता, वित्तीय समावेश और अर्थव्यवस्था के व्यापक विवेकपूर्ण पर्यवेक्षण सहित बड़े वित्तीय समूहों के कामकाज आदि पर विचार-विमर्श किया गया। बयान के अनुसार, ‘‘बैठक में सरकार और सभी नियामकों द्वारा वित्तीय स्थितियों पर लगातार नजर रखने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।’’ बैठक में दबाव वाली संपत्तियों के प्रबंधन, वित्तीय स्थिरता विश्लेषण के लिये संस्थागत वित्तीय विश्लेषण का क्षेत्र वित्तीय विश्लेषण का क्षेत्र प्रणाली को मजबूत बनाने, वित्तीय संस्थानों और आईबीसी से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिये व्यवस्थागत ढांचा, सरकार और विभिन्न क्षेत्रों को बैंकों द्वारा दिया गया कर्ज, सरकारी प्राधिकरणों के आंकड़ों को साझा करने की प्रणाली, भारतीय रुपये का अंतरराष्ट्रीयकरण और पेंशन क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई। चालू वित्त वर्ष में वित्तीय विश्लेषण का क्षेत्र परिषद की यह पहली बैठक थी। पिछली बैठक 15 दिसंबर, 2020 को हुई थी। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 20.1 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि दर्ज की गई। निर्यात कारोबार में भी उछाल दर्ज किया गया है। बैठक में वित्त राज्य वित्तीय विश्लेषण का क्षेत्र वित्तीय विश्लेषण का क्षेत्र मंत्री भागवत के कराड और पंकज चौधरी भी मौजूद थे। रिजर्व बैंक गवर्नर के अलावा बैठक में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन अजय त्यागी, भारतीय दिवाला एवं रिण शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) के चेयरमैन एम एस साहू, पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण के चेयरमैन सुप्रतिम बंद्योपाध्याय और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) के चेयरमैन इंजेती श्रीनिवास उपस्थित थे। बैठक में वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
वित्तीय विश्लेषण का क्षेत्र
थर्मल परियोजना योजना और विकास प्रभाग - संक्षिप्त विवरण
मुख्य अभियन्ता : श्री महिपाल सिंह
थर्मल परियोजना योजना और विकास प्रभाग की गतिविधि
- सरकार को कोयला ब्लॉकों के अनुदान के प्रस्तावों की जांच के लिए स्थायी समिति। सेक्टर पावर यूटिलिटीज।
- जनरेटिंग पावर प्लांट की श्रेणी में परिवर्तन के प्रस्तावों की जांच करने के लिए स्थायी समिति यानी सीपीपी से आईपीपी और इसके विपरीत।
- थर्मल पावर प्रोजेक्ट्स की निगरानी, जिन्हें मुख्य संयंत्र और उपकरणों के लिए ऑर्डर की नियुक्ति तक पर्यावरण मंजूरी प्रदान की गई है।
- अंत उपयोग परियोजनाओं की स्थिति के साथ बिजली उत्पादन के लिए आवंटित बंदी कोयला ब्लॉकों के विकास की निगरानी।
- कोल लिंकेज के लिए सरकार को MoP के लिए सिफारिश सेक्टर (केंद्रीय और राज्य क्षेत्र) थर्मल पावर प्लांट।
- सरकार से ब्रिज लिंक-आयु के समझौते के लिए एमओपी की सिफारिश। कोल ब्लॉक के आवंटन के खिलाफ सेक्टर (सेंट्रल स्टेट सेक्टर) थर्मल पावर प्लांट्स।
- कोयला लिंकेज नीलामी प्रा। SHAKTI पॉलिसी बी (ii) बी (iii) के तहत पावर डेवलपर्स।
- टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से पावर खरीदने के लिए शक्ति पॉलिसी बी (iv) बी (v) के तहत राज्यों को कोयला लिंकेज आवंटन।
- थर्मल पावर प्लांट में एसटीपी से उपचारित सीवेज पानी के उपयोग की निगरानी।
- आनुपातिक मेगा गारंटी जारी करने के लिए MoP को प्रॉविजनल बैंक गारंटी / DDRs जारी करने के लिए मेगा पावर प्रोजेक्ट के लिए सिफारिश।
- संसद प्रश्न और वीआईपी संदर्भ I RTI प्रश्न का उत्तर दें।
Banking: वित्त मंत्रालय ने बैंकों से बीमा बेचने के लिए अनैतिक तरीकों से बचने को कहा, जानें क्या है मामला?
वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों को ग्राहकों को बीमा उत्पादों की बिक्री के लिए ‘अनैतिक व्यवहार’ पर रोक लगाने के लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित करने का निर्देश दिया है। लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं कि ग्राहकों को बीमा उत्पादों की बिक्री के लिए सही जानकारी नहीं दी जाती है। इसके मद्देनजर वित्त मंत्रालय ने यह कदम उठाया है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशकों को लिखे पत्र में कहा गया है कि वित्तीय सेवा विभाग को शिकायतें मिली हैं कि बैंक और जीवन बीमा कंपनियों की ओर से बैंक ग्राहकों को पॉलिसी की बिक्री के लिए धोखाधड़ी वाले और अनैतिक तरीके अपनाए जा रहे हैं।
विस्तार
वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों को ग्राहकों को बीमा उत्पादों की बिक्री के लिए ‘अनैतिक व्यवहार’ पर रोक लगाने के लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित करने का निर्देश दिया है। लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं कि ग्राहकों को बीमा उत्पादों की बिक्री के लिए सही जानकारी नहीं दी जाती है। इसके मद्देनजर वित्त मंत्रालय ने यह कदम उठाया है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशकों को लिखे पत्र में कहा गया है कि वित्तीय सेवा विभाग को शिकायतें मिली हैं कि बैंक और जीवन बीमा कंपनियों की ओर से बैंक ग्राहकों को पॉलिसी की बिक्री के लिए धोखाधड़ी वाले और अनैतिक तरीके अपनाए जा रहे हैं।
ऐसे उदाहरण भी सामने आए हैं, जहां दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में 75 वर्ष से अधिक आयु के ग्राहकों को जीवन बीमा पॉलिसी बेची गई है। आमतौर पर, बैंकों की शाखाएं अपनी अनुषंगी बीमा कंपनियों के उत्पादों का प्रचार-प्रसार करती हैं।
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वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों को ग्राहकों को बीमा उत्पादों की बिक्री के लिए ‘अनैतिक व्यवहार’ पर रोक लगाने के लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित करने का निर्देश दिया है। लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं कि ग्राहकों को बीमा उत्पादों की बिक्री के लिए सही जानकारी नहीं दी जाती है। इसके मद्देनजर वित्त मंत्रालय ने यह कदम उठाया है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशकों को लिखे पत्र में कहा गया है कि वित्तीय सेवा विभाग को शिकायतें मिली हैं कि बैंक और जीवन बीमा कंपनियों की ओर से बैंक ग्राहकों को पॉलिसी की बिक्री के लिए धोखाधड़ी वाले और अनैतिक तरीके अपनाए जा रहे हैं।
ऐसे उदाहरण भी सामने आए हैं, जहां दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में 75 वर्ष से अधिक आयु के ग्राहकों को जीवन बीमा पॉलिसी बेची गई है। आमतौर पर, बैंकों की शाखाएं अपनी अनुषंगी बीमा कंपनियों के उत्पादों का प्रचार-प्रसार करती हैं।
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