इसका मतलब यह हुआ कि अगर बाजार विभक्तिकरण की मान्यताएँ पुत्र हुआ (जिसमें XY गुणसूत्र है) तो, उस पुत्र में Y गुणसूत्र पिता से ही आएगा क्योंकि माता में तो Y गुणसूत्र होता ही नही है और यदि पुत्री हुई तो (xx गुणसूत्र) तो यह बाजार विभक्तिकरण की मान्यताएँ गुणसूत्र पुत्री में माता व् पिता दोनों से आते है.

गुणसूत्र : सात जन्मों के साथ का रहस्य

एक वंश एक आरेख है जो एक जीव और उसके पूर्वजों के बीच जैविक संबंधों को दर्शाता है। यह फ्रांसीसी चितकबरी डे ग्रू क्रेन का बाजार विभक्तिकरण की मान्यताएँ पैर से आता है क्योंकि एक वंशावली की शाखाएं और रेखाएं एक पतली क्रेन के पैर की शाखाओं के बाजार विभक्तिकरण की मान्यताएँ समान होती हैं। एक वंशावली का उपयोग विभिन्न जानवरों के लिए किया जाता है, जैसे कि मनुष्य, कुत्ते और घोड़े। अक्सर, इसका उपयोग आनुवंशिक विकारों के संचरण को देखने के लिए किया जाता है। सनातन हिन्दू परंपरा के अनुसार पुत्र (बेटा) को कुलदीपक अथवा वंश को आगे बढ़ाने वाला माना जाता है अर्थात उसे गोत्र का वाहक माना जाता है. क्या आप जानते हैं कि बाजार विभक्तिकरण की मान्यताएँ आखिर क्यों होता है कि सिर्फ पुत्र को ही वंश का वाहक माना जाता है ?

कैलाश भास्कर ( Nursing superintendent ) बताते है की असल में इसका कारण पुरुष प्रधान समाज अथवा पितृसत्तात्मक व्यवस्था नहीं बल्कि, हमारे जन्म लेने की प्रक्रिया है. अगर हम जन्म लेने बाजार विभक्तिकरण की मान्यताएँ की प्रक्रिया को सूक्ष्म रूप से देखेंगे तो हम पाते हैं कि एक स्त्री में गुणसूत्र (Chromosomes) XX होते है और पुरुष में XY होते है.

गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 और कृषि उपभोक्ताओं को 10 घण्टे बिजली देने कृत-संकल्पित

विद्युत एक महत्वपूर्ण कार्य क्षेत्र है। वर्ष 2003-04 में जब हमारी सरकार सत्ता में आई, बाजार विभक्तिकरण की मान्यताएँ उस समय प्रदेश में बिजली की स्थिति अत्यंत दयनीय थी। आये दिन विद्युत कटौती होती थी एवं उद्योगों और कृषकों को भी नियमित विद्युत प्रदाय नहीं हो पा रहा था। उस समय हमारी सरकार ने प्रदेश के विद्युत बाजार विभक्तिकरण की मान्यताएँ क्षेत्र में सुधार को एक चुनौती के रूप में लिया और न केवल प्रदेश को बिजली के क्षेत्र में बाजार विभक्तिकरण की मान्यताएँ आत्म-निर्भर बनाया, अपितु विद्युत आधिक्य वाले राज्य के रूप में भी स्थापित किया।

मोदी जी के “मन की बात” - शिवराज जी ने लगाई “दिल से” - डॉ. मयंक चतुर्वेदी

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भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक के बाद एक नवाचारों को आरंभ किया है, उसमें से एक निर्णय जनता से सीधे .

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