शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग तब होती है जब कोई निवेशक अपने स्टॉक को कुछ दिनों या महीनों के लिए रखता है, लेकिन एक साल से भी कम समय के लिए। तो इसका अनिवार्य रूप से मतलब है कि आपका पैसा केवल थोड़े समय के लिए जोखिम ट्रेडिंग के लिए सेटअप और रणनीतियां ट्रेडिंग के लिए सेटअप और रणनीतियां में है। अगर आप कोई गलत निर्णय लेते हैं, तो आपको वास्तव में लंबी लॉक-इन अवधि के लिए प्रतीक्षा करने के बजाय परिणाम जल्द ही पता चल जाते हैं। यह आपको अपने पैसे को मुक्त करने और नए ट्रेडिंग सेटअप में इसका उपयोग करने का अवसर देता है।

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Day Trading- डे ट्रेडिंग

डे ट्रेडिंग
डे ट्रेडिंग (Day Trading) आमतौर पर एक ट्रेडिंग दिन के अंदर सिक्योरिटी को खरीदने या बेचने की प्रणाली है। यह किसी भी मार्केटप्लेस में हो सकती है लेकिन यह फॉरने एक्सचेंज और स्टॉक मार्केट्स में ज्यादा आम है। किसी एसेट के लिए मूल्य परिवर्तन से मुनाफा प्राप्त करने की इंट्राडे स्ट्रैटेजी क्रियान्वित करने वाले एक्टिव ट्रेडर्स, डे ट्रेडर्स कहलाते हैं। डे ट्रेडर्स लेवरेज और शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग रणनीतियों के उच्च अमाउंट का इस्तेमाल करते हैं ताकि बेहद ज्यादा लिक्विड स्टॉक्स या करेंसीज में अस्तित्व में आने वाले स्मॉल प्राइस मूवमेंट्स को भुनाया जा सके। डे ट्रेडिंग हर किसी के लिए नहीं है। इसमें कुछ जोखिम रहते हैं। डे ट्रेडिंग के लिए इस बात की गहरी समझ की जरूरत होती है कि बाजार कैसे काम करते हैं। साथ ही शॉर्ट टर्म में मुनाफे के लिए विभिन्न रणनीतियों की समझ होना भी जरूरी है।

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एक दिन की ट्रेडिंग के लिए सेटअप और रणनीतियां छुट्टी के बाद आज फिर शेयर बाजार में कारोबार होगा. बुधवार को कारोबार नहीं हुआ था ऐसे में आज बाजार में कुछ एक्शन देखने को मिल सकता है. विदेशी संकेत दबाव भरे हैं लेकिन घरेलू संकेत बेहतर है. ऐसे में संभव है कि पिछले सत्र की गिरावट के बाद आज बाजार में स्टॉक स्पेस्फिक एक्शन हो. अगर आप भी आज कुछ सौदे करने की कोशिश में है तो हम आपको बताते हैं कुछ ऐसे स्टॉक जहां आज कुछ हलचल हो सकती है. आप इन कंपनियों के साथ अपनी रणनीति बन सकते हैं.

कैसे रहे विदेशी संकेत

बैंक ऑफ कनाडा ने प्रमुख दरों में 50 बेस अंक की अप्रत्याशित बढ़त की है. बैंक के प्रमुख ने कहा है कि अर्थव्यवस्था पर मंदी का हल्का असर देखने को मिल सकता है. वहीं अमेरिका पर महंगाई की मार जारी है, अमेरिकी मार्गेज रेट्स 2001 के बाद अब तक के सबसे ऊंचे स्तरों पर पहुंच गए हैं. इन संकेतों से तय है कि आगामी पॉलिसी समीक्षा में फेड रल रिजर्व दरें बढ़ाएगा जिसका असर ग्रोथ पर दिख सकता है. वहीं टेक कंपनियों के नतीजों के लेकर आशंकाएं बनी हुई इससे अमेरिकी बाजारों पर आगे दबाव देखने को मिल सकता है.

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Intraday, Short-term या Long-term? कौन सा ट्रेडिंग बेहतर, जानिए तीनों की विशेषताएं क्या है

Share Trading: अगर आप शेयर मार्केट को थोड़ा बहुत जान गए है, तो आपका अगला सवाल हो सकता है कि ट्रेडिंग के ट्रेडिंग के लिए सेटअप और रणनीतियां लिए इंट्राडे ट्रेडिंग, शॉर्ट-टर्म या लॉन्ग-टर्म ट्रेडिंग में से कौन सा ठीक रहेगा। आपके इन्ही सवालों के जवाब के लिए पोस्ट को अंत तक ध्यान से पढें।

Share Trading: अगर आप शेयर मार्केट में नए हैं, तो आपके सामने सबसे पहला सवाल यह होगा कि सही प्रकार ट्रेडिंग के लिए सेटअप और रणनीतियां की ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी क्या है और आपको शेयर बाजार में अपना पैसा कैसे निवेश करना चाहिए? क्या यह इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading), शॉर्ट-टर्म (Short-term Trading) या लॉन्ग-टर्म ट्रेडिंग (Long-term Trading) होनी चाहिए? आइए पहले इन तीनों शब्दों ट्रेडिंग के लिए सेटअप और रणनीतियां में से प्रत्येक को समझने से शुरू करें।

Options Trading: क्‍या होती है ऑप्‍शंस ट्रेडिंग? कैसे कमाते हैं इससे मुनाफा और क्‍या हो आपकी रणनीति

By: मनीश कुमार मिश्र | Updated at : 18 Oct 2022 03:40 PM (IST)

ऑप्‍शंस ट्रेडिंग ( Image Source : Getty )

डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) भारतीय बाजार के दैनिक कारोबार में 97% से अधिक का योगदान देता है, जिसमें ऑप्शंस एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता है. निवेशकों के बीच बाजार की जागरूकता बढ़ने के साथ, ऑप्शंस ट्रेडिंग (Options Trading) जैसे डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) में रिटेल भागीदारी में उछाल आया है. इसकी मुख्‍य वजह उच्च संभावित रिटर्न और कम मार्जिन की आवश्यकता है. हालांकि, ऑप्शंस ट्रेडिंग में उच्च जोखिम शामिल है.

क्‍या है ऑप्‍शंस ट्रेडिंग?

Options Trading में निवेशक ट्रेडिंग के लिए सेटअप और रणनीतियां किसी शेयर की कीमत में संभावित गिरावट या तेजी पर दांव लगाते हैं. आपने कॉल और पुष ऑप्‍शंस सुना ही होगा. जो निवेशक किसी शेयर में तेजी का अनुमान लगाते हैं, वे कॉल ऑप्‍शंस (Call Options) खरीदते हैं और गिरावट का रुख देखने वाले निवेशक ट्रेडिंग के लिए सेटअप और रणनीतियां पुट ऑप्‍शंस (Put Options) में पैसे लगाते हैं. इसमें एक टर्म और इस्‍तेमाल किया जाता है स्‍ट्राइक रेट (Strike Rate). यह वह भाव होता है जहां आप किसी शेयर या इंडेक्‍स को भविष्‍य में जाता हुआ देखते हैं.

ProjectSyndicate द्वारा LINKUSD – Technische Analyse – 2022-12-19 17:29:16

-ट्रेडिंग व्यू पर शीर्ष लेखक
-2000+ विचार प्रकाशित
बाजारों में -15+ साल का अनुभव
-पेशेवर चार्ट का टूटना
– आपूर्ति / मांग क्षेत्र
-TD9 मायने रखता है / कॉम्बो समीक्षा
-की एस/आर स्तर
-मेरे चार्ट पर जंक नहीं है
-लगातार अद्यतन
– एफएक्स/क्रिप्टो/यूएस स्टॉक को कवर करना
– पहले / विश्लेषण के बाद
-24/7 अपटाइम इतना लगातार अद्यतन

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