गिरावट की क्या रही वजह
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के पीछे एक मुख्य वजह फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) में आना रहा, जो 30 सितंबर को समाप्त हुए हफ्ते में 472.81 अरब डॉलर रहा है. इसके पिछले हफ्ते में FCA 477.21 अरब डॉलर रहा था. इसके अलावा गोल्ड एसेट्स 30 सितंबर को समाप्त हुए हफ्ते में घटकर 37.61 अरब डॉलर रहा, जो इसके पिछले हफ्ते 37.89 अरब डॉलर रहा है.
उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए घटता विदेशी मुद्रा भंडार एक बड़ा जोखिम, भारत के पास है इससे निपटने का ब्लूप्रिंट
ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार थाईलैंड में जीडीपी के मुकाबले विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है। इसके बाद मलेशिया और भारत का स्थान है। लेकिन भारतीय रुपया अब धीरे-धीरे स्थिरता की तरफ बढ़ रहा है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। उभरती एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के सामने इन दिनों एक बड़ी मुश्किल खड़ी होती जा रही है। इन अर्थव्यवस्थाओं के विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से कमी आ रही है, जो चिंता का विषय है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।
ज्यादातर एशियाई अर्थव्यवस्थाएं इन दिनों क्या विदेशी मुद्रा स्टॉक से सुरक्षित है डॉलर की मजबूती का शिकार हैं। बहुत से केंद्रीय बैंक अपनी मुद्राओं में होने वाली गिरावट को रोकने के लिए बाजार में हस्तक्षेप कर रहे हैं। वे करेंसी मार्केट में अपने विदेशी मुद्रा कोष से डॉलर की बिक्री कर रहे हैं। लेकिन इससे हो यह रहा है कि उनका खजाना दिनों-दिन खाली होता जा रहा है। अगर यह स्थिति कुछ दिन और बनी रही तो जल्द ही एशियाई देशों के केंद्रीय बैंकों को करेंसी मार्केट में हस्तक्षेप करना बंद करना होगा।
क्या है वास्तविक स्थिति
एक देश अपनी विदेशी मुद्रा होल्डिंग्स के साथ कितने महीने का आयात अफोर्ड कर सकता है, इस हिसाब से देखें तो चीन को छोड़कर बाकी उभरती हुई एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के लिए विदेशी मुद्रा भंडार लगभग सात महीने के आयात तक गिर गया है। 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट के बाद से यह सबसे खराब आंकड़ा है। इस साल की शुरुआत में इन देशों का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 10 महीने के आयात के बराबर था। अगस्त 2020 में यह 16 महीने के उच्चतम स्तर पर था।
सिंगापुर में स्टैंडर्ड चार्टर्ड में आसियान और दक्षिण एशिया एफएक्स अनुसंधान के प्रमुख दिव्या देवेश ने कहा कि गिरावट से संकेत मिलता है कि अपनी करेंसी को सपोर्ट करने के लिए केंद्रीय बैंको का हस्तक्षेप घटता जाएगा।
किस देश के पास कितना फॉरेन रिजर्व
ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, थाईलैंड ने सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे बड़ी गिरावट देखी, इसके बाद मलेशिया और भारत का स्थान रहा। स्टैंडर्ड चार्टर्ड का अनुमान है कि भारत के पास लगभग नौ महीने, इंडोनेशिया के लिए छह, फिलीपींस के पास आठ और दक्षिण कोरिया के पास सात महीने के आयात को कवर करने के लिए विदेशी मुद्रा बची है।
इस स्थिति को देखते हुए मंदी का कोई भी संकेत एशियाई मुद्राओं के लिए नुकसान को बढ़ा सकता है। हाल के दिनों में कई एशियाई मुद्राएं ऐसी रही हैं, जिन्होंने डॉलर के मुकाबले सबसे बड़ी गिरावट देखी है। बहुत संभव है कि कुछ देशों के केंद्रीय बैंक डॉलर की बिक्री करने के बजाय उसकी खरीद में लग जाएं। उनका ध्यान आयातित मुद्रास्फीति से निर्यात को बढ़ावा देने की तरफ भी जा सकता है।
Foreign Exchange Reserves: नौ सप्ताह बाद मिली राहत, विदेशी मुद्रा भंडार में आया उछाल, सोने में तेजी का मिला फायदा
Foreign Exchange Reserves: लगातार नौ सप्ताह की गिरावट के बाद विदेशी मुद्रा भंडार में सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 20.4 करोड़ डॉलर का उछाल दर्ज किया गया और यह 532.868 अरब डॉलर पर पंहुच गया.
Foreign Exchange Reserves: लगातार नौ सप्ताह तक विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई जिसके बाद बीते सप्ताह इसमें तेजी आई है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पंहुच गया. भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक सुरक्षित सोने के भंडार का मूल्य बढ़ने से विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई है. इसके पिछले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.664 अरब क्या विदेशी मुद्रा स्टॉक से सुरक्षित है डॉलर पर आ गया था.
अक्टूबर 2021 में डॉलर रिजर्व 645 बिलियन डॉलर था
देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कई हफ्तों से लगातार गिर रहा था. दरअसल तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में डॉलर के मुकाबले तेजी से गिरते रुपए को संभालने के लिए आरबीआई ने इस विदेशी मुद्रा भंडार के एक हिस्से का इस्तेमाल किया है. एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था. आरबीआई की तरफ से जारी साप्ताहिक सांख्यिकीय आंकड़ों के अनुसार, सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 1.311 अरब डॉलर घटकर 471.496 अरब डॉलर रह गयीं. एफसीए असल में समग्र भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है.
डॉलर के संदर्भ में एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल है. आरबीआई ने कहा कि सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में सोने के सुरक्षित भंडार के मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि होने से विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है. इस दौरान सोने के सुरक्षित भंडार का मूल्य 1.35 अरब डॉलर बढ़कर 38.955 अरब डॉलर पर आ गया. केंद्रीय बैंक के अनुसार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 15.5 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 17.582 अरब डॉलर रह गया है. इसके अलावा समीक्षाधीन सप्ताह में अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के पास रखी भारत की आरक्षित निधि 10 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.836 अरब अमेरिकी डॉलर हो गई.
रुपए पर अभी बना रहेगा दबाव
इधर डॉलर के मुकाबले रुपए के प्रदर्शन को लेकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के मुद्रा और सर्राफा विश्लेषक गौरांग सोमैया ने कहा, ‘‘अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपए के 82.10 से 82.6 प्रति डॉलर के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है.’’
बीते सप्ताह डॉलर इंडेक्स 113.31 के स्तर पर बंद हुआ. आखिरी कारोबारी सत्र में तेल में गिरावट दर्ज की गई. ब्रेंट क्रूड बीते सप्ताह 91.63 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ. WTI क्रूड 85.61 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ. इसके अलावा, बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 684 अंक या 1.20 फीसदी की मजबूती के साथ 57920 अंक पर पंहुचा गया तथा निफ्टी में भी 171.35 अंक की बढ़त रही.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 28 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह में 6 अरब 56 करोड डॉलर बढ़कर, पांच सौ 31 अरब डॉलर से अधिक हुआ
रिजर्व बैंक ने कहा है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 28 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह में छह अरब छप्पन करोड दस लाख डॉलर बढ़कर, पांच खरब 31 अरब आठ करोड़ दस लाख डॉलर हो गया है। इसी अवधि में विदेशी मुद्रा परिसम्पत्ति में भी पांच अरब 77 करोड़ बीस लाख डॉलर की वृद्धि हुई है और यह चार खरब 70 अरब 84 करोड 70 लाख तक पहुंच गया है। देश के स्वर्ण भंडार की कीमत में पचपन करोड़ साठ लाख की वृद्धि हुई है और यह बढ़कर 37 अरब 76 करोड़ बीस लाख डॉलर हो गया है। विशेष आहरण अधिकार में भी आठ करोड पचास लाख डॉलर की बढोतरी हुई है और यह बढ़कर 17 अरब 62 करोड पचास लाख डॉलर हो गया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष में भारत का सुरक्षित भंडार भी चार करोड़ अस्सी लाख डॉलर बढ़ा है और यह 4 अरब 84 करोड 70 क्या विदेशी मुद्रा स्टॉक से सुरक्षित है लाख अमरीकी डॉलर हो गया है।
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Foreign Exchange: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर रहा
By: ABP Live | Updated at : 14 Oct 2022 07:47 PM (IST)
विदेशी मुद्रा भंडार
Foreign Exchange Reserves: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट देखी जा रही थी. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के आंकड़े के अनुसार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) 10 वें सप्ताह में पहली बार अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 7 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पंहुच गया. आपको बता दे कि सुरक्षित सोने के भंडार का मूल्य बढ़ने से विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई है. इसके पिछले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.664 अरब डॉलर पर आ गया था. मालूम हो कि पिछले साल अक्टूबर 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर था.
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