डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो का महत्त्व
म्यूचुअल फंड कंपनियों में सिल्वर ईटीएफ लाने की होड़, 1,400 करोड़ रुपये की संपत्तियां जुटाईं
नई दिल्ली। म्युचुअल फंड कंपनियों ने इस साल सिल्वर ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) श्रेणी में कई नई कोष पेशकशें की हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा 2021 में पेश किए गए नव-सृजित परिसंपत्ति वर्ग की शुरुआत के बाद एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ से म्यूचुअल फंड कंपनियों ने इसके जरिये 1,400 करोड़ रुपये की संपत्तियां जुटाई हैं। सेबी …
नई दिल्ली। म्युचुअल फंड कंपनियों ने इस साल सिल्वर ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) श्रेणी में कई नई कोष पेशकशें की हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा 2021 में पेश किए गए नव-सृजित परिसंपत्ति वर्ग की शुरुआत के बाद से म्यूचुअल फंड कंपनियों ने इसके जरिये 1,400 करोड़ रुपये की संपत्तियां जुटाई हैं।
सेबी के पास उपलब्ध सूचनाओं के अनुसार, कोटक एसेट मैनेजमेंट कंपनी सहित म्यूचुअल फंड कंपनियों ने निवेशकों के लिए सिल्वर ईटीएफ के साथ-साथ सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड्स के लिए बाजार नियामक के पास दस्तावेजों का मसौदा जमा कराया है। ये एनएफओ (नई कोष पेशकश) निवेशकों को डिजिटल तरीके से निवेश करने और चांदी का स्वामित्व रखने का अवसर प्रदान कर रहे हैं।
कहाँ से हो निवेश की शुरुआत
इक्विटी जो कि मुद्रास्फीति से उबरने का सबसे अच्छा तरीका लगता है उसमें एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ निवेश के पहले कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसकी व्यवसायिक संभावनाएँ, वैल्यूएशन के साथ ही उद्योग की गतिशीलता और बाजार के मौजूदा हालात आदि को भली भाँति जानना जरूरी होता है।
निफ्टी50 ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड Exchange Traded Fund) यह ऐसा खास सूचकांक है जो एक्सचेंज पर एक स्टॉक की तरह कारोबार करता है लेकिन म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा इसके ऑफर दिए जाते हैं। बाजार में कामकाज के समय के दौरान ईटीएफ की इकाई (यूनिट) खरीदी या बेची जा सकती है। शेयर बाजार में अपनी पारी की शुरुआत करने के लिये निफ्टी50 ईटीएफ एक अच्छा स्टार्टिंग पॉइंट है।
निफ्टी 50 ईटीएफ के फायदे
निफ्टी50 ईटीएफ में बहुत ही कम रकम के साथ कारोबार शुरू किया जा सकता है। कुछ सौ रुपए लगाकर ही ईटीएफ की यूनिट पाई जा सकती है। जैसे कि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी50 ईटीएफ भारतीय स्टॉक एक्सचेंज पर ₹185 पर उपलब्ध है। इस तरह नए निवेशक ₹500 से ₹1000 तक के निवेश कर सकते हैं और निफ्टी50 ईटीएफ की यूनिट खरीदी जा सकती है। यह निवेश प्रतिमाह किसी तय राशि के साथ भी किया जा सकता है। साथ ही, ऐसा करने से बाजार के सभी स्तरों पर खरीदारी की जा सकेगी और निवेश में भी औसत लागत आएगी। निफ्टी50 ईटीएफ में मिलने वाली इकाइयों में ट्रैकिंग एरर जितना कम हो उतना बेहतर होता है जैसे कि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी50 का ट्रैकिंग एरर विचलन (Diviation) 0.03% है।
मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से सबसे बड़ी कंपनियाँ इसमें शामिल हैं। नए निवेशक के लिए शेयर और सेक्टरों के लिहाज से यह विभिन्नता से भरा हुआ विकल्प देता है।
निवेश पर लागत कम
निफ्टी50 ईटीएफ में निवेश करना इस लिए भी फायदेमंद है क्योंकि ईटीएफ निफ्टी50 इंडेक्स को निष्क्रिय रूप से ट्रैक करता है इसलिए लागत कम आती है।
शेयर बाजार में निवेश जोखिम से भरा होता है। ग्राहक अपनी सूझबूझ और जानकारों की सलाह से निवेश कर सकते हैं।
Bitcoin ETF : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की नई शुरुआत, अब इन्वेस्ट कर सकेंगे बिटकॉइन फ्यूचर में
Wall Street पर Bitcoin Future में निवेश. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
पॉपुलर और सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin अब मेनस्ट्रीम निवेश के माध्यमों का हिस्सा बनने जा रही है. न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर मंगलवार को बिटकॉइन का एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ETF शुरू एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ हो रहा है. ETFs की एक शीर्ष कंपनी ProShares एक वायदा बाजार में बिटकॉइन का ETF स्वरूप ला रही है, जिसमें निवेशक सीधे वहीं से निवेश कर सकेंगे. यह वैसा एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ ही होगा, जैसा कि वायदा बाजार में किसी प्रॉडक्ट में निवेश करते हैं. कंपनी ने कहा है कि वो फ्यूचर इंडेक्स के तहत "BITO" टिकर नाम से बिटकॉइन फ्यूचर लॉन्च करेगी. म्युचुअल फंड में एक दिन में एक बार ट्रेडिंग होती है, लेकिन उसके उलट ETFs में पूरा दिन ट्रेडिंग की जाती है.
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क्रिप्टो निवेशक काफी वक्त से इस लॉन्चिंग का इंतजार कर रहे हैं. इसके चलते पिछले दिनों बिटकॉइन की कीमत ने एक बार फिर 62,000 डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया था. अप्रैल, 2021 के बाद से बिटकॉइन में ऐसी तेजी नहीं दिखी है.
ProShares ने कहा कि निवेशक सीधे एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ डिजिटल करेंसी में निवेश करने के बजाय BITO के जरिए बिटकॉइन फ्यूचर में निवेश कर पाएंगे.
BITO से अब बिटकॉइन के दरवाजे निवेशकों की उस बड़ी तादाद के लिए खुल एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ जाएंगे, जिनके पास अपना ब्रोकरेज अकाउंट और वो स्टॉक या ETFs में निवेश करने को लेकर सहज महसूस करते हैं. ऐसे निवेशक जो बिटकॉइन में निवेश करने के लिए अलग से न तो क्रिप्टोकरेंसी अकाउंट या वॉलेट सेटअप करना चाहते हैं, न ही इसके सुरक्षा या नियमन संबंधी शंकाओं का सामना करना चाहते हैं.,
Securities and Exchange Committee ने ProShares फंड की लॉन्चिंग पर कोई आपत्ति नहीं जताई है, लेकिन एजेंसी ने निवेशकों से अपील की है कि वो इस फंड में निवेश करने की संभावित लाभ-नुकसान को देखकर ही फैसला लें.
Gold ETF के बारे में जानकारी
Gold ETF: म्यूचुअल फंड उद्योग संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने सोने में निवेश करनेवाले खाताधारकों की संख्या में वृद्धि हुई है। लेकिन साथ ही निवेशकों द्वारा निकासी भी की जा रही है। देखा गया है कि जुलाई के महीने में सोने में निवेश के लिए निवेशकों का रुझान कम हुआ है। ईटीएफ गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के मुताबिक 2022 में जुलाई माह के दौरान ₹457 करोड़ निकाले गए हैं। लेकिन वहीं इसी महीने ईटीएफ फोलियो की संख्या में 37,500 की बढ़त भी हुई है। फोलियो की कुल संख्या अब 46.43 लाख हो गई है। इस लेख में जानने की कोशिश करेंगे कि निवेशकों ने निकासी किन कारणों से की होगी।
दरअसल गोल्ड ईटीएफ एक अच्छा विकल्प है यदि आप सोने में निवेश करना चाहते हों। यह म्यूचुअल फंड का हिस्सा है और इसकी खरीद यूनिट के हिसाब से की जाती है। इसमें शेयर की तरह ही कारोबार होता है। यूनिट बेचने पर निवेशक को सोने के मूल्य के बराबर रकम मिलती है, सोना नहीं मिलता। यह एक ग्राम सोने के जेवर खरीदने से सस्ता और अच्छा विकल्प है। एक ग्राम के जेवर, एक ग्राम सोने के यूनिट से कहीं अधिक महंगे होते हैं क्योंकि उस पर मेकिंग चार्ज का भी अतिरिक्त भुगतान ग्राहक को करना पड़ता है। गोल्ड ईटीएफ के निवेश में ऐसा कोई अतिरिक्त चार्ज भी नहीं है और इसमें चोरी का भी कोई डर नहीं है।
आखिर निवेशकों ने एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ क्यों की निकासी
ऐसा माना जा रहा है कि
- शेयरों में तेजी होने के कारण उसका लाभ लेने की दृष्टि से निकासी की जा रही है।
- ब्याज की दरों में वृद्धि होने के कारण पीली धातुओं की कीमतों में कमी आई है जिसके कारण भी ईटीएफ से निकासी की गई।
- सोने की मांग और आपूर्ति पर रुपये में गिरावट का भी असर पड़ा है।
- गोल्ड ईटीएफ की ओर निवेशकों का रुझान कम होने का कारण सोने की कम कीमत भी माना जा रहा है और इसके कारण निकासी की गई है।
निवेशकों को सलाह - जल्दबाजी में निर्णय न लें
“निवेशकों को घबराहट में या जल्दबाजी में एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ गोल्ड ईटीएफ से निकासी नहीं करनी चाहिए,” यह कहना है आईआईएफएल के उपाध्यक्ष अनुज गुप्ता एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ का। गुप्ता के अनुसार शेयरों में तेजी का लाभ लेने के लिए निकासी अभी नहीं करनी चाहिए। उन्हें उम्मीद है कि रूस-यूक्रेन के संकट और चीन-ताइवान के तनाव को देखते हुए सोने की कीमतों में उछाल आ सकता है। वहीं भारत में भी त्योहारों का समय आने वाला है। ऐसे में गोल्ड ईटीएफ में यदि निवेश किया जाए और यह निवेश बनाए रखा जाए तो यह सौदा मुनाफे वाला हो सकता है।
गोल्ड ईटीएफ में ₹20,038 करोड़ का निवेश है और ईएलएसएस में ₹1.47910 करोड़ का निवेश है। वहीं मल्टी कैप फंड में ₹59,303 करोड़ और मिड कैप फंड में ₹168,438 करोड़ का निवेश है। अगर लार्ज कैप फंड में कुल निवेश की बात की जाए तो यह ₹231,851 करोड़ है तो स्मॉल कैप फंड में ₹113,332 करोड़ और फोकस फंड में ₹99,933 करोड़ का निवेश है।
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क्रिप्टो निवेशक काफी वक्त से इस लॉन्चिंग का इंतजार कर रहे हैं. इसके चलते पिछले दिनों बिटकॉइन की कीमत ने एक बार फिर 62,000 डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया था. अप्रैल, 2021 के बाद से बिटकॉइन में ऐसी तेजी नहीं दिखी है.
ProShares ने कहा कि निवेशक सीधे डिजिटल करेंसी में निवेश करने के बजाय BITO के जरिए बिटकॉइन फ्यूचर में निवेश कर पाएंगे.
BITO से अब बिटकॉइन के दरवाजे निवेशकों की उस बड़ी तादाद के लिए खुल जाएंगे, जिनके पास अपना ब्रोकरेज अकाउंट और वो स्टॉक या ETFs में निवेश करने को लेकर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ सहज महसूस करते हैं. ऐसे निवेशक जो बिटकॉइन में निवेश करने के लिए अलग से न तो क्रिप्टोकरेंसी अकाउंट या वॉलेट सेटअप करना चाहते हैं, न ही इसके सुरक्षा या नियमन संबंधी शंकाओं का सामना करना चाहते हैं.,
Securities and Exchange Committee ने ProShares फंड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ की लॉन्चिंग पर कोई आपत्ति नहीं जताई है, लेकिन एजेंसी ने निवेशकों से अपील की एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ है कि वो इस फंड में निवेश करने की संभावित लाभ-नुकसान को देखकर ही फैसला लें.
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