Budget 2022: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों को झटका देने की तैयारी, सरकार लगा सकती है टैक्स, जानें डिटेल
दुनिया में सबसे अधिक क्रिप्टोकरेंसी के मालिक भारत में हैं. इनकी संख्या करीब 10.07 करोड़ है.
Tax on Crypto in Budget 2022 : आगामी बजट में एक निश्चित सीमा से ऊपर क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री पर टीडीएस/टीसीएस (TDS . अधिक पढ़ें
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- Last Updated : January 17, 2022, 11:08 IST
नई दिल्ली. देश में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेनदेन में निश्चित निवेश लेकर चल रही अटकलों के बीच सरकार बजट 2022 (Budget 2022) में इसे टैक्स के दायरे में लाने पर विचार कर सकती है. टैक्स विशेषज्ञों का कहना है कि आगामी बजट में एक निश्चित सीमा से ऊपर क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री (Sale-Purchase) पर टीडीएस/टीसीएस (TDS/TCS) लगाने पर विचार किया जा सकता है.
नांगिया एंडरसन एलएलपी के टैक्स प्रमुख अरविंद श्रीवत्सन का कहना है कि ऐसे लेनदेन को विशेष लेनदेन के दायरे में लाया जाना चाहिए. इससे इनकम टैक्स अधिकारियों (Income Tax Officers) को क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री से होने वाली कमाई (Income) के बारे में जानकारी मिलेगी. इस समय दुनिया में सबसे अधिक क्रिप्टोकरेंसी के मालिक भारत में हैं. इनकी संख्या करीब 10.07 करोड़ है.
30 फीसदी के हिसाब से लगे टैक्स
अरविंद का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री से होने वाली कमाई पर लॉटरी (Lottery), गेम शो (Game Shows) और पजल (Puzzle ) की तरह 30 फीसदी के उच्च टैक्स स्लैब के हिसाब कर लिया जाना चाहिए. एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 2030 तक भारतीयों का क्रिप्टोकरेंसी में निवेश (Investment in Cryptocurrencies) बढ़कर 24.1 करोड़ डॉलर पहुंच सकता है.
प्रतिगामी टैक्स व्यवस्था पर विचार
उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर रेगुलेशन (Regulation) के लिए संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session) में एक विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद थी. हालांकि, पेश नहीं किया गया. अब उम्मीद है कि सरकार बजट सत्र में इस विधेयक (Bill) को ला सकती है. अगर सरकार ने भारतीयों को क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार से प्रतिबंधित (Prohibit) नहीं किया तो हम उम्मीद करते हैं कि सरकार इसके लिए एक प्रतिगामी टैक्स व्यवस्था (Regressive Tax Regime) ला सकती है.
खरीद-बिक्री दोनों पर निगरानी
अरविंद का कहना है कि बाजार के आकार, इसमें निवेश राशि और जोखिम को देखते हुए क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्सेशन में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं. उन्हें स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत पर एकत्र कर (टीसीएस) के दायरे में लाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री और खरीद दोनों को वित्तीय लेनदेन विवरण (एसएफटी) के दायरे में लाया जाना चाहिए. ऐसा करने से इनकी निगरानी की जा सकेगी.
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कोविड के बाद क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने से पहले इसे पढ़ें
क्रिप्टो मूल्य के हस्तांतरण को नियंत्रित और सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफ़ी का उपयोग करके डिजिटल एसेट की ट्रेडिंग करता है। क्रिप्टो के पीछे का विचार एक विकेंद्रीकृत और पूरी तरह से सत्यापित नेटवर्क बनाना है जो ऑडिटिंग क्षमता और प्रामाणिकता के लिए सहकर्मी समीक्षा का उपयोग करता है। अपने सबसे बुनियादी रूप में, क्रिप्टो डिजिटल पैसा है जो इसे बनाने के लिए किसी भी सरकार या केंद्रीय बैंक पर निर्भर नहीं करता है, इसके उपयोगकर्ताओं द्वारा "खनन" नामक विकेंद्रीकृत और ओपन-सोर्स प्रक्रिया के माध्यम से इसकी सप्लाइ को कंट्रोल किया जाता है।
सभी क्रिप्टोकरेंसी एक ब्लॉकचेन नामक सिस्टम पर काम करती हैं। ब्लॉकचेन अब तक किए गए सभी क्रिप्टो लेनदेन का एक अपडेटिड पब्लिक लेजर है। चूंकि इसे डिस्ट्रीब्यूट किया जाता है और आसानी से बदला जाता है, इसलिए इसे सुरक्षित और अप्राप्य माना जाता है।इसका मतलब है कि अपडेटेड ब्लॉकचेन पर चीजों को खरीदने और बेचने के लिए पेपाल या वीजा जैसे विश्वसनीय तीसरे पक्ष की आवश्यकता नहीं होती है। अधिकांश उपयोगकर्ता अपने स्मार्टफोन और सॉफ्टवेयर के माध्यम से ब्लॉकचेन का उपयोग करते हैं।
क्या क्रिप्टोकरेंसी सुरक्षित है
जो लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते हैं, वे अपनी मेहनत की कमाई को खोने का जोखिम उठाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के पीछे की तकनीक को हैकर्स और पर्याप्त संसाधनों के साथ किसी भी अन्य पार्टी के लिए कमजोर होने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह आपके निवेश के मूल्य और वित्तीय सेवाओं तक पहुंचने के लिए साधारण लोगों की क्षमता के लिए गंभीर परिणाम हो सकता है, जो अब वे क्रिप्टोकरेंसी पर भरोसा करते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के साथ महत्वपूर्ण जोखिम भी शामिल हैं, उन नए प्रकार के डिजिटल कैश जिनका उपयोग उत्पादों और सेवाओं को ऑनलाइन खरीदने के लिए किया जा सकता है।यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि आप वास्तव में कौन से जोखिम लेने की योजना बना रहे हैं, और बहुत से लोग जिन्होंने मूर्खतापूर्ण तरीके से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है, उन्होंने सब कुछ खो दिया है।
आखिरी चीज जो हम चाहते हैं, वह यह है कि क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वाले किसी के लिए भी पैसा खोना है। "निवेश जोखिम भरा है और यह निश्चित नहीं है कि यह भुगतान करेगा। साथ ही, हालांकि, यह आपको तेजी से पैसा बनाने की अनुमति दे सकता है।"
कोई रेगुलेशन और टैक्सेशन नहीं
क्रिप्ट करेंसी का लॉन्च ट्रेंड का अनुसरण करने वालों के लिए कोई आश्चर्य की बात नहीं है। जिस किसी ने भी क्रिप्टोकरेंसी खरीदी है, वह जानता है कि यह बहुत अधिक जोखिम वाला निवेश है। एक्सचेंज रेट लगातार बदल रही है, जिससे आम लोगों के लिए यह समझना मुश्किल हो गया है कि वे किसी दिए गए सिक्के में कितना निवेश कर रहे हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि क्रिप्टोकरेंसी के आसपास का नियामक माहौल अस्पष्ट बना हुआ है।जबकि कई लोग दावा करते हैं कि क्रिप्टोक्यूरेंसी नियम जल्द ही लागू किए जाएंगे लेकिन दूसरों को संदेह है कि यह बिल्कुल लागू होगा।
यदि आप क्रिप्टो लोन कंपनी में अपना विश्वास रखते हैं, तो आप अपना पैसा जोखिम में डाल रहे हैं। इस बात की गारंटी देने का कोई तरीका नहीं है कि कोई कंपनी आपको सही कीमत पर और सही मात्रा में पैसा उधार देगी। चुकाए जाने से पहले आप अपना सारा पैसा खो सकते हैं, या अपनी बचत से मुश्किल से बच सकते हैं। हमने देखा है कि लोग जोखिम भरे निवेशों पर पैसा बचाने के लिए वर्षों खर्च करते हैं।क्रिप्टो एसेट खरीदने का जोखिम बहुत अधिक होता है।
धोखाधड़ी की संभावना
जैसा कि ऊपर कहा गया है, डिजिटल करेंसी एक अच्छा निवेश विकल्प हो सकता है।हालांकि यह सभी के लिए नहीं है।यदि आप निवेश के रूप में डिजिटल करेंसी में कूदने जा रहे हैं, तो कुछ चीजें हैं जिन पर आपको विचार करने की आवश्यकता है। उन चीजों में से आसान धोखाधड़ी है। एक और कारण है कि डिजिटल करेंसी एक अच्छा निवेश विकल्प नहीं है, यह आसानी से फिजिकल करेंसी के लिए कारोबार किया जा सकता है, जो इसे खराब अभिनेताओं के लिए अधिक सुलभ बनाता है।
उच्च मूल्य-कम जोखिम
क्रिप्टो के जोखिमों में मूल्य गिरावट शामिल है जिससे आप अपने सभी लाभ खो सकते हैं। यही बात उन निवेशकों के साथ भी हो सकती है जो लाभों को नहीं समझते हैं। हालांकि ऐसा प्रतीत होता है कि बड़ी भीड़ के समाप्त होने के बाद हर कोई अपने क्रिप्टो निवेश के लिए बाजार में जगह पा सकता है, फिर भी इसे समझना महत्वपूर्ण है।
कोई फिज़िकल गारंटी नहीं
यदि आप क्रिप्टो लोन कंपनी में अपना विश्वास रखते हैं, तो आप अपना पैसा जोखिम में डाल रहे हैं। इस बात की गारंटी देने का कोई तरीका नहीं है कि कोई कंपनी आपको सही कीमत पर और सही मात्रा में पैसा उधार देगी। चुकाए जाने से पहले आप अपना सारा पैसा खो सकते हैं, या अपनी बचत से मुश्किल से प्राप्त कर सकते हैं। मैंने देखा है कि लोग जोखिम भरे निवेशों पर पैसा बचाने के लिए वर्षों खर्च करते हैं। क्रिप्टो एसेट खरीदने का जोखिम बहुत अधिक है।
इस बेहतर विकल्प पर विचार करें
उद्यमियों के लिए कई विकल्प हैं। यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो अपना पैसा और समय निवेश करने के विकल्पों की तलाश में हैं तो आप व्यवसाय खोलने के लिए जा सकते हैं। एक व्यवसाय खोलने का एक आसान तरीका एक प्रसिद्ध ब्रांड की फ्रैंचाइज़ प्राप्त करना है जो वित्तीय स्थिरता और बाजार के बारे में भी एक विचार देगा।
निश्चित आय वाले म्यूचुअल फंड उत्पादों से मई में 32,722 करोड़ रुपये की निकासी
Mutual Fund Outflow: निश्चित आय वाले म्यूचुअल फंड उत्पादों से मई में 32,722 करोड़ रुपये की निकासी की गई.
Updated: June 13, 2022 4:27 PM IST
Mutual Fund Outflow: म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के निश्चित आय वाले उत्पादों से मई महीने में 32,722 करोड़ रुपये की निकासी हुई है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बढ़ती मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये प्रमुख नीतिगत दर रेपो में वृद्धि और उदार रुख को धीरे-धीरे वापस लेने की घोषणा के बाद निकासी बढ़ी है.
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एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले अप्रैल महीने में इसमें 54,656 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था.
इसके अलावा इस साल अप्रैल और मई के बीच ‘फोलियो’ की संख्या भी 73.43 लाख से घटकर 72.87 पर आ गयी.
बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान निवेश के लिहाज से बांड जैसे निश्चित आय वाले उत्पादों को सुरक्षित विकल्प माना जाता है. हालांकि, ब्याज दर में वृद्धि, वृहत आर्थिक परिवेश में उथल-पुथल और उच्च प्रतिफल से निवेशकों पर बांड बाजार में निवेश को लेकर रुख प्रभावित हो सकता है.
मार्निंग स्टार इंडिया की वरिष्ठ विश्लेषक (शोध प्रबंधक) कविता कृष्णन ने कहा कि खाद्य वस्तुओं, जिंसों और ईंधन की कीमतों में तेजी के साथ रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे कारणों से नीतिगत दर में वृद्धि हुई है. रिजर्व बैंक का जोर अब मुद्रास्फीति को काबू में लाने पर है. इससे नीतिगत दर में आगे और वृद्धि की आशंका है.
उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा स्थिति को देखते हुए ‘ओवरनाइट’ और ‘लिक्विड फंड’ (अल्पकालीन निवेश उत्पाद) जैसे कोष को छोड़कर बांड और इसी तरह के अन्य उत्पादों से पूंजी निकासी जारी है. एकल अंक में रिटर्न और इक्विटी जैसे अन्य क्षेत्रों में बढ़ती रुचि से भी बांड कोष में पूंजी प्रवाह प्रभावित हुआ है.’’
बजाज कैपिटल के मुख्य शोध अधिकारी आलोक अग्रवाल ने भी कहा कि पूंजी निकास का कारण आरबीआई का पिछले महीने मौद्रिक नीति समीक्षा में अपने रुख में बदलाव है. बिना तय कार्यक्रम के हुई बैठक में आरबीआई ने न केवल रेपो दर में 0.40 प्रतिशत की वृद्धि की बल्कि नकद आरक्षित अनुपात (CRR) 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 4.5 प्रतिशत कर दिया.
उन्होंने कहा, ‘‘चार मई को हुई बैठक में आरबीआई ने मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये उदार रुख को वापस लेने पर भी जोर दिया था. इससे निश्चित आय को तरजीह देने वाले निवेशकों पर असर पड़ा है….’’
आंकड़ों के अनुसार, निश्चित आय से जुड़े 16 उत्पादों में से 12 में मई में पूंजी निकासी हुई. केवल ‘ओवरनाइट फंड, लिक्विड फंड’ और ‘गिल्ट फंड’ में पूंजी प्रवाह हुआ.
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लेनदेन क्लब ने उत्तर प्रदेश में फिक्स्ड मैच्योरिटी पियर-टू-पियर इन्वेस्टमेंट प्लान लॉन्च किया
लखनऊ। भारत के सबसे बड़े पी2पी लेंडिंग प्लेटफॉर्म लेनदेन क्लब ने आज उत्तर प्रदेश में ‘फिक्स्ड मैच्योरिटी पियर टू पियर प्लान’ (एफएमपीपी) पेश किया। यह नए दौर का एक ऐसा टर्म-आधारित पियर- टू- पियर प्लान है जो न्यूनतम 10,000 प्रति निवेश के साथ निवेशकों को 10-12 प्रतिशत प्रति वर्ष तक का स्थिर उच्च रिटर्न प्रदान करता है। कंपनी का लक्ष्य वित्त वर्ष 23 के अंत तक उत्तर प्रदेश में अपने मौजूदा निवेशक आधार को दोगुना करना है।
लेनदेन क्लब आरबीआई-अनुमोदित एनबीएफसी- पी2पी है जो 20 लाख से अधिक निवेशकों को सेवा प्रदान करता है। कंपनी ने फिक्स्ड मैच्योरिटी पी2पी इन्वेस्टमेंट प्लान को इस तरह से डिजाइन किया है कि इसमें निवेश की गई राशि को उधारकर्ताओं के एक विशाल पूल में हाइपर-डाइवर्सिफाय किया जाता है, जिसके कारण डिफ़ॉल्ट दर को बहुत कम किया जाता है, इस लेनदेन में निश्चित निवेश प्रकार अपने निवेश पर निवेशकों की जोखिम भी कम हो जाती है।
नए एआई और एमएल आधारित एल्गोरिदम पहले की तुलना में अधिक शक्तिशाली और प्रभावी हैं क्योंकि वे शुरुआत से ही कंपनी द्वारा अधिग्रहित स्वामित्व वाले प्रथम-पक्ष डेटा पर फाइन-ट्यून्ड और ट्रेंड हैं। यह एफएमपीपी को एक अनूठी विशेषता के रूप में हाइपर-डाइवर्सिफिकेशन की पेशकश करने में सक्षम बनाता है जो जोखिम को कम करता है और रिटर्न की स्थिरता प्रदान करता है। अपने इस प्रोडक्ट को लॉन्च करने से पहले, लेनदेनक्लब ने उत्तर प्रदेश में निवेशकों के डेटा का गहराई से विश्लेषण किया और निवेशकों के निवेश संबंधी व्यवहार को बेहतर तरीके से समझा।
कैलेंडर वर्ष 2022 की पहली छमाही में, इसने लेनदेन में निश्चित निवेश निवेशकों में 2.75 गुना से अधिक की वृद्धि देखी, जबकि कैलेंडर वर्ष 2021 की तुलना में निवेश में 4 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। दिसंबर 2021 से छह महीने में कुल निवेश राशि में 31-35 आयु वर्ग के लिहाज से 7 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है और 26-30 वर्ष के आयु वर्ग में 6 गुना बढ़ोत्तरी दर्ज़ की गई।
इसी तरह, दिसंबर 2021 से छह महीने में 31-35 वर्ष के आयु वर्ग के व्यक्तियों के लिए औसत निवेश में 2.8 गुना से अधिक और 26-30 वर्ष के आयु वर्ग के लिए 2.4 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। इस दौरान महिला निवेशकों द्वारा निवेश की गई औसत राशि पुरुष निवेशकों की तुलना में काफी अधिक है।
इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश के भीतर, भारत की आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर प्रसिद्ध वाराणसी पियर टू पियर लेंडिंग में निवेश करने वाले निवेशकों की कुल संख्या के मामले में सबसे आगे है, इसके बाद गाजियाबाद और लखनऊ जैसे अन्य महत्वपूर्ण शहर हैं। लेनदेनक्लब की (एफएमपीपी) निवेश योजना 1, 2, 3, 4, या 5 वर्षों की अवधि के साथ एक टर्म-आधारित निवेश योजना है। निवेशित धन को पूरी अवधि में कई बार पुनर्निवेश किया जाता है, इस प्रकार निवेशकों को चक्रवृद्धि के साथ-साथ वार्षिक लाभ की शक्ति भी मिलती है और उन्हें 5 वर्ष तक की अवधि पर 12.21 से 15.25 प्रतिशत प्रति वर्ष का वार्षिक रिटर्न हासिल होता है।
नॉन मार्केट लिंक्ड होने के कारण यह निवेश की ऐसी सुविधा है, जो बाजार की अस्थिरता से मुक्त है। इस तरह निवेशकों को किसी किस्म की जोखिम का सामना नहीं करना पड़ता है और निवेशकों को अपने निवेश किए गए मूलधन के लिए अतिरिक्त सुरक्षा मिलती है और साथ ही मिलता है बेहतर रिटर्न। इसके अलावा, यह प्रोडक्ट अन्य निश्चित आय परिसंपत्ति वर्गों जैसे एफडी, गोल्ड बॉण्ड आदि के साथ प्रतिस्पर्धा करता है।
(एफएमपीपी) के लॉन्च पर लेनदेनक्लब के को-फाउंडर और सीईओ भाविन पटेल ने कहा, ‘‘हमने उत्तर प्रदेश में ऐसे निवेशकों की संख्या में स्थिर वृद्धि देखी है जो निवेश के दूसरे विकल्पों में निवेश करने के इच्छुक हैं। वैकल्पिक परिसंपत्ति वर्गों के इस युग में (एफएमपीपी) एक अग्रणी, ग्राहक-प्रथम निवेश पेशकश है। हम जो कुछ भी करते हैं उसके केंद्र में टैक्नोलॉजी है। अपने प्लेटफॉर्म में हाइपर-डाइवर्सिफिकेशन, ऑटो-इन्वेस्टमेंट और रीइन्वेस्टमेंट जैसी प्रमुख तकनीकी विशेषताओं को पेश करके, हम निवेश की योजना बनाने और निष्पादित करने के तरीके में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने पर विचार कर रहे हैं।
ये सुविधाएं खासकर उत्तर प्रदेश के युवा और तकनीक-प्रेमी लोगों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त हैं।’’उन्होने कहा, ‘‘मौजूदा निवेश परिदृश्य के साथ, उच्च मुद्रास्फीति और बाजार में अस्थिरता के साथ, एफएमपीपी स्थिरता और पारदर्शिता का एक नया प्रतिमान जोड़ता है, जिसे निवेशकों के बीच अब तक प्राथमिकता मिली है। हमारा एकमात्र ध्यान यह सुनिश्चित करना है कि हमारे 99 प्रतिशत से अधिक निवेशक हमारे ऐतिहासिक डेटा के आधार पर 10-12 प्रतिशत का स्थिर रिटर्न अर्जित करें।’’
एफएमपीपी एक निश्चित निवेश योजना है, जिसमें लंबी अवधि के लॉक-इन से कंपाउंडिंग की सुविधा मिलती है और इस तरह नियत समय में प्रतिफल में सुधार होता है। स्थिर रिटर्न और मार्जिनलाइज्ड एनपीए के साथ चक्रवृद्धि ब्याज की शक्ति को हासिल करते हुए हाई रिटर्न के साथ, कोई भी लगभग 6 वर्षों के समय में एफएमपीपी में अपने निवेश को दोगुना कर सकता है।
हालांकि न्यूनतम निवेश 10,000 प्रति निवेश है, पर योजना इस तरह तैयार की गई है कि निवेशक इसके तहत कई (एफएमपीपी) प्लान खोल सकते हैं, हालांकि इनका कुल पोर्टफोलियो मूल्य 50 लाख से अधिक नहीं होना चाहिए, जो कि आरबीआई द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुरूप है। एक बेहतर ऐप अनुभव के माध्यम से पेश किए गए ऑटो निवेश और पोर्टफोलियो ऑप्टिमाइजेशन की सुविधा (एफएमपीपी) को स्मार्ट निवेशकों के लिए एक अनिवार्य निवेश विकल्प बनाता है।
ग्राहकों को अपने साथ जोड़ने और लोन डिस्बर्समेंट के शानदार रिकॉर्ड के साथ लेनदेनक्लब भारत में सबसे तेज और सबसे महत्वपूर्ण पी2पी ऋण देने वाली कंपनियों में से एक है। इसने अपनी स्थापना के बाद से 5,000 करोड़ के ऋण वितरण की उपलब्धि हासिल की है। इसने हाल ही में टस्कन वेंचर्स, ओम स्टॉक ब्रोकर्स और अर्थ वेंचर फंड सहित निवेशकों के कंसोर्टियम के नेतृत्व में सीरीज ए राउंड में 10 मिलियन डॉलर जुटाए हैं।
टैक्स बचाने में कैसे मदद करेगा ELSS, कैसे आपकी रकम पर मिलेगा ज्यादा फायदा? जानिए अपने हर सवाल का जवाब
निवेश की सलाह मांगने पर आपको भी Equity Linked Savings Scheme (ELSS) की सलाह दी जाती होगी. लेकिन क्या आप इसका मतलब जानते . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 08, 2020, 09:48 IST
नई दिल्ली.टैक्सपेयर्स अपना टैक्स बचाने के लिए, विशेषकर आयकर की धारा 80सी के तहत मिले प्रावधानों के तहत, हमेशा टैक्स बचाने की पूरी कोशिश करते हैं. इस धारा के तहत टैक्स बचाने के लिए एक दर्जन से अधिक तरीके मौजूद हैं और इनमें से किसी एक उचित तरीके का चुनाव करना कोई आसान काम नहीं है. इन दर्जन भर उत्पादों में से कुछ तो सुनिश्चित रिटर्न प्रदान करते हैं, जबकि कुछ मार्केट से जुड़े रिटर्न की पेशकश करते हैं. आयकर की 30 प्रतिशत उच्चतम श्रेणी में धारा 80सी के तहत एक व्यक्ति एक वित्त वर्ष में पूरे 1.5 लाख रुपए का निवेश कर मौजूदा कर नियमों (4 प्रतिशत शिक्षा उपकर के साथ) के साथ प्रति वर्ष 46,800 रुपए का वास्तविक कर बचत लाभ प्राप्त कर सकता है.
जब टैक्स बचत की बात आती है, तब एक वेतनभोगी करदाता कर्मचारी भविष्य निधि कोष (ईपीएफ) में योगदान के जरिये महत्वपूर्ण कर बचत का रास्ता अपनाता है. यह 1.5 लाख रुपए की सीमा के तहत शेष राशि को निश्चित रिटर्न प्रदान करने वाले अन्य विकल्पों में निवेश करने के अवसरों को सीमित करता है. मार्केट लिंक्ड विकल्पों में इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) बेहतर है. आइए जानते हैं अजीत मेनन, सीईओ (पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड) से हर सवाल के जवाब.
सवाल: क्या है ईएलएसएस?
जवाब: ईएलएसएस एक इक्विटी म्यूचुअल फंड श्रेणी है, जिसमें निवेश पर आयकर की धारा 80सी के तहत कर छूट उपलब्ध है. वर्तमान टैक्स नियमों के मुताबिक, पात्र निवेशक (व्यक्ति/एचयूएफ) आयकर कानून, 1961 की धारा 80सी के तहत इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) में 1,50,000 रुपए तक के निवेश (अन्य निर्धारित निवेश के साथ) राशि को अपनी सकल कुल आय में से घटाने के हकदार होते हैं. ऊपर बताए गए 46,800 रुपए की कर बचत की गणना उच्च आयकर स्लैब पर आधारित है. उपकर सहित कर पर मौजूदा 4 प्रतिशत शिक्षा उपकर को जोड़कर, प्रति वर्ष कर बचत 1.5 लाख रुपए पर 31.2 प्रतिशत या 46,800 रुपए होगी. इस पर दीर्घावधि पूंजी लाभ और लाभांश वितरण टैक्स का भी भुगतान करना होगा.
सवाल: किस तरह बचाया जा सकता है टैक्स?
जवाब: कर लाभ आयकर कानून, 1961 के प्रावधानों और समय समय पर इनमें होने वाले संशोधनों पर निर्भर करता है. हालांकि यहां इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि ईएलएसएस में निवेश के माध्यम से कर बचत केवल तभी संभव है, जब करदाता टैक्स दर की मौजूदा व्यवस्था का चुनाव करता है. टैक्स दर की नई व्यवस्था में करदाता को किसी भी प्रकार की कटौती का लाभ लेनदेन में निश्चित निवेश नहीं मिलता है. ईएलएसएस में निवेश को इक्विटी फंड के रूप में आर्हता प्राप्त करने के लिए न्यूनतम इक्विटी निवेश 80 प्रतिशत होना चाहिए, जो तकनीकी रूप से 100 प्रतिशत तक हो सकता है. ईएलएसएस में सभी बाजार पूंजीकरण में निवेश करने की तरलता भी है, जो इसे इक्विटी फंड्स के बीच एक लचीला और विशिष्ट निवेश उत्पाद बनाता है.
सवाल: कितने समय के लिए कर सकते हैं निवेश?
जवाब: ईएलएसएस में निवेश के लिए सबसे कम तीन साल का लॉक इन पीरियड है, वहीं इसके विपरीत अन्य टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में 5 साल का लॉक इन पीरियड आम बात है. तीन साल के लॉक इन का मतलब है कि आप खरीद की तारीख से तीन साल पूरा होने से पहले खरीदी गई यूनिट्स को बेच नहीं सकते हैं. म्यूचुअल फंड में सिस्टेमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के माध्यम से निवेश को सुविधाजनक बनाया गया है और इसमें अंतिम समय की हड़बड़ाहट के बजाए, प्रति माह 12,500 रुपए के साथ सालभर निवेश किया जा सकता है. हालांकि, प्रत्येक एसआईपी किस्त के लिए लॉक इन अवधि अलग अलग होती है, जिसका मतलब है कि प्रत्येक मासिक एसआईपी लेनदेन में निश्चित निवेश 3 साल की अवधि के लिए लॉक रहती है.
सवाल: बेहतर रिटर्न का तरीका
जवाब: ईएलएसएस का चयन टैक्स बचाने के विकल्प के रूप में करने का एक और कारण है, इसका उच्च रिटर्न प्रदान करने की संभावना. इक्विटी में निवेश प्रभावी रूप से बेहतर रिटर्न प्रदान करता है जो नियमित रूप से महंगाई दर से अधिक होता है. वहीं इसके विपरीत अधिकांश निश्चित रिटर्न वाले टैक्स सेविंग विकल्प जैसे पीपीएफ, 5 साल की एफडी, एनएससी आदि मुश्किल से मुद्रास्फीति से अधिक रिटर्न देने में सफल होते हैं. इतना ही नहीं, पिछले एक दशक में ऐसे टैक्स सेविंग उत्पादों से मिलने वाला निश्चित रिटर्न घटा है, जिससे इनके प्रति आकर्षण भी कम हो रहा है.
सवाल: ELSS से होने वाले लाभ पर लगता है टैक्स
जवाब: ईएलएसएस में निवेश पर होने वाला लाभ और रिडम्पशन से प्राप्त राशि भी पूरी तरह टैक्स मुक्त होती है. ईएलएसएस बेहतर पोस्ट टैक्स रिटर्न प्रदान करता है, क्योंकि ईएलएसएस म्यूचुअल फंड से एक साल में प्राप्त होने वाला 1 लाख रुपए तक का दीर्घावधि पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) को आयकर से छूट प्राप्त है. इस सीमा से अधिक लाभ पर 10 प्रतिशत की दर से टैक्स देय होता है. पीपीएफ को छोड़कर अन्य टैक्स बचत वाले विकल्पों से प्राप्त होने वाले लाभ पर आंशिक या पूरा टैक्स देना होता है.
ईएलएसएस में कर बचत के साथ ही संपत्ति निर्माण करने की विशेषता इसे सभी निवेशकों के लिए एक उपयुक्त और बेहतर पहला इक्विटी निवेश विकल्प बनाता है. पहली बार निवेश करने वालों को अनिवार्य लॉक इन से फायदा होता है और टैक्स बचत से इनसेंटिव मिलता है. अनुभवी निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अपने इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में ईएलएसएस को शामिल कर लाभ उठा सकते हैं. कुल मिलाकर, करदाता अपने आयकर दायित्व को कम करने, म्यूचुअल फंड निवेश का अनुभव लेने और संपत्ति निर्माण के लिए ईएलएसएस के विभिन्न फीचर्स का लाभ उठा सकते हैं.
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