कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले सप्ताह यह मुद्दा उठाया था
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले सप्ताह विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय कंपनियों के सस्ते में हो रहे अधिग्रहण का मुद्दा उठाया था। गांधी ने एक ट्वीट में कहा था कि भारी आर्थिक सुस्ती के कारण देश की कई कंपनियों की हालत खराब हो गई है, इसके कारण वे विदेशी निवेशकों द्वारा अधिग्रहण के लिए आकर्षक हो गए हैं। संकट की इस घड़ी में सरकार को भारतीय कंपनियों का नियंत्रण विदेशी हाथों में जाने से रोकना चाहिए। गांधी के इस ट्वीट को चीन के केंद्रीय बैंक द्वारा एचडीएफसी में हिस्सेदारी बढ़ाने की घटना के साथ जोड़कर देखा गया। यह मुद्दा सोशल मीडिया में भी छाया हुआ था।
सेबी ने खुदरा निवेश की सीमा दुगुनी की
26 अक्टूबर 2010
मुम्बई। पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने खुदरा निवेश की सीमा दुगुनी दो लाख रुपये कर दी है, जबकि कंपनियों के टेकओवर करने भारतीय निवेशकों पर क्या सीमा है से संबद्ध नियमों में कोई बदलाव नहीं किया है।
सेबी के प्रमुख अध्यक्ष सी. बी. भावे ने कहा है कि खुदरा निवेशकों के लिए एक लाख रुपये की सीमा बहुत समय पहले तय की गयी थी। फिलहाल मुद्रास्फीति में बहुत इजाफा हो चुका है। इसलिए खुदरा निवेशकों के लिए सभी इश्यू में निवेश की सीमा एक लाख रुपये से बढा दो लाख रुपये कर दी गयी है।
कंपनियों के टेकओवर करने संबंधी में नियमों में गठित समिति की सिफारिशों पर श्री भावे ने कहा कि इस संबंध में बोर्ड के सदस्यों ने विचार विमर्श किया और किसी भी सुझाव पर कोई फैसला नहीं लिया गया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में बोर्ड की अगली बैठक में फैसला लिया जाएगा। हालांकि बोर्ड की अगली बैठक की तारीख तय नहीं की गयी है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अभी और अध्ययन की जरूरत है।
रिजर्व बैंक ने बैंकों के डिविवेंड पर लगाई सीमा, निवेशकों को होगी निराशा
वित्त वर्ष 2020-21 में निजी बैंक भी डिविडेंड देने में कंजूसी कर सकते हैं. ये बैंक डिविडेंड देने में आगे रहते हैं. बैंक बीते साल भी डिविडेंड नहीं दे पाए थे.
4 मई 2004 को रिजर्व बैंक सभी बैंकों के लिए डिविडेंड भुगतान के समान नियम लेकर आया था. इसमें सभी बैंकों के लिए कुछ मानक तय किए गए थे, जिनको पूरा करने के बाद ही डिविडेंड दिया जा सकता है.
डिविडेंड देने के लिए बीते दो वित्त वर्षों में बैंकों का कैपिटल एडिक्वेसी अनुपात 9 फीसदी से अधिक होना चाहिए, ताकि उनके पास पर्याप्त पूंजी बनी रहे. बैंकों का नेट एनपीए 8 फीसदी से कम होना चाहिए. डिविडेंड भुगतान अनुपात किसी भी स्थिति में 40 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता है.
भारत वैश्विक निवेशकों के लिए सबसे आकर्षक निवेश गंतव्य, ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौता जल्दः गोयल
- गोयल ने कहा कि भारत सर्वश्रेष्ठ निवेश अवसर देता है
- चार्टर्ड अकाउंटेंट ‘ब्रांड इंडिया’ के प्रतिनिधि के तौर पर काम करें
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत को सर्वश्रेष्ठ निवेश स्थल बताते हुए कहा कि यह भारत भारतीय निवेशकों पर क्या सीमा है और अमेरिका के पारस्परिक हितों के क्षेत्रों में सहयोग और सरोकार के लिए उपयुक्त समय है। यहां अमेरिका और भारत के उद्योग जगत के अगुआओं को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि दोनों देश वैश्विक सुरक्षा, स्थिरता और जुझारू आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ावा दे सकते हैं। अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी फोरम (यूएसआईएसपीएफ) को संबोधित करते हुए उद्योग मंत्री ने कहा, ‘‘भारत-अमेरिकी संबंध से अनेक प्रतिस्पर्धी लाभ मिल सकते हैं। हमारी आपूर्ति श्रृंखला का जुझारुपन, अमेरिका को भारत ने जिस प्रकार की प्रतिभाएं दी हैं और अमेरिका ने भारत को जो निवेश दिए हैं, ये सब कारोबार की दृष्टि से बहुत अच्छा है।’’ गोयल ने कहा कि भारत सर्वश्रेष्ठ निवेश अवसर देता है। उन्होंने कहा, ‘‘इस स्थल को आप छोड़ नहीं सकते। यह अरबों आकांक्षाओं का बाजार है।’’ अमेरिका के कारोबारों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित करते हुए मंत्री ने कहा कि ‘‘परस्पर हितों के क्षेत्रों में हम सबके के सहयोग के लिए यह समय उपयुक्त है।’’
भारत और अन्य देशों के बीच सेतु बनें सीए
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यहां भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट से कहा कि वे ‘ब्रांड इंडिया’ के प्रतिनिधि के तौर पर काम करें और निवेशों को भारत की ओर आकर्षित करने में मदद करें। गोयल ने यहां सोमवार को इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अगले 30 वर्ष में 30,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। अभी भारत की अर्थव्यवस्था 3300 अरब डॉलर की है। विदेशों में रह रहे भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट से गोयल ने कहा कि वे भारत में आने वाले निवेश को बढ़ाने में मदद देकर देश की आर्थिक वृद्धि में योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आप अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों को भारत में अपार निवेश अवसरों की जानकारी दे सकते हैं। आप भारत और अमेरिका के साथ-साथ दुनिया के अन्य हिस्सों के बीच सेतु बन सकते हैं।’’ गोयल ने कहा, ‘‘आप ‘ब्रांड इंडिया’ के ‘ब्रांड एम्बसेडर’ बन सकते हैं।’’
एफडीआई: भारतीय कंपनियों का सस्ते शेयर भाव पर अधिग्रहण नहीं कर पाएगा चीन, सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियम बदले
सरकार ने शनिवार को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया। अब भारत के साथ सीमा साझा करने वाले किसी भी पड़ोसी देश से भारत में होने वाले निवेश के लिए सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य हो गया है। नया नियम प्रत्यक्ष और परोक्ष दोनों तरह के निवेश पर लागू होगा। पहले इस तरह की पाबंदी सिर्फ पाकिस्तान और बांग्लादेश से होने वाले निवेश पर ही लगी हुई थी। कोरोनावायरस के असर के कारण अधिकतर भारतीय कंपनियों के शेयरों में काफी गिरावट आई है। ऐसे में भारतीय कंपनियों का भारतीय निवेशकों पर क्या सीमा है सस्ते में अधिग्रहण हो जाने और इन कंपनियों का नियंत्रण विदेशी हाथ में चले जाने का खतरा पैदा हो गया था। खासकर चीन को इस मामले में एक खतरे के तौर पर देखा जा रहा था। चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमार और अफगानिस्तान की सीमा भारत की सीमा से लगती है। हाल में चीन के सेंट्रल बैंक, पीपल्स बैंक ऑफ चाइना (PBOC) ने भारत की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (HDFC) में 1.01 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है।
भारतीय बाजार पर बदल रहा विदेशी निवेशकों का मूड, समझें क्या है संकेत
भारतीय शेयर बाजार में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ रही है। वहीं, विदेशी निवेशकों का मूड बदल रहा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में सूचीबद्ध कंपनियों में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी दिसंबर में 7.32 प्रतिशत के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गई। मूल्य के हिसाब से यह हिस्सेदारी 18.98 लाख करोड़ रुपये रही है।
विदेशी निवेशकों का हाल: एक रिपोर्ट के मुताबिक 31 दिसंबर को समाप्त तिमाही के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा बड़े पैमाने पर 38,521 करोड़ रुपये की निकासी के कारण संस्थागत शेयरधारिता में कुल मिलाकर गिरावट आई।
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