सिंगल स्ट्रैंड चेन: वह संचार जिसमें एक व्यक्ति दूसरे को कुछ बताता है, जो फिर से किसी अन्य व्यक्ति से कुछ कहता है और प्रक्रिया आगे बढ़ती है।

औपचारिक और अनौपचारिक संचार के बीच अंतर

किसी ने सही कहा "बोलने का नहीं, बोलने का बहुत प्रयास, बहुत कुछ बोलता है।" संचार हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि लोग संचार द्वारा अपने विचारों, सूचनाओं, भावनाओं, विचारों को बदलते हैं।औपचारिक संचार एक है जो पूरे संगठन में संचार के पूर्वनिर्धारित चैनलों से गुजरता है। इसके विपरीत,अनौपचारिक संचार संचार के रूप को संदर्भित करता है जो हर दिशा में बहता है, अर्थात यह संगठन में स्वतंत्र रूप से चलता है।

संचार मौखिक - बोला या लिखित या गैर-मौखिक हो सकता है यानी साइन लैंग्वेज, बॉडी मूवमेंट्स, चेहरे के भाव, हावभाव, आंखों के संपर्क या यहां तक ​​कि आवाज के स्वर के साथ भी।

एक संगठन में, संचार के दो चैनल होते हैं - औपचारिक संचार और अनौपचारिक संचार। लोग अक्सर इन दो चैनलों के बीच भ्रमित होते हैं, इसलिए यहां हमने एक लेख प्रस्तुत किया है जो औपचारिक और अनौपचारिक संचार नेटवर्क के बीच अंतर को बताता है।

तुलना चार्ट

तुलना के लिए आधारऔपचारिक संचारअनौपचारिक संचार
अर्थएक प्रकार का मौखिक संचार जिसमें पूर्व-परिभाषित चैनलों के माध्यम से सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है, औपचारिक संचार के रूप में जाना जाता है।एक प्रकार का मौखिक संचार जिसमें सूचनाओं का आदान-प्रदान किसी भी चैनल का अनुसरण नहीं करता है यानी संचार सभी दिशाओं में फैल जाता है।
दूसरा नामआधिकारिक संचारग्रेपवाइन संचार
विश्वसनीयताअधिकअपेक्षाकृत कम
गतिधीरेबहुत तेज़
सबूतजैसा कि संचार आम तौर पर लिखा जाता है, दस्तावेजी सबूत मौजूद हैं।कोई दस्तावेजी सबूत नहीं।
बहुत समय लगेगाहाँनहीं
लाभसूचना के समय पर और व्यवस्थित प्रवाह के कारण प्रभावी।कुशल क्योंकि कर्मचारी कार्य संबंधी समस्याओं पर चर्चा कर सकते हैं, इससे संगठन का समय मूल्य चैनल की दिशा में व्यापार और लागत बचती है।
हानिसंचार की लंबी श्रृंखला के कारण विकृति।अफवाह फैलाना
गुप्ततापूर्ण गोपनीयता बनाए रखी जाती है।गोपनीयता बनाए रखना मुश्किल है।
जानकारी का प्रवाहकेवल पूर्वनिर्धारित चैनलों के माध्यम से।स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ सकते हैं।

औपचारिक संचार की परिभाषा

वह संचार जिसमें सूचनाओं के प्रवाह को पहले से परिभाषित किया जाता है, को औपचारिक संचार कहा जाता है। संचार कमांड के एक पदानुक्रमित श्रृंखला का अनुसरण करता है जो संगठन द्वारा ही स्थापित किया जाता है। सामान्य तौर पर, इस प्रकार के संचार का उपयोग कार्यस्थल में विशेष रूप से किया जाता है, और कर्मचारी अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए इसका पालन करने के लिए बाध्य होते हैं।

उदाहरण: अनुरोध, आदेश, आदेश, रिपोर्ट आदि।

औपचारिक संचार चार प्रकार का होता है:

  • ऊपर की ओर या नीचे-ऊपर: वह संचार जिसमें सूचनाओं का प्रवाह अधीनस्थ से श्रेष्ठ अधिकारी तक जाता है।
  • नीचे या ऊपर-नीचे: वह संचार जिसमें सूचना का प्रवाह श्रेष्ठ से अधीनस्थ में जाता है।
  • क्षैतिज या पार्श्व: एक ही स्तर पर काम करने वाले विभिन्न विभागों के दो कर्मचारियों के बीच संचार।
  • क्रॉसवर्ड या विकर्ण: विभिन्न स्तरों पर काम करने वाले दो अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों के बीच संचार।

अनौपचारिक संचार की परिभाषा

संचार जो सूचना के प्रसारण के लिए किसी भी पूर्व-परिभाषित चैनल का पालन नहीं करता है, उसे अनौपचारिक संचार के रूप में जाना जाता है। इस प्रकार का संचार सभी दिशाओं में स्वतंत्र रूप से चलता है, और इस प्रकार, यह बहुत जल्दी और तेजी से होता है। किसी भी संगठन में, इस प्रकार का संचार बहुत स्वाभाविक है क्योंकि लोग एक-दूसरे के साथ अपने पेशेवर जीवन, व्यक्तिगत जीवन और अन्य मामलों के बारे में बातचीत करते हैं।

उदाहरण: भावनाओं का साझाकरण, आकस्मिक चर्चा, गपशप, आदि।

अनौपचारिक संचार चार प्रकार के होते हैं:

    सिंगल स्ट्रैंड चेन: वह संचार जिसमें एक व्यक्ति दूसरे को कुछ बताता है, जो फिर से किसी अन्य व्यक्ति से कुछ कहता है और प्रक्रिया आगे बढ़ती है।

सिंगल स्ट्रैंड चेन

औपचारिक और अनौपचारिक संचार के बीच महत्वपूर्ण अंतर

निम्नलिखित बिंदु पर्याप्त हैं, जहां तक ​​औपचारिक और अनौपचारिक संचार के बीच का अंतर है।

  1. औपचारिक संचार को आधिकारिक संचार के नाम से भी जाना जाता है। अनौपचारिक संचार को अंगूर के नाम से भी जाना जाता है।
  2. औपचारिक संचार में, सूचना को आदेश की एक श्रृंखला का पालन करना चाहिए। इसके विपरीत, अनौपचारिक संचार किसी भी दिशा में स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ सकता है।
  3. औपचारिक संचार में, पूर्ण गोपनीयता बनाए रखी जाती है, लेकिन अनौपचारिक संचार के मामले में गोपनीयता का रखरखाव बहुत कठिन काम है।
  4. औपचारिक संचार लिखा है, जबकि अनौपचारिक संचार मौखिक है।
  5. औपचारिक संचार अनौपचारिक संचार के विपरीत समय लेने वाला है, जो कि तीव्र और त्वरित है।
  6. औपचारिक संचार अनौपचारिक संचार की तुलना में अधिक विश्वसनीय है।
  7. औपचारिक संचार संगठन द्वारा डिज़ाइन किया गया है। अनौपचारिक संचार ‘मानव से बात करने के आग्रह’ के कारण ही शुरू होता है।
  8. औपचारिक संचार में, दस्तावेजी सबूत हमेशा उपलब्ध होते हैं। दूसरी ओर, अनौपचारिक संचार के मामले में, सहायक दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं।

वीडियो: औपचारिक बनाम अनौपचारिक संचार

निष्कर्ष

इस लेख में औपचारिक और अनौपचारिक संचार के बीच के अंतर पर बहुत गहरी चर्चा की गई है। आजकल, कई बड़े ट्रांसनेशनल ऑर्गनाइजेशन ने एक ओपन-डोर पॉलिसी शुरू की है, जिसमें किसी भी विभाग का कोई भी कर्मचारी अपनी शिकायत, शिकायत और अनुरोधों के बारे में किसी संगठन के प्रमुख से सीधे संवाद कर सकता है। इसका परिणाम औपचारिक संचार की जटिलता को कम करना है।

सुशांत सिंह सुसाइड केस में आरोपों से घिरे आदित्य ठाकरे, शिंदे ग्रुप का दावा रिया चक्रवर्ती को 44 बार किया कॉल

Aditya Thackeray surrounded by allegations in Sushant Singh suicide case, Shinde group claims Riya Chakraborty called 44 times

अभिनेता सुशांत सिंह आत्महत्या मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के विधायक पुत्र आदित्य ठाकरे आरोपों के घेरे में हैं। गुरुवार को एकनाथ शिंदे के ग्रुप के एक सदस्य ने पूछा कि सुशांत सिंह की मौत में आदित्य का क्या रोल है। इससे पहले एकनाथ गुट के सांसद राहुल शेवाले ने भी सुशांत की मौत में आदित्य ठाकरे की भूमिका की जांच की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सुशांत सिंह की मौत के वक्त उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती को एक शख्स ने 44 बार कॉल किया था, जिसका नाम ‘एयू’ अक्षर से शुरू होता है।

इस मामले में कहां तक ​​पहुंची सीबीआई की जांच?

दरअसल, शेवाले ने बुधवार को संसद में सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या का मुद्दा उठाया और पूछा कि मामले में सीबीआई जांच कहां तक ​​पहुंची है। एकनाथ गुट के विधायक प्रताप सरनाईक ने भी उनके दावे का समर्थन किया। भाजपा और शिंदे गुट ने गुरुवार को मूल्य चैनल की दिशा में व्यापार विधानसभा परिसर में बैनर लेकर प्रदर्शन किया। बैनर पर लिखा था, ‘हू इज एयू?; इस दौरान सरनाईक ने सांसद शेवाले के आरोपों की जांच कराने और एयू खोजने की मांग की।

लोकसभा में मूल्य चैनल की दिशा में व्यापार उठा था मुद्दा

सांसद राहुल शेवाले ने लोकसभा में सुशांत सिंह की मौत का मुद्दा उठाया और कहा कि बिहार पुलिस का कहना है कि AU का मतलब ‘आदित्य उद्धव ठाकरे’ है। पूछने पर उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि आपसे ज्यादा मोहब्बत है। जो अपने परिवार के प्रति वफादार नहीं हैं, पार्टी के प्रति वफादार नहीं हैं। हमें उनसे कोई उम्मीद नहीं है’

बीजेपी ने विधानसभा में उठाया मामला

एकनाथ गुट की भाजपा और शिवसेना ने सुशांत सिंह राजपूत और उनकी पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की मौत की जांच की मांग को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा की कार्रवाई को मंजूरी नहीं दी। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के विधायक बेटे नितेश राणे और एकनाथ गुट के शिवसेना विधायक भरत गोगोवले ने विधानसभा में दिशा की मौत का मुद्दा उठाया। इसको लेकर विधानसभा में भारी हंगामा हुआ और सदन को कई बार स्थगित करना पड़ा।

यह बात उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कही

विधानसभा में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि दिशा सालियान की मौत की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया जाएगा। अगर किसी के पास इस बारे में कोई सबूत है तो वह पुलिस को दे सकता है। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने सालियान की मौत की जांच कभी नहीं की। इसलिए सीबीआई ने इस केस की फाइल बंद कर दी है, ये सब अफवाह है.

Horoscope 2023: नए साल में इन राशियों का बन रहा घर और गाड़ी खरीदने का योग, जानिए क्या बता रही आपकी राशि

डीएनए हिंदी: सभी लोग नए साल (New Year 2023) के साथ नई उम्मीदें लगाते हैं. किसी को शादी की उम्मीद होती है तो किसी को संतान प्राप्ति की उम्मीद होती है. नौकरी, नौकरी में तरक्की, अपना घर लेने या गाड़ी खरीदने के बारे में लोग सोचते हैं. आज हम आपको ज्योतिषीय (Astrologer) और राशियों के अनुसार बताएंगे की क्या आपका संपत्ति (Property Yoga) लेने का सपना साल 2023 में पूरा होगा या नहीं होगा.

संपत्ति का योग

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, जिसकी कुंडली में चौथा भाव मजबूत हो. उसको भूमि और भवन का सुख प्राप्त होता है. मंगल और देवगुरु बृहस्पति भूमि और भवन के कारक ग्रह होते हैं तो वहीं शुक्र ग्रह वाहन का कारक होता है. जब गोचर में यह ग्रह चौथे भाव के स्वामी के साथ संबंध बनाए तो भूमि, भवन और वाहन खरीदने के योग बनते हैं. साल 2023 में कई राशियों के लिए यह योग बन रहा है.

मेष राशि (Aries)

मेष राशि के जातकों के 12वें भाव में ग्रह बृहस्पति मौजूद होंगे. बृहस्पति ग्रह संपत्ति और घर का सुख प्रदान करने वाला ग्रह है. अप्रैल में गुरु मेष राशि के लग्न राशि में गोचर करेंगे. इसी गोचर के कारण मेष राशि के जातकों के लिए साल 2023 में भवन, संपत्ति खरीदने का सपना सच हो सकता है. संपत्ति में निवेश करना भी शुभ होगा. संपत्ति में निवेश करने का मई से अक्टूबर तक का समय बहुत शुभ है.

मिथुन राशि (Gemini)

मिथुन राशि के जातकों का 2023 में घर का सपना पूरा हो सकता है. मिथुन राशि के गुरु 10वें भाव से 11वें भाव में गोचर करेंगे. आपको नौकरी और व्यापार में धन लाभ होगा. शनिदेव की विशेष कृपा के कारण आपको भाग्य का साथ मिलेगा. नए साल में आपका घर खरीदने का सपना सच होता नजर आ रहा है.

कन्या राशि (Virgo)

आपके गुरु सातवें भाव में विराजमान हैं. कन्या राशि के जातकों को पत्नी का सहयोग और नौकरी व्यापार में तरक्की मिलने के योग बन रहे हैं. आपका घर खरीदने का सपना साकार होता नजर आ रहा है. 2023 के शुरुआती 4 महीने संपत्ति में निवेश करने के लिए उचित समय है. इससे आपको लाभ होने की संभावनाएं हैं.

धनु राशि (Sagittarius)

धनु राशि के जातकों के गुरु पहले से ही उनके चौथे भाव में मौजूद हैं. आपका आने वाला साल बहुत ही भाग्यशाली होने वाला है. शुरुआती तीन से चार महीनों में घर खरीदने का सपना साकार हो सकता है. संपत्ति में निवेश करना भी शुभ होगा.

(DISCLAIMER: लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं व कुछ धार्मिक ग्रंथों में उपलब्ध जानकारियों पर आधारित है.)

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Twitter के CEO के रूप में Elon Musk की जगह लेने वाले में 3 नेतृत्व गुण होना जरूरी

Twitter के CEO के रूप में Elon Musk की जगह लेने वाले में 3 नेतृत्व गुण होना जरूरी

लंदन: एलन मस्क द्वारा हाल ही में पोस्ट किए गए एक ट्विटर पोल के प्रति कठोर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्लेटफ़ॉर्म के उपयोगकर्ताओं ने उनसे सीईओ के रूप में अपना पद छोड़ने का आह्वान किया है.

मस्क ने पुष्टि नहीं की है कि मतदान समाप्त होने के बाद वह पद छोड़ देंगे, लेकिन अगर ऐसा होता है तो उनकी जगह लेने वाले को ट्विटर को परेशानी से निकालने में सक्षम होने की आवश्यकता होगी, भले ही मस्क बहुमत शेयर के मालिक के रूप में बने रहें.

सौदे से बाहर निकलने की कोशिश की:
ट्विटर और मस्क के लिए यह एक उथल-पुथल भरा साल रहा है. उन्होंने जनवरी 2022 में कंपनी में अपने शेयर बढ़ाने शुरू किए और प्लेटफॉर्म को खरीदने के लिए उनकी 44 अरब अमेरिकी डॉलर (पाउंड स्टर्लिंग 36 अरब) की बोली को अप्रैल में स्वीकार कर लिया गया. इसके बाद उन्होंने अक्टूबर में स्वामित्व लेने से पहले, जुलाई में सौदे से बाहर निकलने की कोशिश की. तब से उन्होंने लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में कई बदलाव किए हैं. हालांकि उनमें से कुछ को वापस ले लिया.

अपने सीईओ के पद से हटने के लिए वोट दिया:
वास्तव में, ट्विटर को पा लेने के बाद मस्क की प्रतिक्रिया क्रिसमस की सुबह की याद दिलाती है, जब बच्चे उपहारों को खोलते हैं, प्रारंभिक उत्साह प्रदर्शित करते हैं और फिर जल्दी से रुचि खो देते हैं. मस्क ने कल्पना की होगी कि वेबसाइट का मालिक होना मज़ेदार होगा और उन्हें शक्तिशाली होने का एहसास कराएगा. लेकिन हकीकत कुछ और ही निकली. ऑनलाइन और वास्तविक जीवन दोनों में उनकी आलोचना और उनसे बुरा व्यवहार किया गया और अब एक करोड़ 75 लाख से अधिक ट्विटर उपयोगकर्ताओं में से 57.5 प्रतिशत ने उन्हें अपने सीईओ के पद से हटने के लिए वोट दिया है.

ऋणदाताओं ने भी पद से हटने का दबाव बनाया:
मस्क ने स्वयं पोल ​​पोस्ट किया और इसके परिणामों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. लेकिन उन्होंने अभी तक परिणामों पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी नहीं की है, सिवाय एक सुझाव पर ‘‘दिलचस्प’’ जवाब देने के, कि नकली खातों ने परिणामों को बदल दिया होगा, और इस बात पर सहमत होने के कि केवल भुगतान करने वाले लोग ही ट्विटर नीति परिवर्तनों पर मतदान करने में सक्षम होने चाहिएं. कुछ अटकलें यह भी हैं कि मस्क पर अन्य ट्विटर शेयरधारकों और ऋणदाताओं ने भी पद से हटने का दबाव बनाया है.

उपयोगकर्ताओं को संभावित विज्ञापनदाताओं तक पहुँचा सके:
इसके अलावा, मस्क टेस्ला स्टॉक में अरबों डॉलर की बिक्री कर रहे हैं और इस साल इसकी शेयर कीमत 60 प्रतिशत से अधिक कम हो गई है. कार फर्म के शेयरधारक शायद अपने अब तक के सफल सीईओ को पूर्णकालिक रूप से वापस लेना चाहेंगे. तो, अगर ट्विटर को एक नया सीईओ खोजने का प्रयास करना था, तो परेशान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को किस तरह के व्यक्ति की तलाश करनी चाहिए? नेतृत्व के एक छात्र के रूप में, मैं अभी इस भूमिका पर विचार करने वाले - या इसके लिए विचार किए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए तीन मूल्य चैनल की दिशा में व्यापार प्रमुख आवश्यकताएं देख सकता हूं:

आत्मविश्वास और स्वतंत्रता:
एक नया ट्विटर सीईओ आश्वासन चाहता है कि वे बहुमत के मालिक के रूप में मस्क द्वारा दूसरे अनुमान के बिना व्यापार की दिशा के बारे में निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होंगे. इसलिए नए सीईओ को आत्मविश्वासी होने की जरूरत होगी, शायद अहंकारी भी, और अपनी जमीन पर खड़े होने के लिए तैयार.

तथ्यों का सामना करने की क्षमता:
नए नेता को स्थिति के क्रूर तथ्यों का सामना करना होगा - प्रबंधन विशेषज्ञ जिम कोलिन्स के अनुसार, सफल बदलाव की शुरुआत इसी तरह से की जानी चाहिए. ट्विटर आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहा है. मस्क ने इसे खरीदने के लिए 44 अरब अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया था, जो शायद इसकी कीमत से दोगुना था. उन्होंने अधिग्रहण में मदद के लिए बड़ी रकम उधार ली है और टेस्ला स्टॉक की बड़ी किश्तें बेची हैं. लेकिन जब तक कि ट्विटर की वित्तीय स्थिति को ठीक नहीं किया जाता उन्हें प्रति वर्ष एक अरब अमेरिकी डालर तक के ऋणदाताओं को ब्याज भुगतान करना सकता है, ये क्रूर तथ्य हैं जिनका एक नए नेता को सामना करना होगा.

प्रबंधन के लिए एक कल्पनाशील दृष्टिकोण:
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की वर्तमान स्थिति नए नेता के लिए तीसरी आवश्यकता की ओर ले जाती है: कल्पना. ट्विटर एक शानदार व्यावहारिक सफलता है. यह प्रभावशाली और शक्तिशाली है. इसने निश्चित रूप से सूचना के प्रवाह को तेज कर दिया है (बेशक, गलत जानकारी के साथ-साथ उपयोगी जानकारी).

उपयोगकर्ताओं को संभावित विज्ञापनदाताओं तक पहुँचा सके:
और यह अच्छे की तरफ एक कदम हो सकता है - उदाहरण के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान डेटा और सलाह प्रदान करना या राजनेताओं या मीडिया की विफलताओं को उजागर करने में मदद करना - यहां तक ​​कि अप्रियता और दुर्व्यवहार के साथ जो ट्वीट करने का एक अपरिहार्य हिस्सा लगता है. लेकिन क्या यह वास्तव में एक व्यावसायिक प्रस्ताव है? यह फेसबुक या इंस्टाग्राम जैसा प्लेटफ़ॉर्म नहीं है जो अरबों उपयोगकर्ताओं को संभावित विज्ञापनदाताओं तक पहुँचा सके.

वास्तव में लाभ के लिए एक पारंपरिक व्यवसाय:
दरअसल, मस्क के अराजक निर्णय लेने के जवाब में कई प्रमुख विज्ञापनदाताओं ने स्पष्ट रूप से साइट छोड़ दी. शायद नए सीईओ को जो कल्पनाशील छलांग लगानी होगी, वह ट्विटर को एक व्यवहार्य गैर-लाभकारी संगठन में बदलना होगा, जिसकी अपने मालिकों और विज्ञापनदाताओं के लिए भले ही आसानी से पैसा बनाने की क्षमता न हो, लेकिन बहुत अधिक उपयोगिता और मूल्य है. इस मामले में, नए सीईओ के लिए एक मुख्य कार्य यह पहचानना होगा मूल्य चैनल की दिशा में व्यापार कि ट्विटर किस प्रकार का व्यवसाय है, और यह तय करना है कि क्या यह वास्तव में लाभ के लिए एक पारंपरिक व्यवसाय है.

योजना पर टिके रहना:
और यह हमें भविष्य के किसी भी ट्विटर सीईओ के लिए एक प्रमुख कार्य की ओर ले जाता है - और शायद ट्विटर के साथ समस्या का सबसे बड़ा कारण भी यही है. यह पूरा प्रकरण हमें एक बहुत ही मूल्यवान नेतृत्व सबक देता है, जो हाल के महीनों में मस्क ने सभी को सिखाया है: हमें किसी भी व्यवस्था में लोगों से जबर्दस्ती महान नेताओं के रूप में लेबल करने से पहले संकोच करना चाहिए, जब तक कि हम यह नहीं देख लेते कि उनका दीर्घकालिक प्रभाव क्या रहा है. सोर्स-भाषा

'चीन और पाकिस्तान हुए एक, युद्ध मूल्य चैनल की दिशा में व्यापार हुआ तो भारत को होगा बड़ा नुकसान', राहुल गांधी ने केंद्र को चेताया

नई दिल्लीः कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि चीन और पाकिस्तान दोनों भारत के खिलाफ एकजुट हैं और देर-सबेर साथ मिलकर देश पर हमला कर सकते हैं। पूर्व सैनिकों के साथ बातचीत के दौरान गांधी ने कहा कि भारत ‘‘बेहद नाजुक'' स्थिति में है और उसे अभी कदम उठाना चाहिए अन्यथा उसे ‘‘भारी झटका'' लगेगा। राहुल ने रविवार को यूट्यूब के अपने चैनल पर इस बातचीत को साझा किया।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि गलवान और डोकलाम में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़पें आपस में जुड़ी हुई थीं और पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत पर हमला करने की चीन की रणनीति का हिस्सा थीं, ऐसा देश जिसके साथ अब उसके आर्थिक संबंध भी हैं।

राहुल ने पांच मिनट के वीडियो में कहा, ‘‘चीन और पाकिस्तान एक हो गए हैं और यदि युद्ध छिड़ा तो एक से नहीं, दोनों से होगा। देश को बहुत बड़ा झटका लगेगा। भारत अब बेहद नाजुक स्थिति में है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश में अशांति है, लड़ाई है, भ्रम है, घृणा है। हमारी मानसिकता अभी भी ढाई मोर्चों पर युद्ध की है। हमारी मानसिकता न तो संयुक्त अभियानगत संचालन की है और न ही साइबर युद्ध की।''

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘भारत अब बेहद नाजुक स्थिति में है। चीन और पाकिस्तान दोनों हमें ‘चकित' करने की तैयारी कर रहे हैं। इसलिए मैं दोहराता रहता हूं कि सरकार चुप नहीं बैठ सकती।'' उन्होंने कहा कि सरकार को देश को बताना चाहिए कि सीमा पर क्या हुआ है। राहुल ने कहा, ‘‘हमें जो भी कदम उठाना है, हमें अभी से शुरू करना होगा। दरअसल, हमें पांच साल पहले कार्रवाई करनी चाहिए थी, जो हमने नहीं की। अगर हम जल्द कार्रवाई नहीं करेंगे तो देश को नुकसान होगा।''

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