डायमेंशंस कंसल्टिंग के सीर्इओ अजय श्रीवास्तव कहते हैं कि ग्लोबल ट्रेड में भारत की हिस्सेदारी नाम मात्र की है. इसलिए भारत पर ट्रेड वॉर के असर का अनुमान लगा पाना मुश्किल है. कुछ सेक्टरों पर इसका जरूर असर पड़ सकता है.
ट्रेड लाइसेंस – व्यापार अधिकार पत्र ट्रेड लाइसेंस कैसे प्राप्त करें?
ट्रेड लाइसेंस – (व्यापार अधिकार पत्र) यह प्रत्येक व्यवसाय के लिए आवश्यक है जो एक व्यापार के लिए एक ट्रेड लाइसेंस रखना अनिवार्य ट्रेडर्स में क्या क्या आता है होता है। एक व्यापार लाइसेंस स्थानीय नगरपालिका में पंजीकृत है, जहां व्यवसाय स्थित (मौजूद) होता ट्रेडर्स में क्या क्या आता है है।
गूगल रेटिंग्स
पेमेंट ऑप्शन
ट्रेड लाइसेंस कैसे काम करता है?
व्यापार या व्यवसाय करने वाले प्रत्येक व्यवसाय के लिए एक व्यापार लाइसेंस आवश्यक है। एक ट्रेड लाइसेंस केवल एक वर्ष के लिए वैध (मान्य) होता है।
हम आप सभी को एक साथ रखने में मदद करेंगेआवश्यक दस्तावेज़।(डाकुमेंट्स या कागजात)
हम आपकी ओर से आवेदन दायर करेंगे।
फिर आपको अपने व्यवसाय के लिए ट्रेड लाइसेंसप्राप्त हो जाएगा ।
ट्रेड लाइसेंस (अवलोकन)
एक ट्रेड लाइसेंस (व्यापार अधिकार पत्र) स्थानीय नगरपालिका द्वारा जारी किया गया एक कानूनी दस्तावेज है जो किसी व्यक्ति या किसी पार्टी को व्यवसाय संचालन शुरू करने के लिए प्राधिकरण (अधिकार) प्रदान करता है। एक व्यापार लाइसेंस केवल तभी दिया जाता है जब व्यवसाय निगम, और सुरक्षा अधिकारियों द्वारा संबंधित राज्य के सभी नियमों और विनियमों का पालन करता है जिसमें व्यवसाय स्थित है।
व्यवसाय शुरू होने से 30 दिन पहले निगम में आयुक्त के पास आवेदन दायर किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान, व्यवसाय को सभी अनिवार्य दस्तावेज जमा करने होते हैं।
ZipLoan से ट्रेडर्स के लिए बिजनेस लोन
भारत में अब वह दिन लद गयें जब कारोबारी अधिक सूद पैसे सूदखोरों से पैसा लेते थे। अब सरकारी, प्राइवेट बैंकों ट्रेडर्स में क्या क्या आता है के साथ ही गैर- बैंकिंग संस्थान (एनबीएफसी) कंपनियों से बहुत आसानी से बिजनेस लोन मिल तरह है।
एनबीएफसी कम्पनियां टेक्नोलॉजी आधारित होने के चलते लोन का प्रोसेस बहुत तेजी से पूरा करती हैं। देश की प्रमुख एनबीएफसी कंपनी ZipLoan से ट्रेडर्स कारोबारियों को 1 से 7.5 लाख ट्रेडर्स में क्या क्या आता है तक का बिजनेस लोन सिर्फ 3 दिन में मिलता है।
Quick Links
ZipLoan के बिजनेस लोन का प्रमुख लाभ और विशेषताएं
आरबीआई से पंजीकृत एनबीएफसी ZipLoan द्वारा ट्रेडर्स कारोबारियों के परेशानियों को समझा जाता है। उनके आर्थिक समस्या का समाधान के लिए 1 से 7.5 लाख तक का बिजनेस बहुत ही आसान प्रक्रिया के तहत दिया जाता है। ZipLoan से मिलने वाला बिजनेस लोन विशेषताएं निम्न हैं:
न्यूनतम कागजातों पर लोन | ZipLoan द्वारा ट्रेडर्स कारोबारियों के समय की कीमत को समझा जाता है। जितने समय में कारोबारी कागजी दस्तावेज इक्कठा करेंगे उतने समय में वह अपने बिजनेस में नई डील बना सकते हैं। |
ZipLoan द्वारा सिर्फ 4 कागजी दस्तावेजों पर ट्रेडर्स कारोबारियों को बिजनेस लोन दिया जाता है:
ट्रेडर्स कारोबारियों के लिए बिजनेस लोन की न्यूनतम पात्रता
अधिक से अधिक ट्रेडर्स कारोबारी को बिजनेस लोन मिलना सुनिश्चित करने के लिए ZipLoan द्वारा बिजनेस लोन देने की न्यूनतम पात्रता तय की गई है। पात्रता निम्न है:
- बिजनेस कम से कम दो साल पुराना हो
- बिजनेस की सालाना टर्नओवर 10 लाख से अधिक हो
- पिछले साल की फाइल आईटीआर 1.5 लाख से अधिक से हो
- घर या बिजनेस की ट्रेडर्स में क्या क्या आता है जगह में से कोई एक खुद के नाम पर हो (यह ब्लड रिलेशन से संबंधित ट्रेडर्स में क्या क्या आता है होने पर भी मान्य किया जाता है)
सिर्फ 3 दिन में बिजनेस लोन
ZipLoan कारोबारियों की जरूरत को समझता है। कारोबारी को जितना जल्दी पैसा मिलता है, कारोबारी उतना ही जल्दी अपना ट्रेडर्स में क्या क्या आता है बिजनेस बढ़ाता है। इसलिए ZipLoan द्वारा सिर्फ 3 दिन* में बिजनेस लोन दिया जाता है।
प्री पेमेंट चार्जेस फ्री बिजनेस लोन
अक्सर ट्रेडर्स कारोबारी को माल खरीदने के लिए तत्काल पैसों की जरूरत होती है। हालाँकि कारोबारियों को जल्दी ही मुनाफा हो जाता है। जब कारोबारियों को मुनाफा या बेचे गये माल का पेमेंट मिल जाता है तो वह बिजनेस लोन की ब्याज से बचने के लिए लोन की रकम समय से पहले एक ही दिन में चुकाना चाहते हैं।
ट्रेडर्स बिजनेस लोन कैसे उपयोग कर सकते हैं?
जैसा कि पहले बताया गया है कि ट्रेडर्स करोबार में थोक का कारोबार होता है। यानी ट्रेडर्स किसी आइटम का होलसेल करता है। अपने यहां सीधे फैक्ट्री से माल मंगाता है और फुटकर कारोबारियों को प्रोडक्ट बेचता है। फुटकर कारोबारी ट्रेडर्स के यहां में माल लेकर फुटकर ग्राहकों को प्रोडक्ट बेचते हैं।
ट्रेडर्स के कारोबार में अधिकतर बिजनेस उधारी पर होता है। यानी ट्रेडर्स फैक्ट्री से जब माल मंगाता है तो वह रिटेल कारोबारियों को इस क्रेडिट पर माल बेचता है कि रिटेल कारोबारी उसे कुछ दिन बाद या एक निश्चित दिन बाद प्रोडक्ट के दाम का पैसा दे देंगे।
इस बीच कारोबारी का पैसा प्रोडक्ट खरीद में लगा होता है। अब जब ट्रेडर्स कारोबारी को दूसरा माल मंगाना होता है तो उसके पास पैसों की कमी हो जाती है। ऐसी स्थिति में कारोबारी को अपना बिजनेस मैनेज करना जरा मुश्किल हो जाता है।
स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट या ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो समझ लें Demat और Trading Account
डीमैट अकाउंट आपके शेयर और असेट को डिमैटिरियलाइज्ड फॉर्म में रखने वाला अकाउंट होता हैलेकिन ट्रेडिंग अकाउंट को बैंक और डीमैट अकाउंट के बीच का लिंक माना जा सकता है। डीमैट अकाउंट खोलने पर एक डीमैट नंबर दिया जाता है जिससे ट्रेड उसमें सेटल कर सकते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं तो इसके लिए डीमैट अकाउंट होना बहुत जरूरी है। लेकिन ये अकाउंट क्या होता है, कैसे खुलता है, इसका क्या उपयोग होता है, अगर आपके मन में भी ऐसे सवाल आते हैं तो निश्चिंत हो जाइए क्योंकि आपको अपने सभी सवालों का ट्रेडर्स में क्या क्या आता है जवाब मिलने वाला है। आसान शब्दों में कहें तो डीमैट अकाउंट किसी बैंक अकाउंट जैसा ही होता है, अंतर सिर्फ इतना ही है की बैंक अकाउंट में पैसों का लेनदेन होता है।
क्या है डीमैट अकाउंट
डीमैट अकाउंट शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में रख सकते हैं। बता दें कि डीमैट अकाउंट फिजिकल शेयर्स को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदल देता है। डीमैट अकाउंट खोलने पर एक डीमैट नंबर दिया जाता है जिससे ट्रेड उसमें सेटल कर सकते हैं। जिस तरह आप बैंक अकाउंट में पैसे का ट्रांजैक्शन करते हैं उसी तरह डीमैट अकाउंट में आप शेयर्स व सिक्योरिटीज का ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। इसका काम कुछ-कुछ बैंक अकाउंट जैसा होता है, जहां आप अपना पैसा जमा और निकाल सकते हैं। इसी तरह आप इस अकाउंट में सिक्योरिटी को भी जमा कर सकते हैं। साथ ही, जरूरत पड़ने पर डेबिट और क्रेडिट भी किया जाता है। बता दें कि डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपके पास कोई शेयर हो, ऐसा कोई जरूरी नहीं है। इसके अलावा आपके अकाउंट में अगर जीरो बैलेंस भी है तो कोई परेशानी होगा।
डीमैट अकाउंट के उलट अगर आपको स्टॉक ट्रेडिंग करनी है तो आपको इसके लिए ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ेगी। स्टॉक मार्केट में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयर में निवेश करना हो तो आप इस अकाउंट से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रेडिंग कर सकते हैं।
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में कुछ सामान्य अंतर
डीमैट अकाउंट आपके शेयर और असेट को डिमैटिरियलाइज्ड फॉर्म में रखने वाला अकाउंट होता है,लेकिन ट्रेडिंग अकाउंट को बैंक और डीमैट अकाउंट के बीच का लिंक माना जा सकता है। बता दें कि, डीमैट अकाउंट जहां बस एसेट स्टोर करने के लिए खुलवाया जाता है, इससे कोई ट्रांजैक्शन नहीं हो सकता है। साथ ही, ट्रेडिंग अकाउंट ट्रेड ट्रांजैक्शन करने के काम आता है। इसके अलावा डीमैट अकाउंट पर निवेशक को सालाना चार्ज देना होता है। वहीं आमतौर पर ट्रेडिंग अकाउंट फ्री होता है, लेकिन चार्ज कंपनी पर भी निर्भर होता है कि वो आपसे चार्ज लेगी या नहीं। हालांकि, डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ ही खोले जाते हैं।
स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट के लिए ये दोनों ट्रेडर्स में क्या क्या आता है ही अकाउंट जरूरी है। जब एक इन्वेस्टर शेयरों में ट्रेड करता है तो ये शेयर स्टोर करने के लिए उसे डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर ट्रेडर बस ट्रेडिंग कर रहा है, तो वो इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑप्शन ट्रेडिंग और करेंसी ट्रेडिंग कर ट्रेडर्स में क्या क्या आता है रहा है, तो वो ट्रेडिंग अकाउंट से भी हो जाता है, इसमें डीमैट अकाउंट की कोई जरूरत नहीं होती है।
ट्रेड वॉर क्या है, भारतीय बाजार पर कितना पड़ेगा असरॽ
इसे भी पढ़ें : स्टील कंपनियों के शेयर देंगे मुनाफा, जानिए क्यों?
क्या भारत पर भी इसका असर होगाॽ दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव अच्छी खबर नहीं है. विश्वभर के बाजार इससे सहमे हुए हैं. चीन का शंघार्इ कंपोजिट, हांगकांग का हैंगसैंग, जापान का निक्केर्इ तीन फीसदी तक लुढ़क चुके हैं. भारतीय बाजारों में एक फीसदी तक की गिरावट आर्इ है.
जापान, जर्मनी और कोरिया सहित 2017 में लगभग सभी महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदारों के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा काफी ज्यादा है. व्यापार घाटा तब होता है जब किसी देश को निर्यात होने वाली वस्तुओं का मूल्य उस देश से आयात होने वाले वस्तुओं के मूल्य से कम ट्रेडर्स में क्या क्या आता है ट्रेडर्स में क्या क्या आता है होता है.
ट्रेड वॉर क्या है, भारतीय बाजार पर कितना पड़ेगा असरॽ
इसे भी पढ़ें : स्टील कंपनियों के शेयर देंगे मुनाफा, जानिए क्यों?
क्या भारत पर भी इसका असर होगाॽ दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव अच्छी खबर नहीं है. विश्वभर के बाजार इससे सहमे हुए हैं. चीन का शंघार्इ कंपोजिट, हांगकांग का हैंगसैंग, जापान का निक्केर्इ तीन फीसदी तक लुढ़क चुके हैं. भारतीय बाजारों में एक फीसदी तक की गिरावट आर्इ है.
जापान, जर्मनी और कोरिया सहित 2017 में लगभग सभी महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदारों के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा काफी ज्यादा है. व्यापार घाटा तब होता है जब किसी देश को निर्यात होने वाली वस्तुओं का मूल्य उस देश से आयात होने वाले वस्तुओं के मूल्य से कम होता है.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 506