जवाब: कोरोना वायरस के कारण लोगों को सामाजिक दूरी बनाये रखनी है लेकिन भावनात्मक दूरी नहीं बनानी है. अलग अलग पृष्ठभूमि से आने वाले लोगों के समक्ष समस्याएं आयेंगी लेकिन इसका हल भी समाज से ही निकलेगा. हम सभी को यह समझना होगा कि इस संक्रमण से बचने का और कोई रास्ता नहीं है. लॉकडाउन के चलते बिजनेस, नौकरी, कमाई, बचत और यहां तक कि मूलभूत संसाधन खोने के डर के कारण समस्याएं आती निवेशक घबराहट की स्थिति में क्या कर सकते हैं है. ऐसे में जो लोग सक्षम हैं, उन्हें ऐसे कमजोर लोगों का ध्यान रखना चाहिए और एक दूसरे की मदद करनी चाहिए. हम सभी को एकजुट होकर इस विपदा से निपटना है और भावनात्मक रूप से एक दूसरे से जुड़कर रहना है. समस्या भी यहीं है और इसका समाधान भी यहीं पर है.
एक आर्मी डॉक्टर का एम्स निदेशक डॉ गुलेरिया को खुला पत्र: भ्रामक दिशा-निर्देशों पर कोई सफाई देंगे क्या!
चूंकि यह खुला पत्र है, मैं अपना परिचय मेडिकल क्षेत्र से जुड़े ऐसे तर्कशील व्यक्ति के तौर पर कराना चाहूंगा जिसने तर्क की कसौटी पर कसने के बाद ही किसी बात को मानने की प्रवृत्ति चिकित्सा क्षेत्र के प्रणेताओं से ही विरासत में पाई है। पर आप किसी परिचय के मोहताज नहीं। आप घर-घर में जाने जाते हैं। आप इसके हकदार हैं क्योंकि आप देश को ऐसी मेडिकल इमरजेंसी में रास्ता दिखा रहे हैं।
लोग डॉक्टरों की ओर देखते हैं और डॉक्टर उत्कृष्ट संस्थानों की ओर। आप अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक हैं जो बड़ा ही प्रतिष्ठित पद है और इसका अपना ही आभामंडल है। होना भी चाहिए। कोई हैरत नहीं कि आपके शब्दों को न केवल देश के आम लोग बल्कि पूरी चिकित्सा बिरादरी देववाणी की तरह लेती है।
इसलिए, आपकी जिम्मेदारी बहुत अधिक हो जाती है।
बिजली का कोई संकट नहीं, कोल का पर्याप्त स्टॉक मौजूदः आर के सिंह
केंद्र सरकार का कहना है देश निवेशक घबराहट की स्थिति में क्या कर सकते हैं में बिजली का कोई संकट नहीं है और पावर प्रोडक्शन के लिए कोल का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। पावर मिनिस्टर आर के सिंह ने कहा कि बिना किसी निवेशक घबराहट की स्थिति में क्या कर सकते हैं कारण के घबराहट का माहौल बनाया जा रहा है। GAIL ने दिल्ली के बवाना गैस प्लांट को कॉन्ट्रैक्ट समाप्त होने के कारण दो दिन के बाद गैस की सप्लाई बंद करने की जानकारी दी थी और उससे यह घबराहट हुई है।
सिंह ने बताया कि उन्होंने GAIL के CMD को जरूरी सप्लाई जारी रखने को कहा है। इसके अलावा दोनों डिस्कॉम के CEO और गेल के CMD को ऐसी गलती दोबारा नहीं करने की चेतावनी दी है।
इस मुद्दे पर कांग्रेस की ओर से की गई निंदा पर सिंह ने कहा, "उनके पास मुद्दे नहीं हैं और वे मुद्दे बनाने की कोशिश करते हैं। हम बिजली की जितनी जरूरत है उतनी सप्लाई कर रहे हैं।"
उन्होंने बताया कि पावर प्लांट्स में 4 दिनों के पावर जेनरेशन के लिए कोल का एवरेज स्टॉक रखा जाता है। इस स्टॉक को प्रति दिन भरा जाता है।
लॉकडाउन के दौरान घबराहट, बेचैनी, अकेलेपन से कैसे बचें, जानिए मनोवैज्ञानिक डा. समीर पारिख ने क्या कहा
कोरोना वायरस महामारी के कारण लोगों को संक्रमण, बेरोजगारी और आर्थिक तंगी जैसी आशंकाएं तो सता ही रहीं हैं, साथ ही उन्हें कई तरह के मानसिक दबावों का भी सामना करना पड़ रहा है. इस माहौल में घबराहट, बेचैनी, अकेलापन और अवसाद बड़ी समस्याएं खड़ी कर सकता है. इस विषय पर फोर्टिस नेशनल मेंटल हेल्थ प्रोग्राम के ‘मानसिक स्वास्थ्य और निवेशक घबराहट की स्थिति में क्या कर सकते हैं व्यवहार विज्ञान’ विभाग निदेशक डॉ. समीर पारिख से ‘भाषा के पांच सवाल’ और उनके जवाब-
सवाल- लॉकडाउन के दौरान लम्बे समय तक घरों में बंद रहने का लोगों की दिमागी सेहत पर क्या असर हो सकता है ? क्या यह असर बंदी खुलने के बाद भी बना रहेगा और निवेशक घबराहट की स्थिति में क्या कर सकते हैं इसका क्या प्रभाव पड़ेगा ?
क्या आपको भी है सफर में निवेशक घबराहट की स्थिति में क्या कर सकते हैं उल्टी व घबराहट की समस्या, तो अपनाएं ये तरीके
Aapni निवेशक घबराहट की स्थिति में क्या कर सकते हैं निवेशक घबराहट की स्थिति में क्या कर सकते हैं News, New Delhi मोशन सिकनेस की समस्या काफी आम है। आपकी पहचान में भी ऐसे कई लोग होंगे जिन्हें सफर करते समय उल्टी और जी मचलाने जैसी परेशानियां होती हैं। वैसे तो मोशन सिकनेस होना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन जरूरी काम या मूड तरोताजा करने के बीच.
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मोशन सिकनेस की समस्या काफी आम है। आपकी पहचान में भी ऐसे कई लोग होंगे जिन्हें सफर करते समय उल्टी और जी मचलाने जैसी परेशानियां होती हैं। वैसे तो मोशन सिकनेस होना निवेशक घबराहट की स्थिति में क्या कर सकते हैं कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन जरूरी काम या मूड तरोताजा करने के बीच ये हमारे दिमाग को विचलित कर सकता है। मोशन सिकनेस कोई बीमारी नहीं है। कुछ लोगों को सफर के दौरान ये परेशानी इसलिए होती है क्योंकि ऐसे समय उनके दिमाग को नाक, कान, त्वचा और आंख से अलग-अलग सिग्नल मिलते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये सिग्नल मिलते ही उनका नर्वस सिस्टम कंफ्यूज हो जाता है। इससे दिमाग तत्काल स्थिति समझ नहीं पाता, जिसके चलते मोशन सिकनेस के लक्षण आने लगते हैं।
स्वस्थ मानसिकता बेहतर संबंधों के लिए कुंजी है?
क्या आपने भावनात्मक रूप से कुछ समय के लिए रिश्ते में निवेश किया है? क्या आपने अपने साथी के साथ लगातार झगड़े और असहमति का सामना किया है? क्या इन झगड़े को निराशा हुई है या क्या उन्होंने आपके संबंधित जीवन के प्राकृतिक पाठ्यक्रम को प्रभावित किया है? यदि हां, तो यह समय है कि आप प्रयासों को पुन: प्राप्त करें या बल्कि चीजों को काम करने के लिए आपके द्वारा किए गए प्रयासों का पुन: प्रयास करें. झगड़े किसी भी स्वस्थ और गंभीर संबंध का एक अभिन्न हिस्सा हैं. हालांकि, अत्यधिक होने पर रिश्तो में खटास आ सकती हैं. यह आपकी याददाश्त निवेशक घबराहट की स्थिति में क्या कर सकते हैं को कमजोर करता है और भावनात्मक लगाव में संलग्न होने के लिए आपको बहुत परेशान करता है. मानसिकता की तरह व्यक्ति अपने रिश्ते पर लागू होता है, यह निर्धारित करता है कि व्यक्ति रिश्ते में किस तरह के उपचार प्राप्त करता है. इसलिए आपको बहुत सावधान रहना चाहिए.
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