मॉरगेज़ लोन की पात्रता और डॉक्यूमेंट
*कृपया ध्यान दें कि यहां दिए गए डॉक्यूमेंट की लिस्ट संकेतक है. लोन प्रोसेसिंग के दौरान अतिरिक्त डॉक्यूमेंट की आवश्यकता पड़ सकती है.
मॉरगेज लोन: पात्रता और आवश्यक डॉक्यूमेंट
चाहे शादी, घर का रेनोवेशन या विदेशी शिक्षा जैसे निजी खर्च हों या बिज़नेस से संबंधित खर्च हों, इन सभी दायित्वों को पूरा करने के लिए बजाज फिनसर्व मॉरगेज लोन एक आदर्श समाधान है. अगर आप पात्र एप्लीकेंट हैं, तो आप रु. 5 करोड़ या उससे अधिक का एक्सेस कर सकते हैं. न्यूनतम पेपरवर्क के साथ आसान प्रोसेस के साथ अप्लाई करें और तीन दिनों के भीतर अप्रूव्ड राशि प्राप्त करें**.
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घर की संपत्ति से होने वाली आय के बारे में आपको जो कुछ भी जानना है
क्या आपको लगता है कि संपत्ति खरीदने से पहले आपको वित्तीय योजना के बारे में चिंता करनी चाहिए थी? जितनी जल्दी आपको यह पता चलता है कि संपत्ति की चाबी नहीं मिलती है, यह पूरी तरह से वित्तीय योजना के एक नए चक्र की शुरुआत थी और इसके साथ पूरी तरह से समर्पण किया गया था। भारत में आयकर कानूनों के तहत, आपकी संपत्ति में एक वर्ष में एक निश्चित आय अर्जित करने की क्षमता है, और आपको इस आय पर करों का भुगतान करना होगा। आयकर विभाग इस आय को सिर के नीचे से “आय से” कर देता हैघर की संपत्ति ”। इस लेख में, हम इस बात पर चर्चा करेंगे कि घर की संपत्ति से आय का गठन कैसे होता है, इसकी गणना कैसे की जाती है और कटौती आप इस आय पर दावा कर सकते हैं ।
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स्थिर आय प्राप्त करने में कितना समय लगता है?
अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति हेतु घटना के घटित होने की तिथि से नियुक्ति के लिए पात्र व्यक्ति को दी जाने वाली सामान्य समय-सीमा 5 वर्ष है।
अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति हेतु सक्षम प्राधिकारी द्वारा 5 वर्ष की अवधि में छूट दी जा सकती है, बशर्ते की निम्नलिखित बातें शामिल हों -
3. अनुकंपा के आधार पर दी जाने वाली नियुक्ति किसी भी समय, स्थिर आय प्राप्त करने में कितना समय लगता है? परिवार के किसी अन्य सदस्य को नहीं दी गई हो ।
अनुकंपा के आधार पर रोज़गार का प्रस्ताव देना कोई सामान्य बात नहीं है। अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के अनुरोध पर विचार करते समय मृतक के परिवार की वित्तीय स्थिति को भी ध्यान में रखा जाता है क्योंकि अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति देने का उद्देश्य शोक-संतप्त परिवार को वित्तीय संकट से उभारने के लिए तुरंत वित्तीय सहायता देना है। प्रशासन के लिए यह आवश्यक नहीं है कि वह अनुकंपा के आधार पर दी जाने वाली नियुक्ति उम्मीदवार की शैक्षिक योग्यता या मृतक कर्मचारी की हैसियत के आधार पर दें।
आंशिक रूप से चिकित्सीय विकोटिकृत कर्मचारी, जो सवैच्छिक सेवानिवृत्ति पाना चाहते हों, के मामलों में उनके आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए योग्य ग्रुप डी श्रेणियों पर विचार किया जा सकता है। उन कर्मचारियों के संबंध में, जिन्हें आंशिक रूप से उस समय विकोटिकृत घोषित किया गया हो जब उनकी सेवाएं 5 वर्ष या उससे अधिक हों, के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति दी जाएगी।
अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए भूतपूर्व कर्मचारी के बच्चों/पत्नी द्वारा आवेदित आवेदन पत्र में दी गई शैक्षिक योग्यता पर ही विचार किया जाएगा।
नैमेतिक मजदूर के संबंध में, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति देने पर विचार नहीं किया जाएगा। तथापि, महाप्रबंधक अपने विवेकाधिकारों का प्रयोग करते हुए ऐसे नैमेतिक मजदूरों के पात्र बच्चों को, जिन्हें अस्थाई तौर पर लगाया गया हो, की मृत्यु के पश्चात् अनुकंपा के आधार पर नैमेतिक मजदूर(नया चेहरा/एवजी) के रूप में नियुक्ति दे सकते हैं या यदि किसी नैमेतिक मजदूर की मृत्यु ड्यूटी के दौरान एक्सीडेंट से हो जाती है तो उसकी पात्रता को देखते हुए उसे नैमेतिक क्षतिपूर्ति अधिनियम, 1923 के अंतर्गत क्षतिपूर्ति दी गई हो।
सामान्यत: अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पाने वाले व्यक्तियों पर पद तथा ग्रेड से संबंधित पात्रता की सभी शर्ते लागू की जाएं तथा उन्हें निर्धारित आयु तथा शैक्षिक योग्यता पूरी करनी होगी। तथापि, ऊपरी आयु-सीमा में छूट केसों की योग्यता के आधार पर की जा सकती है। सरकारी नौकरी में नियुक्ति के लिए निम्नतम आयु-सीमा 18 वर्ष है, इस संबंध में एक वर्ष की छूट के लिए महाप्रबंधक का अनुमोदन अपेक्षित है। निम्नतम आयु-सीमा में एक वर्ष से कम के लिए छूट हेतु रेल मंत्रालय की मंजूरी अत्यावश्यक है।
ग्रुप ’ सी ’ तथा ’ डी ’ के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता मैट्रिक परीक्षा है। तथापि, एक विधवा/पत्नी के संबंध में निर्धारित योग्यता पूरी न कर पाने की स्थिति में रू. 1800/- ग्रेड पे सहित पे- बैंड -। में नियुक्ति दी जा सकती है, बशर्तें , कि नियुक्ति प्राधिकारी इस बात से सन्तुष्ट हो कि (वह अपने पद पर) , थोड़ी ट्रेनिंग की सहायता से वह अपने पद से संबंधित ड्यूटी निभा सकती है । कर्मचारी के बच्चों की शैक्षिक योग्यता अपेक्षित न पाई जाने पर उन्हें ट्रेनी के रूप में IS पे स्केल में नियुक्ति दी जा सकती है, बशर्तें कि, वे- 5 वर्षो के भीतर अपनी न्यूनतम शैक्षिक योग्यता प्राप्त कर लेंगे, जैसा कि आर बी ई न. 102 /2012 में परिभाषित किया गया है।
ग्रुप ’ सी ’ पदो के लिए उपयुक्तता परीक्षा में लिखित तथा मौखिक (एक ही दिन में ली जाएंगी) परीक्षा शामिल हैं। जबकि पूर्ववत ग्रुप डी के पदों के लिए केवल मौखिक परीक्षा ली जाती है। दर्शाए गए एनैक्सचर में हाई स्कूल के स्तर का सैंपल देखा जा सकता है। ग्रैजुएट स्तर के लिए परीक्षा का स्तर उंचा होगा।
ITR में कर रहे हैं कर वापसी का दावा? जानिए टैक्स रिफंड ऑनलाइन होने में लगता है कितना समय
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकार ने मंगलवार 23 जुलाई 2019 को आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की तारीख को 31 अगस्त, 2019 तक बढ़ा दिया। पिछले साल भी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने ITR फाइलिंग की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया था।
जो लोग पहले ही अपना रिटर्न दाखिल कर चुके हैं, वे आय कर वापसी का दावा करने के योग्य हैं, यदि उनका आई-टी रिटर्न संबंधित वित्तीय वर्ष में कुल आयकर देयता को पार कर गया है। आयकर विभाग ऑनलाइन कर वापसी की स्थिति की जांच की सुविधा देता है। धनवापसी निर्धारित होने के बाद यह कर विभाग द्वारा संसाधित किया जाता है।
एक्सपर्ट बताते हैं कि आयकर रिटर्न प्राप्त करने के लिए ई-सत्यापन की तारीख से दो से तीन महीने लगते हैं। हालांकि, कभी-कभी, यह 15 दिनों में भी जमा हो जाता है। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि करदाता अंतिम तिथि (31 अगस्त, 2019) का इंतजार न करें। आयकर को जल्द से जल्द दायर और ई-सत्यापित किया जाना चाहिए, क्योंकि रिफंड की प्रक्रिया ई-सत्यापन की तारीख से की जाती है।
आयकर वापसी की संभावना तब आती है जब करदाता फाइलें आयकर रिटर्न को आगे बढ़ाता है और नियोक्ता स्रोत पर कर काटता है जिसके कारण भुगतान किया गया कुल आयकर संबंधित अवधि में लागू आयकर देयता से अधिक हो जाता है।
आयकर रिफंड की स्थिति को आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल या एनएसडीएल वेबसाइट के माध्यम से चेक किया जा सकता है। करदाताओं को अपने स्थायी खाता संख्या (पैन) और मूल्यांकन वर्ष का उल्लेख करना होगा जिसके लिए उन्हें धनवापसी की स्थिति को ट्रैक है। मालूम हो कि आयकर विभाग ने घोषणा की थी कि वह 1 मार्च, 2019 से केवल ई-रिफंड जारी करेगा। इन रिफंडों को केवल उन बैंक खातों में जमा किया जाएगा जो पैन और आयकर पूर्व ई-फाइलिंग पर पहले से वैध हैं।
बता दें कि चेक के माध्यम से रिफंड जारी करने की प्रक्रिया बंद कर दी गई है। यदि आप RTGS/NECS के जरिये अपने बैंक खाते में सीधे रिफंड का क्रेडिट करना चाहते हैं तो करदाता को संबंधित बैंक खाता संख्या, बैंक शाखा का MICR कोड/IFSC कोड और कम्युनिकेशन पता देना जरूरी है।
आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल-
स्टेप 1: आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाएं- incometaxindiaefiling.gov.in।
स्टेप 2: यूजर आईडी, पासवर्ड, जन्म तिथि और दिए गए कैप्चा को सही तरह से भरें। अब 'लॉग इन' टैब पर क्लिक करें।
स्टेप 3: अगले चरण में, 'रिटर्न/फॉर्म देखें' टैब पर क्लिक करें।
स्टेप 4: अब आपको अपने पैन का उल्लेख करना होगा, ड्रॉप-डाउन सूची से आयकर रिटर्न और मूल्यांकन वर्ष का चयन करें और 'सबमिट करें' बटन पर क्लिक करें।
स्टेप 5: पावती संख्या पर क्लिक करें और आपको आयकर वापसी की स्थिति दिखाई देगी।
NSDL पोर्टल
स्टेप 1: स्थायी खाता संख्या (पैन), मूल्यांकन वर्ष (आयु) और फोटो में दिया गया टेक्स्ट दर्ज करें
स्टेप 2: अब: सब्मिट टैब पर क्लिक करें।
स्टेप 3: इसे पूरा करने के बाद आपकी रिफंड की स्थिति आपकी स्क्रीन पर दिखाई देगी। यह आपको भुगतान का तरीका, रेफेरेंस नंबर स्टेटस और तारीख दिखाएगा।
प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
हाँ, वैक्सीन के परीक्षण अंतिम स्तर के विभिन्न चरणों में हैं | भारत सरकार शीघ्र ही कोविड 19 के वैक्सीन के प्रयोग के लिए तत्पर है | अधिक स्थिर आय प्राप्त करने में कितना समय लगता है? जानकारी और अद्यतन स्थिति के लिए वेबसाइट www.mohfw.gov.in पर जाएँ |
क्या कोविड 19 की वैक्सीन सभी को एक साथ दी जाएगी ?
वैक्सीन की संभावित उपलब्धता के आधार पर भारत सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर कुछ समूहों का चयन किया है जिनका टीकाकरण प्राथमिकता के आधार पर पहले किया जायेगा क्योंकि उन पर अधिक खतरा है |
पहला समूह स्वास्थ्य एवं फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं का है | वैक्सीन प्राप्त करने वाला दूसरा समूह पचास वर्ष से अधिक आयु वालों और अन्य बीमारियों के साथ पचास वर्ष से कम आयु वाले लोगों का होगा |
क्या वैक्सीन लेना अनिवार्य है ?
कोविड - 19 का टीकाकरण स्वैच्छिक है | फिर भी, कोविड 19 वैक्सीन की पूरी खुराक लेने की सलाह दी जाती है जिससे लोग स्वयं को सुरक्षित कर सकें और इस बीमारी को परिवार के सदस्यों, मित्रों, सम्बन्धियों और सहकर्मियों सहित करीबी संपर्क वाले लोगों में फैलने से रोक सकें |
बहुत कम समय में परीक्षण और शुरुआत के कारण क्या वैक्सीन सुरक्षित होगी ?
विनियामक संस्थाओं द्वारा इसकी सुरक्षा और प्रभावी होने के आधार पर अनुमति मिलने के बाद ही वैक्सीन की शुरुआत की जाएगी |
क्या किसी कोविड - 19 संक्रमित व्यक्ति (निश्चित रूप से या संभावित) का टीकाकरण किया जाना चाहिए?
निश्चित रूप से या संभावित रूप से कोविड - 19 संक्रमित व्यक्ति टीकाकरण केंद्र पर अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकता है | इस कारण से, संक्रमित व्यक्ति को लक्षण समाप्त होने के 14 दिनों तक टीकाकरण को स्थगित रखना चाहिए |
क्या कोविड से ठीक हुए व्यक्ति को वैक्सीन लेना ज़रूरी है ?
हाँ, यह सलाह दी जाती है कि कोविड - 19 से संक्रमण के इतिहास को संज्ञान में लिए बिना कोविड वैक्सीन की पूरी खुराक ली जानी चाहिए | यह बीमारी के खिलाफ मज़बूत प्रतिरोधक क्षमता के विकास में सहायक होगा |
विभिन्न उपलब्ध वैक्सीन में प्रशासन के लिए एक या अधिक वैक्सीन का चुनाव किस प्रकार किया जाता है?
किसी भी वैक्सीन को लाइसेंस देने के पहले हमारे देश के दवा नियामक द्वारा वैक्सीन के दावेदारों के क्लीनिकल परीक्षण के आधार पर सुरक्षा एवं प्रभावकारी होने का परीक्षण किया जाता है |
फिर भी, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वैक्सीन की पूरी स्थिर आय प्राप्त करने में कितना समय लगता है? खुराक एक ही वैक्सीन से की जाए क्योंकि कोविड - 19 की विभिन्न वैक्सीन आपस में विनिमय योग्य नहीं हैं |
क्या भारत स्थिर आय प्राप्त करने में कितना समय लगता है? में कोविड वैक्सीन को +2 से +8 डिग्री सेल्सियस के बीच भण्डारण करने और निर्धारित तापमान पर उनका परिवहन करने की क्षमता है?
भारत विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में से एक का सञ्चालन करता है, जिसके अंतर्गत 2 करोड़ 60 लाख से अधिक नवजात शिशुओं और 2 करोड़ 90 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं की टीकाकरण की ज़रूरतों को पूरा किया जाता है | कार्यक्रम प्रणाली को और मज़बूत / चुस्त किया जा रहा है जिससे देश की बड़ी और विविध जनसँख्या तक प्रभावी रूप से पहुंचा जा सके |
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