सभी के लिए सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है.

सभी के लिए सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है.

Long Term Investment: जानिए म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि में निवेश के फायदे, निवेश की निगरानी 20 सालों में इन फंड्स ने दिया 40 से 66 गुना रिटर्न

By: ABP Live | Updated at : 11 Jul 2022 01:50 PM (IST)

Long Term Investment In Mutual Fund: लंबी अवधि के लिए किसी भी जगह किया गया निवेश शानदार रिटर्न देता है चाहे वो शेयर बाजार में या म्यूचुअल फंड. बाजार में कई ऐसे फंड मौजूद हैं जिन्हेंने अपने निवेशकों को छप्पफाड़ रिटर्न दिया है. ऐसे कई म्यूचुअल फंड हैं जिन्होंने निवेशकों को 40 से लेकर 66 गुना रिटर्न दिया है. बेहतरीन फंड मैनेजर के निगरानी में इन फंड्स ने शानदार प्रदर्शन किया है. हालांकि ये समझना बेहद जरुरी है कि पूर्व में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले फंड्स ये जरुरी नहीं है कि भविष्य में भी अच्छा प्रदर्शन करें. लेकिन आज डालते हैं नजर ऐसे ही फंड्स पर जिन्होंने 20 वर्षों में निवेशकों को मालामाल कर दिया है.

निवेश की निगरानी

वित्तीय सफलता प्राप्त करना एक जटिल और भ्रमित प्रक्रिया है - जिसके लिए महत्वपूर्ण समय, ज्ञान और संसाधनों की आवश्यकता होती है। हमारी सेवाओं को वित्तीय सफलता को लक्षित करने में आपकी सहायता के लिए समझदार निवेश रणनीतियों को नियोजित करके अपनी संपत्ति की रक्षा, संरक्षण और आगे बढ़ने में मदद के लिए डिज़ाइन किया गया है। तो, क्या चर्चा करने जा रहे है? निवेश प्रक्रिया में शामिल कदमों की व्याख्या।

हम आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने की संभावना को बढ़ाने के लिए एक अच्छी तरह से परिभाषित, समय-सिद्ध प्रक्रिया का पालन करते हैं। हमारी प्रक्रिया आपके चारों ओर बनाई गई है - आपकी जरूरतों और उद्देश्यों, आपके समय सीमा और जोखिम सहनशीलता। चूंकि इनमें से कोई भी टुकड़ा बदलता है, हमारे चल रहे प्रबंधन और निगरानी प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि आपका निवेश पोर्टफोलियो आपके साथ विकसित हो।

राह में अडिग बने रहने की जरूरत: मुद्रास्फीति की निगरानी का सवाल

इस सप्ताह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुद्रास्फीति के खिलाफ भारत की जंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने संकेत दिया कि यह अब ‘खतरे के निशान वाली’ प्राथमिकता नहीं है क्योंकि रोजगार सृजित करने, विकास की रफ्तार को बरकरार रखने और धन का समान वितरण सुनिश्चित करने जैसी बड़ी जिम्मेदारियां सामने हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले कुछ महीनों में मुद्रास्फीति को कुछ हद तक ‘काबू करने लायक’ स्तर पर लाकर इससे निपटने की अपनी क्षमता दिखाई है। वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि उपभोक्ता मुद्रास्फीति के इस अप्रैल में पिछले आठ साल में सबसे अधिक 7.8 फीसदी के स्तर पर पहुंच जाने के बाद से केंद्रीय बैंक और सरकार द्वारा निवेश की निगरानी उठाए गए विभिन्न कदमों और जिन्सों की कीमतों में हाल ही में आई गिरावट की वजह से मुद्रास्फीति के दबाव को ‘सीमित’ रखा जा सकेगा। जुलाई माह में 6.71 फीसदी की खुदरा मुद्रास्फीति भले ही एक राहत की बात हो, फिर भी यह असहज रूप से छह फीसदी की आधिकारिक सहिष्णुता सीमा से ऊपर बनी हुई है। देश के ग्रामीण इलाकों में महंगाई दर बहुत तेज रही है। यह वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले चार महीनों में औसतन 7.6 फीसदी और वर्ष 2022 के दौरान सात फीसदी से अधिक रही है। जबकि इन्हीं दो निर्धारित समय-सीमा में कुल औसत उपभोक्ता मुद्रास्फीति दर क्रमशः 7.14 फीसदी और 6.79 फीसदी रही। जहां मुख्य मासिक आंकड़े भावना को प्रभावित करते हैं, वहीं उच्च मुद्रास्फीति का एक लंबा दौर परिवारों की क्षमता और खर्च करने की प्रवृत्ति के लिहाज से बेहद नुकसानदेह है। इससे मांग और उद्योग जगत के नए निवेश को उत्प्रेरित कर सकने वाली विकास की रफ्तार को झटका लग सकता है। अब तक का असमान मानसून ग्रामीण इलाकों में मांग को और कमजोर कर सकता है, क्योंकि धान और दलहन की कम बुआई से उपजी चिंता के कारण हाल के सप्ताहों में इन अनाजों की कीमतों में तेजी दिखाई पड़ी है।

सर्वजन के लिये जल एवं स्वच्छता की सुलभता, निवेश बढ़ाने पर बल

विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) और साझेदार संगठनों ने बुधवार को जारी अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2030 तक, सर्वजन के लिये सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता एवं साफ़-सफ़ाई ( WASH ) प्रदान करने के लिए देशों को निवेश में तेज़ी लानी होगी.

45 प्रतिशत देश वर्ष 2030 के अंत तक, पेयजल के लक्ष्य को हासिल करने के मार्ग पर अग्रसर हैं, लेकिन केवल एक-चौथाई देशों द्वारा ही साफ़-सफ़ाई लक्ष्य हासिल किये जाने की सम्भावना है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन और जल मामलों के लिये यूएन एजेंसी (UN-Water) ने अपनी नई रिपोर्ट में ये नए तथ्य साझा किए हैं, जिसे सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता एवं साफ़-सफ़ाई के मुद्दे पर काम कर रही संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और अन्य संगठनों ने मिलकर तैयार किया है.

New #GLAAS report‼️ Clearest-ever picture of where acceleration is needed to ensure water & sanitation for all by 2030.

संकट की घड़ी

इस अध्ययन में 120 से अधिक देशों में जल, साफ़-सफ़ाई एवं स्वच्छता (WASH) सेवाओं की सुलभता की पड़ताल की गई है. रिपोर्ट दर्शाती निवेश की निगरानी है कि इन योजनाओं और रणनीतियों को लागू करने के लिए 75 प्रतिशत से अधिक देशों के पास पर्याप्त धन नहीं है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा, "हम एक तात्कालिक संकट का सामना कर रहे हैं. सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता और साफ़-सफ़ाई तक पहुँच न होने की वजह से हर साल लाखों लोगों की जान चली जाती है.”

“वहीं जलवायु सम्बन्धी चरम मौसम की घटनाओं का बढ़ना और उनकी प्रबलता सुरक्षित WASH सेवाओं को लोगों तक पहुँचाने में बाधा बन रही निवेश की निगरानी है."

विश्व में हर किसी तक स्वच्छ पेयजल और साफ़-सफ़ाई की पहुँच सुनिश्चित करना 17 टिकाऊ विकास लक्ष्यों में से है, जिसे वर्ष 2030 तक हासिल करना होगा.

‘ग्लोबल एनालिसिस एंड असेसमेंट ऑफ़ सैनिटेशन एंड ड्रिंकिंग-वाटर’ (GLAAS) रिपोर्ट के आँकड़ों के अनुसार, ज़्यादातर राष्ट्रीय नीतियों और योजनाओं में ना तो WASH सेवाओं के लिए जलवायु परिवर्तन के जोखिम को ध्यान में रखा गया है, और ना ही प्रबंधन प्रणालियों व तकनीक को अधिक जलवायु सुदृढ़ता प्रदान करने में.

वैश्विक प्रतिबद्धता

यूएन के साझेदार संगठनों ने सभी देशों और हितधारकों से मज़बूत प्रशासन, वित्त-पोषण, निगरानी, ​​ नियंत्रण और क्षमता विकास के माध्यम से WASH सेवाओं के लिये समर्थन बढ़ाने का आहवान किया है.

इस रिपोर्ट के आँकड़ों और नतीजो को संयुक्त राष्ट्र 2023 जल सम्मेलन ( UN 2023 Water Conference ) में पेश किया जाएगा, जोकि न्यूयॉर्क में यूएन मुख्यालय में मार्च 2023 में आयोजित होगा.

ये 50 वर्षों में पहली बार होगा कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा, जल एवं साफ-सफ़ाई के मुद्दे पर प्रगति की समीक्षा के साथ-साथ नए सिरे से कार्रवाई करने का संकल्प लिया जाएगा.

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