लंदन शेयर बाजार में इस बॉन्ड को सूचीबद्ध करना हमारे लिए गौरव का बात है। दुनिया के सबसे बड़े शेयर बाजरों में से एक होने के अलावा लंदन शेयर बाजार की 300 वर्ष पुरानी समृद्ध विरासत है। लंदन शेयर बाजार वित्तीय साधनों की व्यापक श्रृंखला पेश करके खुद को लीक से हटकर प्रस्तुत करता है और उसे अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों का अडिग विश्वास भी प्राप्त है। हम सूचीबद्ध करने के लिए अन्य बाजारों का भी पता लगा रहे थे लेकिन हमारी जरूरी आवश्यकताओं के प्रति जिस तरह यूकेएलए और लंदन शेयर बाजार ने प्रतिक्रिया दिखाई वह उल्लेखनीय है। इस बात के मद्देनजर, एक भारतीय कम्पनी द्वारा वैश्विक वित्तीय केंद्र में जारी होने वाला यह अपनी तरह का पहला बॉन्ड है, सभी अधिकारी स्पष्टवादी और सहायक थे।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया किसका प्रवर्तक है?
Explanation : राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) की स्थापना फेरबानी समिति की अनुशंसा पर की गई थी। इसके प्रवर्तकों में भारत सरकार के अतिरिक्त प्रमुख रूप से IDBI, LIC, GIC तथा SBI है जबकि अन्य प्रवर्तक ICICI, IFCI, SHCIL, BBI कैपिटल मार्केट लिमिटेड IL तथा FS है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज है। यह मुंबई में स्थित है। इसकी स्थापना 1992 में हुई थी। कारोबार के लिहाज से यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। इसके वीसैट (VSAT) टर्मिनल भारत के 320 शहरों तक फैले हुए हैं।. अगला सवाल पढ़े
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Multibagger Stock : पांच साल में 31 रुपये से बढ़कर 169 रुपये पर पहुंच गया ये स्टॉक, मिला 450 फीसदी से ज्यादा रिटर्न
Multibagger Stock : सर्वोटेक प्रमुख भारतीय स्टॉक एक्सचेंज पॉवर सिस्टम्स का स्टॉक पांच साल में 31 रुपये से बढ़कर 169 रुपये पर पहुंच गया. जिसमें अभी तक 450 फीसदी से ज्यादा रिटर्न मिला है. आज यह स्टॉक अपर सर्किट पर कारोबार करता हुआ देखा गया.
Published: November 4, 2022 11:40 AM IST
Multibagger Stock : सर्वोटेक पावर सिस्टम्स लिमिटेड की प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) हाल के वर्षों में दलाल स्ट्रीट में आए आईपीओ में से मल्टीबैगर स्टॉक में से एक है. सर्वोटेक पावर सिस्टम्स का आईपीओ अगस्त 2017 में 31 रुपये के निश्चित मूल्य बैंड पर लॉन्च किया गया था और सार्वजनिक निर्गम को एनएसई एसएमई एक्सचेंज पर सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव दिया गया था.
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एसएमई स्टॉक की एसएमई एक्सचेंज में बराबर लिस्टिंग है, लेकिन लिस्टिंग के बाद, स्टॉक ने अपने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है. जिसको शेयरों का आवंटन मिला था, उसके बाद भी निवेशक इस एसएमई स्टॉक में निवेशित रहा होगा तो 1.24 लाख का निवेश आज 6.76 लाख रुपये पर पहुंच गया होता, जिससे पिछले पांच वर्षों में आईपीओ निवेशकों को लगभग 450 प्रतिशत रिटर्न मिला होता.
सर्वोटेक पावर सिस्टम्स को मिला बीपीसीएल ऑर्डर
स्मॉल-कैप कंपनी आज न्यूज़मेकर शेयरों में से एक है, क्योंकि भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के 46.2 करोड़ के ऑर्डर मिलने की खबर के बाद सुबह के सौदों में स्टॉक में अपर सर्किट लगा है. अपनी नवीनतम एक्सचेंज प्रमुख भारतीय स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में, ईवी चार्जिंग सॉल्यूशन कंपनी ने भारतीय स्टॉक मार्केट एक्सचेंजों को सूचित किया कि कंपनी को भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) द्वारा देश भर में विभिन्न स्थानों पर डीसी फास्ट ईवी चार्जर्स की 800 इकाइयों की आपूर्ति और स्थापित करने के लिए एक प्रमुख परियोजना से सम्मानित किया गया है.
इस परियोजना के हिस्से के रूप में, सर्वोटेक बीपीसीएल की खुदरा साइटों और ईंधन और गैस स्टेशनों से जुड़े कई स्थानों पर डीसी फास्ट चार्जर्स की स्थापना, कमीशनिंग और रखरखाव का ख्याल रखेगा, जैसा कि बीपीसीएल द्वारा सुझाया गया है. परियोजना की तैनाती सुनिश्चित करने में मदद करेगी. स्मॉल-कैप कंपनी ने दावा किया कि इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोगकर्ताओं को चार्जिंग प्रमुख भारतीय स्टॉक एक्सचेंज नेटवर्क तक आसान पहुंच प्रदान करने के लिए ई-मोबिलिटी टचपॉइंट्स लेनदेन, उपलब्धता, खोज और नेविगेशन को संबोधित करते हैं.
परियोजना निष्पादन में ईवी चार्जर्स की एक श्रृंखला की आपूर्ति शामिल है, जिसे दिल्ली राज्य से पहले ही शुरू किया जा चुका है, जिसकी कीमत 46.2 करोड़ रुपये और 31 मार्च, 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है. यह परियोजना देश भर में फैलेगी, प्रमुख भारतीय शहरों में पेट्रोल पंपों को ईवी चार्जिंग क्षमताओं से लैस करेगी.
सर्वोटेक पावर सिस्टम्स शेयर की प्राइस हिस्ट्री
सर्वोटेक पावर सिस्टम्स के शेयरों का अपने शेयरधारकों को भारी रिटर्न देने का इतिहास रहा है. पिछले छह महीनों में, इस एसएमई स्टॉक ने 85 169 रुपये के स्तर तक बढ़कर शेयरधारकों के पैसे को लगभग दोगुना कर दिया है. YTD समय में, यह भारतीय शेयर बाजार द्वारा उत्पादित मल्टीबैगर शेयरों में से एक है. 2022 प्रमुख भारतीय स्टॉक एक्सचेंज प्रमुख भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में इस मल्टीबैगर एसएमई स्टॉक ने अपने शेयरधारकों को 110 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है.
मल्टीबैगर आईपीओ
सर्वोटेक पावर सिस्टम्स आईपीओ ने अपने आईपीओ निवेशकों को भारी रिटर्न दिया है. आईपीओ की पेशकश 31 रुपये के निश्चित मूल्य पर की गई थी और पिछले पांच वर्षों में यह बढ़कर 169 रुपये के स्तर पर पहुंच प्रमुख भारतीय स्टॉक एक्सचेंज गया है, जिससे इसके आईपीओ निवेशकों को 450 प्रतिशत का रिटर्न मिला है.
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SEBI ने दी मंजूरी, आशीष कुमार चौहान होंगे NSE के नए सीईओ
New CEO of National Stock Exchange: मार्केट रेगुलेटर ने विक्रम लिमये के स्थान पर आशीष कुमार चौहान की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।
नई दिल्ली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) आशीष कुमार चौहान जल्द ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाल सकते हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं प्रमुख भारतीय स्टॉक एक्सचेंज विनिमय बोर्ड (SEBI) ने आशीष कुमार चौहान की एनएसई के नए प्रबंध निदेशक और सीईओ के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।
लेनी होगी शेयरहोल्डर्स की मंजूरी
एनएसई की गवर्निंग बॉडी ने नए एमडी और सीईओ के कार्यभार संभालने तक कंपनी के मामलों को चलाने के लिए चार सदस्यीय आंतरिक कार्यकारी समिति का गठन किया है। चौहान की नियुक्ति के लिए एनएसई को शेयरधारकों की मंजूरी लेनी होगी।
एनएसई के पूर्व एमडी और सीईओ लिमये ने शेयर बाजार में अपने आखिरी दिन कहा कि उन्होंने बहुत ही कठिन समय में एक्सचेंज का नेतृत्व करने और एक्सचेंज को स्थिर एवं मजबूत करने के लिए अपना सबसे श्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। अपने अच्छे प्रदर्शन और पात्र होने के बाद भी लिमये ने एनएसई में एक और कार्यकाल की मांग नहीं की। उल्लेखनीय है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज गवर्नेंस लैप्स के साथ- साथ को- लोकेशन मामले में नियामक जांच का सामना कर रहा है।
जुलाई 2017 में हुई थी लिमये की नियुक्ति
इस साल मार्च में ही एनएसई ने नए प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी की तलाश शुरू कर दी थी। पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) के बाहर निकलने के बाद जुलाई 2017 में लिमये को एनएसई प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था। लिमये को एनएसई की रीब्रांडिंग का श्रेय दिया जाता है। उनके नेतृत्व में डेरिवेटिव में ट्रेडिंग में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है।
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NSE की पूर्व-प्रमुख चित्रा रामकृष्ण को 7 दिन की CBI हिरासत में भेजा गया
सीबीआई ने बताया कि चित्रा ने "उन्हें (योगी) पहचानने से इनकार कर दिया".
भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज में गड़बड़ियों की आरोपी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) को अब सात दिन की सीबीआई (CBI) हिरासत में भेज दिया गया है. चित्रा को 6 मार्च की रात को गिरफ्तार किया गया था उन पर आरोप हैं कि 'हिमालय पर रह रहे किसी योगी' के कहने पर उन्होंने एनएसई में बड़े-बड़े फैसले लिए हैं.
जांच एजेंसी ने एक अदालत को बताया कि चित्रा से पूछताछ करने और सबूतों के साथ उनका सामना कराने की जरूरत है क्योंकि वह अब तक इस मामले को "टालने" की कोशिश कर रही है.
एजेंसी ने अदालत को बताया कि चित्रा और उनके पूर्व सहयोगी आनंद सुब्रमण्यम के साथ छह मार्च को पूछताछ की गई थी, लेकिन चित्रा ने "उन्हें पहचानने से इनकार कर दिया".
मार्केट के साथ हेराफेरी करने के आरोप में सीबीआई ने कोर्ट से चित्रा की 14 दिनों की हिरासत की मांग करते हुए बताया कि "हमने दोनों आरोपियों के बीच ई-मेल पर हुई बातचीत को रिकवर किया है हमें कुल 2,500 ई-मेल मिले हैं."
चित्रा के वकील ने तर्क दिया कि उनसे आठ दिनों तक पूछताछ की गई थी और वह शनिवार और रविवार को सीबीआई के सामने पेश हुईं, जबकि अदालत ने गिरफ्तारी से सुरक्षा के उनके अनुरोध को खारिज कर दिया. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि उनकी "85 साल की मां और एक छोटी बेटी हैं और इससे उनकी स्वतंत्रता को कम किया जा रहा है.
वहीं सीबीआई ने कहा, "वो इस मामले में टाल-मटोल कर रही थी और इसलिए हमें उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा. हमें सबूतों के साथ उसका सामना कराने की जरूरत है."
दरअसल जिस 'योगी' की बात चित्रा कर रही है वो उन्हीं एनएसई के सीओओ (COO) रहे हैं जिनके साथ वो एनएसई की कई जानकारिया ईमेल के जरिए शेयर करती थीं.
NSE की पूर्व CEO चित्रा रामकृष्ण को सीबीआई ने किया गिरफ्तार
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लंदन स्टॉक एक्सचेंज में विश्व के पहले 'मसाला' बॉण्ड की शुरुआत
विश्व के प्रमुख वित्तीय केंद्र के रूप में लंदन का दर्जा तब और प्रभावी हुआ, जब भारत के बाहर किसी भारतीय कम्पनी द्वारा दुनिया का पहला ‘मसाला’ या रुपया-नामित बॉन्ड लंदन के शेयर बाजार में आज यानी 1 अगस्त 2016 को जारी किया गया।
एक्सचेकर के चांसलर फिलिप हैमंड ने हाउसिंग डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एचडीएफसी) द्वारा इस ऐतिहासिक सूचीकरण का स्वागत किया। एचडीएफसी भारत के सबसे बड़े बैंकों में से एक है और भारत में आवास के लिए वित्तीय सहायता देने वाला प्रमुख बैंक है।
एचडीएफसी पहली ऐसी कम्पनी है, जिसने इस तरह का बॉन्ड जारी किया है और लंदन में उसके बॉन्ड जारी करने का निर्णय इस ओर स्पष्ट संकेत देता है कि लंदन दुनिया का सर्वश्रेष्ठ वित्तीय केंद्र है।
इस बॉन्ड ने 30 बिलियन भारतीय रुपए यानी 450 मिलियन यूएस डॉलर बटोरे हैं। यह तीन साल में परिपक्व होगा और यह 8.33% की दर से सालाना प्रतिफल देगा। यह चार गुना से ज्यादा ओवरसब्सक्राइब हुआ है जिसमें एशियाई निवेशकों ने खासी रुचि दिखाई है। यह प्रमुख उभरते बाजारों में वित्तीय निवेश के लिए लंदन के एक रणनीतिक साझेदार के रूप में निर्णायक भूमिका को दर्शाता है, जिसका सारा श्रेय उसके वैश्विक निवेश समुदाय को आकर्षित करने वाली गहरी और तरल पूंजी बाजार को जाता है।
एक्सचेकर के चांसलर फिलिप हैमंड ने कहा:
मैं इस बात से खुश हूं कि हाउसिंग डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एचडीएफसी) ने लंदन में इस ऐतिहासिक बॉन्ड को जारी किया। यह लंदन के एक प्रमुख वैश्विक वित्तीय बाजार के रूप में विश्वास मत को प्रस्तुत करता है और यह भी साबित करता है कि ब्रिटेन व्यापार करने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है।
यह सौदा पहले से ही स्थापित यूके एवं भारत के बीच घनिष्ठ आर्थिक संबंधों को और मजबूत करता और साथ ही भविष्य में और भी मसाला बॉन्ड के यूके में जारी होने के मार्ग को प्रशस्त करता है। यह भविष्य में और अच्छी गतिविधियों के संकेत देता है।
ब्रिटेन व्यापार की ओर उन्मुक्त है और विदेशी निवेश के लिए दुनिया के सबसे आकर्षक स्थानों में से एक है।
एशिया के लिए यूके के मंत्री आलोक शर्मा ने कहा:
मैं एचडीएफसी द्वारा विश्व के सबसे पहले रुपया नामित बॉन्ड को जारी करने के लिए लंदन के चुनाव के इस कदम का हृदय से स्वागत करता हूं, जो लंदन के एक प्रमुख वित्तीय केंद्र होने की ओर स्पष्ट संकेत देता है। निवेशकों द्वारा जबर्दस्त मांग भारत के विकास में यूके की महत्वपूर्ण भूमिका का उदाहरण है और यह यूके और भारत के बीच घनिष्ठ आर्थिक संबंधों को और मजबूत करता है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस कदम से बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में भारत में महत्वकांक्षी योजनाओं को समर्थन देने के लिए और अधिक भारतीय कम्पनियां लंदन में पूंजी निवेश करने के लिए आगे आएंगी।
यूके में भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक यात्रा की प्रतिबद्धताओं को विस्तारित करने वाली यह शुरुआत इस बात की पुष्टि करती है कि यूके न केवल मजबूत आर्थिक संबंधों में बल्कि ब्रिटेन में 1.5 मिलियन की संख्या में जोशीले प्रवासी भारतीयों के लिए भी भारत का एक स्वाभाविक साझेदार है।
एचडीएफसी के अध्यक्ष दीपक पारेख ने कहा:
लंदन शेयर बाजार में इस बॉन्ड को सूचीबद्ध करना हमारे लिए गौरव का बात है। दुनिया के सबसे बड़े प्रमुख भारतीय स्टॉक एक्सचेंज शेयर बाजरों में से एक होने के अलावा लंदन शेयर बाजार की 300 वर्ष पुरानी समृद्ध विरासत है।
लंदन शेयर बाजार वित्तीय साधनों की व्यापक श्रृंखला पेश करके खुद को लीक से हटकर प्रस्तुत करता है और उसे अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों का अडिग विश्वास भी प्राप्त है।
हम सूचीबद्ध करने के लिए अन्य बाजारों का भी पता लगा रहे थे लेकिन हमारी जरूरी आवश्यकताओं के प्रति जिस तरह यूकेएलए और लंदन शेयर बाजार ने प्रतिक्रिया दिखाई वह उल्लेखनीय है। इस बात के मद्देनजर, एक भारतीय कम्पनी द्वारा वैश्विक वित्तीय केंद्र में जारी होने वाला यह अपनी तरह का पहला बॉन्ड है, सभी अधिकारी स्पष्टवादी और सहायक थे।
लंदन शेयर बाजार के सीईओ निखिल राठी ने कहा:
लंदन शेयर बाजार विश्व के अपने किस्म के पहले भारतीय व्यावसायिक मसाला बॉन्ड की मेजबानी करने पर सम्मानित महसूस करता है, जो भारतीय वित्त जगत के लिए एक ऐतिहासिक घटना है और वह भारतीय जारी-कर्ताओं के साथ दीर्घकालिक संबंध बनाने के लिए इच्छुक है।
लंदन में सूचीबद्धता की कुशल प्रक्रिया और वैश्विक बाजारों के दोहन के विकल्पों का लाभ उठाकर वैश्विक जारीकर्ता अब बिना विदेशी मुद्रा के जोखिम के विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय वित्त की नवीन प्रणाली और निवेशकों तक पहुंच बना सकते हैं।
हम एचडीएफसी, खासतौर से अध्यक्ष दीपक पारेख, को इस ऐतिहासिक लिस्टिंग के लिए बधाई देते हैं: जो कि ब्रिटेन और भारत के बीच वित्तीय साझेदारी में एक प्रमुख सफलता है।
भारत के साथ आर्थिक और व्यापारिक संबंध यूके के लिए प्रमुख प्राथमिकता हैं। यूके किसी अन्य जी20 देश की अपेक्षा भारत में अधिक निवेश करता है, वहीं भारत यूके में निवेश का एक प्रमुख स्रोत है। भारत पहले ही विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और इसका वर्ष 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होना अनुमानित है।
यूके-भारत की वित्तीय साझेदारी में पिछले वर्ष जो मील का पत्थर साबित हुए, उनमें शामिल रहे:
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