Gandhi Jayanti speech : गांधी जयंती पर दे सकते हैं ये आसान भाषण

Ashish Dalal लिखित उपन्यास शापित | हिंदी बेस्ट उपन्यास पढ़ें और पीडीएफ डाऊनलोड करें

शापित आशीष दलाल [बचपन में यौनउत्पीड़न दलाल सर्वश्रेष्ठ हैं का शिकार हुए युवक की अपराधी से बदला लेने की भावना और अंतर्द्वंद पर आधारित अपराध कथा] (१) ‘अंकल ! आपकी दाढ़ी चुभती है.’ दस वर्षीय नमन ने अपने नन्हें हाथों से रोहित . और पढ़े चेहरे को अपने गाल के पास से दूर करने की कोशिश की. रोहित कमरे के कोने में रखी कुर्सी पर बैठा हुआ था और नमन उसके दो पैरों के बीच खड़ा था. ‘ओके. ब्रेव बॉय ! ठीक है. अंकल तुम्हारें गालों नहीं छुएंगे पर तुम्हें अंकल से प्यार है तो जल्दी से उनके गालों पर पप्पी कर दो.’ कहते हुए

शापित आशीष दलाल [बचपन में यौनउत्पीड़न का शिकार हुए युवक की अपराधी से बदला लेने की भावना और अंतर्द्वंद पर आधारित अपराध कथा] (१) ‘अंकल ! आपकी दाढ़ी चुभती है.’ दस वर्षीय नमन ने अपने नन्हें हाथों से रोहित . और पढ़े चेहरे को अपने गाल के पास से दूर करने की कोशिश की. रोहित कमरे के कोने में रखी कुर्सी पर बैठा हुआ था और नमन उसके दो पैरों के बीच खड़ा था. ‘ओके. ब्रेव बॉय ! ठीक है. अंकल तुम्हारें गालों नहीं छुएंगे पर तुम्हें अंकल से प्यार है तो जल्दी से उनके गालों पर पप्पी कर दो.’ कहते हुए

शापित आशीष दलाल (२) पूरे वाकये को आज अचानक ही याद करते हुए अपने हाथ में थाम रखे चाय के कप पर नमन की पकड़ मजबूत हो गई. चंद ही पलों में हथेली पर उभर आई पसीनें की बूंदों . और पढ़े वजह से कप नमन के हाथ से फिसलकर दूर जा गिरा. ‘आज फिर से कप तोड़ दिया?’ आखिर हो क्या गया है तुझे?’ कप के टूटने की आवाज सुनकर सुनंदा नमन के कमरे में दौड़ी चली आई. नमन ने जैसे सुनंदा की उपस्थिति महसूस ही न की. उसकी सूनी आंखें कमरे की खिड़की से बाहर दूर कुछ खोज रही थी.

शापित आशीष दलाल (३) उस घटना के बाद थोड़ी समझ आने पर रोहित से वह जितना दूर रहने की कोशिश करता जिन्दगी के मोड़ उसे बार बार उसके नजदीक आने पर मजबूर कर देते. बारहवीं पास करने के बाद . और पढ़े पापा की हार्ट अटैक से असमय मौत हो जाने के बाद रोहित ने बड़े भाई की तरह नमन को हिम्मत दिलाकर जिन्दगी के संघर्षों से लड़ने के काबिल बनाया था. नमन रोहित को अपने बचपन में भी न समझ पाया और न ही युवावस्था की ओर बढ़ते हुए समझ पा रहा था. रोहित नमन के साथ इस तरह से व्यवहार

शापित आशीष दलाल (४) तीन महीने पहले रोहित से हुई बात को एक बार फिर से याद करते हुए उसके शरीर में भयमिश्रित उत्तेजना छा गई. उस बात के बाद रोहित ने खुद ही नमन से दूरी बनाना शुरू . और पढ़े दी थी और अपने बेटे को नमन के घर में अकेले होने पर यथासंभव उसके यहां भेजने से रोकने लगा था. नमन ने रोहित से अपनी हुई बात के बाद इस परिवर्तन को बड़ी ही अच्छी तरीके से महसूस किया था. रोहित से अपनी हुई इस बात के एक महीने बाद ही रोहित का एक्सीडेंट दलाल सर्वश्रेष्ठ हैं और फिर मौत होने पर

शापित आशीष दलाल (५) ‘भैया, दुख रहा है. धीरे से पकड़ो न हाथ.’ चिंटू ने नमन के हाथ से अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करते हुए दर्द से तिलमिलाते हुए कहा. ‘अच्छा धीरे से बस !’ चिंटू के चीखने . और पढ़े नमन का आवेग कुछ कम हुआ उसने उसके हाथ पर अपनी पकड़ कुछ ढ़ीली कर दी. ‘नहीं, मुझे नहीं खेलना है यह खेल. हम दूसरा खेल खेलेंगे.’ तभी चिंटू उठकर बैठने की कोशिश करने लगा. ‘ठीक है. मेरे शेर. अब दूसरा खेल खेलते है.’ कहते हुए नमन ने चिंटू को अपने सीने से लगा लिया. ‘छोड़ो मुझे भैया. ये अच्छा

Lal Bahadur Shastri Jayanti Speech : लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर दे सकते हैं ये आसान भाषण

Speech on Lal Bahadur Shastri Jayanti : 2 अक्टूबर को स्कूलों में कई तरह के कार्यक्रम होते हैं। भाषण प्रतियोगिताएं होती हैं। हम यहां लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर भाषण का एक उदाहरण दे रहे हैं।

Lal Bahadur Shastri Jayanti Speech : लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर दे सकते हैं ये आसान भाषण

Lal Bahadur Shastri Jayanti Speech : 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के अलावा भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ( Speech on Lal Bahadur Shastri Jayanti ) की जयंती भी मनाई जाती है। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के आकस्मिक निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। लाल बहादुर शास्त्री कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे। आजादी की लड़ाई में उन्होंने कई आंदोलनों में हिस्सा लिया। 'जय जवान, जय किसान' का नारा देने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनके शानदार व्यक्तित्व, अनुशासित जीवन, कठोर नैतिकता, विचारों और निडरता के लिए आज भी याद किया जाता है। उन्होंने अपना जीवन सादगी से जीते हुए इसे अपनी मातृभूमि के सेवा के लिए समर्पित कर दिया। 2 अक्टूबर को गांधी जी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के चलते स्कूलों में कई तरह के कार्यक्रम होते हैं। भाषण व निबंध प्रतियोगिताएं होती हैं। हम यहां लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर भाषण ( Speech on Lal Bahadur Shastri Jayanti ) का एक उदाहरण दे रहे हैं। आप यहां से आइडिया लेकर भाषण तैयार कर सकते हैं।

Gandhi Jayanti speech : गांधी जयंती पर दे सकते हैं ये आसान भाषण

Lal Bahadur Shastri Jayanti Speech : लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर भाषण

आदरणीय प्रिंसिपल सर, शिक्षक गण और मेरे प्यारे साथियों.
आज मुझे आपके समक्ष लाल बहादुर शास्त्री जैसे महापुरुष के बारे मे बोलते हुए बेहद खुशी हो रही है और गर्व महसूस हो रहा है। आज देश को 'जय जवान, जय किसान' नारा देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है। शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव और माता का रामदुलारी था। इनके पिता एक शिक्षक थे। आजादी की लड़ाई में उन्होंने कई आंदोलनों में हिस्सा लिया। शास्त्री जी को उनके शानदार व्यक्तित्व, अनुशासित जीवन, कठोर नैतिकता, दृढ़ विचारों और निडरता के लिए आज भी याद किया जाता है। जवाहर लाल नेहरू के आकस्मिक निधन के बाद प्रधानमंत्री पद का बोझ उठाने के लिए मजबूत कंधे की जरूरत थी। शास्त्री जी की साफ-सुथरी छवि, लोकप्रियता और मजबूत व्यक्तित्व के चलते उन्हें प्रधानमंत्री बनाया गया।

जब शास्त्री जी प्रधानमंत्री बने, तब भारत में खाद्य पदार्थों का संकट था। 1965 में एक दलाल सर्वश्रेष्ठ हैं तरफ पाकिस्तान के साथ जंग और दूसरी तरफ भयानक सूखा। उन्होंने इस मुश्किल दौर में देश का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। तब लाल बहादुर शास्त्री जी ने देश के लोगों से दो महत्वपूर्ण आह्वान किये थे। एक तो हर खाली जमीन पर अनाज और सब्जियां बोई जाएं और दूसरा यह कि हर कोई सप्ताह में एक दिन उपवास रखे।

देश में हरित क्रांति और दुग्ध क्रांति के पीछे शास्त्री जी बड़ा योगदान था। देश में कृषि उत्पादन को बढ़ाने और किसानों के शोषण को रोकने के लिए उन्होंने जय जवान जय किसान का नारा दिया। अनाजों की कीमतों में कटौती, भारत-पाकिस्तान की लड़ाई में सेना को खुली छूट देना, ताशकंद समझौता जैसे उनके महत्वपूर्ण कदम और गजब की नेतृत्व क्षमता आज भी याद किए जाते हैं। 1966 में ताशकंद में उनका निधन हो दलाल सर्वश्रेष्ठ हैं गया।

लाल बहादुर शास्त्री अपने देश के लिए बलिदान और सच्ची देशभक्ति के लिए सदैव याद किए जाते रहेंगे। मरणोपरांत उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

दोस्तों, शास्त्री जी कहते थे कि देश की तरक्की के लिए हमें आपस में लड़ने के बजाय गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा। आज के दिन हमें उनके विचारों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए।
इसी के साथ मैं अपने भाषण का समापन करता हूं।

दलाल सर्वश्रेष्ठ हैं

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के बड़े जनपदों में से एक है। यह गंगा, यमुना तथा गुप्त सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित है। संगम स्थल को त्रिवेणी कहा जाता है एवं यह हिन्दुओं के लिए विशेषकर पवित्र स्थल है। प्रयाग (वर्तमान में प्रयागराज) में आर्यों की प्रारंभिक बस्तियां स्थापित हुई थी।

“प्रयागस्य पवेशाद्वै पापं नश्यति: तत्क्षणात्।” — प्रयाग में प्रवेश मात्र से ही समस्त पाप कर्म का नाश हो जाता है ।
प्रयागराज, अपने गौरवशाली अतीत एवं वर्तमान के साथ भारत के ऐतिहासिक एवं पौराणिक नगरों में से एक है। यह हिंदू, मुस्लिम, सिख, जैन एवं ईसाई समुदायों की मिश्रित संस्कृति का शहर है।

हिन्दू मान्यता अनुसार, यहां सृष्टिकर्ता ब्रह्मा ने सृष्टि कार्य पूर्ण होने के बाद प्रथम यज्ञ किया था। इसी प्रथम यज्ञ के प्र और याग अर्थात यज्ञ से मिलकर प्रयाग बना और उस स्थान का नाम प्रयाग पड़ा जहाँ भगवान श्री ब्रम्हा जी ने सृष्टि का सबसे पहला यज्ञ सम्पन्न किया था। इस पावन नगरी के अधिष्ठाता भगवान श्री विष्णु स्वयं हैं और वे यहाँ माधव रूप में विराजमान हैं। भगवान के यहाँ बारह स्वरूप विध्यमान हैं। जिन्हें द्वादश माधव कहा जाता है। सबसे बड़े हिन्दू सम्मेलन महाकुंभ की चार स्थलियों में से एक है, शेष तीन हरिद्वार, उज्जैन एवं नासिक हैं। हिन्दू धर्मग्रन्थों में वर्णित प्रयाग स्थल पवित्रतम नदी गंगा और यमुना के संगम पर स्थित है। यहीं सरस्वती नदी गुप्त रूप से संगम में मिलती है, अतः ये त्रिवेणी संगम कहलाता है, जहां प्रत्येक बारह वर्ष में कुंभ मेला लगता है।

प्रयाग सोम, वरूण तथा प्रजापति की जन्मस्थली है। प्रयाग का वर्णन वैदिक तथा बौद्ध शास्त्रों के पौराणिक पात्रों के सन्दर्भ में भी रहा है। यह महान ऋषि भारद्वाज, ऋषि दुर्वासा तथा ऋषि पन्ना की ज्ञानस्थली थी। ऋषि भारद्वाज यहां लगभग 5000 ई०पू० में निवास करते हुए 10000 से अधिक शिष्यों को पढ़ाया। वह प्राचीन विश्व के महान दार्शनिक थें।

वर्तमान झूंसी क्षेत्र, जो कि संगम के बहुत करीब है, चंद्रवंशी (चंद्र के वंशज) राजा पुरुरव का राज्य था। पास का कौशाम्बी क्षेत्र वत्स और मौर्य शासन के दौरान समृद्धि से उभर रहा था। 643 ई० में चीनी यात्री हुआन त्सांग ने पाया कि कई हिंदुओं द्वारा प्रयाग का निवास किया जाता था जो इस जगह को अति पवित्र मानते थे।

  • 1575 ई० — संगम के सामरिक महत्व से प्रभावित होकर सम्राट अकबर ने “इलाहाबास” (वर्तमान में प्रयागराज) के नाम से शहर की स्थापना की जिसका अर्थ “अल्लाह का शहर” है। मध्ययुगीन भारत में शहर का सम्मान भारत के धार्मिक-सांस्कृतिक केंद्र के तौर पर था। एक लंबे समय के लिए यह मुगलों की प्रांतीय राजधानी थी जिसे बाद में मराठाओं द्वारा कब्जा कर लिया गया था।
  • 1801 ई० — शहर का ब्रिटिश इतिहास इस वर्ष शुरू हुआ जब अवध के नवाब ने इसे ब्रिटिश शासन को सौंप दिया। ब्रिटिश सेना ने अपने सैन्य उद्देश्यों के लिए किले का इस्तेमाल किया।
  • 1857 ई० — यह शहर आजादी के युद्ध का केंद्र था और बाद में अंग्रेजों के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की गढ़ बन गया।
  • 1858 ई० — आजादी के प्रथम संग्राम 1857 के पश्चात ईस्ट इंडिया कंपनी ने मिंटो पार्क में आधिकारिक तौर पर भारत को ब्रिटिश सरकार को सौंप दिया था। इसके बाद शहर का नाम इलाहाबाद रखा गया तथा इसे आगरा-अवध संयुक्त प्रांत की राजधानी बना दिया गया।
  • 1868 ई० — प्रयागराज न्याय का गढ़ बना जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय की स्थापना हुई।
  • 1871 ई० — ब्रिटिश वास्तुकार सर विलियम ईमरसन ने कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल डिजाइन करने से तीस साल पहले आल सैंट कैथेड्रल के रूप में एक भव्य स्मारक की स्थापना की।
  • 1887 ई० — इलाहाबाद विश्वविद्यालय चौथा सबसे पुराना विश्वविद्यालय था। प्रयागराज भारतीय स्थापत्य परंपराओं के साथ संश्लेषण में बने कई विक्टोरियन और जॉर्जियाई भवनों में समृद्ध रहा है।

यह शहर ब्रिटिश राज के खिलाफ भारतीय स्वाधीनता आंदोलन का केंद्र था जिसका आनंद भवन केंद्र बिंदु था। इलाहाबाद (वर्तमान में प्रयागराज) में महात्मा गांधी ने भारत को मुक्त करने के लिए अहिंसक विरोध का कार्यक्रम प्रस्तावित किया था। प्रयागराज ने स्वतंत्रता के पश्चात भारत की सबसे बड़ी संख्या में प्रधान मंत्री पद प्रदान किया है – जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, वी.पी.सिंह। पूर्व प्रधान मंत्री चंद्रशेखर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र थे।

प्रयागराज मूल रूप से एक प्रशासनिक और शैक्षिक शहर है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय, उत्तर प्रदेश के महालेखा परीक्षक, रक्षा लेखा के प्रमुख नियंत्रक (पेंशन) पीसीडीए, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद, पुलिस मुख्यालय, मोती लाल नेहरू प्रौद्योगिकी संस्थान, मेडिकल और कृषि कॉलेज, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी), आईटीआई नैनी और इफ्को फुलपुर, त्रिवेणी ग्लास यहां कुछ प्रमुख संस्थान हैं।

सभ्यता के प्राम्भ से ही प्रयागराज विद्या, ज्ञान और लेखन का गढ़ रहा है। यह भारत का सबसे जीवंत राजनीतिक तथा आध्यात्मिक रूप से जागरूक शहर है।

Best 5 Stocks for 2022: नए साल में अच्छी कमाई के लिए इन 5 शेयरों पर लगा सकते हैं दांव, एक्सपर्ट ने जताया बेहतर रिटर्न का भरोसा

Top Stock Picks of 2022: एक्सपर्ट की राय में साल 2022 में बेहतर मुनाफे के लिए इन 5 शेयरों में निवेश किया जा सकता है.

Best 5 Stocks for 2022: नए साल में अच्छी कमाई के लिए इन 5 शेयरों पर लगा सकते हैं दांव, एक्सपर्ट ने जताया बेहतर रिटर्न का भरोसा

नए साल 2022 में निवेश के लिए बेहतरीन स्टॉक की बात करें तो ओएनजीसी, एसबीआई, गेल, एचडीएफसी बैंक और टीसीएस चार्ट पर मजबूत दिख रहे हैं.

Top 5 Stock Picks for 2022: इस साल स्टॉक मार्केट में निवेशकों को इक्विटी मार्केट से शानदार रिटर्न मिला लेकिन अगला साल अधिक चुनौती भरा रहने वाला है. महंगाई की बढ़ती आशंका को देखते हुए इसके आसार दिख रहे हैं कि अधिकतर केंद्रीय बैंक लिक्विडिटी को कम करने के लिए ब्याज दरें बढ़ा सकती है. इसके अलावा अगले साल 2022 में कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के चलते अनिश्चितता का भी मार्केट पर असर दिख सकता है. हालांकि नए साल 2022 में निवेश के लिए बेहतरीन स्टॉक की बात करें तो ओएनजीसी, एसबीआई, गेल, एचडीएफसी बैंक और टीसीएस चार्ट पर मजबूत दिख रहे हैं.

सरकार द्वारा प्राकृतिक गैस के भाव में 62 फीसदी की बढ़ोतरी के फैसले से कंपनियों के मुनाफे में बढ़ोतरी होगी. महंगे कच्चे तेल और ओएनजीसी के प्रोडक्शन वॉल्यू में 5-7 फीसदी की ग्रोथ के चलते कंपनी के ईबीआईटीडीए में अगले साल बढ़ोतरी हो सकती है. ऐसे में कंपनी का डेट-टू-ईबीआईटीडीए रेशियो अगले साल मजबूत होकर 1.6x-1.9x के बीच रह दलाल सर्वश्रेष्ठ हैं सकता है. तकनीकी तौर पर मूविंग एवरेजेज (MAs), रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI), मूविंग एवरेज कंवर्जेंस डाइवर्जेंस (MACD) और स्टॉकेस्टिक भी डेली चार्ट पर मजबूत रूझान दिखा रहे हैं. ऐसे में वर्ष 2022 में ओएनजीसी 170 रुपये के भाव पर पहुंच सकता है.

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GAIL (INDIA)

मार्केटिंग प्रॉफिट में उछाल के दम पर गेल इंडिया की बिक्री बढ़ी है और इसकी आय बढ़ी है. कंपनी की आय को गैस की ऊंची कीमतों का दलाल सर्वश्रेष्ठ हैं सहारा मिला है और यह अगले साल भी जारी रह सकता है. गैस खपत में बढ़ोतरी से भी गेल इंडिया के मुनाफे में बढ़ोतरी की संभावना है. डेली चार्ट पर इसके भाव को 140 रुपये के लेवल पर सपोर्ट मिल रहा है और 200 दिनों के मूविंग एवरेज पर खरीदारी के रूझान को सपोर्ट मिल रहा है. इसके अलावा आरएसआई भी लोअर जोन में है जिससे नियर टर्म में गेल के भाव 165 रुपये तक पहुंचने के आसार दिख रहे हैं.

HDFC Bank

मजबूत कैपिटलाइजेशन, बढ़ी लिक्विडिटी, घटे एनपीए और आय में बढ़ोतरी के चलते एचडीएफसी बैंक निवेश के लिए बेहतरीन विकल्प है. अभी इसके भाव डेली चार्ट पर 100-200 DEMA (डबल एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज) से ऊपर हैं. इसके अलावा साप्ताहिक चार्ट पर इसके भाव पैराबोलिक एसएआर से ऊपर है जिससे सकारात्मक रूझान दिख रहा है. अगले साल एचडीएफसी बैंक के भाव 1750 रुपये के लेवल तक पहुंच सकते हैं.

मजबूत डॉलर, डिजिटाइजेशन और कारोबारी सुधार के चलते तकनीकी सेक्टर मजबूत है और इसकी मजबूती अगले साल 2022 में बनी रहने वाली है. टीसीएस (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) के भाव मीन से ऊपर हैं जिसका अपर बैंड नॉर्थ-वार्ड डायरेक्शन में है जिससे इसके भाव में तेजी के संकेत मिल रहे हैं. अधिकतर ऑस्किलेटर्स भी इसमें बुलिश रूझान के संकेत दिखा रहे हैं. अगले साल इसके भाव 3600 रुपये के लेवल तक पहुंच सकते हैं.

SBI (State Bank of India)

अभी यह स्टॉक सभी मूविंग एवरेज से ऊपर है जिससे इसमें आगे भी तेजी के आसार दिख रहे हैं. इसके अलावा आरएसआई, एमएसीडी, एडीएक्स (एवरेज डायरेक्शनल इंडेक्स) भी कंफर्ट जोन में है जिससे इसमें बुलिश रूझान दिख रहा है. आने वाले महीनों में यह शेयर 600 रुपये के लेवल तक पहुंच सकता है.

शानदार रहा यह साल घरेलू इक्विटी मार्केट के लिए

घरेलू इक्विटी मार्केट के लिए यह साल 2021 बहुत शानदार रहा और सेंसेक्स ने पहली बार 61 हजार व निफ्टी 50 ने 18 हजार का लेवल पार किया. इस साल मैक्रो इंडिकेटर्स में सुधार, मजबूत वैश्विक लिक्विडिटी, आर्थिक गतिविधियों में तेजी, वैक्सीनेशन में तेजी, खपत में सुधार, मौद्रिक नीतियों में ढील और कॉरपोरेट की कमाई में तेज रिकवरी ने मार्केट को सपोर्ट किया जिसके दम पर सेंसेक्स व निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे. इस दलाल सर्वश्रेष्ठ हैं साल बैंकिंग, इंफ्रा, आईटी, ऑटो, मेटल्स और फार्मा शेयरों ने शानदार रिटर्न दिया. मैन्यूफैक्चरिंग व इंफ्रास्ट्रक्चर में सरकार कई स्ट्रक्टचरल रिफॉर्म की तैयारी में है जिसके चलते अगले साल मिड व स्माल कैप दलाल सर्वश्रेष्ठ हैं उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं. इसके अलावा आर्थिक गतिविधियां पटरी पर आ रही है व कॉरपोरेट कमाई भी बढ़ रही है जिसके चलते बाजार के अगले साल भी मजबूत रहने के आसार दिख रहे हैं.
(आर्टिकल: रवि सिंह, वाइस प्रेसिडेंट व रिसर्च प्रमुख, शेयरइंडिया सिक्योरिटीज)

(स्टोरी में दिए गए स्टॉक रिकमंडेशन संबंधित रिसर्च एनालिस्ट व ब्रोकरेज फर्म के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. पूंजी बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन हैं. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)

National Whistle Blower Day : जानिए कैसे सुचेता दलाल ने किया था देश के सबसे बड़े घोटाले को उजागर

Vishwabandhu Pandey

राज एक्सप्रेस। हर साल देश में 30 जुलाई को ‘राष्ट्रीय व्हिसल ब्लोअर दिवस’ (National Whistle Blower Day) मनाया जाता है। यह दिवस तमाम व्हिसल ब्लोअर दलाल सर्वश्रेष्ठ हैं को सम्मान देने का एक तरीका है, जो अपनी जान की परवाह किए बिना भ्रष्टाचार, अपराध या किसी गैरक़ानूनी काम को दुनिया के सामने लेकर आते हैं।

व्हिसल ब्लोअर कौन होते हैं?

दरअसल ऐसा कोई भी व्यक्ति जो किसी संस्था, संगठन, कंपनी में हो रहे भ्रष्टाचार, अपराधिक कार्य, पद का दुरुपयोग, गैरकानूनी काम या उत्पीड़न को जनता के सामने लेकर आता है, उसे व्हिसल ब्लोअर कहा जाता है। व्हिसल ब्लोअर कोई भी हो सकता है, जैसे - वर्तमान और पूर्व कर्मचारी, शेयरधारक, अधिवक्ता, पत्रकार या कोई और।

सुचेता दलाल ने किया हर्षद मेहता का भंडाफोड़ :

भारत की जानी-मानी पत्रकार सुचेता दलाल ने भी साल 1992 में भारत के सबसे बड़े शेयर बाजार के घोटाले को उजागर किया था। इस घोटाले को अंजाम देने वाले शख्स का नाम है हर्षद मेहता, जो उस समय स्टॉक मार्केट के बेताज बादशाह थे। यही कारण है कि किसी भी पत्रकार के लिए उन पर ऊंगली उठाना आसान नहीं था, लेकिन सुचेता दलाल को जब पता चला कि हर्षद मेहता स्कैम कर रहे हैं तो उन्होंने बहुत ही होशियारी और सावधानी के साथ उनकी जिंदगी को फॉलो करना शुरू किया।

कैसे हुआ खुलासा?

हर्षद मेहता के स्कैम के बारे में सारी जरूरी जानकारी जुटाने के बाद सुचेता दलाल ने खुलासा किया था कि, ‘हर्षद 15 दिनों के लिए लोन लेकर उस पैसे को शेयर बाजार में लगाता था और फिर मुनाफा कमाने के बाद पैसा वापस लौटा देता था। उस समय कोई भी बैंक 15 दिनों के लिए लोन नहीं देती थी, लेकिन हर्षद अपनी पहचान का इस्तेमाल करके जाली बैंकिंग रसीद के जरिए इसे अंजाम देता था।’ यह फ़र्जी काम इतना आराम से चल रहा था कि इसकी किसी को भनक तक नहीं लगी।

कई और घोटालों का भी किया था खुलासा :

सुचेता दलाल ने हर्षद मेहता स्कैम के अलावा भी कई और घोटालों का पर्दाफाश किया है। इसमें केतन पारेख स्कैम, सीआर भंसाली स्कैम, एनरॉन स्कैम, IDBI स्कैम शामिल है। अपने काम के दौरान सुचेता दलाल को कई बार धमकी भरे कॉल और मेल भी आए, लेकिन वह इसकी परवाह किए बिना सच को दुनिया के सामने लेकर आई।

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