भारत में व्यापार का इकोसिस्टम वर्तमान में सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया और वस्तुओं के नियामक, FMC या फारवर्ड मार्केट कमीशन के बीच विलय के कारण एक आमूलचूल परिवर्तन का अनुभव कर रहा है। इन दोनों का सहयोग क्या दर्शाता है? SEBI और FMC के विलय से शेयरों और प्रतिभूतियों के साथ-साथ कमोडिटीज के व्यापार की सुविधा के लिए एक ही ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में परिणाम होता है। अब कमोडिटी ट्रेडिंग और स्टॉक में ट्रेडिंग एक ही स्थान पर होती है, और यह निवेशकों के लिए अपार अवसर प्रदान करता है।
शेयर मार्केट से कितना अलग है कमोडिटी मार्केट, जानिए कैसे होती है कमोडिटी ट्रेडिंग?
शेयर बाजार ने भी निवेशकों को निराश नहीं किया. तेजी से दौरान निवेशकों को बंपर मुनाफा मिला. लेकिन यूरोप में यूद्ध के माहौल से सुरक्षित निवेश की मांग तेजी से बढ़ी है. क्योंकि शेयर बाजार में कमजोरी का ट्रेंड है.
कोरोना महामारी के बाद शेयर मार्केट में निवेशकों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़त देखने को मिली है. इसी साल अगस्त में डीमैट खातों की संख्या पहली बार 10 करोड़ के पार पहुंच गई. हालांकि, शेयर बाजार ने भी निवेशकों को निराश नहीं किया. तेजी से दौरान निवेशकों को बंपर मुनाफा मिला. लेकिन यूरोप में यूद्ध के माहौल से सुरक्षित निवेश की मांग तेजी से बढ़ी है. क्योंकि शेयर बाजार में कमजोरी का ट्रेंड है. ऐसे में कमोडिटी मार्केट में सोने और चांदी की मांग तेजी देखने को मिली है. क्या आपको पता है कि कमोडिटी मार्केट क्या है और यह इक्विटी यानी शेयर मार्केट से कितना अलग है.
कमोडिटी कमोडिटी और स्टॉक मार्केट क्या है?
कमोडिटी मार्केट (Commodity Market) यह एक ऐसा मार्केटप्लेस है जहां निवेशक मसाले, कीमती मेटल्स, बेस मेटल्स, एनर्जी, कच्चे तेल जैसी कई कमोडिटीज की ट्रेडिंग करते हैं.
- एग्री या सॉफ्ट कमोडिटीज में मसाले जैसे काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च हैं. इसके अलावा सोया बीज, मेंथा ऑयल, गेहूं, चना भी इसी का हिस्सा हैं.
- नॉन-एग्री या हार्ड कमोडिटीज में सोना, चांदी, कॉपर, जिंक, निकल, लेड, एन्युमिनियम, क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस शामिल हैं.
इक्विटी मार्केट और कमोडिटी मार्केट में क्या अंतर है?
- इक्विटी मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं. वहीं कमोडिटी मार्केट में कच्चे माल को बेचा और खरीदा जाता है.
- इक्विटी के होल्डर को शेयरहोल्डर कहा जाता है, जबकि कमोडिटी के होल्डर को ऑप्शन कहा जाता है.
- शेयरहोल्डर को पार्शियल कंपनी का मालिक माना जाता है, लेकिन कमोडिटी मालिकों को नहीं.
- इक्विटी शेयरों की समाप्ति तिथि नहीं होती है. जबकि कमोडिटी में ऐसा नहीं होता है.
- इक्विटी मार्केट में शेयरहोल्डर डिविडेंड के योग्य माना जाता है. वहीं कमोडिटी मार्केट में डिविडेंड का प्रावधान नहीं होता.
भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए प्रमुख एक्सचेंज हैं. इसमें मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX), नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) के साथ-साथ यूनिवर्सल कमोडिटी एक्सचेंज (UCX), नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (NMCE), इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (ICEX), ACE डेरिवेटिव्स एंड कमोडिटी एक्सचेंज लिमिटेड शामिल हैं.
शेयर बाजार में क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग, जानिए कैसे करते हैं खरीद-बेच, कितना फायदेमंद
- News18Hindi
- Last Updated : May 06, 2021, 09:25 IST
मुंबई. जिस तरह से हम अपनी कमोडिटी और स्टॉक रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीद बेच होती है. शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) कहते हैं. यह कंपनियों के शेयरों यानी इक्विटी मार्केट की ट्रेडिंग से थोड़ी अलग होती है. कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट में होती है. भारत में 40 साल बाद 2003 में कमोडिटी ट्रेडिंग पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया था.
Commodity Market में निवेश से कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा, जानें क्या है तरीका
Commodity Market शेयर मार्केट की तरह ही एक मार्केट होती है जिसमें आप शेयर की जगह पर विभिन्न कमोडिटी में निवेश करते हैं। इन कमोडिटी को दो भागों में बांटा जा सकता है पहला है हार्ड कमोडिटी और दूसरा होता है सॉफ्ट कमोडिटी।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। शेयर मार्केट में निवेश आज के समय में हर युवा को आकर्षित कर रहा है। शेयर मार्केट में हम विभिन्न कम्पनियों के स्टॉक्स में निवेश करते हैं। लेकिन इसी तरह की एक और मार्केट होती है जिसमें विभिन्न कमोडिटी में निवेश किया जाता है। ये कमोडिटी विभिन्न प्रकार के रॉ मैटेरियल जैसे गोल्ड, सिल्वर, स्टील, पेट्रोलियम आदि होते हैं। इनमें निवेश करना भी शेयर मार्केट में निवेश करने जितना ही आसान होता है। आइए जानते हैं कि कमोडिटी मार्केट में आप कैसे निवेश कर सकते हैं।
क्या है Commodity
Commodity Market, शेयर मार्केट की तरह ही एक मार्केट होती है, जिसमें आप शेयर की जगह पर विभिन्न कमोडिटी में निवेश करते हैं। इन कमोडिटी को दो भागों में बांटा जा सकता है, पहला है हार्ड कमोडिटी और दूसरा होता है सॉफ्ट कमोडिटी।
हार्ड कमोडिटी में नॉन-एग्री कमोडिटी आती हैं। ऐसी कमोडिटी जो कृषि से जुड़े न हों जैसे कॉपर, गोल्ड, सिल्वर व ऑयल आदि। तो वहीं सॉफ्ट कमोडिटी में कृषि उत्पाद आते हैं, जैसे- गेहूं, कॉफी, गन्ना आदि।
कैसे करें Commodity Market में निवेश?
आपको बता दें कि इसमें निवेश करना भी Share Market में निवेश करने जितना ही आसान है। बस आपको Commodity Trading Account खोलना होगा। जिसके लिए आप 5paisa ऐप कमोडिटी और स्टॉक डाउनलोड कर सकते हैं। ऐप डाउनलोड करने के बाद कुछ जरूरी फॉर्मेल्टीज कर आप आसानी से अपना Commodity Trading Account खोल सकते हैं और कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं।
कमोडिटी में निवेश के लिए क्या हैं जरूरी एक्सचेंज
जिस तरह शेयर मार्केट में निवेश के लिए आप NSE या BSE जैसे एक्सचेंज का इस्तेमाल करते हैं, उसी तरह Commodity में Invest या Trade करने के लिए MCX यानी Multi Commodity Exchange of India Ltd. का इस्तेमाल करते हैं। MCX देश के अग्रणी कमोडिटी एक्सचेंज में से एक है, जहां पर आप कई तरह की Commodities में निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा National Commodity and Derivatives Exchange (NCDEX) और Indian Commodity Exchange (ICEX) भी Commodity Trading Exchange हैं जिसके जरिये आप Commodities में ट्रेड या निवेश कर सकते हैं।
अब बात आती है Commodities में निवेश करने की, तो इसमें आप दो तरीके से निवेश कर सकते हैं- पहला है Futures Contract और दूसरा है Options। इसके अतिरिक्त आप ETF यानी Extended Traded Funds के जरिये भी निवेश कर सकते हैं।
Commodity और Stock Markets के बीच क्या संबंध है? आसान भाषा में समझें दोनों का कांसेप्ट
Commodity & Stock Market: निवेशकों द्वारा प्रॉफिट कमाने की दृष्टि से भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग को अंजाम दिया जाता है। भारत में शेयर मार्केट भी प्रॉफिट कमाने के लिए लोकप्रिय स्थान हैं। कमोडिटी और स्टॉक दोनों के पहलुओं के बारे में जानने से आपको उनके बीच संबंध को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिल सकती है।
कांसेप्ट को समझना
एक कमोडिटी क्या है? कमोडिटी ऑनलाइन ट्रेडिंग के बारे में अधिक समझने के लिए, आपको यह जानना होगा कि कमोडिटी क्या है। अनिवार्य रूप से एक कमोडिटी एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसे अन्य प्रोडक्ट्स के लिए आदान-प्रदान किया जा सकता है जो एक ही प्रकार के होते हैं। इन प्रोडक्ट्स की मांग और आपूर्ति के कारकों के आधार पर कमोडिटीज की कीमतें तय की जाती हैं। विशिष्ट वस्तुओं के उदाहरण तेल, प्राकृतिक गैस, सोना और अनाज हैं। दूर-दूर के अतीत में वस्तुओं के बाजार में व्यापक विस्तार हुआ है। ऐसा इसलिए है क्योंकि संस्थागत निवेशकों द्वारा उनकी रुचि में वृद्धि हुई है। कमोडिटी एक्सचेंजों पर कमोडिटी शेयरों का कारोबार होता है जैसे स्टॉक एक्सचेंजों पर शेयरों का कारोबार होता है।
फेस्टिवल सीजन में इन 5 कमोडिटी में लगाएं पैसे, सुरक्षित निवेश के साथ मिलेगा बेहतर रिटर्न
इक्विटी बाजारों में निवेश जोखिमों से बचने के लिए सोने में निवेश करना अच्छा विकल्प हो सकता है.
गणेश चतुर्थी के साथ ही देश में फेस्टिवल सीजन की शुरूआत हो चुकी है. फेस्टिव सीजन में निवेश के लिए लोग भारी संख्या में कमोडिटी खरीदते हैं. ऐसे में हम आप को बताते हैं कि वो कौन सी पांच कमोडिटी हैं, जिनमें समझारी से किया गया निवेश न सिर्फ आपकी पूंजी को सुरक्षित रखेगा, बल्कि बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना भी बनी रहेगी.
कमोडिटी- प्रोड्यूसिंग कंपनियों के स्टॉक
कमोडिटी प्रोड्यूसिंग कंपनियों के शेयर्स खरीदना निवेश का एक बेहतर विकल्प हो सकता है. इनमें निवेश से न सिर्फ बाजार में शेयर के दाम बढ़ने का फायदा मिलता है, बल्कि कंपनियां अच्छा मुनाफा होने पर अपने शेयर्स होल्डर्स के लिए डिविडेंड भी देती हैं. हालांकि शेयरों में निवेश करना सोने की खरीद जितना आसान नहीं होता, लेकिन बाजार की जानकारी हो तो अच्छा मुनाफा कमोडिटी और स्टॉक कमाने की गुंजाइश बनी रहती है.
निफ्टी मेटल इंडेक्स को ट्रैक करने वाले पैसिव इंडेक्स फंड में पैसे लगाना भी कमोडिटी में निवेश करने का एक बेहतर और आसान तरीका हो सकता है. इसके अलावा कमोडिटी में निवेश करने वाले एक्टिव सेक्टोरल फंड में निवेश करके भी कमोडिटी मार्केट की हलचल का लाभ लिया जा सकता है. अगर आप निवेश को लेकर कंफ्यूज हैं और आप के पास कमोडिटी रिसर्च के लिए समय और साधन नहीं हैं, तो ऐसे म्यूचुअल फंड्स में पैसे लगाना आप के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है.
गोल्ड में निवेश
हमारे देश में गोल्ड यानी सोने में निवेश की परंपरा रही है. खास कर कमोडिटी और स्टॉक महिलाओं को आम तौर पर सोने में निवेश करना ज्यादा पसंद आता है. यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि गोल्ड और शेयर्स के रिटर्न में अक्सर उल्टा संबंध रहता है. मतलब ये कि जब शेयर बाजार में गिरावट आती है, तो सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लोग बाजार में अस्थिरता आने पर गोल्ड में निवेश करना ज्यादा सुरक्षित मानते हैं.
गोल्ड को बिस्किट या गहने जैसे फिजिकल फॉर्म में भी खरीदा जा सकता है और गोल्ड ईटीएफ (ETF) के तौर पर डिजिटल रूप में भी. सोने को बिस्किट या गहने के रूप में खरीदने के मुकाबले गोल्ड ईटीएफ के माध्यम से निवेश करना ज्यादा कॉस्ट इफेक्टिव होता है. गोल्ड ईटीएफ को बाजार के जरिए बेचने में भी आसानी रहती है. इसके साथ ही सोने में निवेश करने वालों के लिए भारत सरकार द्वारा समय-समय पर कई चरणों में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (sovereign gold bonds) भी जारी किये जाते हैं, जिनमें निवेश पर रिटर्न के अलावा टैक्स सेविंग का लाभ भी मिलता है.
चांदी में निवेश
इस फेस्टिव सीजन में आप सोने के साथ-साथ चांदी में भी निवेश कर सकते हैं. आईसीआईसीआई डायरेक्ट की एक रिसर्च रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तेजी से आगे बढ़ रही आर्थिक औद्योगिक इकाइयों के चलते बाजार में चांदी की वैश्विक स्तर पर मांग बनी रहेगी. चांदी में निवेश के दौरान भी आप इसे ठोस या ईटीएफ के रूप में भी खरीद सकते हैं.
एल्युमीनियम को सोने और चांदी के बाद सबसे ज्यादा बिकने वाला मेटल माना जाता है. इसका इस्तेमाल ऑटोमोबाइल समेत हर सेक्टर के उद्योगों में किया जाता है. यही वजह है कि एल्युमीनियम की मांग कभी कम नहीं होती. इस बात का अंदाजा साल 2021 में एल्युमीनियम के दामों में आये भारी उछाल को देखकर लगाया जा सकता है. इस दौरान एल्युमीनियम की कीमत इतिहास के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई थी. एल्युमीनियम की इसी खासियत को देखते हुए इसे निवेश पर बेहतर और सुरक्षित रिटर्न देने वाला माना जाता है.
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