बैंक ऑफ इंडिया
समाप्ति तिमाही 30-09-2022 के लिए, बैंक द्वारा रिपोर्टेड संगठित ब्याज आय Rs 13001.32 करोड़ की है, 16.00 % ऊपर अंतिम तिमाही के ब्याज आय - Rs 11207.57 करोड़ से और 10.57 % ऊपर पिछले साल की इसी तिमाही के ब्याज आय - Rs 11757.94 करोड़ से| नवीनतम तिमाही में बैंक का Rs 854.10 करोड़ का रिपोर्टेड टैक्स पश्चात शुद्ध मुनाफा है|
Share market chart kaise samjhe | शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस
Share market chart kaise samjhe– दोस्तों अगर आपको सही समय पर अच्छा मुनाफा कमाई करना है तो शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस करना जरुर आना चाहिए। इससे आप कम समय में ही अपने नुकशान को कम करके बहुत अच्छा रिटर्न कमाई कर चकते हो।
अगर आप बिना सीखे शेयर मार्केट में ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करते हो तो आप एकतरह से जुआ खेल रहे हो इससे आपको नुकशान होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाता हैं। आपको पता होना चाहिए कब स्टॉक को खरीदना चाहिए और कब प्रॉफिट कमाई करके बेचना चाहिए।
इसी को जानने के लिए आपको Share Market के चार्ट को अच्छी तरह समझना बहुत जरुरी हैं। क्यूंकि इसी से ही आपको पता लगेगा स्टॉक ऊपर या नीचे जाने की कितने ज्यादा संभावना हैं।
Share market chart kaise samjhe
ज्यादातर रिटेल निवेशक किसी भी चार्ट को खोलते ही उनके मन में इस चार्ट में देखे किया और शुरु कहा से करे ये सवाल जरुर आता हैं। शेयर मार्केट में किसी भी चार्ट को समझने के लिए सबसे पहले बहुत ज्यादा अभ्यास की जरुरत पड़ती हैं। उसके बाद ही काम आएगा आपका विश्लेषणात्मक कौशल जो आपको प्रयोग करना होगा उस चार्ट में।
Chart का Trend देखना चाहिए:- किसी भी स्टॉक के चार्ट अच्छी तरह से समझने के लिए आपका सबसे पहला काम होना चाहिए उस शेयर के Trend किस तरफ जा रहा हैं। उसको अच्छी तरह से देखना बहुत जरुरी हैं। वैसे तो चार्ट में 3 तरह का Trend देखने को मिलेगा। इन तीनो Trend के अन्दर से कोई ना कोई एक Trend में वो स्टॉक या Chart जरुर फॉलो कर रहा होगा। और इन ट्रेन्ड में काम करने के तरीका भी अलग अलग होता हैं।
- Up Trend:- इस Trend का मतलब है Higher Top and Higher Bottom। जब भी चार्ट इस Trend को फॉलो करेगा आपको लगातार स्टॉक सीढ़ी की तरह ऊपर जाते ही नजर आएगा। तब आपको हमेसा उस स्टॉक को खरीदना चाहिए।
- Down Trend:- इस ट्रेन्ड का मतलब है Lower top Lower bottom। जब भी आपको चार्ट में Down Trend देखने को मिलेगा स्टॉक हमेशा सीढ़ी की तरह नीचे आता नजर आनेवाला हैं। इस समय हमेशा उस स्टॉक को बेचके चलना चाहिए।
- Sideways Trend:- इस ट्रेन्ड में आपको स्टॉक ना ऊपर जाता नजर आएगा और ना ही नीचे जाता नजर आएगा। एक ही रेंज में ट्रेड होता नजर आनेवाला हैं। अगर आप नए हो तो एसी चार्ट वाले ट्रेन्ड शेयर में कभी भी आपको काम नहीं करना हैं। क्यूंकि इसमें दिशा पता नहीं चलते जिसकी वजह से आपका पैसा डूबने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाता हैं।
शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस
Chart का मजबूत:- किसी भी स्टॉक के Chart का मजबूत जानने के लिए आपको पहले उस स्टॉक का गतिविधि कैसा हैं उसको जानना बहुत जरुरी हैं। जब भी उस शेयर में Correction देखने को मिलते वो कितना बड़ा गिरावट होता है आपको देखना चाहिए।
यदि बहुत ज्यादा ऊपर नीचे होता दिखाई दिए आपको एसी शेयर से दूर रहना ही बेहतर हैं। अगर आपको लगता है धीरे धीरे ऊपर या नीचे जाने की Trend दिख रहा हैं उस स्टॉक में ट्रेन्ड की हिसाव से काम करोगे तो हमेसा फ़ायदा होते देखने को मिलेगा।
चार्ट का Momentum:- जिस भी स्टॉक के चार्ट में काम करना है उसका Momentum को ध्यान में रखके काम करना चाहिए। बहुत सारे ऐसे चार्ट आपको देखने को मिलेगा जिसका ऊपर जाने की स्पीड बहुत ही कम है।
अगर आप इस स्टॉक में काम करोगे तो आपको अच्छी मुनाफा कमाने के लिए बहुत समय लगनेवाला हैं। इसलिए आपको अच्छी Momentum वाले चार्ट को ही चुनना चाहिए।
शेयर मार्केट चार्ट कैसे समझे और कमाई
रिस्क और रिवॉर्ड विश्लेषण:- अगर आप ऊपर दिए गए स्टेप को फॉलो करके कोई चार्ट को सेलेक्ट किया हो तो आपको उस चार्ट का Support और Resistant को ध्यान से देखना चाहिए। उसके बाद आपका Stop Loss वोही होना चाहिए जहा उस चार्ट ने हाल ही में कोई Support लेके ऊपर की तरफ गया हैं।
जहा पर Support लिया है स्टॉक ने, वहा आपको Stop Loss लगाना चाहिए। लेकिन ध्यान में रखना चाहिए आपका Stop Loss बहुत दूर ना हो। अगर आपको लगता है की रिस्क बहुत कम है और रिवॉर्ड बहुत ज्यादा मिल चकता है तभी आपको उस चार्ट में ट्रेड लेना चाहिए।
पतियोगी स्टॉक के चार्ट:- आप जिस भी स्टॉक के चार्ट को सेलेक्ट किया हो बाकि पतियोगी कंपनी को भी देखना चाहिए कैसा पदर्शन कर रहा हैं। आपको ध्यान में रखना चाहिए वो स्टॉक उस सेक्टर में बाकि पतियोगी कंपनी से बेहतर पदर्शन दिखा रहा हैं।
और साथ ही मार्केट यदि 1 पतिशत का मूवमेंट दिखाई उस स्टॉक की चार्ट में उससे ज्यादा की मूवमेंट दिखाने की क्षमता होना चाहिए। अगर आपको ऐसा होता दिखाई नहीं देते तो आपको दुसरे स्टॉक को खोजना चाहिए।
Maturity ट्रेन्ड चार्ट:- जब आप सभी स्टेप फॉलो कर रहे हो तब आपको अंतिम में देखना चाहिए कही वो स्टॉक कम समय में बहुत ज्यादा ऊपर तो चला नहीं गया। अगर आपको लगता है प्रॉफिट बुकिंग का समय आ चकता है। उस स्टॉक के चार्ट से आपको दूर रहना चाहिए।
चाहे न्यूज़ में कितना भी अच्छा उस स्टॉक के बारे में बताए। ज्यादा लालश के चक्कर में बिल्कुल नहीं पड़ना हैं। क्यूंकि वो स्टॉक पहले ही बहुत ज्यादा भाग चूका है आगे चार्ट में जितना बढ़ने की संभवाना होता है उतना ही ज्यादा गिरावट का मोहौल देखने को मिल चकता हैं। इसलिए Maturity ट्रेन्ड चार्ट से दूर रहना ही बेहतर हैं।
निष्कर्ष:-
शेयर बाज़ार में अगर आप ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करके कम समय में अच्छी मुनाफा कमाना चाहते हो तो ये 6 स्टेप आपको बहुत मदद करनेवाला हैं। उसी के साथ आपको बहुत ज्यादा अभ्यास की जरुरत होगी। जितना ज्यादा आप इन स्टेप को फॉलो करके अभ्यास करोगे उतना ही आपका ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट निपुण होते जाएंगे। तभी आप किसी भी चार्ट को देखके अच्छा कमाई कर पाओगे।
आशा करता हु आपको Share market chart kaise samjhe शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस पोस्ट को पढ़के चार्ट के बारे में अच्छी तरह समझ गए होंगे। अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल है तो कमेंट में जरुर बताए। साथ ही शेयर मार्केट के महत्वपूर्ण जानकारी के साथ अपडेट रहने के लिए जरुर हमारे अन्य पोस्ट को पढ़ चकते हैं।
Stock Market में P/E Ratio क्या है? शेयर खरीदने से पहले इसे जरूर जानें।
दोस्तों एक अच्छा शेयर का चुनाव के जितने भी तरीके हैं हम सभी अपनाते हैं। शेयर को सेलेक्ट कर कितने स्टॉक डॉव बनाते हैं लेते हैं। जब उसे खरीदे लगते हैं तो मन में कई तरह की आशंका उत्पन्न होने लगती है। यह शेयर महंगा तो नहीं है। इसे लेने के बाद इसका दाम नीचे तो नहीं गिर जाएगा।
यदि आपके भी मन में भी यह आशंकाएं उत्पन्न हो रही है कि जो शेयर हम खरीदने जा रहे हैं वह सस्ता है या महंगा। यह कैसे पता करें। तो आपके लिए बड़ा ही अच्छा नॉलेज शेयर कर रहा हूं जिसका नाम है P/E Ratio.
P/E Ratio का मतलब क्या है?
P/E Ratio का अर्थ Price Earning Ratio है।
साधारण भाषा में इसका मतलब यह होता है कि हमें कितने रुपए लगाने पर कितने रुपए मिलेगा।
उदाहरण द्वारा इसे समझते हैं। रिलायंस कंपनी के 1 शेयर का दाम अभी ₹ 2000 हैं। इस कंपनी ने पिछले 1 साल में ₹ 200 लाभ दिया है। यदि मुझे इसका P/E Ratio निकालना है तो 2000 ÷ 200 = 10 निकलेगा।
इस P/E Ratio का मतलब यह हुआ कि आपको ₹ 1 कमाने के लिए रिलायंस कंपनी में ₹10 लगाना पड़ेगा। या दूसरे भाषा में ₹ 2000 केेेेेेे निवेश पर हमें ₹ 200 प्राप्त होगा।
इस प्रकार P/E Ratio उसे कहते हैं जिसे प्रति शेयर बाजार मूल्य में उसके द्वारा दी गई आय के द्वारा भाग देने पर जो प्राप्त होता है वही P/E Ratio है।
शेयर खरीदने हेतु P/E Ratio क्या होने चाहिए
अब आपके मन में यह सवाल उठता होगा कि शेयर खरीदने वक्त हमें कितना P/E Ratio का शेयर खरीदना चाहिए और कितना P/E Ratio शेयर नहीं खरीदना चाहिए।
आमतौर पर वित्तीय सलाहकार कहते हैं कि जिसका P/E Ratio 30 से ज्यादा है उसे हमें नहीं खरीदना चाहिए। क्योंकि यदि मुझे ₹30 लगाकर सालाना ₹1 प्राप्त हो यहां तक तो ठीक माना जा सकता है। पर उससे ज्यादा लगाकर यदि मुझे ₹1 प्राप्त हो तो यह कभी भी ठीक नहीं माना जा सकता।
वैसे जैसे जैसे कंपनी मुनाफा कमाता रहता है उसका P/E Ratio बढ़ता रहता है। इसलिए आप कंपनी के पिछले कुछ सालों का मुनाफा देख सकते हैं। यह जरूरी नहीं कि P/E Ratio ज्यादा होने से उस शेयर में निवेश ना करें।
क्या केवल P/E Ratio द्वारा ही अच्छे शेयर का चुनाव सही है?
यदि आप सोच रहे हैं कि मुझे P/E Ratio निकालना आ गया और इसे देखकर मैं अच्छे से कितने स्टॉक डॉव बनाते हैं शेेेयर खरीद कर एक सफल निवेशक बन जाऊंगा तो यह आप गलत सोच रहे हैं। कई बार हम भ्रम में भी आ जाते हैंं। गलत P/E Ratio दौरा भी हम गलत शेयर खरीद कर नुकसान उठा लेते हैं।
कई ऐसे भी कंपनी होती हैं जिसकी P/E Ratio में काफी उतार-चढ़ाव होता रहता है। यानी किसी वर्ष यह बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और किसी बात बहुत कम हो जाता हैै।
उदाहरण रियल स्टेट कंपनी का लेते हैं। किसी वर्ष 50 घर भी नहीं बिकता तो किसी वर्ष 500 घर बिक जाता है। जिस वर्ष इस कंपनी का 500 घर बिका है उस वर्ष का P/E Ratio 20 मान लेते हैं। हम यह सोच कर शेयर खरीद लेते हैं कि P/E Ratio उसका कम है।
अगले वर्ष 50 घर भी नहीं बिका और वह हमें नुकसान उठाना पड़ जाता है। इसलिए आप केवल P/E Ratio पर निर्भर ना रहे।
P/E Ratio और क्या बताता है?
P/E Ratio द्वारा किसी कंपनी के शेयर सस्ते या महंगे का अनुमान लगा सकते हैंं। इसके अलावा आप यह भी अनुमान लगा सकते हैं कि वर्तमान में शेयर बाजार महंगा है या सस्ता हैै।
मेरा कहने का अर्थ यह है कि कई बार नये निवेशक सोचते हैं कि जब बाजार सस्ता होगा तब निवेश की शुरुआत करूंगा। यह पता कैसे चलेगा कि मार्केट अभी सस्ता है या महंगा है। उसके लिए आप मार्केट का P/E Ratio देख सकते हैं।
भारतीय बाजार में मुख्य रूप से दो जगह शेयर की खरीद बिक्री की जाती है। एक सेंसेक्स और दूसरा है निफ्टी। सेंसेक्स 30 कंपनी का प्रतिनिधित्व करती है और निफ्टी भारत के 50 कंपनी का प्रतिनिधित्व करती है।
सेंसेक्स और निफ्टी यह बताती है कि अभी भारतीय बाजार का क्या हाल है। यदि आप नये निवेशक हैं या शेयर मार्केट में निवेश करने की सोच रहे हैं तो सेंसेक्स और निफ्टी का P/E Ratio जाकर जरूर देख लें। आपको पता लग जाएगा कि अभी भारतीय शेयर बाजार सस्ता है या महंगा है।
सस्ता है तो फिर आप निवेश की शुरुआत कर दीजिए और यदि महंगा है तो कुछ समय इंतजार कर सकते हैं। वैसे एकमुश्त निवेश में यह देखा जाता है। जब आप एसआईपी शुरू करने की सोच रहे हैं तो आप कभी भी शुरू कर सकते हैं।
P/E Ratio बदलता रहता है
P/E Ratio हमेशा बदलता रहता है। यह नहीं कि आपने एक बार जो P/E Ratio देख लिया वह हमेशा के लिए रहेगा। मान लीजिए किसी कंपनी का P/E Ratio अभी 25 है।
कुछ दिनों बाद कंपनी ने अच्छा मुनाफा कमाया और उसके शेयर का दाम बढ़ गया। क्योंकि सभी लोग उसके शेयर को खरीदने लगे। हम उस कंपनी का P/E Ratio बढ़ जाएगा।
इसलिए आप जिस वक्त शेयर खरीदते हैं उस वक्त उस शेयर का भी P/E Ratio देख ले।
जाते जाते एक बात आपको बता कर जा रहा हूं शेयर बाजार जितना ही लाभदायक है उतना ही नुकसानदायक। इसमें हम 1 दिन में लाखों कमा भी सकते हैं और लाखों गंवा भी सकते हैं।
आप तभी इसमें निवेश करने की सोचे जब आप लाखों कमाने और गंवाने के लिए तैयार हो। किसी के भी कहने पर कहीं भी निवेश ना करें। सोच समझ कर फैसला ले। आपके मेहनत की कमाई पर पहला अधिकार आपका ही है।
किसी के कहने पर किसी भी शेयर में निवेश ना करें। निवेश से पहले विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले। आप चाहे कितने बड़े खिलाड़ी हो लेकिन कर्ज लेकर कभी भी स्टॉक मार्केट में निवेश ना करें इससे आप ज्यादा कठिनाई में पड़ सकते हैं।
मल्टीबेगर शेयर के अलावा Penny Stocks जिसका मूल्य ₹10 से कम है आप चाहे तो उसमे निवेश कर सकते हैं। इलेक्ट्रिक वाहन शेयर जो मार्केट में बिल्कुल नया है उसमें भी निवेश कर सकते हैं। लेकिन निवेश करने से पहले अच्छी तरह रिसर्च जरूर कर ले।
Career Tips: स्टॉक मार्केट में करियर कैसे बनाएं? इन्वेस्टमेंट के साथ ऐसे कमाएं रुपये
भारतीय शेयर बाजार में टाटा मोटर्स, हीरो मोटरकॉर्प, टीवीएस, महिंद्रा जैसे ईवी सेक्टर में कुछ महत्वपूर्ण नाम हैं.
Career Tips, Stock Broker Jobs: इन दिनों बहुत लोग स्टॉक मार्केट (Stock Market Jobs) में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. कई लो . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : November 05, 2021, 14:28 IST
नई दिल्ली (Career Tips, Stock Broker Jobs). अगर आप देश-दुनिया की खबरों में दिलचस्पी रखते हैं तो शेयर मार्केट (Share Market), स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange), स्टॉक ब्रोकर (Stock Broker), निफ्टी (Nifty) और सेंसेक्स (Sensex) से जरूर परिचित होंगे. कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के लिए भी लोग अक्सर स्टॉक एक्सचेंज में पैसे निवेश करते हैं. इसे शेयर मार्केट कहा जाता है और जो व्यक्ति किसी इन्वेस्टर और शेयर मार्केट के कितने स्टॉक डॉव बनाते हैं बीच काम करता है, उसे स्टॉक ब्रोकर कहा जाता है. इस फील्ड में भी जॉब की अपार संभावनाएं मौजूद हैं (Stock Broker Jobs).
आपकी जानकारी के लिए बता दें, ब्रोकर के बिना शेयर मार्केट का बिजनेस अधूरा रहता है. स्टॉक एक्सचेंज और इन्वेस्टर के बीच स्टॉक ब्रोकर एक कड़ी की तरह काम करता है. ब्रोकर के बिना किसी भी इन्वेस्टर या निवेशक के लिए स्टॉक मार्केट में बेस्ट परफॉर्मेंस दे पाना मुश्किल है (Stock Broker Work Profile). डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए भी स्टॉक ब्रोकर की जरूरत पड़ती है.
शेयर मार्केट में होते हैं 2 तरह के स्टॉक ब्रोकर
शेयर मार्केट में आमतौर पर दो तरह के स्टॉक ब्रोकर होते हैं (Stock Broker Jobs). अगर आप इसमें करियर बनाना चाहते हैं तो आपको इनके बारे में जरूर पता होना चाहिए.
फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर
फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर (Full Service Stock Broker) अपने क्लाइंट्स को स्टॉक एडवाइजरी (कौन सा शेयर कब खरीदें और कब बेचें), स्टॉक खरीदने के लिए मार्जिन मनी की सुविधा, मोबाइल फोन कितने स्टॉक डॉव बनाते हैं पर ट्रेडिंग सुविधा और आईपीओ में इन्वेस्टमेंट की फैसिलिटी जैसी सर्विस देते हैं. इस सर्विस की फीस ज्यादा होती है. फुल टाइम स्टॉक ब्रोकर की कस्टमर सर्विस काफी अच्छी मानी जाती है.
डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर
ये ब्रोकर (Discount Stock Broker) अपने क्लाइंट से बहुत कम ब्रोकरेज लेकर शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा देते हैं. इनकी फीस कम होती है. डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर अपने क्लाइंट को स्टॉक एडवाइजरी और रिसर्च की सुविधा नहीं देते हैं. किसी का अकाउंट खोलने से लेकर इनके ज्यादातर काम ऑनलाइन ही होते हैं.
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए जरूरी योग्यता
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए फाइनेंशियल मार्केट का कोई भी कोर्स किया जा सकता है (Stock Broker Qualifications). कॉमर्स, एकाउंटेंसी, इकोनॉमिक्स, स्टेटिस्टिक्स या बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की नॉलेज आपके लिए काफी मददगार साबित होगी. इन विषयों में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन करना एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का ‘एनसीएफएम कोर्स’ (NCFM Courses) ऑनलाइन सर्टिफिकेशन प्रोग्राम है. इससे चेक किया जाता है कि स्टॉक मार्केट प्रोफेशनल में फाइनेंशियल मार्केट के लिए प्रैक्टिकल नॉलेज और स्किल्स हैं या नहीं. इसमें एडमिशन लेने वाले कैंडिडेट को मैथ और इंग्लिश की अच्छी नॉलेज होनी चाहिए (Stock Broker Skills).
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए जरूरी स्किल्स
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए एकेडमिक क्वालिफिकेशन के साथ ही अच्छी एनालिटिकल स्किल, स्ट्रॉन्ग माइंड और रिसर्च स्किल्स होना जरूरी है (Stock Broker Qualifications). इनके अलावा स्टॉक ट्रेनिंग प्रैक्टिस रूल्स और प्रोसेस की जानकारी होने के साथ ही अलग-अलग सेक्टर और इंडस्ट्री की जानकारी भी होनी चाहिए. मार्केट में आने वाले नए प्रोडक्ट्स, उनके उतार-चढ़ाव से जुड़ी लेटेस्ट जानकारी होना भी जरूरी है. इसी के प्रेशर हैंडल करना भी आना चाहिए.
इस फील्ड में एक्सपर्ट बनने के लिए अच्छी कंप्यूटर स्किल्स के साथ ही डिसीजन मेकिंग, टीम वर्क, रिसर्च एप्टिट्यूड और फाइनेंस इंडस्ट्री की जानकारी लाइफ में सक्सेस दिला सकती है (Stock Broker Skills).
स्टॉक ब्रोकर के लिए करियर की संभावनाएं
एजुकेशनल क्वालिफिकेशन और एक्सपीरियंस को बेस करते हुए इक्विटी डीलर, इक्विटी ट्रेडर (Trading Jobs), इक्विटी एडवाइजर, स्टॉक एडवाइजर, वेल्थ मैनेजर, फाइनेंशियल एनालिस्ट, इन्वेस्टमेंट एडवाइजर, सिक्योरिटी एनालिस्ट और कितने स्टॉक डॉव बनाते हैं रिस्क मैनेजर के तौर पर जॉब्स पा सकते हैं (Risk Manager Jobs). इस फील्ड में आपको स्टॉक एक्सचेंज, रेगुलेशन अथॉरिटी, फॉरेन इन्वेस्टमेंट फर्म्स, इन्वेस्टमेंट कंसल्टेंसी, म्यूचुअल फंड वाली कंपनी, ब्रोकर फर्म्स, इंश्योरेंस एजेंसी, बैंक और दूसरे इंस्टिट्यूट में भी जॉब की अपार संभावनाएं हैं (Stock Broker Career).
स्टॉक ब्रोकर की कमाई
स्टॉक ब्रोकर के तौर पर करियर बनाने के बाद आपकी सालाना सैलरी 2 लाख रुपये से 8 लाख रुपये तक हो सकती है. अगर दूसरों के अकाउंट के साथ ही आप पर्सनल इन्वेस्टमेंट भी करते हैं तो कमाई का जरिया दोगुना हो सकता है (Stock Broker Salary).
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डिविडेंड क्या होता है, कैसे मिलता है शेयरों में निवेश करने पर ज्यादा मुनाफा, कितने स्टॉक डॉव बनाते हैं समझें
कैपिटल मार्केट में ऐसे कई निवेश हैं जिनसे आप ऐसा फायदा उठा सकते हैं. कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो अपने निवेशकों को अलग अलग समय पर अपने मुनाफे में से डिविडेंड देती हैं. इनके शेयरों में निवेश कर निवेशक अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं.
Investment : कई कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स के डिविडेंड देती हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
आप कहीं एक जगह पर बड़े अमाउंट में पैसे निवेश करते हैं तो यही उम्मीद रखते हैं कि आपको अच्छा खासा मुनाफा होगा. मुनाफा एक की बजाय दो रास्तों से आए तो फिर बात ही क्या है. इसे कहते हैं डबल बेनिफिट वाली डील हासिल करना. कैपिटल मार्केट में ऐसे कई निवेश हैं जिनसे आप ऐसा फायदा उठा सकते हैं. कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो अपने निवेशकों को अलग-अलग समय पर अपने मुनाफे में से डिविडेंड या लाभांश (Dividend) देती हैं. इनके शेयरों में निवेश कर निवेशक अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं. उससे पहले ये समझ लेना जरूरी है कि डिविडेंड क्या होता है.
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क्या होता है डिविडेंड?
शेयर मार्केट की दुनिया में कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो अपने शेयरधारकों को समय-समय पर अपने मुनाफे में से हिस्सा देती हैं. मुनाफे के रूप में मिलने वाला यही हिस्सा डिविडेंड कहलाता है. ऐसी कंपनियों के शेयरों को डिविडेंड यील्ड स्टॉक्स कहा जाता है. हालांकि ये डिविडेंड देना या न देना किसी भी कंपनी का खुद का फैसला होता है. ये अनिवार्य नियम नहीं है. पीएसयू सेक्टर की कंपनियां अधिकतर अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देती हैं.
कैसे मिलेगा डबल मुनाफा?
किसी भी कंपनी के शेयर में निवेश कर मुनाफा कमाने के दो तरीके होते हैं. पहला फायदा आपको तब होगा जब शेयरों में तेजी आएगी. और दूसरा यह कि कंपनी को जो भी मुनाफा हो रहा है, कंपनी उसी मुनाफे से आपको हिस्सा देगी. शेयरों में हमेशा उतार-चढ़ाव आता रहता है. जब बाजार गिरता है तो निवेशक अपने शेयर बेचने लगते हैं, इससे शेयरों के दाम घट जाते हैं. ऐसे वक्त में अगर आपने किसी डिविडेंड स्टॉक में निवेश कर रखा है तो आप ऐसे नुकसान के बीच में भी संभले रह सकते हैं.
डिविडेंड को भी बाजार के लिए अच्छा माना जाता है. डिविडेंड मिलने से बाजार का सेंटीमेंट पॉजिटिव बना रहता है. अगर आप ऐसी किसी कंपनी में निवेश करते हैं जो ज्यादा डिविडेंड देती है तो, आप अपने शेयर बेचे बिना भी अच्छी खासी इनकम कमा सकते हैं.
डिविडेंड कब मिलता है?
यह कंपनियों पर निर्भर करता है कि वो डिविडेंड कब देती हैं, कितना देती हैं और कितनी बार देती हैं. कुछ कंपनियां साल में एक बार तो कुछ दो-तीन बार भी डिविडेंड देती हैं. डिविडेंड प्रति शेयर के आधार पर दिया जाता है. वित्त वर्ष के अंत में कंपनी अपने मुनाफे में से टैक्स और दूसरे खर्चों का पैसा अलग करने के बाद जो शुद्ध मुनाफा बनता है, उसमें से लाभांश अपने शेयरहोल्डर्स को देती है.
(ध्यान रखें यह डिविडेंड पर महज सामान्य जानकारी है, कोई भी निवेश करने से पहले किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)
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