श्रम बाजार जिसे नौकरी बाजार के नाम से भी जाना जाता है, श्रम की मांग एवं पूर्ति की और संकेत करता है। यहाँ कर्मचारी या श्रमिक आपूर्ति प्रदान करते हैं एवं नियोक्ता(काम देने वाला) श्रम की मांग करता है। श्रम अर्थव्यवस्था का अभिन्न अंग है क्योंकि हर आर्थिक गतिविधि में श्रम का एक अहम योगदान होता है।

यातायात में मुश्किल: रात 10 से सुबह 6 बजे तक ही, बाजार में आ सकेंगे भारी वाहन

भारी वाहन रात 10 बजे से सुबह बाजार के प्रकार 6 बजे तक ही बाजार के अंदर आ सकते हैं। यह बात जिला मजिस्ट्रेट पूनमदीप कौर ने कही। जिलाधिकारी बरनाला ने कहा कि दुकानदार सामान को दुकान के बाहर रखते हैं और उसके बाद वाहनों को खड़ा करते हैं। इसके अलावा ट्रैक्टर-ट्रॉली, टैंपो, टाटा 407, भारी ट्रक द्वारा भी माल इधर उधर को किया जाता है, जिससे यातायात में मुश्किल होती है और जाम की स्थिति उत्पन्न होती है।

उन्होंने कहा कि बाजार के प्रकार शहर के सदर बाजार, फरवाही बाजार, हंडिया बाजार और कच्चा कॉलेज रोड, पक्का कॉलेज रोड पर दुकानदार किसी भी प्रकार का सामान अपने दुकान की हद से बाहर न रखें। सदर बाजार में किसी भी प्रकार के चाैपहिया वाहन की एंट्री नहीं होनी चाहिए। चाैपहिया वाहन की पार्किंग रेलवे स्टेशन की पार्किंग में की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी बाजारों में लोडिंग वाहन, ट्रैक्टर-ट्राॅली, टेंपो, टाटा 407, भारी ट्रक आदि का आने का समय रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक होगा। यह आदेश 18 जनवरी 2023 तक लागू रहेंगे।

श्रम बाजार की परिभाषा : (definition of labour market)

श्रम बाजार एक ऐसी जगह है जहां श्रम की मांग एवं पूर्ति द्वारा श्रम की मात्र एवं श्रम के मूल्य(वेतन) का निर्धारण किया जाता है।

अतः इस बाजार में श्रमिक नियोक्ता द्वारा दिया गया काम करके अपना योगदान देते हैं एवं इसके बदले उन्हें वेतन के रूप में प्रतिफल दिया जाता है। बता दें की श्रमिक की काम करने की रूचि को बरकरार रखने के लिए उन्हें नियमित तौर पर वेतन देने की आवश्यकता होती है।

श्रम बाजार की विशेषता : (characteristics of labour market)

श्रम बाजार की मुख्य विशेषताएं निम्न है :

  1. कठोर एवं अनम्य
  2. विनियामितता
  3. अपूर्ण प्रतियोगिता

1. तीन स्तरीय बाजार : (three level market)

बड़े अर्थशास्त्रियों के अनुसार श्रम बाजार खंडित होता है। इसके तीन मुख्य भाग होते हैं। इन तीन में विभिन्न श्रमिक वर्गीकृत होते हैं। सबसे पहले स्तर में वे श्रमिक आते हैं जिनके पास उच्च स्तरीय कौशल होता है। इन श्रमिकों का वेतन सबसे अधिक होता है एवं ये बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम करते हैं।

दूसरा स्तर होता है उन श्रमिकों का जिनके पास उच्च स्तरीय शिक्षा एवं कौशल नहीं होता है। ये पहले स्तर के श्रमिकों के नीचे काम करते हैं एवं उनसे कम वेतन पाते हैं।

तीसरे स्तर के श्रमिक वे होते हैं जोकि मुख्यतः शारीरिक काम करते हैं एवं इनके पास किसी प्रकार की शिक्षा नहीं होती है। इस वर्ग में मुख्यतः ऐसे श्रमिक होते हैं जोकि दैनिक वेतन पर काम करते हैं।

श्रम बाज़ार के प्रकार: (types of labour market)

श्रम बाज़ार मुख्यतः तीन प्रकार का होता है :

ये बाज़ार के मुख्य स्तर होते हैं जिनके आधार पर बाज़ार को वर्गीकृत किया जाता है।

1. प्राथमिक श्रम बाज़ार : (primary labor market)

यह बाज़ार का पहला वर्ग होता है। इस वर्ग में ऐसे श्रमिक आते हैं जिनके पास अत्यधिक उन्नत कौशल होता है एवं इन्हें उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त होती है। इनका काम मुख्यतः कंपनियों के विभिन्न निर्णय लेना होता हैं एवं ये बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बड़े ओहदे पर काम करते हैं। इनका वेतन सबसे अधिक होता है एवं समय समय पर इन्हें पदोंन्नती भी मिलती है।

2. द्वितीयक श्रम बाज़ार : (secondary labor market)

द्वितीयक श्रम बाज़ार वह बाज़ार होता है जहां ऐसे स्श्रमिक होते हैं जिनके पास ज्यादा उच्च स्तरीय शिक्षा नहीं होती है। इनके पास प्राथमिक श्रमिक जितना उन्नत कौशल भी नहीं होता है एवं इनका उनसे कम वेतन होता हैं।

श्रम बाजार की मांग और आपूर्ति : (demand and supply in labor market)

जैसा की हम ऊपर पढ़ चुके हैं की श्रम बाजार में वेतन एवं श्रम की मात्र का निर्धारण मांग और आपूर्ति की वजह से होता है। हम यहाँ जानेंगे की मांग और आपूर्ति श्रम बाजार को किस तरह प्रभावित करते हैं।

श्रम बाजार की मांग से अभिप्राय है कंपनियों द्वारा किसी कोई काम को करवाने के लिए जब श्रमिक की ज़रुरत होती है तो यां उनके द्वारा ममांग होती है। वे विभिन्न कार्यों के लिए विभिन्न वेतन देते हैं।

श्रम बाजार की आपूर्ति से अभिप्राय है वे सभी लोग जोकि वर्तमान समय में एवं वेतन दर पर काम करने के लिए तैयार हैं एवं अपने कौशल का प्रयोग करके नियोक्ता के प्रति अपना योगदान देना चाहते हैं।

श्रम बाज़ार में मांग और आपूर्ति

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भारी वाहन रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ही बाजार के अंदर आ सकते हैं। यह बात जिला मजिस्ट्रेट पूनमदीप कौर ने कही। जिलाधिकारी बरनाला ने कहा कि दुकानदार सामान को दुकान के बाहर रखते हैं और उसके बाद वाहनों को खड़ा करते हैं। इसके अलावा ट्रैक्टर-ट्रॉली, टैंपो, टाटा 407, भारी ट्रक द्वारा भी माल इधर उधर को किया जाता है, जिससे यातायात में मुश्किल होती है और जाम की स्थिति उत्पन्न होती है।

उन्होंने कहा कि शहर के सदर बाजार, फरवाही बाजार, हंडिया बाजार और कच्चा कॉलेज रोड, पक्का कॉलेज रोड पर बाजार के प्रकार दुकानदार किसी भी प्रकार का सामान अपने दुकान की हद से बाहर न रखें। सदर बाजार में किसी भी प्रकार के चाैपहिया वाहन की एंट्री नहीं होनी चाहिए। चाैपहिया वाहन की पार्किंग रेलवे स्टेशन की पार्किंग में की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी बाजारों में लोडिंग वाहन, ट्रैक्टर-ट्राॅली, टेंपो, टाटा 407, भारी ट्रक आदि का आने का समय रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक होगा। यह आदेश 18 जनवरी 2023 तक लागू रहेंगे।

बाजार अनुसंधान

मार्केट रिसर्च एंड इंटेलिजेंस एक महत्वपूर्ण मार्केटिंग टूल है जो लक्षित बाजार के बारे में गहराई से जानकारी प्रदान कर सकता है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से संभावित बाजारों में प्रवेश करने और मौजूदा बाजारों में स्थिति को मजबूत करने के लिए किया जाता है। उपभोक्ता वरीयताओं और बाजार आसूचना के पैटर्न का अध्ययन करके संभावित बाजारों का बेहतर दोहन किया जा सकता है। बाजार अनुसंधान मूल्यवान विश्लेषण प्रदान करेगा जो मूल्य निर्धारण, पैकेजिंग और यहां तक कि उत्पाद विकास जैसे निर्णय लेने में सहायता करेगा ।

मौजूदा बाजार को मजबूत करने के लिए, अप-टू-डेट बाजार में बदलाव या उत्पाद की मांग में बदलाव के बारे में जागरूकता का सहज महत्व है। यह स्थापित भारतीय निर्यातकों को उपभोक्ता वरीयताओं या अल्पकालिक मांगों के आधार पर उत्पाद लाइनों को बदलने पर त्वरित निर्णय लेने के लिए आवश्यक अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।

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