International Funds Taxation: इंटरनेशनल फंड में कैसे कर सकते है निवेश, देखें क्या है फायदे और नुकसान

International Funds ऐसे म्यूचुअल फंड हैं. जिससे क्या अब आपको करना चाहिए निवेश एक देश में रहने वाले निवेशक दूसरे देशों की कंपनियों में पैसे लगा सकते हैं.

By: ABP Live | Updated at : 09 Sep 2022 08:55 PM (IST)

Edited By: Sandeep

Why Invest in International Funds : देश में निवेशकों का ध्यान अब इंटरनेशनल फंड (International Funds) की ओर जा रहा है. क्या इंटरेशनल फंड अपने निवेशकों को बढ़िया रिटर्न दे रहा हैं. क्या इनमें निवेश घरेलू फंड जितना ही आसान है या नहीं? आखिर इन फंड्स में निवेश के क्या फायदे हैं. क्या आपको इस फंड में निवेश करना चाहिए या नहीं?

क्या है इंटरनेशनल फंड
आपको बता दे कि इंटरनेशनल फंड (International Funds) ऐसे म्यूचुअल फंड हैं. जिससे एक देश में रहने वाले निवेशक दूसरे देशों की कंपनियों में पैसे लगा सकते हैं. भारत क्या अब आपको करना चाहिए निवेश में रहने वाला एक निवेशक इंटरनेशनल फंड के जरिए अमेरिका या ब्रिटेन की किसी कंपनी के शेयर्स में निवेश कर सकता है. डॉलर के मुकाबले रुपये में होने वाली गिरावट का इंटरनेशनल फंड पर असर नहीं होता है.

ये है अच्छा विकल्प
अगर आप इन्वेस्टर्स के तौर पर अपने पोर्टफोलियो को बढ़ाना चाहते हैं. तो इंटरनेशनल फंड आप के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है. इससे आपको न सिर्फ इंटनेशनल मार्किट में एक्सपोजर का मौका मिलेगा, बल्कि इससे आपको अच्छा रिटर्न भी मिलेगा.

बढ़े निवेशक
बताया जा रहा है कि पिछले कुछ सालों में कम निवेश जोखिम और अच्छे रिटर्न के चलते इंटरनेशनल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों की संख्या में खासा मुनाफा देखने को मिला है. टॉन्ग टर्म अवधि में निवेश करना हमेशा से ही अच्छा विकल्प माना जाता रहा है. लंबी अवधि के लिए किये निवेश में शॉर्ट टर्म निवेश के मुकाबले काफी कम जोखिम होता है.

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क्या है राय
बैंक बाजार.कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी का कहना है कि, निवेशकों को निवेश से पहले थोड़ा बड़ा सोचना चाहिए. डोमेस्टिक मार्केट के अलावा इंटरनेशनल फंड्स में निवेश के विकल्प पर भी विचार किया जा सकता है. हालांकि अधिकतर भारतीय निवेश के लिए डोमेस्टिक मार्केट में इंवेस्टमेंट करना ही ज्यादा पसंद करते हैं.

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Published at : 09 Sep 2022 08:55 PM (IST) Tags: Mutual Funds SIP Investments investment tips Debt funds International funds Investment Portfolio Investment Goals हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Mutual Fund में निवेश करने वालों को नहीं करनी चाहिए ये गलतियां, वरना झेलना पड़ सकता है नुकसान

पिछले कुछ समय से Mutual Fund निवेश के मामले में काफी लोकप्रिय हुआ है. आज के समय में ज्‍यादातर लोग एसआईपी के जरिए म्‍यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं.

एक समय था जब लोगों के पास बैंक या पोस्‍ट ऑफिस में फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट और एलआईसी की तमाम स्‍कीम्‍स जैसे निवेश के सीमित विकल्‍प हुआ कर‍ते थे, लेकिन आज निवेश के तमाम ऑप्‍शंस मौजूद हैं. पिछले कुछ समय से Mutual Fund निवेश के मामले में काफी लोकप्रिय हुआ है. आज के समय में ज्‍यादातर लोग एसआईपी के जरिए म्‍यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं. इसकी वजह है कि एसआईपी में मार्केट का जोखिम कम होता है, कंपाउंडिंग इंटरेस्‍ट का फायदा मिलता है, जिसके कारण रिटर्न अन्‍य सेविंग्‍स स्‍कीम्‍स से बेहतर मिलता है.

फाइनेंशियल एक्‍सपर्ट शिखा चतुर्वेदी की मानें एसआईपी के जरिए औसतन 12 फीसदी तक का रिटर्न आमतौर पर मिल जाता है, वहीं कई बार तो 14 से 15 फीसदी रिटर्न भी मिल जाता है. ऐसे में आज के समय में निवेश के लिहाज से ये काफी अच्‍छी स्‍कीम है. लेकिन अगर आप SIP के जरिए म्‍यूचुअल फंड में पैसा लगा रहे हैं, आपको कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए, वरना नुकसान झेलना पड़ सकता है.


जल्‍दबाजी में न करें निवेश

म्‍यूचुअल फंड में किसी की बातें सुनकर जल्‍दबाजी में निवेश न करें. इसके बारे में पहले पता करें और अगर आपको इसका कोई आइडिया न हो, तो किसी फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह ले लें. इसके अलावा म्‍यूचुअल फंड में कम समय के लिए निवेश न करें. भले ही आपके जानकार लोगों को कम समय में अच्‍छा रिटर्न मिल गया हो, लेकिन ऐसा सभी के साथ हो, ये जरूरी नहीं होता. आपको कम से कम 5-7 साल तक का समय देना चाहिए, तब आपको अच्‍छा खासा मुनाफा होता है.


बीच में न रोकें

शेयर बाजार में उतार चढ़ाव का सिलसिला चलता रहता है, इससे आपको घबराने की जरूरत नहीं है. तमाम लोग मंदी देखकर निवेश को रोक देते हैं. ऐसा नहीं करना चाहिए. ऐसे समय में आपको कई शेयर्स सस्‍ते में मिल जाएंगे. ऐसे में निवेश करके आप तेजी आने पर निवेश का अच्‍छा खासा लाभ ले सकते हैं.

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इन चीजों में निवेश करने से बचें

म्‍यूचुअल फंड में आपको मल्‍टी कैप, लार्ज कैप, मिड कैप और स्‍मॉल कैप जैसे तमाम ऑप्‍शन मिलते हैं. पिछले कुछ समय में लोगों को मिड कैप और स्‍मॉल कैप से अच्‍छा मुनाफा मिला है, लेकिन ये हर बार होगा, ऐसा जरूरी नहीं है. आपको इस तरह के निवेश से बचना चाहिए. आप निवेश के लिए हमेशा मल्‍टी कैप, लार्ज कैप में ही प्‍लान करें.


तेजी में निवेश न करें

जब लोग बाजार में तेजी देखते हैं, तो निवेश करने लगते हैं. लेकिन ये निवेश के लिहाज से ठीक नहीं होता क्‍योंकि शेयर मार्केट अप्रत्‍याशित होता है. इसमें बाजार तेजी से उठता है, तो दोगुनी तेजी से गिरता भी है. इसलिए ऐसे निवेश से बचें.

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महंगाई (Inflation) बढ़ रही है और रुपये (Rupee) का मूल्य घट रहा है. यानी सिर्फ पैसा बचाने से काम नहीं चलेगा, पैसा बढ़ाना भी पड़ेगा. ऐसे में क्या अब आपको करना चाहिए निवेश शेयर बाजार (Share Market) में निवेश अच्छा विकल्प हो सकता है. लेकिन शेयर मार्केट (Stock Market) में पहली बार निवेश करने वालों के लिए क्या जानना जरूरी है? शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है?

कब कर सकते हैं? किस शेयर में पैसा लगाएं? ये सारी बातें यहां हम आपको बता रहे हैं.

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब

1. शेयर क्या है?

किसी कंपनी को चलाने के लिए पूंजी यानी कैपिटल की जरूरत पड़ती है. अब कंपनी को चलाने के लिए मालिक बाजार से पैसा उठाना चाहता है तो वह कैपिटल को हिस्सों में बांट देता है यही हिस्से कहलाते हैं शेयर. जैसे किसी कंपनी की कैपिटल 100 रुपये है. अब कंपनी इसे 100 हिस्सों में बांट दें तो वे 100 हिस्से शेयर्स कहलाएंगे और एक शेयर एक रुपये का होगा. अब इसी कैपिटल को दो या 5 हिस्सों में भी बांटा जा सकता है. यानी कंपनी की एक यूनिट एक शेयर के बराबर होती है.

अब आप किसी कंपनी का हिस्सा बनना चाहते हैं तो उसके शेयर खरीद सकते हैं. इन्हीं शेयर्स की जब आप खरीदी बिक्री करने जिस बाजार में जाएंगे उसे कहते हैं शेयर बाजार.

2. शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा?

शेयर बाजार में पांव रखने से पहले आपको चाहिए डिमैट अकाउंट. जैसे बैंक में बचत, एफडी में निवेश के लिए बैंक अकाउंट चाहिए वैसे ही शेयर मार्केट में निवेश के लिए डिमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट के जरिए ही शेयर्स को खरीदा-बेचा जाता है, होल्ड किया जाता है. यह एक तरह से शेयर्स का डिजिटल अकाउंट है.

3. डीमैट अकाउंट क्या है

डीमैट अकाउंट मतलब- डीमटेरियलाइज्ड यानी किसी भी फिजिकल चीज का डिजिटलाइज होना. डिमैट अकाउंट आप चंद सैकेंड में खोल सकते हैं. आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसी केवाईसी डॉक्यूमेंट लगती हैं. इसके लिए ब्रोकर की जरूरत होती है. अब ब्रोकर कोई व्यक्ति भी हो सकता है और कंपनी भी. ब्रोकर की वेबसाइट क्या अब आपको करना चाहिए निवेश क्या अब आपको करना चाहिए निवेश या एप पर जाकर डिमैट अकाउंट आसानी से खोला जा सकता है. अगर आप नेटबैंकिंग करते हैं तो आपके बैंक की वेबसाइट या एप पर भी डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं. आमतौर पर इसकी लिए कोई फीस नहीं देनी होती लेकिन यह कंपनी पर निर्भर करता है कि वे डिमैट के लिए कितना वसूलना चाहते हैं.

4. किस कंपनी का शेयर खरीदें?

जवाब है किसी अच्छी कंपनी है, क्योंकि अच्छी कंपनी के शेयर्स अच्छा रिटर्न देते हैं. अच्छी कंपनी मतलब जिसका प्रॉफिट, प्रोडक्ट, भविष्य अच्छा हो. शेयर मार्केट की भाषा में इसे कंपनी के फंडामेंटल्स यानी बुनियादी बातें कहते हैं, कंपनी के फंडामेंटल्स अच्छे हैं तो कंपनी का भविष्य अच्छा माना जाता है. इसके लिए आपको कंपनी की सालाना बैलेंस शीट पर नजर रखनी होती है. यानी कंपनी कितना कमा रही है, कितना कर्ज है, कितना मुनाफा हो रहा है? कंपनी के शेयर्स ने पहले कैसा प्रदर्शन किया है. ये क्या अब आपको करना चाहिए निवेश सब देखना होता है. कई बार खबरें भी कंपनी के शेयर्स को प्रभावित करती हैं. जैसे कि जब दुनिया के सबसे अमीर आदमी ईलॉन मस्क ने ट्विटर को खरीदने का ऐलान किया तो निवेशकों में ट्विटर के शेयर्स को खरीदने की होड़ लग गई. लेकिन निवेशक केवल कंपनी के फंडामेंटल्स पर ध्यान दें तो भी काम बन सकता है. सबसे पहले ऐसे शेयर में निवेश करें जो सुरक्षित हैं. यानी उन बड़ी कंपनियों क्या अब आपको करना चाहिए निवेश के शेयर्स खरीदें जो दशकों पुरानी हैं, प्रॉफिट में रहती है और आगे भी रहेंगी. इससे आप नुकसान में नहीं रहेंगे. जब इसमें निवेश कर लें तो शेयर्स को स्टडी करना सीखें, कंपनी की बैलेंस शीट पढ़ना सीखें.

5. प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट क्या है?

जब आप कोई शेयर सीधे कंपनी से खरीदते हैं जैसे की आईपीओ के जरिए.. यह प्राइमरी मार्केट है. यानी कंपनियां जो शेयर्स बाजार में इश्यू करती है. लेकिन जब सीधे कंपनी से खरीदे हुए शेयर्स को आप अन्य खरीदारों में बेचने जाते हैं तो वो सेकेंड्री मार्केट है. यानी इश्यू किए हुए शेयर्स की क्या अब आपको करना चाहिए निवेश जब खरीद बिक्री होती है.

6. ट्रेडिंग या निवेश?

एक्सपर्ट कहते हैं कि 5 साल, 10 साल या उससे भी ज्यादा समय के लिए निवेश करने वाले फायदे में रहते हैं. यानी लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट. अब शेयर बाजार को गहनता से समझने वाले और रिस्क उठा सकने वाले ही शॉर्ट टर्म या हर रोज शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. कितना और कितने समय के लिए निवेश? अब सबसे पहले आप ये तय करें कि निवेश कितना करना है और कितने समय के लिए. फिर तय करें कि आप निवेश करना क्यों चाहते हैं यानी कि आपका उद्देश्य क्या है. जैसे, शिक्षा, शादी या घर खरीदने जैसे गोल्स. इसी अनुसार आप आगे बढ़ते हैं और तभी आप फैसला ले पाएंगे कि आपको किस शेयर में निवेश करना है. शेयर मार्केट में शुरुआत धीमी रखें.

7. शेयर बाजार नहीं समझते हैं तो कैसे निवेश करें?

अगर आपके पास इन सब के लिए समय नहीं है या समझ नहीं है तो ऐसी स्थिति में आप किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से ही सलाह लें, एक्सपर्ट को बताएं कि आप कितना खर्च करना चाहते हैं और कितने समय के लिए. आपका निवेश का उद्दश्य क्या है और आप निवेश से कितने रिटर्न की अपेक्षा रखते हैं. एक उपाय म्यूचुअल फंड भी हैं. जिसमें कुछ एक्सपर्ट आपके जैसे कई निवशकों के पैसे को कहां लगाना है ये तय करते हैं.

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ELSS में जुलाई में 48 फीसदी घट गया निवेश, क्‍या आपको अब डालना चाहिए पैसा? क्‍या है एक्‍सपर्ट की राय

ईएलएसएस में किए गए निवेश पर आयकर अधिनियिम की धारा 80 सी के तहत टैक्‍स छूट मिलती है.

ईएलएसएस में किए गए निवेश पर आयकर अधिनियिम की धारा 80 सी के तहत टैक्‍स छूट मिलती है.

ईएलएसएस फंड्स (ELSS mutual fund) लॉन्‍ग टर्म में बड़ा फंड बनाने वाला वो फ्लेक्‍सी कैप क्या अब आपको करना चाहिए निवेश फंड. ईएलएसएस में किए गए निवेश पर आ . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : August 11, 2022, 12:24 IST

हाइलाइट्स

ELSS में जुलाई में 327.85 करोड़ रुपये का पॉजिटिव इनफ्लो रहा है. जून में यह आंकड़ा 640.06 करोड़ रुपये रहा था.
लॉन्‍ग टर्म में बड़ा फंड बनाने और टैक्‍स लाभ लेने के लिए इस ELSS फंड्स में निवेश अब भी फायदे का सौदा है.
हमेशा ही इक्विटी ने अन्‍य एसेट क्‍लास के मुकाबले लॉन्‍ग टर्म में बेहतर रिटर्न दिया है.

नई दिल्‍ली. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, इक्विटी म्‍यूचुअल फंड्स (क्या अब आपको करना चाहिए निवेश Equity Mutual Funds) में होने वाले निवेश में जुलाई, 2022 में 42 फीसदी की गिरावट आई है. ईएलएसएस फंड्स (ELSS mutual fund) में निवेश में भी 48 फीसदी की गिरावट आई है. ईएलएसएस में जुलाई में 327.85 करोड़ रुपये का पॉजिटिव इनफ्लो रहा है. जून में यह आंकड़ा 640.06 करोड़ रुपये रहा था. ईएलएसएस फंड्स का नेट एसेट्स अंडर मैनेजमेंट जून के 1,34,225.70 करोड़ रुपये बढ़कर 1,47,910.92 करोड़ रुपये रहा है.

ELSS फंड्स लॉन्‍ग टर्म में बड़ा फंड बनाने वाला फ्लेक्‍सी कैप फंड है. ईएलएसएस में किए गए निवेश पर आयकर अधिनियिम की धारा 80सी के तहत टैक्‍स छूट मिलती है. इसका लॉक इन पीरियड तीन साल है. इसका अर्थ है कि इस फंड में की गई राशि की निकासी तीन साल से पहले नहीं की जा सकती. वित्‍तीय सलाहकार लॉन्‍ग टर्म इनवेस्‍टमेंट के लिए ईएलएसएस फंड्स में निवेश की सलाह इसलिए देते हैं क्‍योंकि इनका रिटर्न महंगाई दर से ज्‍यादा तो होता ही है, साथ ही इसमें टैक्‍स लाभ भी मिलता है.

क्‍या अब करना चाहिए निवेश?
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, ELSS फंड्स के इनफ्लो में जुलाई 2022 में भारी गिरावट के बाद सवाल यह उठता है कि क्‍या अब भी इस फंड में निवेश करना चाहिए? वित्‍तीय सलाहकारों का कहना है कि लॉन्‍ग टर्म में बड़ा फंड बनाने और टैक्‍स लाभ लेने के लिए इस ईएलएसएस फंड्स में निवेश अब भी फायदे का सौदा है.

एप्सिलॉन मनी मार्ट के प्रोडक्‍ट और प्रोपोजिशन हेड नितिन राव का कहना है कि ईएलएसएस फंड में इक्विटी इनफ्लो में गिरावट के कई कारण हैं. इनमें बढ़ती ब्‍याज दरें, रुपये का अवमूल्‍यन, भू-राजनीतिक तनाव आदि शामिल है. इन कारकों ने इक्विटी के प्रति निवेशकों की धारणाओं को प्रभावित किया है.

इक्विटी मार्केट होगी मजबूत
राव का कहना है कि एएमएफआई के आंकड़ों से पता चलता है कि इक्विटी में रिटेल निवेशकों की भागीदारी लगातार बढ़ती जा रही है. टोटल सिप अकाउंट अब 55.5 मिलियन हो गए हैं. इससे पता चलता है कि रिटेल इनवेस्‍टर का भरोसा इसमे बढ़ता जा रहा है. राव का कहना है कि लॉन्‍ग टर्म इनवेस्‍टर के लिए इक्विटी में निवेश करने का यह सही मौका है. हमेशा ही इक्विटी ने अन्‍य एसेट क्‍लास के मुकाबले लॉन्‍ग टर्म में बेहतर रिटर्न दिया है. मॉनसून की बारिश ठीक हो रही है, फेस्टिव सीजन आ चुका जिससे खपत में बढ़ोतरी होगी. इन सब कारणों से घरेलू इक्विटी मार्केट को मजबूती मिलेगी.

(Disclaimer: यहां बताए गए स्‍टॉक्‍स ब्रोकरेज हाउसेज की सलाह पर आधारित हैं. यदि आप इनमें से किसी में भी पैसा लगाना चाहते हैं तो पहले सर्टिफाइड इनवेस्‍टमेंट एडवायजर से परामर्श कर लें. आपके किसी भी तरह की लाभ या हानि के लिए लिए News18 जिम्मेदार नहीं होगा.)

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