शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग के १० महत्वपूर्ण रणनीतियाँ
शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग के लिए बहुत सी रणनीतियाँ (stock trading strategies) है बाजार में परन्तु यह आपको तय करना पड़ेगा की कौन सी रणनीति आपके लिए अच्छा काम करती है। ट्रेडिंग में कुछ भी सही या गलत नहीं होता, परन्तु यह जरुरी है की बात किस सन्दर्भ में हो रही है।
ट्रेडिंग में सफल होने के लिए आपको अपने मानसिक स्थिरता और धैर्य बनाये रखने की काफी आवशकता है।
Table of Contents |
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बाज़ार के दिशा में ही ट्रेड करे |
कम जोखिम वाले एंट्री को पहचाने अनुकूल रिस्क रिवॉर्ड के परिस्तिथि को देखते हुए |
एक ट्रेडिंग मेथोडोलॉजी होना काफी जरुरी है |
एक बार ट्रेडिंग सेटअप बनाने के पश्चात, उसका पालन करे |
अपनी ट्रेड्स की समीक्षा करने के लिए एक ट्रेडिंग जर्नल बनाये |
कभी भी अपनी ट्रेडिंग के पूंजी के १-२ प्रतिशत से ज्यादा एक ट्रेड में जोखिम न डाले |
ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए, अपनी स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे स्टॉपलॉस को ट्रेल करे |
हमेशा दो विभन्न्न टाइम फ्रेम में काम करे |
स्टॉपलॉस को दिमाग में न रखकर कर उसी एक सही ऑर्डर ने रखे |
ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स चुने जो बाज़ार के ट्रेंड के बिना ही चले |
आज अपने शेयर बाजार में ट्रेडिंग के 10 महत्वपूर्ण रणनीतियाँ (stock trading strategies) पर चर्चा करेंगे जिससे आप अपनी ट्रेडिंग के अनुभव को सुधार सकते है-
१. बाज़ार के दिशा में ही ट्रेड करे
समय की अवधी बहुत ही महत्वपूर्ण किरदार अदा करती बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए। मान लीजिये यदि आप लम्बे समय के निवेश का सोच रहे हो तो आपको लम्बी अवधी की चार्ट में विश्लेषण करने की जरुरत है जैसे की मासिक चार्ट।
वही दूसरी ओर यदि आप छोटे अवधी में ट्रेडिंग या निवेश का सोच रहे हो तो छोटी अवधी के चार्ट का विश्लेषण करे। इसलिए ट्रेंड को पहचानने स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे के पहले आप अपने ट्रेडिंग की शैली को परखे की आपको इंट्राडे, स्विंग या पोसिशनल सौदे करने है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण stock trading strategies का हिस्सा है|
२. कम जोखिम वाले एंट्री को पहचाने अनुकूल रिस्क रिवॉर्ड के परिस्तिथि को देखते हुए
यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलु है जोखिम प्रबंधन (रिस्क मैनेजमेंट) की और यदि आपको बाजार में बने रहना हो तो रिस्क रिवॉर्ड के बिच अच्छे संतुलन बनाये रखने की आवशयता है पुरे अनुशासन के साथ। इससे यह फायदा होगा की यदि आपके कुछ ट्रेड्स में नुकसान होता है तो आपके बाकी फायदे वाले ट्रेड्स उसको ढकने में सक्षम होंगे। उदहारण के तौर पर मन लीजिये आप यदि १:२ रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो में काम कर रहे है, तो यदि आपके ४ ट्रेड में नुकसान हो जाये, तो भी आप ८ रुपये कमाकर घर ही जायेंगे।
३. एक ट्रेडिंग मेथोडोलॉजी होना काफी जरुरी है
विभिन्न इंडीकेटर्स के स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे माध्यम से एक ट्रेडिंग मेथोडोलॉजी को तैयार करे और उसे बैक टेस्ट करे किसी एल्गो या केवल अपनी आँखों से एक लम्बे समय के लिए।
शेयर बाजार में कुछ भी सही या गलत नहीं होता, बल्कि आपको ट्रायल एंड एरर करते रहना होगा जिससे आप नए ट्रेडिंग मेथोडोलोग्य बनाये और जो आपके स्टाइल को सूट करे और उसे अपने ट्रेडिंग में इस्तेमाल करने में सफल हो।
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४. एक बार ट्रेडिंग सेटअप बनाने के पश्चात, उसका पालन करे
ट्रेडिंग सेटअप बनने के बाद उसे एकदम निष्ठा से पालन करे और ३-४ असफलता के कारण हिम्मत न हारे। आपको अपने बनाये ट्रेडिंग सेटअप पर भरोसा होने अति आवशयक है और हार मैंने के वजाये आपको विश्लेषण करना चाहिए की कहा आखिर आप गलत जा रहे हो और उसे सुधरने का प्रयास करे।
ट्रेडिंग की 10 महत्वपूर्ण रणनीतियों (stock trading strategies) के बारे में और जानने के लिए नीचे वीडियो देखें;
५. अपनी ट्रेड्स की समीक्षा करने के लिए एक ट्रेडिंग जर्नल बनाये
आपकी ट्रेड्स का विश्लेषण करने के लिए, ट्रेडिंग जर्नल एक अहम भूमिका निभाती है। इससे आप अपनी ऑनलाइन ट्रेडिंग रहस्य का विश्लेषण कर सकते है कि कहा आप गलती कर रहे है ताकि अगली बार वह गलती ना दोहराये।
६. कभी भी अपनी ट्रेडिंग के पूंजी के १-२ प्रतिशत से ज्यादा एक ट्रेड में जोखिम न डाले
यदि आपको बाज़ार में बने रहना है, तो १-२ प्रतिशत नुकशान से ज्यादा ना खोये एक ट्रेड में। यदि आपके ट्रेडिंग सेटअप में सफलता की दर ६०-७० प्रतिशत है, तो भी यह कोई बड़ी बात नहीं है की ८-९ लूसिंग ट्रेड नहीं होगी।
७. ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए, अपनी स्टॉपलॉस को ट्रेल करे
यदि आपका अकाउंट अनुमति देता है तो ज्यादा लॉट्स में ट्रेड करे ताकि आप बड़ा मुनाफा निकाल सके यदि ट्रेड आपके अनुसार हो। अच्छा मुनाफा कमाने के लिए आपको अपनी स्टॉपलॉस को ट्रेल करना काफी आवशयक है। इससे यह फायदा होगा की यदि आप सही हुए तो अच्छा मुनाफा घर ले जाओगे परन्तु गलत पड़ने पर ज्यादा नुकसान नहीं सहना पड़ेगा।
८. हमेशा दो विभन्न्न टाइम फ्रेम में काम करे
चाहे आप इंट्राडे, स्विंग या पोसिशनल ट्रेडर हो, थोड़ी बड़ी टाइम फ्रेम को साथ रखकर विश्लेषण करने से अधिक स्पष्टता हासिल होती है। जैसे की यदि आप इंट्राडे ट्रेडर हो और आप १५ मिनट के ट्रेडर में काम करते हो, तो आप साथ में १ घंटे या ४ घंटे को साथ रखकर विश्लेषण कर सकते है। उसी प्रकार, यदि आप स्विंग ट्रेडर हो तो आप डेली और वीकली चार्ट के हिसाब से काम कर सकते है।
९. स्टॉपलॉस को दिमाग में न रखकर कर उसी एक सही ऑर्डर ने रखे
शेयर बाजार में अनुशासन एक अहम भूमिका अदा करती है और इसी कारणवश स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे ज्यादातर ट्रेडर पैसे बनाने में सफल नहीं होता शेयर बाज़ार में। लोग स्टॉपलॉस को न लगा कर उसे दिमाग में ही रखते है और जैसे ही विपरीत चाल शुरू होने लगता है, वे काटने में सफल नहीं हो पाते और इसी आशा में रहते है की जैसे ही उनके भाव तक आएगा तोह वह निकल जायेंगेऔर ज्यादातर समय लोग इससे लोस के तले दबे रहते है। इसी कारण से stock market analysis बहुत महत्तपूर्ण भूमिका निभाता है |
१०. ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स चुने जो बाज़ार के ट्रेंड के बिना ही चले
ज्यादातर शेयर्स, बाज़ार के चाल के अनुसार ही काम करते है तो ऐसे शेयर्स या इन्वेस्टमेंट क्लास चुने जिनका खुद का अपना चाल हो। इससे आप का किया गया विश्लेषण अच्छा काम करता है और यह बाज़ार के चल से प्रभाभित नहीं होता।
कम समय में चाहते हैं मोटा मुनाफा, तो आप ट्रेडिंग ऑप्शन पर लगा सकते हैं दांव
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी से मोटा मुनाफा संभव है.
शेयर मार्केट के संबंध में अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. हालांकि, दोनों माध्यमों में निवेशकों का मकस . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : June 11, 2022, 14:52 IST
नई दिल्ली . शेयर मार्केट संबंधित चर्चा होते ही अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. कई लोग ट्रेडिंग और निवेश में फर्क नहीं कर पाते हैं. तो आपको बता दें कि ट्रेडिंग और निवेश के बीच सबसे अहम अंतर समय अवधि का है. निवेश की तुलना में ट्रेडिंग में समय अवधि काफी कम होती है. ट्रेडिंग कई प्रकार की होतीं हैं और ट्रेडर्स स्टॉक में अपनी पॉजिशन बहुत कम समय तक रखते हैं, जबकि निवेश वे लोग करते हैं, जो स्टॉक को वर्षों तक अपने पोर्टफोलियो में रखते हैं. अगर आप कम समय में मोटा मुनाफा चाहते हैं, तो ट्रेडिंग आपके लिए बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती है.
सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं. फाइनेंसियल मार्केट की स्थिति और जोखिम के आधार पर ट्रेडिंग की विभिन्न स्ट्रेटेजी हैं. ट्रेडर्स अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से इनका चयन करते हैं. साथ ही विभिन्न प्रकार की ट्रेडिंग से जुड़े रिस्क और लागत को भी ध्यान में रखते हैं. आइए, यहां हम उन लोकप्रिय ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी की चर्चा करते हैं, जो अधिकतर ट्रेडर अपनाते हैं.
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इंट्राडे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में महज 1 दिन के कारोबार में भी मोटा प्रॉफिट कमाया जा सकता है. दरअसल, बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading) स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे कहते हैं. इस स्ट्रेटेजी के तहत शेयर खरीदा तो जाता है, लेकिन उसका मकसद निवेश नहीं, बल्कि 1 दिन में ही उसमें होने वाली बढ़त से प्रॉफिट कमाना होता है. इसमें चंद मिनटों से ले कर कुछ घंटे तक में ट्रेडिंग हो जाती है. हालांकि, यह जरूरी नहीं कि इंट्रोडे ट्रेडर्स को हमेशा प्रॉफिट ही होता हो. ट्रेडर्स अपना ट्रेड शेयर मार्केट बंद होने से पहले बंद करते हैं और प्रॉफिट या लॉस उठाते हैं. इसमें तेजी से निर्णय लेना होता है.
पॉजिशनल ट्रेडिंग
पॉजिशनल ट्रेडिंग (Positional trading) स्टॉक मार्केट की एक ऐसी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है, जिसमें स्टॉक को लंबे समय तक होल्ड किया जाता है. इस स्ट्रेटेजी के तहत ट्रेडर्स किसी स्टॉक को कुछ महीने से लेकर कुछ साल तक के लिए खरीदते हैं. उसके बाद उस स्टॉक को बेच कर प्रॉफिट या लॉस लेते हैं. उनका मानना होता है कि इतनी अवधि में शेयर के दाम में अच्छी बढ़ोतरी होगी. निवेशक आमतौर पर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल ग्राउंड को ध्यान में रखकर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल को ध्यान में रखकर यह स्ट्रेटेजी अपनाते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग (Swing trading) में टाइम पीरियड इंट्राडे से अधिक होता है. कोई स्विंग ट्रेडर अपनी पॉजिशन 1 दिन से अधिक से लेकर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी कम होने के साथ प्रॉफिट बनाने की संभावना काफी अधिक होती है. यही कारण है कि अधिकतर लोग इंट्राडे की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.
टेक्निकल ट्रेडिंग
टेक्निकल ट्रेडिंग (technical trading) में निवेशक मार्केट में मूल्य परिवर्तन की भविष्यवाणी करने के लिए अपने टेक्निकल एनालिसिस ज्ञान का उपयोग करते हैं. हालांकि, इस ट्रेडिंग के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है. इसमें पॉजिशन 1 दिन से लेकर कई महीने तक रखा जा सकता है. शेयर मार्केट में कीमतों में उतार-चढ़ाव को निर्धारित करने के लिए अधिकतर ट्रेडर्स अपने टेक्निकल एनालिसिस स्किल का उपयोग करते हैं. टेक्निकल एनालिसिस के तहत देखा जाता है कि किसी खास समय अवधि में किसी शेयर की कीमत में कितना उतार-चढ़ाव आया. इस अवधि में इसकी ट्रेड की गई संख्या में क्या कभी कोई बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है.
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SBI Marriage Loan: अब बेटी की शादी करें धूमधाम से, बैंक देगा घर बैठे पैसे, जानिए क्या है प्रोसेस
SBI Marriage Loan: अगर आप भी अपनी बेटी की शादी में होने वाले खर्च के लिए लोन लेना चाहती है तो ये खबर आपके लिए हैं. तो जानिए कैसे इसके लिए अप्लाई करना है.
SBI Marriage Loan: अब बेटी की शादी करें धूमधाम से, बैंक देगा घर बैठे पैसे, जानिए स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे क्या है प्रोसेस
SBI Marriage Loan: अब आपको अपनी बेटी की शादी में पैसे की चिंता करने की जरुरत नहीं है. आप घर बैठे लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं. इसके लिए आपको बैंक के चक्कर काटने की जरुरत नहीं होगी. आज के समय में कई बैंक घर बैठे लोन दे रहे हैं. जिसके लिए आपको कुछ डॉक्यूमेंट्स की जरुरत पड़ेगी. आपको अपने डॉक्यूमेंट्स को स्कैन करके ऐप में अपलोड करना होगा. इसके बाद आपको कुछ ही दिन में बैंक की तरफ से लोन जारी कर दिया जाएगा.
इतनी सैलरी होनी जरूरी
इसके लिए सबसे जरूरी है कि आपकी सैलरी एसबीआई अकाउंट में आती हो.मतलब कि आपका एसबीआई में सैलरी अकाउंट हो. इसके साथ ही आपकी हर माह की सैलरी 15000 रुपये या उससे अधिक होनी चाहिए.
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इन डॉक्यूमेंट्स की होगी जरुरत
इसके लिए आपको अपनी और अपनी बेटी का आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक, आपके पिछले तीन महीने का बैंक स्टेटमेंट और वोटर आईडी कार्ड भी होना चाहिए. इसमें आपको आसानी से 20 लाख तक का लोन मिल सकता है. इस लोन को चुकाने का समय 6 महीने से 72 महीने तक का होता है.
जानें क्या है ब्याज दरें
इसकी ब्याज दरें 10.65% से शुरू होती हैं और 20 लाख रु. तक का लोन 6 वर्ष तक के स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे लिए लिया जा सकता है. SBI वेडिंग लोन एक सामान्य पर्सनल लोन ही है यानी आप किसी भी एसबीआई पर्सनल लोन का उपयोग शादी के स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे लिए कर सकते हैं, जैसे SBI एक्सप्रेस लोन, SBI क्लिक पर्सनल लोन, आदि
कैसे कर सकती हैं अप्लाई?
- SBI की वेबसाइट में जाकर लोन के लिए अप्लाई करना होगा.
- YONOऐप में जाकर एसबीआई लोन के लिए सर्च करें.
- स्क्रीन पर दिख रहे ऑप्शन में से लोन के ऑप्शन को सेलेक्ट करें.
- आपको इसमें पर्सनल लोन को सेलेक्ट करना होगा.
- उसके बाद अगले पेज में आपको एक्सप्रेस क्रेडिट लोन के अंदर क्लिक करके अप्लाई करे.
- अपनी सभी जानकारी को एक फॉर्म में भरना होगा और अपने डॉक्यूमेंट्स को अपलोड करें.
- इसके बाद आपको सबमिट करें.
वेरीफाई के लिए बैंक से आएगा कॉल
फिर आपको कुछ दिनों के बाद जानकारी को वेरीफाई करने के लिए बैंक से कॉल आएगी. इसके बाद जब सारी जानकारी वेरीफाई हो जाएगी तो आपको बैंक से लोन मिल जाएगा.
बिहार में ग्रेजुएट होने वाली लड़कियों को मिलेंगे 50-50 हज़ार रुपए , जानिए क्या है ये स्कीम और कैसे करें आवेदन
Bihar Government: बिहार में लड़कियों को पढ़ाई लिखाई की दिशा में प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने एक योजना शुरू की है. इस योजना का नाम है बालिका स्नातक प्रोत्साहन योजना. इस योजना के तहत राज्य सरकार ने लड़कियों को 50 हजार रुपए देने का एलान किया है.
Bihar government scheme
Balika Snatak Protsahan Yojna: लड़कियों की पढ़ाई लिखाई के लिए केंद्र और स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे राज्य सरकार आय दिन कोई न कोई योजना जारी करती रहती हैं. इस शृंखला में बिहार में लड़कियों को पढ़ाई लिखाई की दिशा में प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार की एक योजना है. इस योजना का नाम है बालिका स्नातक प्रोत्साहन योजना. इस योजना के तहत राज्य सरकार ने लड़कियों को 50 हजार रुपए देने का एलान किया है. ये 50 हजार की राशि उन लड़कियों को दी जाएगी जो ग्रेजुएशन पूरी कर चुकी हैं.
जानिए क्या है ये योजना
बिहार में बालिका स्नातक प्रोत्साहन योजना पहले से चली आ रही है. इस योजना के तहत स्नातक करने वाली छात्राओं को सरकार की तरफ से 25-25 हजार रुपए दिए जाते थे. यह राशि अब बढ़ाकर 50 हज़ार रुपए कर दी गई है. योजना के तहत यह राशि सीधे छात्राओं के बैंक अकाउंट में भेजी जाती है. राज्य के शिक्षा विभाग ने सरकार की इस महत्वाकांक्षी स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे योजना के लिए करीब 40 करोड़ रुपए अलॉट किए है.
कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?
राज्य सरकार के तय स्टैंडर्ड्स के अनुसार यह राशि केवल उन्हीं छात्राओं को मिलती है जिन्होनें राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है. साथ ही योजना में आवेदन करने वाली छात्राओं का बैंक में अकाउंट होना चाहिए. योजना के तहत लाभ पाने के लिए छात्राओं का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना सबसे महत्वपूर्ण है.
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