1991 से पहले भारत सरकार ने वि‍देश व्‍यापार और वि‍देशी नि‍वेशों पर प्रति‍बंधों के माध्‍यम से वैश्‍वि‍क प्रति‍योगि‍ता से अपने उद्योगों को संरक्षण देने की एक नीति‍ अपनाई थी ।

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रवीश इस्तीफ़ा प्रसंग : दो खेमे में बंटी मीडिया मंडली एक्टिविज्म के नाम पर सिर्फ पार्शियलिज्म करती नज़र आती है!

रवीश कुमार के इस्तीफे पर जब तक सोशल मीडिया के लड़ाके तलवार भांजते रहे, इग्नोर करता रहा। लेकिन जब आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? पत्रकारिता के कई नामवर कवच-कुंडल के साथ इस मैदान में हुंकार भरने लगे तो स्वाभाविक रूप से असहज होने लगा। रवीश एक उम्दा टीवी प्रेजेंटर हैं, इसे उनके धुर विरोधी भी स्वीकार करेंगे। डिबेट पैनल में शामिल चुनिंदा अतिथियों से व्यंग और तंज भरे कुटिल अंदाज़ में चर्चा पर भी ऐतराज नहीं। इसे उनका सिग्नेचर स्टाइल मानकर स्वीकार किया जा सकता है।

लेकिन उन्हें आधुनिक पत्रकारिता का धर्मगुरु मानते हुए यह घोषणा करना कि उनके एनडीटीवी से नाता तोड़ लेने भर से एक युग का अंत हो गया, समझ से परे है। सवाल यह कि अगर किसी पेशेवर का किसी संस्थान विशेष से बिलगाव युगांत है तो फिर उस पेशेवर की शख्सियत उसकी निजी उपलब्धि है या संस्थान की माया? इस पर सोचा जाना चाहिए।

भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था

भारत जीडीपी के संदर्भ में वि‍श्‍व की नवीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है । यह अपने भौगोलि‍क आकार के संदर्भ में वि‍श्‍व में सातवां सबसे बड़ा देश है और जनसंख्‍या की दृष्‍टि‍ से दूसरा सबसे बड़ा देश है । हाल के वर्षों में भारत गरीबी और आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? बेरोजगारी से संबंधि‍त मुद्दों के बावजूद वि‍श्‍व में सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्‍यवस्‍थाओं में से एक के रूप में उभरा है । महत्‍वपूर्ण समावेशी विकास प्राप्‍त करने की दृष्‍टि‍ से भारत सरकार द्वारा कई गरीबी उन्‍मूलन और रोजगार आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? उत्‍पन्‍न करने वाले कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ।

इति‍हास

ऐति‍हासि‍क रूप से भारत एक बहुत वि‍कसि‍त आर्थिक व्‍यवस्‍था थी जि‍सके वि‍श्‍व के अन्‍य भागों के साथ मजबूत व्‍यापारि‍क संबंध थे । औपनि‍वेशि‍क युग ( 1773-1947 ) के दौरान ब्रि‍टि‍श भारत से सस्‍ती आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? दरों पर कच्‍ची सामग्री खरीदा करते थे और तैयार माल भारतीय बाजारों में सामान्‍य मूल्‍य से कहीं अधि‍क उच्‍चतर कीमत पर बेचा जाता था जि‍सके परि‍णामस्‍वरूप स्रोतों का द्धि‍मार्गी ह्रास होता था । इस अवधि‍ के दौरान वि‍श्‍व की आय में भारत का हि‍स्‍सा 1700 ए डी के 22.3 प्रति‍शत से गि‍रकर 1952 में 3.8 प्रति‍शत रह गया । 1947 में भारत के स्‍वतंत्रता प्राप्‍ति‍ के पश्‍चात अर्थव्‍यवस्‍था की पुननि‍र्माण प्रक्रि‍या प्रारंभ हुई । इस उद्देश्‍य से वि‍भि‍न्‍न नीति‍यॉं और योजनाऍं बनाई गयीं और पंचवर्षीय योजनाओं के माध्‍यम से कार्यान्‍वि‍त की गयी ।

वैज्ञानिकों ने 12 दिनों से लगातार गोल चक्कर लगाती भेड़ों का रहस्य खुलने का किया दावा, वीडियो ने डरा दिया था

वैज्ञानिकों ने 12 दिनों से लगातार गोल चक्कर लगाती भेड़ों का रहस्य खुलने का किया दावा, वीडियो ने डरा दिया था

इस धरती पर रहने वाले सभी जीव-जंतुओं की अपनी एक अलग पहचान है. कोई उड़ता है, कोई रेंगता है, कोई दौड़ता है. कोई चल सकता है और कोई तैर सकता है. ये सदियों से चलता आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? आ रहा है. मगर जीवों की प्रवृत्तियों में जैसे ही बदलाव देखने को मिलते हैं तो हम चकित हो जाते आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? हैं. अभी हाल ही में चीन में एक मामला देखने को मिला. यहां एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें देखा जा सकता है कि कई भेड़ 12 दिन से लगातार आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? गोल चक्कर लगा रहे हैं. लोगों को ये मामला हैरान कर देने वाला लग रहा था. इससे पहले कभी ऐसा मामला देखने को नहीं मिला है. हालांकि, वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इस मामले का हल कर लिया गया है. फिलहाल आप वीडियो देखें.

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वीडियो देखें

The great sheep mystery! Hundreds of sheep walk in a circle for over 10 days in N China's Inner Mongolia. The आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? sheep are healthy and the reason for the weird behavior is still a mystery. pic.twitter.com/8Jg7yOPmGK

— People's Daily, China (@PDChina) November 16, 2022

भेड़ को झुंड में चलने की आदत होती हैं. हम अक्सर मुहावरों में कह देते हैं कि भेड़चाल मत करो. इसका मतलब ये हुआ कि भेड़ आगे वाले भेड़ को फॉलो करता है. बिना देखे-जाने वो चलते जाता है. वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे एक कई भेड़ गोल चक्कर लगा रहे हैं. इस मामले पर इंग्लैंड के ग्लूसेस्टर में हार्टपुरी विश्वविद्यालय में कृषि विभाग के एक प्रोफेसर और निदेशक मैट बेल ने इस विचित्र व्यवहार के बारे में बताते हुए न्यूजवीक को बताया कि “ऐसा लगता है कि भेड़ें लंबे समय तक बाड़े में हैं, और इससे उनमें स्टीरियोटाइपिक व्यवहार का आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? संचार हो गया.

आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं?

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