ईकॉमर्स के लिए शानदार संसाधन और उपकरण (नवंबर 2022)
यहां हमारी पसंदीदा सेवाओं, उपकरणों, तकनीकों और अन्य मज़ेदार चीज़ों की सूची दी गई है, जिनका उपयोग मैं अपने ब्लॉग और ऑनलाइन दुकानों पर कर रहा हूँ:
सॉफ्टवेयर
Shopify: एक लंबे शॉट द्वारा सर्वश्रेष्ठ ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म (यहां पूरी समीक्षा)
Dropshipping Startup: इस सेवा में वह सब कुछ है जो आपको अपने ईकॉमर्स व्यवसाय को लॉन्च करने, विकसित करने और बढ़ाने के लिए चाहिए।
Shopify पूर्ति: बिना किसी जटिलता के अपने ग्राहकों को पैकेज भेजें (यहां पूरी समीक्षा)
Shopify स्थिति: बिक्री के सर्वोत्तम ऐप्स में से एक जिसका उपयोग आप अपने उत्पादों को व्यक्तिगत रूप से बेचने के लिए कर सकते हैं (यहां पूरी समीक्षा)
स्मार्ट नोटिफिकेशन बार वर्डप्रेस Plugin: अधिक बिक्री बढ़ाने और जुड़ाव बढ़ाने के लिए अपने आगंतुकों को सर्वोत्तम संदेश के साथ लक्षित करें।
Checkout Page: स्वतंत्र व्यवसायों के लिए चेकआउट और भुगतान सॉफ़्टवेयर का उपयोग करना आसान है
Teachable: सुंदर ऑनलाइन पाठ्यक्रम बनाने और बेचने के लिए हमारा पसंदीदा समाधान (यहां पूरी समीक्षा)
स्टोर स्टेकर: काम पर रखने के लिए हमारा पसंदीदा समाधान Shopify डेवलपर्स और विशेषज्ञ
Square Online: सबसे अच्छा समाधान यदि आप मुफ्त में ऑनलाइन स्टोर शुरू करना चाहते हैं (यहां पूरी समीक्षा)
बाज़ार का मालिक: एक फ्रीलांस मार्केटप्लेस और हायरिंग प्लेटफॉर्म जो मार्केटिंग विशेषज्ञों को सभी आकार की कंपनियों से जोड़ता है
SiteGround: अपना पहला ईकॉमर्स व्यवसाय / वेबसाइट शुरू करते समय इस होस्टिंग कंपनी का उपयोग करें (यहां पूरी समीक्षा)
WP Engine: इस होस्टिंग कंपनी का उपयोग करें यदि आप सर्वश्रेष्ठ प्रबंधित वर्डप्रेस होस्टिंग समाधान की तलाश कर रहे हैं (यहां पूरी समीक्षा)
Divi: हमारी पसंदीदा वर्डप्रेस ईकॉमर्स थीम (यहां पूरी समीक्षा)
AWeber: आपके ई-कॉमर्स ईमेल मार्केटिंग जरूरतों के लिए सर्वश्रेष्ठ सेवायहां पूरी समीक्षा)
OptinMonster: मैं अपनी सभी वेबसाइटों पर इस शानदार लीड जनरेशन टूल का उपयोग करता हूं (यहां पूरी समीक्षा)
Semrush: यदि आप एसईओ व्यवसाय के बारे में गंभीर हैं तो आप है इसका उपयोग करने के लिए (यहां पूरी समीक्षा)
HubSpot CRM बाजार पर प्रमुख CRM ऐप्स में से एक है (यहां पूरी समीक्षा)
Sendinblue: सबसे लोकप्रिय ईमेल विपणन सेवाओं में से एक जिसे आप अपने ऑनलाइन स्टोर की मार्केटिंग के लिए चुन सकते हैं (यहां पूरी समीक्षा)
LiveChat: स्वीएट हेल्प डेस्क और लाइव चैट सॉफ्टवेयर आपकी दुकान के लिए
झटका: उत्कृष्ट ब्रिटेन की मेजबानी।
ईकॉमर्स सर्विसेज
ShipBob: ई-कॉमर्स व्यवसायों के लिए शिपिंग और ऑर्डर पूर्ति समाधान (यहां पूरी समीक्षा)
RedStag Fulfilment: इस पूर्ति सेवा के साथ गलत नहीं हो सकता
उत्पाद फोटोग्राफी गाइड। (यदि आप पेशेवर उत्पाद फोटोग्राफरों की तलाश कर रहे हैं, हमारे लिए एक लाइन छोड़ें)
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Essential of E-Commerce (ई-कॉमर्स की अनिवार्यता) For B.Com. (Sem.2) According to NEP-2020
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Environmental Studies (Compulsory Paper)
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Principles of Business Management For .Com, M.Com, BBA & MBA
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Corporate Law For B. Com, BBA, M.Com, MBA
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Consumer Behaviour For B.B.A & M.B.A
Consumer Behaviour is one of the most important instruments of business management and development. It enables the companies’ to maximize their profits by properly analyzing consumer behavior. To serve the purpose of enhancing the understanding of consumer behavior, we bring forward the latest edition of the book ‘Consumer Behaviour’. This book is of utmost utility for the students of various courses namely BBA, MBA, etc. This book has been prepared according to the revised syllabus. For the help of the students, the subject matter of the book is simple, comprehensible and easily understandable. Moreover, wherever required, important facts, examples, tables, case studies, etc. are used for enhancing the quality of the chapters. For self-assessment, at the end of each chapter, Long Answer Type Questions, Short Answer Type Questions and Objective Type Questions are given that were asked in previous examinations of various universities. For Table of Contents: Click Look Inside or Scroll Down
ई-कॉमर्स क्या है ई-कॉमर्स कितने प्रकार के होते हैं?
क्या कभी आपने इंटरनेट के माध्यम से कुछ सामान खरीदा है? या कुछ बेचा हो? अगर हाँ तो इसका मतलब आपने ई-कामर्स क्या इलेक्ट्रानिक वाणिज्य में भाग लिया है। ई-कामर्स एक ऐसी कार्यप्रणाली है जिसके द्वारा इंटरनेट का प्रयोग करते हुए सामान खरीदते तथा बेचते हैं। वाणिज्य का प्रयोग सदियों से वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीददारी के लिए जाना जाता है परन्तु आज के युग में इसका स्वरूप पूर्णतया बदल चुका है। इसे अब आन लाइन सुविधा के साथ अच्छी तरह से किया जा रहा है। इस तरह के ऑनलाइन वाणिज्य को ई-काॅमर्स या ‘‘इलेक्ट्रानिक कामर्स’’ कहा जाता है। इसके द्वारा हम घर बैठे ही राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय वस्तुओं का आसानी से खरीद और बेच कर सकते हैं। आज यह सभी देशों के बाजारों का महत्वपूर्ण अंग है।
ई-कामर्स का प्रारम्भ 1990 का दशक माना जाता है और आज इसका प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है। इस समय लगभग हर कम्पनी की अपनी अलग ऑनलाइन उपस्थिति हैं तथा वह अपनी दमदार पहचान बनाने में जुटी है, देखा जाए तो ई-कामर्स एक आवश्यकता भी बन गई है। आज घरेलू सामान से लेकर, कपड़ा, किताबें, फर्नीचर, बिल्स, फोन चार्ज यात्रा टिकट मनोरंजन, सब कुछ ऑनलाइन है। आज बड़ी-बड़ी कम्पनियां जैसे पेटीएम अमेजाॅन, फ्लिपकार्ट इस प्रकार की सुविधाएं कॉमर्स की परिस्थितियां दे कर रही है। जिसमें आप जहां चाहे वहां सामान मंगवा सकते हैं। इस तरह से ई-कामर्स के जरिये धन का आदान प्रदान भी किया जा सकता है।
ई-कॉमर्स क्या है
इलेक्ट्रानिक कामर्स एक प्रकार की बिक्री-खरीददारी का माडल है जिसमें इंटरनेट का उपयोग किया जाता है। इसके दो आधारभूत प्रकार है: व्यवसाय से व्यवसाय (B.2.B) और व्यवसाय से उपभोक्ता (B.2.C), B.2.B में कम्पनियाँ अपने आपूर्तिकर्ताओं, वितरकों एवं दूसरे सहयोगियों के साथ इलैक्ट्रानिक नेटवर्क के माध्यम से व्यापार करती है एवं B.2. में कम्पनियाँ अपने उत्पादों एवं सेवाओं को अपने उपभोक्ताओं को इलेक्ट्रानिक नेटवर्क के माध्यम से उपलब्ध कराती है या बेचती है। हालांकि इसके बाद कई दूसरे तरह के ई-कामर्स माॅडल भी चर्चा में है जैसे कि C.2. C (उपभोक्ता-से-उपभोक्ता), C.2.B (उपभोक्ता-से-व्यवसाय), सी .2.A (बिजनेस-टू-एडमिनिस्ट्रेशन) एवं C.2.A (उपभोक्ता-से-एडमिनिस्ट्रेशन) आदि।
ई-कामर्स की अवधारणा का आशय इंटरनेट अर्थव्यवस्था एवं डिजिटल अर्थव्यवस्था से है। इंटरनेट अर्थव्यवस्था का आशय ऐसी अर्थव्यवस्था से है जिसमें राजस्व उत्पन्न करने के लिए इंटरनेट का उपयोग किया जाता है। जबकि डिजिटल अर्थव्यवस्था कम्प्यूटर, साफ्टवेयर और डिजिटल नेटवर्क जैसी डिजिटल तकनीकों पर आधारित है। ई-कामर्स का विकास इलेक्ट्रानिक डाटा इंटरचेज के बाद हुआ। पहले कंपनियां इसका उपयोग व्यावसायिक दस्तावेजों के आदान-प्रदान के लिए करती थी। धीरे-धीरे इसका प्रारूप बदला और कम्पनियों में इसका उपयोग सामान खरीदने एवं बेचने के लिए करना आरम्भ कर दिया। अब यह हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया।
ई-कॉमर्स के प्रकार
जब हम ई-कामर्स की बात करते हैं, तो हमारे मन में जो छवि उभरती है वह उत्पादक व उपभोक्ता के मध्य आनलाइन व्यापारिक लेन-देन की ही होती है जो कि कुछ हद तक सही भी है, ई-कामर्स को छह प्रमुख प्रकारों में विभाजित किया गया है जिनकी अपनी-अपनी कुछ विशेषताएं हैं-
- व्यवसाय से व्यवसाय (B 2 B) बिजनेस-टू-बिजनेस
- व्यापार-टू-उपभोक्ता (B 2 C) या बिजनेस-टू-कस्टूमर
- उपभोक्ता-टू-उपभोक्ता (C 2 C) या कस्टूमर-टू-कस्टूमर
- उपभोक्ता-टू-व्यवसाय (C 2 B) या कस्टूमर-टू-बिजनेस
- व्यापार-टू-प्रशासन (B 2 A) या बिजनेस-टू-एडमिनिस्ट्रेशन
- उपभोक्ता-टू-प्रशासन (C 2 A) या कस्टूमर-टू-एडमिनिस्ट्रेशन
1. व्यवसाय से व्यवसाय (B 2 B) बिजनेस-टू-बिजनेस
जब दो या दो से अधिक कम्पनियाँ आपस में सामान अथवा सेवाओं का लेन-देन इलेक्ट्रानिक तरीके से करते हैं तो इस तरह के ई-कामर्स को व्यवसाय से व्यवसाय (B 2 B) बिजनेस-टू-बिजनेस कहते हैं।
2. व्यापार-टू-उपभोक्ता (B 2 C) या बिजनेस-टू-कस्टूमर
कम्पनियों एवं अंतिम उपभोक्ताओं के बीच ईलेक्ट्रानिक लेन-देन की प्रक्रिया से सम्बन्धित इस तरह के ई-कामर्स की व्यापार-टू-उपभोक्ता (B 2 C) या बिजनेस-टू-कस्टूमर कहते हैं। यह ई-कामर्स के खुदरा व्यापार की तरह होता है जहाँ पर परम्परागत खुदरा कारोबार सामान्य रूप से चलाया जाता है। इस तरह के व्यापारिक सम्बन्ध आसान और बहुत सक्रिय होते हैं। लेकिन कभी-कभी ही होते हैं या फिर उनमें शीघ्र बंद होने की सम्भावना भी की रहती है। इंटरनेट की उपयोगिता के पश्चात इस प्रकार का वाणिज्य बहुत चलन में है। इंटरनेट में पहले से ही बहुत सारी शाॅपिंग साइट्स है जिनके जरिये उपभोक्ता घरेलू सामान, किताबें, जूते, कपड़े, मनोरंजन साधन, फर्नीचर, मोबाइल, वाहन आदि खरीद सकते हैं।
3. उपभोक्ता-टू-उपभोक्ता (C 2 C) या कस्टूमर-टू-कस्टूमर
उपभोक्ता-टू-उपभोक्ता (C 2 C) या कस्टूमर-टू-कस्टूमर ई-कामर्स में उपभोक्ताओं के मध्य किए जाने वाली सभी सेवाओं एवं वस्तुओं के इलेक्ट्रानिक लेन-देन शामिल होते हैं। सामान्यतः किसी तीसरे पक्ष द्वारा ही ये लेन-देन आयोजित करवाएं जाते हैं। यह तीसरा पक्ष ही आनलाइन सुविधा प्रदान करता है जहाँ की वास्तविक मोलभाव तय किये जाते हैं। यह ई-कॉमर्स का वह प्रकार है जिसमें उपभोक्ता से उपभोक्ता के बीच होने वाले व्यावसायिक सौदे सम्मिलित होते है। नीलामी साइट्स इसका विकसित होता हुआ उदाहरण है। जब किसी उपभोक्ता को कुछ जमीन जायदाद अथवा वस्तु चाहे वह कार ही क्यों न हो, बेचनी हो तो वह ऐसी संबद्ध वेबसाइट पर अपने द्वारा बेची जाने वाली संपत्ति या वस्तु की जानकारी उपलब्ध करा देता है ताकि जरूरतमंद उपभोक्ता संपर्क पर क्रय सके। www.ebey.com वह बेवसाइट है जो उपभोक्ता से उपभोक्ता के बीच नीलामी क्रय को संभव कर रही है।
4. उपभोक्ता-टू-व्यवसाय (C 2 B) या कस्टूमर-टू-बिजनेस
उपभोक्ता-टू-व्यवसाय (C 2 B) या कस्टूमर-टू-बिजनेस माॅडल रिवर्स नीलामी या माँग संग्रह माॅडल कहलाता है। इस माॅडल में अलग-अलग ग्राहक अपनी सेवाओं एवं सामग्री को इन कम्पनियों को बेचने की पेशकश करते है जो उन्हें खरीदने के लिए तैयार है। यह परम्परागत बी टू सी माॅडल का पूर्ण अल्टा रूप है। इस प्रकार था ई-कामर्स बहुत आम है। इस तरह के ई-कामर्स में व्यक्ति अपनी सेवाओं या उत्पादों को इस प्रकार की सेवाओं या उत्पादों की मांग करने वाली कम्पनियों के लिए खरीद के लिए उपलब्ध कराते हैं।
5. व्यापार-टू-प्रशासन (B 2 A) या बिजनेस-टू-एडमिनिस्ट्रेशन
सभी प्रकार के आनलाइन लेन-देन जो कि कम्पनियों एवं सार्वजनिक प्रशासन के मध्य होते हैं, बी-टू-ए कामर्स के अन्तर्गत आते हैं इस माॅडल में विभिन्न प्रकार की सेवाएं आती है जैसे कि वित्तीय, सामाजिक सुरक्षा रोजगार, कानूनी
6. उपभोक्ता-टू-एडमिनिस्ट्रेशन (C 2 A)
- शिक्षा:- दूरस्थ शिक्षा, सूचना प्रसार आदि।
- सामाजिक सुरक्षा:- भुगतान करना, जानकारी के वितरण में।
- कर:- रिटर्न जमा करने हेतु, भुगतान आदि।
- स्वास्थ्य:- बीमारियों के बारे में जानकारी, नियुक्तियाँ, स्वास्थ्य सेवाओं का भुगतान, लोक प्रशासन से जुड़े हुए दोनों माॅडल बी-टू-ए व सी-टू-ए सूचना व संचार प्रौद्योगिकियों की उपयोगिता के साथ सरकार द्वारा नागरिकों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं को आसान व उपयोगी बनाता है।
ई-कॉमर्स के लाभ
ई-कॉमर्स परंपरागत व्यवसाय अथवा विपणन/वितरण के तौर-तरीकों की तुलना में व्यावसायिक संस्थाओं तथा उपभोक्ताओं को कई तरह के लाभ उपलब्ध कराता है। उदाहरणार्थ,
ई-कॉमर्स ( E-commerce ) क्या है ? पूरी जानकारी
इसने पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया है क्योंकि जो समान व्यक्ति पहले बाजार से जाकर लाया करता था अब उसकी जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि वह घर बैठे ही अपनी मनचाही वस्तु को सस्ते दाम में खरीद लेता है। आज की दुनिया में इसका बहुत बड़ा उपयोग है एवं इसे किसी भी प्रकार से हटाया नहीं जा सकता क्योंकि यह लोगों की जिंदगी में अंदर तक घुस चुका है।
यह आने वाले समय में भी बहुत उपयोग में होगा और इसकी लोकप्रियता कभी खत्म नहीं होने वाली। हालांकि फिर भी ई-कॉमर्स के बहुत सारे फायदे और नुकसान हैं जिसे हम इस लेख में आगे पढ़ेंगे और विस्तार से समझेंगे।
लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें ताकि आप यहां से सभी महत्वपूर्ण जानकारी लेकर जाएं।
ई-कॉमर्स क्या है?
ई-कॉमर्स का संक्षिप्त नाम इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स है। अर्थात इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से वस्तुओं का विनिमय करना, वस्तुओं को बेचने या खरीदने कि प्रक्रिया E-Commerce के अन्तर्गत ही आती है।
- इसके व्यापार एवं लोकप्रियता को बढ़ाने में इंटरनेट का बहुत बड़ा रोल है।
- इस के जरिये हम कई तरह के उत्पादों एवम् सेवाओं का क्रय विक्रय कर सकते है,
- इस पर हम बाजार से अधिक प्रोडक्ट्स देख सकते है तथा
- उन्हें आपस में Compare कर अपने लिए श्रेष्ठ उत्पाद या सेवा चुन सकते है।
ई-कॉमर्स के प्रकार
ई-कॉमर्स के बहुत से प्रकार है परंतु मुख्यतः इस के तीन प्रकार होते हैं जिनमें बिजनेस टू बिजनेस, बिजनेस टू कस्टमर और कस्टमर टू कस्टमर शामिल है।
Business to Business:
जब एक बिजनेस किसी दूसरे बिजनेस से इंटरनेट या इलैक्ट्रॉनिक माध्यम से वस्तु खरीदता खरीदता या बेचता है, तो इस प्रकर दो व्यवसायों के बीच की गई लेनदेन की प्रक्रिया को Business 2 Business यानी B2B कहा जाता है। सामान्यतः एक manufacturer और wholesaler या wholesaler और retailer बीच होने वाला लेनदेन b2b के तहत आता है।
Business to Customer:
ई-कॉमर्स की दुनिया में बिजनेस टू कस्टमर महत्वपूर्ण प्रकार है।
इसका प्रयोग 80 से 90% किया जाता है, इस प्रकार के ई कॉमर्स में कोई बिजनेस सीधे कस्टमर को अपनी चीजें सेल करती हैं।
- अमेजॉन ( Amazon )
- फ्लिपकार्ट ( Flipkart )
- Ebay
- Ajio कॉमर्स की परिस्थितियां
- Myntra
यह कुछ प्रमुख साइट है जो सीधे कस्टमर को वस्तुएं खरीदने में मदद करती हैं।
अमेजॉन आपका एक बिज़नस है और उसके वेबसाइट पर सामान खरीदने के लिए जो लोग आ रहे हैं वह कस्टमर है जिसकी वजह से अगर कोई अमेजॉन से सामान खरीदता है तो इस स्थिति में बिजनेस टू कस्टमर वाली पद्धति लागू होगी।
इसके भी बहुत सारे आयाम है जिस पर हम कभी विस्तार से चर्चा करेंगे।
Customer 2 customer
इसके अंतर्गत विक्रेता इलेक्ट्रोनिक माध्यम से किसी व्यक्ति से सामान खरीद और बेच सकता है इस प्रकार के ई-कॉमर्स में खरीदी गई वस्तु का मूल्य बाजार से बहुत कम होता है और सामान्यतः वह वस्तु इस्तेमाल की गई होती है।
और अन्य वेबसाइटों द्वारा इस प्रकार के ई-कॉमर्स का प्रयोग किया जाता है जिसके अंतर्गत कोई एक व्यक्ति कस्टमर की जानकारी निकाल कर उससे संपर्क कर सकता है और अपनी वस्तु को बेचा या खरीद सकता है।
आपने कई बार विज्ञापन देखा होगा कि ओएलएक्स पर सामान भेज दो और पैसा कमाओ।
इसमें यही होता है कि आप कोई भी इस्तेमाल की हुई चीज जो आपके काम की अब नहीं रही परंतु उसमें अब भी दम है तो आप उसे ऑनलाइन लिस्ट कर सकते हैं। और जब कोई कस्टमर आपके सामान को खरीदेगा तो ऐसी स्थिति में कस्टमर टू कस्टमर का इकॉमर्स होगा।
ई-कॉमर्स का प्रयोग
ई-कॉमर्स की शुरुआत 1960 के दशक में हुई थी।
यह हमारे लिए बहुत उपयोगी है, आज देश में लगभग 70 करोड इंटरनेट यूजर हैं, इस से समझा जा सकता है कि ई-कॉमर्स का कितना प्रयोग हो रहा है।
- इस के जरिए विक्रेता आसानी से खरीदारों से संपर्क कर सकते हैं। और कम समय में नए कस्टमर को ढूंढ सकते हैं, ई-कॉमर्स का प्रयोग व्यापार को बढ़ाने के लिए बहुत कॉमर्स की परिस्थितियां ही उपयोगी है, ई-कॉमर्स के जरिए आप 24*7अपनी वस्तु या,सेवा को बेचा खरीद सकते हैं।
- इस के जरिए आप घर बैठे, विभिन्न प्रकार की चीजों को देखकर उन्हें खरीद सकते हैं, ई-कॉमर्स का एक सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप, अपनी वस्तुओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बेच सकते हैं,या कहा जाए तो आप अंतर्राष्ट्रीय व्यापार भी कर सकते हैं।
- ई-कॉमर्स का उपयोग करना, समय बचाने वाला तो है ही साथ ही ई-कॉमर्स साइट्स में कभी-कभी डिस्काउंट भी मिलता है जो बाजार में सामान्यतः नहीं देखने को मिलता है।
- अगर आप अपना बिजनेस खोलना चाहते हैं तो ई-कॉमर्स का इस्तेमाल आपको करना ही पड़ेगा नहीं तो आप मार्केट में टिक नहीं पाएंगे और आप कभी अपना बिजनेस सेट नहीं कर पाएंगे। किसी भी बिजनेस को खड़ा करने में इसका बहुत बड़ा हाथ होता है और इसका उपयोग बिजनेसमैन द्वारा संपूर्ण रूप से किया जाता है।
यह भी पढ़ें
अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के लिए नीचे दिए गए पोस्ट को अवश्य पढ़ें था कि आपका इंटरनेट की दुनिया में और समझ बढ़ सके.
निष्कर्ष
ई-कॉमर्स आज के जमाने में सभी के द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है और इसका इस्तेमाल आने वाले दिनों में बढ़ता ही चला जाएगा क्योंकि अब पूरी दुनिया डिजिटल हो रही है और सभी समान आपको ऑनलाइन देखने को मिल जाते हैं।
इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति घर बैठे ऑनलाइन सामान ऑर्डर कर सकता है और घर बैठे ही अपने मनचाही वस्तु को प्राप्त कर सकता है वह भी कम दाम में। इसलिए इसका इस्तेमाल आने वाले समय में बढ़ेगा और अगर आप इस बिजनेस में जरा सा भी उत्सुकता रखते हैं तो आपको ई-कॉमर्स के सभी प्रकार और आयामों को ध्यान पूर्वक समझना चाहिए।
हमने प्रयास किया है कि आपको सभी प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारी यहां पर मिल जाए परंतु अगर अभी भी कुछ शेष रह गया हो तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं, हम जल्द से जल्द इस लेख में सुधार करेंगे और जानकारी उपलब्ध कराएंगे। आप अपनी तरफ से भी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां दे सकते हैं जो औरों के लिए मददगार साबित हो सकती है।
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