आम लोग अचानक क्यों दिखाने लगे हैं शेयर बाजार में दिलचस्पी? ये रहा भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है? जवाब
बीते एक साल में घरेलू शेयर बाजार में निवेशकों की संख्या में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है. भारतीय स्टेट बैंक की एक रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी मिलती है. इस रिपोर्ट में कई वजहों का भी जिक्र है.
पिछले वित्त वर्ष के अंतिम दो महीने के दौरान घरेलू शेयर बाजार में खुदरा निवेशकों की संख्या में बड़ी तेजी देखने को मिली है. एसबीआई की एक रिपोर्ट से इस बारे में जानकारी मिलती है. फरवरी और मार्च 2021 के दौरान शेयर बाजार में 44.7 भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है? लाख नये खुदरा निवेशक जुड़े हैं. वित्त वर्ष 2021 में व्यक्तिगत निवेशकों की संख्या बढ़कर 142 लाख पर पहुंच गई है. इसमें से CDSL में 122.5 लाख और NSDL में 19.7 लाख नये अकाउंट खुले हैं. NSE के आंकड़ों से पता चलता है कि स्टॉक एक्सचेंज पर टोटल टर्नओवर मार्च 2020 के 39 फीसदी से बढ़कर 45 फीसदी पर आ गया है.
कोरोना वायरस महामारी और इसकी वजह से लॉकडाउन के बाद वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में लोगों के पास बचत बढ़ा है. एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी तिमाही के दौरान भी इसमें इजाफा हुआ है. इस रिपोर्ट में कहा गया, ‘ हालांकि, आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में कुल 17,225 करोड़ रुपये की करेंसी सर्कुलेशन में थी. लेकिन वित्त वर्ष 2021 की तीसरी और चौथी तिमाही में कुल करेंसी सर्कुलेशन क्रमश: 80,501 करोड़ रुपये और 95,181 करोड़ रुपये पर है.’
हालांकि, बीते एक साल में BSE का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 28,265 से बढ़कर 52,000 के पार जा चुका है. इससे वित्त वर्ष दूसरी छमाही के दौरान स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड्स में निवेश बढ़ा है.
एसबीआई की इस रिपोर्ट की कुछ खास बातें:
1. छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों में लगातार कटौती की वजह से स्टॉक मार्केट में निवेश बढ़ा है.
2. रेपो रेट घटकर 4 फीसदी होने के बाद एसबीआई की एफडी दरें 2.9 फीसदी से लेकर 5.4 फीसदी के बीच है. इसके अलावा छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें में भी कम है. उदाहरण के तौर पर देखें तो सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दरें 7.40 फीसदी, सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम की ब्याज दरें 7.4 फीसदी, पब्लिक प्रोविडेंट फड 7.1 फीसदी और नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट पर ब्याज दरें घटकर 6.8 फीसदी पर आ गई है.
3. वैश्विक लिक्विडिटी में बढ़ोतरी भी इसकी एक वजह है. वित्त वर्ष 2021 विदेशी संस्थागत निवेश के आंकड़ों से इस बारे में जानकारी मिलती है. पिछले एक साल में यह करीब 36.18 अरब डॉलर के पार जा चुका है.
4. इसके अतिरिक्त, महामारी की वजह से अब लोगों का ज्यादातर समय घर पर ही बीतता है. इसे भी स्टॉक मार्केट की ओर बढ़ते झुकाव का एक कारण माना जा रहा है.
5. बीते एक साल के दौरान दुनियाभर के शेयर बाजारों के मार्केट कैपिटलाइजेशन में रिकॉर्ड इजाफा देखने को मिला है. हालांकि, भारत में यह अन्य देशों की तुलना में ज्यादा ही बढ़ा है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का मार्केट कैपिटलाइजेशन पिछले एक साल में 1.8 गुना बढ़ा है. रूस के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज के मार्केट कैप 1.6 गुना तक बढ़ा है. इसके बाद ब्राजील, चीन, फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका का नंबर है.
हालांकि, अभी तक यह देखना बाकी है कि क्या यह स्थिति लंबे समय तक जारी रहती है या नहीं. अर्थव्यवस्था की खराब हालत के बीच भी स्टॉक मार्केट में इतनी तेजी को लेकर चिंता जाहिर की है. फाइनेंशियल स्टेबिलिटी इंडेक्स मार्च 2021 के 115.4 की तुलना में मामूली बढ़ोतरी के साथ अप्रैल 2021 में 116.2 पर है.
अमरीकी इकोनाॅमी को मिले 900 बिलियन डाॅलर बूस्टर डोज से शेयर बाजार में गिरावट
नई दिल्ली। अमरीकी सीनेट में अमरीकी इकोनॉमी में 900 अरब डॉलर डालने पर बनी सहमति और कांग्रेस की ओर से दी गई मंजूरी के बाद डाउ फ्यूचर में तेजी देखने को मिल रही है। वहीं डाउ जोंस गिरावट के साथ बंद हुआ था। जबकि यूके में नए तरह के कोरोना वायरस के खतरे के बढ़ जाने के कारण फ्लाइट्स पर फिर से रोक लगाने का आदेश हो गया है। जिसकी वजह से एशियाई बाजारों पर दबाव बढ़ गया है। बात भारत की करें तो कुल मामले एक करोड़ से ज्यादा हो गए हैं, नए मामलों में लगातार कमी देखने को मिल रही है। इन्हीं सब कारणों के कारण आज शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर बाजार में किस तरह का दबाव देखने को मिल रहा है।
तो क्या. सिर्फ इतने से रुपयों के लिए कर दी गई करोड़पति गैंगस्टर राजू ठेहट की हत्या, इतने में तो साइकिल भी.
अडानी की कंपनियों में कितने शेयरों की मालिक बन बैठी LIC, लगातार लगा रही दांव
सितंबर 2020 से केवल आठ तिमाहियों के दौरान LIC, Adani Group की सात लिस्टेड कंपनियों में से चार में बहुत ही तेजी से अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. Adani Group की एक लिस्टेड कंपनी में LIC की हिस्सेदारी छह गुना बढ़ गई है.
एक ऐसे समय में जब म्यूचल फंड्स अडानी ग्रुप Adani Group की कंपनियों से किनारा कर रही हैं तब एक सरकारी कंपनी उस पर बड़ा दांव लगा रही है. यह सरकारी कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) है.
सितंबर 2020 से केवल आठ तिमाहियों के दौरान LIC, Adani Group की सात लिस्टेड कंपनियों में से चार में बहुत ही तेजी से अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. Adani Group की एक लिस्टेड कंपनी में LIC की हिस्सेदारी छह गुना बढ़ गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, स्टॉक एक्सचेंज में अडानी ग्रुप की कंपनियों द्वारा की गई फाइलिंग से पता चलता है कि आज की तारीख में इन सात कंपनियों में एलआईसी की होल्डिंग का कुल मूल्य 74,142 करोड़ रुपये था. यह अडाणी समूह के कुल बाजार पूंजीकरण 18.98 लाख करोड़ रुपये का 3.9 फीसदी है.
एलआईसी का अपने खुद के इक्विटी पोर्टफोलियो में 30 भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है? जून, 2022 तक लगभग 9.3 लाख करोड़ रुपये है. ठीक इसी समय अडानी समूह की कंपनियों में एलआईसी की होल्डिंग का मूल्य गुरुवार के समापन मूल्य पर 7.8 प्रतिशत है.
सितंबर, 2020 से सितंबर, 2022 तक अडानी ग्रुप की कंपनियों में ऐसे बढ़ी एलआईसी की शेयरहोल्डिंग.
1. अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) में 1 प्रतिशत से कम से LIC की हिस्सेदारी बढ़कर 4.02 प्रतिशत हो गई.
2. अडानी टोटल गैस (Adani Total Gas) में भी LIC की हिस्सेदारी 1 भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है? फीसदी से बढ़कर 5.77 फीसदी हो गई है.
3. अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) में LIC की हिस्सेदारी 2.42 फीसदी से बढ़कर 3.46 फीसदी हो गई है.
4. अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) में LIC की हिस्सेदारी 1 फीसदी से बढ़कर 1.15 फीसदी हो गई है.
5. एकमात्र अपवाद अडानी पोर्ट्स Adani Ports And Sez हैं, जहां LIC की हिस्सेदारी 9.61 प्रतिशत पर स्थिर है, और दो अन्य कंपनियां अडानी पावर (Adani Power) और अदानी विल्मर Adani Wilmar हैं, जिनमें यह 1 प्रतिशत से कम है.
अडानी समूह की कंपनियों में LIC की होल्डिंग का मूल्य 10 गुना बढ़
शेयरहोल्डिंग और स्टॉक की कीमतों में इस वृद्धि को दर्शाते हुए, LIC की शेयरहोल्डिंग का मूल्य और अडानी समूह की कंपनियों में LIC की होल्डिंग का मूल्य सितंबर 2020 से 10 गुना बढ़ गया है. महज 7,304 करोड़ रुपये या बीमाकर्ता की इक्विटी एयूएम (प्रबंधन के तहत संपत्ति) का 1.24 प्रतिशत से अब 74,142 करोड़ रुपये या 7.8 प्रतिशत हो गया है.
बीमा सेक्टर की बात करें तो अडानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश के मामले में एलआईसी सबसे आगे है. 1 दिसंबर, 2022 तक इसका 74,142 करोड़ रुपये समूह में पूरे बीमा उद्योग के निवेश का 98.9 प्रतिशत है. वहीं, अडानी समूह की कंपनियों में एलआईसी का निवेश सभी इक्विटी म्यूचुअल फंडों की होल्डिंग के मूल्य से पांच गुना से अधिक है. 31 अक्टूबर, 2022 तक, केवल 15,701 करोड़ रुपये, या बमुश्किल 1 प्रतिशत, इक्विटी फंड की कुल संपत्ति 15.22 लाख करोड़ रुपये, अडानी समूह की कंपनियों में निवेश किया गया था.
पिछले दो सालों में, एलआईसी द्वारा अडानी समूह की कंपनियों में शेयर खरीदने के बाद समूह का बाजार पूंजीकरण भी बढ़ गया है. यह 30 सितंबर, 2020 को 2.78 लाख करोड़ रुपये था जो कि अभ लगभग सात गुना बढ़कर 18.98 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
Tata और Reliance में LIC की हिस्सेदारी पूरे म्यूचुअल फंड से भी कम
दिलचस्प बात यह है कि टाटा ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की कंपनियों में एलआईसी की हिस्सेदारी पूरे म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी से भी कम है. बाजार पूंजीकरण के मामले में टाटा समूह की कंपनियां और अडानी समूह शीर्ष दो हैं, इसके बाद आरआईएल का स्थान है.
एलआईसी के पास टाटा समूह की कंपनियों (21.91 लाख करोड़ रुपये) के कुल बाजार पूंजीकरण का 3.98 प्रतिशत है, और पूरे म्यूचुअल फंड में 4.9 प्रतिशत है.
इसी तरह, एलआईसी की आरआईएल (18.42 लाख करोड़ रुपये का बाजार पूंजीकरण) में 6.45 प्रतिशत हिस्सेदारी है, तो वहीं म्यूचुअल फंड की 5.68 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
अडानी की कंपनियों में कितने शेयरों की मालिक बन बैठी LIC, लगातार लगा रही दांव
सितंबर 2020 से केवल आठ तिमाहियों के दौरान LIC, Adani Group की सात लिस्टेड कंपनियों में से चार में बहुत ही तेजी से अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. Adani Group की एक लिस्टेड कंपनी में LIC की हिस्सेदारी छह गुना बढ़ गई है.
एक ऐसे समय में जब म्यूचल फंड्स अडानी ग्रुप Adani Group की कंपनियों से किनारा कर रही हैं तब एक सरकारी कंपनी उस पर बड़ा दांव लगा रही है. यह सरकारी कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) है.
सितंबर 2020 से केवल आठ तिमाहियों के दौरान LIC, Adani Group की सात लिस्टेड कंपनियों में से चार में बहुत ही तेजी से अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. Adani Group की एक लिस्टेड कंपनी में LIC की हिस्सेदारी छह गुना बढ़ गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, स्टॉक एक्सचेंज में अडानी ग्रुप की कंपनियों द्वारा की गई फाइलिंग से पता चलता है कि आज की तारीख में इन सात कंपनियों में एलआईसी की होल्डिंग का कुल मूल्य 74,142 करोड़ रुपये था. यह अडाणी समूह के कुल बाजार पूंजीकरण 18.98 लाख करोड़ रुपये का 3.9 फीसदी है.
एलआईसी का अपने खुद के इक्विटी पोर्टफोलियो में 30 जून, 2022 तक लगभग 9.3 लाख करोड़ रुपये है. ठीक इसी समय अडानी समूह की कंपनियों में एलआईसी की होल्डिंग का मूल्य गुरुवार के समापन मूल्य पर 7.8 प्रतिशत है.
सितंबर, 2020 से सितंबर, 2022 तक अडानी ग्रुप की कंपनियों में ऐसे बढ़ी एलआईसी की शेयरहोल्डिंग.
1. अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) में 1 प्रतिशत से कम से LIC की हिस्सेदारी बढ़कर 4.02 प्रतिशत हो गई.
2. अडानी टोटल गैस (Adani Total Gas) में भी LIC की हिस्सेदारी 1 फीसदी से बढ़कर 5.77 फीसदी हो गई है.
3. अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) में LIC की हिस्सेदारी 2.42 फीसदी से बढ़कर 3.46 फीसदी हो गई है.
4. अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) में LIC की हिस्सेदारी 1 फीसदी से बढ़कर 1.15 फीसदी हो गई है.
5. एकमात्र अपवाद अडानी पोर्ट्स Adani Ports And Sez हैं, जहां LIC की हिस्सेदारी 9.61 प्रतिशत पर स्थिर है, और दो अन्य कंपनियां अडानी पावर (Adani Power) और अदानी विल्मर Adani Wilmar हैं, जिनमें यह 1 प्रतिशत से कम है.
अडानी समूह की कंपनियों में LIC की होल्डिंग का मूल्य 10 गुना बढ़
शेयरहोल्डिंग और स्टॉक की कीमतों में इस वृद्धि को दर्शाते हुए, LIC की शेयरहोल्डिंग का मूल्य और अडानी समूह की कंपनियों में LIC की होल्डिंग का मूल्य सितंबर 2020 से 10 गुना बढ़ गया है. महज 7,304 करोड़ रुपये या बीमाकर्ता की इक्विटी एयूएम (प्रबंधन के तहत संपत्ति) का 1.24 प्रतिशत से अब 74,142 करोड़ रुपये या 7.8 प्रतिशत हो गया है.
बीमा सेक्टर की बात करें तो अडानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश के मामले में एलआईसी सबसे आगे है. 1 दिसंबर, 2022 तक इसका 74,142 करोड़ रुपये समूह में पूरे बीमा उद्योग के निवेश का 98.9 प्रतिशत है. वहीं, अडानी समूह की कंपनियों में एलआईसी का निवेश सभी इक्विटी म्यूचुअल फंडों की होल्डिंग के मूल्य से पांच गुना से अधिक है. 31 अक्टूबर, 2022 तक, केवल 15,701 करोड़ रुपये, या बमुश्किल 1 प्रतिशत, इक्विटी फंड की कुल संपत्ति 15.22 लाख करोड़ रुपये, अडानी समूह की कंपनियों में निवेश किया गया था.
पिछले दो सालों में, एलआईसी द्वारा अडानी समूह की कंपनियों में शेयर खरीदने के बाद समूह का बाजार पूंजीकरण भी बढ़ गया है. यह 30 सितंबर, 2020 को 2.78 लाख करोड़ रुपये था जो कि अभ लगभग सात गुना बढ़कर 18.98 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
Tata और Reliance में LIC की हिस्सेदारी पूरे म्यूचुअल फंड से भी कम
दिलचस्प बात यह है कि टाटा ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की कंपनियों में एलआईसी की हिस्सेदारी पूरे म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी से भी कम है. बाजार पूंजीकरण के मामले में टाटा समूह की कंपनियां और अडानी समूह शीर्ष दो हैं, इसके बाद आरआईएल का स्थान है.
एलआईसी के पास टाटा समूह की कंपनियों (21.91 लाख करोड़ रुपये) के कुल बाजार पूंजीकरण का 3.98 प्रतिशत है, और पूरे म्यूचुअल फंड में 4.9 प्रतिशत है.
इसी तरह, एलआईसी की आरआईएल (18.42 लाख करोड़ रुपये का बाजार पूंजीकरण) में 6.45 प्रतिशत हिस्सेदारी है, तो वहीं म्यूचुअल फंड की 5.68 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
LIC Bets on Adani: अडानी ग्रुप में LIC का निवेश दो साल में करीब पांच गुना बढ़ा, 74142 करोड़ लगा चुकी है एलआईसी
LIC on Adani Group: सितंबर 2020 के बाद से केवल आठ तिमाहियों में एलआईसी ने अडानी समूह की सात लिस्टेड कंपनियों में से चार में अपनी हिस्सेदारी में तेजी से वृद्धि की है।
अडानी समूह में एलआईसी निवेश: अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी(ANI PHOTO)
LIC Investment in Adani Group: अडानी ग्रुप (Adani Group) में बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) लगातार निवेश बढ़ा रही है। सितंबर 2020 के बाद से केवल आठ तिमाहियों में एलआईसी ने अडानी समूह की सात लिस्टेड कंपनियों में से चार में अपनी हिस्सेदारी में तेजी से वृद्धि की है।
Adani Group में LIC की हिस्सेदारी 3.9 फीसदी
द इंडियन एक्सप्रेस ने पाया कि स्टॉक एक्सचेंज में अडानी समूह की कंपनियों की फाइलिंग से पता चला कि सात कंपनियों में एलआईसी की हिस्सेदारी का कुल मूल्य आज की तारीख में 74,142 करोड़ रुपये है। यह अडानी समूह के कुल बाजार मूल्य 18.98 लाख करोड़ रुपये का 3.9 फीसदी है।
फ्लैगशिप अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) में सितंबर 2020 में एलआईसी की हिस्सेदारी 1 फीसदी से कम थी लेकिन अब ये हिस्सेदारी बढ़कर 4.02 फीसदी हो गई है। वहीं अडानी टोटल गैस (Adani Total Gas) में भी सितंबर 2020 में एलआईसी की हिस्सेदारी 1 प्रतिशत से कम थी जो अब बढ़कर 5.77 फीसदी हो गई है।
PAK vs ENG: देश का हर शख्स पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को 1-1 चिट्ठी लिखे, इंग्लैंड के 500 रन बनने पर बोले शोएब अख्तर
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सितंबर 2020 से लेकर सितंबर 2022 के बीच अडानी ट्रांसमिशन में एलआईसी की हिस्सेदारी 2.42 फीसदी से बढ़कर 3.46 फीसदी हो गई है। वहीं अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) में यह सितंबर 2020 में 1 फीसदी से कम थी, जो अब बढ़कर 1.15 फीसदी हो गई है। अडानी पोर्ट्स में एलआईसी भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है? की हिस्सेदारी 9.61 प्रतिशत है। वहीं दो अन्य कंपनियां अडानी पावर और अडानी विल्मर हैं, जिसमे एलआईसी की हिस्सेदारी 1 प्रतिशत से कम है।
अडानी समूह में एलआईसी की हिस्सेदारी में 10 गुना की वृद्धि
अडानी समूह में एलआईसी की हिस्सेदारी में पिछले 2 सालों में करीब 10 गुना की वृद्धि हुई है। अडानी समूह में एलआईसी की हिस्सेदारी सितंबर 2020 में 7,304 करोड़ रुपये थी, जो सितंबर 2022 में बढ़कर 74,142 करोड़ रुपये हो गई है। ये अडानी समूह की कुल बाजार मूल्य का 7.8 प्रतिशत है। बता दें कि अडानी समूह ने एनडीटीवी का भी अधिग्रहण कर लिया है।
बता दें कि पिछले दो वर्षों में एलआईसी ने अडानी समूह की कंपनियों में शेयर खरीदे हैं, जिससे समूह का बाजार पूंजीकरण भी बढ़ा है। 30 सितंबर 2020 को अडानी समूह का मार्केट कैप लगभग 2.78 लाख करोड़ रुपये था, जो अब सात गुना बढ़कर 18.98 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
अडानी समूह की कंपनियों में एलआईसी का निवेश सभी इक्विटी म्यूचुअल निवेशों की होल्डिंग से पांच गुना से अधिक है। 31 अक्टूबर 2022 तक केवल 15,701 करोड़ रुपये के (करीब 1 प्रतिशत) इक्विटी फंड का अडानी समूह में निवेश था।
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